सर्दी मे गर्मी

हेलो मेरा नाम बलवीर सिंग है और मैं 22 साल का हूँ. हम लोग पंजाब से रहने वाले है पर मुंबई शिफ्ट हो गये हैं. मैं अपने मम्मी पापा की अकेली संतान हूँ. मैं 22 साल का हूँ और आप सब को एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ.

मेरी मम्मी का नाम है दीप्ति सिंग वो 45 साल की हैं पर लगती 35 की हैं. उन्होने अपने आप को आछे से मेनटेन कर के रखा है. जिम जाती है और मुंबई मे स्टाइलिश तरीके से रहती है. बात तब की है जब मैं उस समय एमएसम कर रहा था. मेरे रूम-मेट दूसरी यूनिवर्सिटी मे ट्रान्स्फर हो गये और मेरे 1 महीने के विंटर वेकेशन चल रहे थे. मैने सोचा अछा होगा मम्मी को यहा बुला लून. मैने फोन पे कहा तो वो मानी नही. वेकेशन शुरू होने मे 1 हफ़्ता बचा था.

एक दिन मैं पार्ट टाइम जॉब करके वापस आ रहा था तो एक अंकल मिले. वो अंकल और उनकी पत्नी रिचा चड्ढा बहुत समय पहले ही यूएस शिफ्ट हो गये थे. रिचा मम्मी की सग़ी बेहन है. रिश्ते मे वो अंकल मम्मी के जीजाजी है. वो अंकल मस्त मिज़ाज़ के है. पार्टी करते हैं और नयी कार्स खरीदते है. जिम जाते है और फिट रहते है. मम्मी को तो वो बहुत पसंद थे पर पापा को वो बर्दाश्त ही नही थे इसलिए हम लोग उनसे बात नही करते थे. यूएस मे वो प्रॉजेक्ट मॅनेजर थे और काम के सिलसिले मे उनको ट्रॅवेल करते रहना पड़ता था.

मैने ही हेलो किया और उन्होने बताया की वो काम के सिलसिले मे आए हुए है. 3 महीने का काम है. शाम को हम दोनो दारू पी रहे थे तो मेरे मूह से निकल गया की मैं मम्मी को यहाँ बुलाना चाहता हूँ. उनका जैसे दिल खुश हो गया. फिर मैने कहा की शायद पैसे की वजह से वो नही आना चाहती. वो बोले की टिकेट की फिकर मत करो. मम्मी को बोलो की तुम्हारे दोस्त के पास फ्रीक्वेंट फ्लाइयर का बोनस है तो फ्री मे टिकेट मिल जाएगा. उन्होने बोला की प्लीज़ मम्मी को मत बताना की मैं यहाँ हूँ वरना वो शायद ना आए. मैं राज़ी हो गया. मम्मी को फोन कर के सब बता दिया वो भी खुश हो गयी. तब तो मैं सोच भी नही सकता था की इस आदमी के मन मे कैसे कैसे सपने आ रहे है.

मम्मी को मैं एरपोर्ट से अपने फ्लॅट पे ले आया. 2 दिन तो सेट होने मे ही निकल गये. अचानक तीसरे दिन जब मैं बाहर से आ रहा था तो मम्मी और वो अंकल मुझे लॉबी मे दिखे. मम्मी तो ऐसे खुश हो रही थी जैसे कोई खोया ख़ज़ाना मिल गया हो. मैने सोचा परदेस मे अपने लोग मिल रहे है इसलिए शायद ज़्यादा खुश है. उन्होने वो अंकल को इंट्रोड्यूस किया. हम दोनो ने आक्टिंग की की हम पहले नही मिले. फिर वो चले गये और हम दोनो फ्लॅट पे आ गये.

उसके बाद तो जैसे वो अंकल का मेरे फ्लॅट पे आना नॉर्मल सी बात हो गयी. रोज़ वो शाम को आ ही जाते और मम्मी के साथ चाटिंग करने लगते. बात बात मे वो कभी मम्मी को गले लगा लेते तो कभी उनके बम पे हाथ रख देते. मम्मी को तो जैसे कोई फरक ही नही पड़ रहा था की एक पराया मर्द उन्हे छू रहा है. वो उनके लिए रोज़ खाना बनाती तो वो रोज़ हमारे साथ ही खाना खाते.

