ससुर जी और मैं एक साथ

हेलो मेरा नाम आइशा है और मेरी उमर 26 साल की है. मैं दिखने मे काफ़ी सुंदर हूँ और बहोत ही मस्त भी हूँ. मुझे जो भी कोई देख लेता है तो उसका मन मुझे चोदने को करता है. क्योकि मेरी फिगर है ही इतनी मस्त की क्या करे.

पर हाँ मैं एक शादीशुदा लड़की हूँ पर जो भी मुझे देखता है तो उसे इस बात का यकीन ही नही हो पता की मेरी शादी हो रखी है. इसलिए मैं सबको यकीन दिलाती हूँ और उन सबके लुंडो से खुद को बचाती हूँ.

अब मैं आपको अपनी कहानी पर ले कर चलती हूँ जो की सच्ची कहानी है और बहोत ही मस्त कहानी भी है. ये कहानी तब की है जब मेरी शादी को करीब 7 या 8 महीने ही हुए थे. मैं अपने ससुराल मे काफ़ी खुश थी और काफ़ी मोज मस्ती भी किया करती थी.

मेरे ससुराल मे मेरे पति और ससुर जी ही थे. क्योकि मेरी सास नही है इसलिए मैं ससुर जी से ही अपनी कुछ बाते शेयर कर लेती हूँ. मेरे ससुर जी भी फ़ोज़ज मे से रिटाइर्ड है और अभी भी काफ़ी ज़्यादा फिट है.

जब मैं इस घर मे नयी नयी शादी करके आई थी तो मुझे लगा था की मेरे ससुर काफ़ी गुस्से वाले होंगे पर जब उनके साथ रहने लगी तो पता चला की वो तो काफ़ी अच्छे नेचर के है.

अब मुझे उनके साथ रहने मे कोई डर भी नही लगता था और मैं अब काफ़ी खुश भी रहती थी. उधर मेरे पति, मेरे जीवनसाथी भी काफ़ी ज़्यादा स्मार्ट है. जिन्हे देखते ही मैं उन पर फिदा हो गई थी और मेरा दिल पहली नज़र मे ही उन पर आ गया था.

मेरे पति मुझसे बहोत ही ज़्यादा प्यार करते है और करे भी क्यो ना आख़िरकार मैं उनकी इतनी खूबसूरत बीवी जो हूँ. जब मेरी शादी हुई ही थी तो सुहग्रात के समये पर उन्होने मेरे साथ वो रात काफ़ी ज़्यादा अच्छे से और काफ़ी ज़्यादा खूबसूरत बनाई थी.

उस दिन मैने अपने पति को अपना पूरा जिस्मदे दिया था जिसे पाकर वो बहोत खुश थे और हो भी क्यो ना आख़िरकार उनकी बीवी थी ही इतनी खूबसूरत और चिकनी. जिसकी वजह से उस सुहग्रात वाले दिन को मेरे जिस्म ने चार चाँद लगा दिए थे.

मैं अपने पति से अब तक डेली रात को चुदति हूँ और वो भी मुझे बहोत ही ज़्यादा मस्त तरीके से अच्छे से चोदते है. उनसे चुदवा कर तो मेरी चूत की पायस कभी ख़तम ही नही हो पाती और मन करता है की अपने पति से ऐसे ही बस चुदति चली जाउ.

उधर मेरा मन भी अब मा बनने को करता था और मेरे ससुर जी भी एक पोते पाने की ज़िद ले कर बैठ गये थे. मेरे पति ने काफ़ी बार कोशिश करी की मैं प्रेग्नॅन्ट हो जौ पर ऐसा हर बार हो ना सका.

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इसलिए मैने डॉक्टर से खुद के और अपने पति के टेस्ट भी करवाए. तो डॉक्टर ने हमे बताया की मेरे पति मे कुछ कमी है जिसकी वजह से मैं मा नही बन पा रही थी. पर मेरे पति इस बात को मानने के लिए तैयार ही नही थे. उन्हे तो यही था की ये सब झूठ है और समये आने पर मैं खुद प्रेग्नॅन्ट हो जाऊंगी.

पर मैं ये जानती थी की जो मेरे पति कह रहे है वो उनसे तो नही होने वाला था. इसलिए मैने अपनी मा बनने की तमन्ना और ससुर जी को पोता देने की तमन्ना को पूरा करने के लिए एक प्लान बनाया.

क्योकि मैं जानती थी की मेरे ससुर जी मुझे कई बार गंदी नज़र से देखते थे. और ये सब देख कर मैं अपना सिर नीचे करके वाहा से निकल जाती थी. पर अब तो मैं मा बनना चाहती थी इसलिए सोचा की क्यो ना अपने ससुर से ही चुदवा लू.

फिर मैने एक दिन घर के काम करते हुए ज़ोर से चिल्लाई. मेरे ससुर जी कमरे मे बैठ कर टीवी देख रहे थे और मेरी आवाज़ सुनते ही भाग कर मेरे पास आए. और बोले की क्या हुआ बहू. ये कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

मैं भी कमर पर हाथ रख कर बोली की पापा जी लगता की कमर की नस चड गई है और बहोत ही ज़्यादा दर्द हो रहा था. मेरी बात सुन कर पहले वो थोड़ा घबरा गये और फिर बाद मे मैने जब उनसे कहा की कमरे मे लेजाओ.

तो उन्होने मुझे कमर मे हाथ डाल कर पकड़ा और धीरे-धीरे अंदर ले गये. उनके हाथ लगने से मेरे जिस्म मे मानो आग सी लग गई थी. और तब मैने जान बूज कर अपना हाथ उनके लंड पर रख कर एक दम से हटा लिया.

जैसे ही मैने हाथ हटाया तो मैने देखा की मेरे ससुर जी के चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान थी. अब वो मुझे बेड पर बैठा कर लेटा दिया और बोले की मैं डॉक्टर को बुला लता हूँ.

तब मैं उन्हे रोकती हुए बोली की डॉक्टर की कोई ज़रूरत नही है क्योकि एक बाम मेरी आल्मिराह मे है. और अगर आपको कोई तकलीफ़ नही है तो आप ही लगा दो. मेरी बात सुन कर वो बोले की क्यो नही मैं लगा देता हूँ.

अब मैने उनसे कहा की मेरी साड़ी उतार दो तो वो हिचकिचाते हुए मेरी साड़ी उतारने लग गये. अब मैं उनके सामने सिर्फ़ पेटिकोट और ब्लाउस मे ही थी. फिर मैने अगले ही पल उन्हे ब्लाउस की हुक्क खोलने को कहा तो उन्होने खोल दी और मालिश करने लग गये.

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मुझे उनसे मालिश करवाने मे बहोत ही ज़्यादा मज़ा आ रहा था. फिर मैने देखा की उनका लंड उनके पजामे मे खड़ा हुआ था जिसे वो बैठाने की कोशिश कर रहे थे. तब मैं उनसे बोली की अपना पजमा उतार दो तो उन्होने भी उतार दिया. फिर मेरे कहने पर उन्होने ब्रा के हुक्क खोल दिए और मैने ब्रा अलग कर दी और पेटिकोट का नडा भी खोल दिया.

अब मैं उनके सामने सिर्फ़ पैंटी मे थी और फिर वो मेरी टॅंगो पर भी मालिश करने लग गये और साथ ही साथ पैंटी मे हाथ डाल कर मेरे बॉम्बस दबाने लग गये.

मेरे ससुर जी ने अब बिना कुछ देखे अपना लंड निकाला और मेरे उप्पर लेटते हुए बोले की अब और इंतेज़ार नही होता, अब इस लंड को अपनी चूत दे ही दो.

मैं – हंजी ससुर जी ये सब प्लान मैने चूत मे आपका लंड पाने के लिए ही तो किया है.

मेरी ये बात सुन कर उन्होने मुझे सीधा किया और मेरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से मसलते हुए लंड को चूत पर रख कर एक ज़ोर दार धक्का दिया. वैसे तो मैं अपने पति से चुदति थी पर अपने ससुर का लंड पा कर मेरी चीखे निकल गई थी.

क्योकि मेरे ससुर जी का लंड काफ़ी बड़ा था और वो मुझे ज़ोर ज़ोर से चोदे जा रहे थे. मैं उन्हे रोक भी रही थी पर वो खा रुकने वाले थे.

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मैं – ससुर जी ये मुझे पहले मिला होता तो मैं आपसे ही शादी कर लेती.

ससुर – हाँ बेटी क्योकि तुम्हारी सास की चूत भी ऐसी नही थी, काश तुम मुझे पहले मिली होती.

हमारी इन सब बातो मे चुदाई चली ही जा रही थी और कमरे मे पच- पच की आवाज़े आ रही थी. तब मैने उनसे कहा की मुझे मा बना दो. तब उन्होने मेरी चूत को फाड़ कर अपना सारा पानी चूत मे ही निकाल दिया. और फिर बाद मे मेरी गांड भी मारी, जिसको मरवा कर मुझे भी बहोत मज़ा आया.

अब मैं 9 महीने बाद एक बहोत ही सुंदर लड़के को जन्म दिया है. जिसको पा कर मेरे पति भी काफ़ी खुश है क्योकि उन्हे लगता है की ये उनका बेटा है. पर सच बात तो मैं जानती हूँ की ये किसका बेटा है,