एक रात वो बोले की आओ दीप्ति तुमसे शहेर की नाइट लाइफ दिखा के ले आता हूँ. 12 तक हम वापस आ जाएँगे. मम्मी ने मना किया और मुझे देखा. मैने सोचा की वो भी बोर हो गयी होंगी और बोला की आप बाहर हो आओ थोड़ा चेंज हो जाएगा. 12: 30 तक वो वापस नही आई. तो अंकल का फोन भी कोई नही उठा रहा था. मुझे टेन्षन होने लगी. पता नही क्या सूझा मैं उनके फ्लॅट पे चला गया. उनके डोर के सामने से एक बार फिर कॉल किया तो अंदर से रिंग की आवाज़ आई. ध्यान से सुना तो मम्मी और वो अंकल की बात चीत की आवाज़ें आ रही थी. वो बोल रही थी की फोन पे बात तो करने दो पर वो अंकल मना कर रहे थे. फिर थोड़ी देर मे उनकी आवाज़ें बंद हो गयी. मैने डोर खोलना चाहा तो देखा की वो लॉक नही था. अंदर हॉल मे पहुचा तो कोई दिखा नही. बेडरूम का दरवाज़ा आधा खुला हुआ था.

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मैने साइड से देखा तो होश उड़ गये. वो अंकल और मम्मी किस कर रहे थे. मन किया की जाके शोर मचा दूं और इस से पहले की बात आगे बढ़े उन्हे रोक दूं. कितने शरम की बात है ये की पराए मर्द के साथ अफेर कर रही है पर फिर मुझे शरम आई और सोचा की क्या एक औरत की ज़रूरते नही होती. इतने साल तक तो एक अछी मम्मी और पत्नी रही है. अगर वो चुपके से थोड़ी मस्ती कर रही है तो इसमे ग़लत क्या है. मम्मी की आखे बंद थी मतलब वो किस को एंजॉय कर रही थी. 10 मिनट तक वो दोनो एक दूसरे को पप्पी देते रहे वो अंकल ने मम्मी को बेड पे कुतिया बना दिया और उनके सब कपड़े निकाल दिए. उनकी ब्रा निकाल के बेडरूम के डोर पे फेकि और इस से पहले की मैं छुप पाता उन्होने मुझे देख लिया. वो कुछ बोले नही सिर्फ़ मुस्कुराए और अंगूठे से थंब्सअप किया. तभी मेरा ध्यान गया की मेरा तो लंड एकदम खड़ा हो गया है और वो उसे देख चुके है. वो समझ गये की मुझे मज़ा आ रहा है देख के.

उन्होने फिर अपने दोनो हाथ से मम्मी के बूब्स पकड़ लिए और एक झटके मे अपना लंड उनकी चुत मे गड़ दिया. मम्मी की तो चीख ही निकल गयी. मैने उनके चेहरे को देखा तो सोच मे पड़ गया की सेक्स का भी कैसा नशा होता है. कुछ हफ्ते पहले तक ये औरत एक अछी बीवी और मा थी जिसकी समाज मे इज़्ज़त थी और आज देखो इसे. परदेस मे एक पराए मर्द के साथ वो भी जिसे इसका पति पसंद नही करता, ऐसे मर्द के साथ नंगी बिस्तर पे लेटी है. बस उसके लंड का इंतज़ार कर रही है. ना तो उसे इस बात की फिकर है की फ्लॅट का दरवाज़ा लॉक नही है. ना ही इस बात की उसका बेटा परेशान हो रहा होगा. वो तो एकदम मस्त होके अपनी हवस पूरी कर रही है. ऐसा लगा जैसे वो यहाँ सिर्फ़ वो अंकल से चुदवाने के लिए ही आई हो.

धाप धाप धाप धाप. वो अंकल तो शुरू हो गये और फिर कहा रुकने वाले थे. सर्दी मे एक गरम औरत मिल गयी थी. कौन सा मर्द रुकता. कभी वो मम्मी को देखते तो कभी मुझे. मम्मी तो बेचारी तकिये मे अपना सिर छिपाए उई मा मर गयी जैसी आवाज़ें निकाल रही थी. बाहर बर्फ गिर रही थी और अंदर मम्मी की ज़बरदस्त चुदाई हो रही थी. बीच मे उन्होने अपने लंड बाहर निकाला तो मैने देखा की वो एकदम कड़क था. और आख़िर हो भी क्यू ना. मर्दानगी की मिसाल दे रहा था. एक औरत को उसी के बेटे के सामने चोद रहा था और उसे और उसके बेटे दोनो को मज़ा आ रहा था.

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कुछ देर बाद मम्मी को पलट दिया और उनको किस करते हुए चोदने लगे. अचानक उन्होने मम्मी को पूछा की डार्लिंग पसंद आया क्या मेरा लंड. मम्मी बोली हान इसी तरह चोदते रहो बस. वो बोले सही है तू भी एंजॉय कर रही है. सेक्स का मज़ा तो तभी है जब दोनो एंजॉय करे. मम्मी बोली- अर्रे जीजू साली तो वैसे ही आधी घरवाली होती है. घर मे ना सही आज बिस्तर मे तो सुहाग्रात मना ही ली आपने. मुझे तो आप बहुत पसंद हो, आज किस्मत खुल गयी मेरी. वो ये सुन के मुस्कुराए तो मम्मी को होटो मे लंबी पप्पी दी फिर उन्होने मुझे देख के आँख मारी और ज़ोर से अयाया की आवाज़ करते हुए अपना लंड उनकी चुत मे डाल दिया. वो मम्मी को बोले की मैं बलबीर को फोन कर दूँगा आज तू यही सो जा.

दूसरे दिन सुबह मम्मी फ्लॅट पे वापस आई और उनके चेहरे पे एक अजीब सी खुशी थी. शाम को मैं वो अंकल को मिला तो वो बोले की यार ये सब तो नॉर्मल है. सब लोग करते है. बस थोड़ी मस्ती ही तो की है. थोड़ा एंजॉय तो सब करते है. इस एज मे तो कॉंडम की ज़रूरत भी नही पड़ती. वैसे सच ये है की मैं तुम्हारी मम्मी को काफ़ी समय से चोदना चाहता था. टिकेट के पैसे भी मैने ही दिए थे पास तो सिर्फ़ बहाना था. मुझे लगा था की वो मना करेगी पर यहाँ आके तो वो भी एकदम मॉडर्न बन गयी. कल रात हम दोनो ने दारू पी और चुदाई के मज़े लिए. आज से वापस जाने तक मैं उसको बोल दिया है की बलबीर के सो जाने पर तू आ जाना. अगर तुमसे और धमाल देखना हो तो सोने की आक्टिंग कर के पीछे पीछे आ जाओ. डोर खुला ही छोड़ दूँगा. वैसे बुरा ना मान पर गजब की गर्मी है तेरी मम्मी मे, मज़ा ही आ गया.

वापस जाने का दिन आ गया और मम्मी बोली की किसी को ये मत बताना की वो अंकल यहाँ थे. मैने मज़ाक मे बोला की क्या आप दोनो का अफेर चल रहा है तो वो शर्मा गयी. मौका देख के मैने बोला क्या सच मे. वो बोली नही नही बेटा. तो मैने कहा फिर छुपाने वाली क्या बात है. फिर थोड़ी हिम्मत करके बोला की आप रात को वो अंकल के फ्लॅट पे जाती हो मुझे पता है. मैं पानी पीने को उठा तो आप नही थी. बाहर देखा तो आप जा रही थी तो पीछा किया. वो अंकल तो फ्लॅट पे पहुच के सुना तो आ आ की आवाज़ें आ रही थी. मुझे पता है आप और वो अंकल रात मे सेक्स करते हैं. इसी वजह से आप नही चाहती की मैं किसी को बोलूं. सही है ना…

कुछ देर शांति के बाद एक आवाज़ आई – हान

अगर आपको से सच्ची घटना अछी लगी तो मुझे ईमेल करें [email protected] पर.

टू बी कंटिन्यूड… कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार नीचे कॉमेंट्स मे ज़रूर लिखे, ताकि हम आपके लिए रोज़ और बेहतर कामुक कहानियाँ पेश कर सके – डीके