इकतरफा प्यार और चूत चुदाई का मजा

दोस्तो, मेरा नाम जितेन्द्र है. पर सब लोग मुझे जीतू बुलाते हैं. मैं राजस्थान के एक छोटे से गाँव से हूं पर पढ़ाई करने के लिए जयपुर रहता हूं.
मैं आपको मेरे बारे में बता दूँ, मैं दिखने में काफी हैंडसम हूं, और बॉडी भी अच्छी है. मेरे लंड का साइज 7 इंच है जो किसी को भी संतुष्ट करने के लिए काफी है.

जो कहानी मैं आपको सुनाने जा रहा हूं, अन्तर्वासना पर मेरी यह पहली कहानी है, अगर इसमें कोई गलती हो तो माफ कर देना. ये मेरी सच्ची कहानी है, इसमें बिल्कुल भी झूठ नहीं है, और जो घटना मेरे साथ जैसे जैसे हुई थी वो सब इस कहानी में है.

यह कहानी आज से 3 साल पहले यानि जनवरी 2015 से शुरू हुई थी तब मैं इंजीनियरिंग दूसरे साल का छात्र था और जयपुर में अकेले ही रेन्ट पे रहता था, मेरी एक गर्लफ्रैंड थी जिसका नाम सपना (बदला हुआ) था. पर यह कहानी मेरी और मेरी गर्लफ्रैंड की नहीं है, बल्कि किसी और लड़की है.
तो देखते हैं कि आगे क्या होता है.

एक दिन सुबह मैं बैठा ऐसे ही फेसबुक चला रहा था, तब फेसबुक पर मुझे एक लड़की मिली कविता… मैं फेसबुक पर उस से बात करने लग गया, हमने नॉर्मल बात की एक दूसरे के बारे में, एक दूसरे के बारे में पूछा, उसने मेरे बारे में पूछा जो मैंने बता दिया, और जो मैंने पूछा वो उसने बता दिया.

फिर मैंने उससे उसकी फ़ोटो मांगी और फिर उसने काफी मना करने के बाद फ़ोटो भेज दी. फिर मैंने उनकी फोटो की तारीफ की और फिर हमने बहुत सारी बातें की.
फिर कुछ दिन तक हमारी ऐसे ही फेसबुक पर नॉर्मली बातें हो जाती थी.

एक दिन मैं एक शादी में गया हुआ था, शादी में खाना खाकर वहाँ से फ्री होकर वापिस आया, मैंने ऐसे ही फेसबुक खोली तो कविता ऑनलाइन थी और हम बात करने लग गए, फिर कविता ने मुझ से पूछा कि आपकी कोई गर्लफ्रैंड है क्या?
तो मैंने उससे बोल दिया कि हां मेरी गर्लफ्रैंड है.
वो नाराज हो गयी और मेरे से कहने लगी- मुझे ना तुमसे बहुत नफरत हो रही है.
तो मैंने उस से कहा- मेरी गर्लफ्रैंड है, तो उस से आपको क्यों जलन हो रही है?
उसने कुछ नहीं कहा और नाराज हो गयी.

फिर मैंने कविता को मनाने के लिये और उसके गुस्से को शांत करने के लिये उससे कहा- मेरी कोई गर्लफ्रैंड नहीं है, मैंने तो वैसे ही बोल दिया था मज़ाक में!
मैंने उसको काफी समझाया तो वो मान गयी.

फिर एक दिन उस से फेसबुक पे बात हुई तो वो बोल रही थी- अगर मुझे रात में आपकी याद आये तो मैं क्या करुँगी?
मैंने उसको अपना मोबाइल नंबर भेज दिया और कहा- अगर रात में मेरी याद आये तो मुझे कॉल कर लेना!
इतना बोल कर मैं सो गया. मैंने सोचा कि शायद वो कॉल करेगी पर उसका कॉल नहीं आया.

दूसरे दिन वो ऑनलाइन थी तो मैंने पूछा- आपने कॉल तो किया ही नहीं?
उसने कहा- मैंने कॉल इसलिए नहीं किया कि अगर मैं कॉल करती तो आप ये सोचते कि कैसी चिपकू लड़की है, नंबर दिया नहीं और कॉल कर दिया.

फिर कुछ दिन ऐसे ही निकल गए.

एक रात को मैं फ़ोन पे मेरी गर्लफ्रैंड से बात कर रहा था तो एक अनजान नंबर से बार बार कॉल आ रही थी, और मेरा फ़ोन वेटिंग में आ रहा था, अनजान नंबर था तो मैंने भी ज्यादा ध्यान नहीं दिया.
फिर सुबह जब मैंने फेसबुक ओपन की तो उसमें कविता के मैसेज थे, उनको देख कर मैं समझ गया कि वो कॉल कविता ने किया था.

उसने फेसबुक पर मैसेज कर रखे थे कि जीतू मैने कभी सोचा भी नहीं था कि तुम मुझ से झूठ बोलोगे. मैंने वो नम्बर फ़ोन में सेव किया, वो नंबर व्हाट्सएप पर थे तो मैंने व्हाट्सएप पे उसको मैसेज किया.
वो बहुत गुस्से में थी, मैंने उसको समझाया और सब कुछ सच सच बता दिया कि मेरी गर्लफ्रैंड है.

फिर उसने मुझ से कहा- जीतू, तुम्हें मेरे लिए अपनी गर्लफ्रैंड को छोड़ना पड़ेगा और मुझ से फ़्रेंडशिप करनी पड़ेगी.
मैंने उस से कहा- ये नामुमकिन है, मैं अपनी गर्लफ्रैंड को धोखा नहीं दे सकता, और ना ही में अपनी गर्लफ्रैंड से रिश्ता तोड़ सकता हूं.
उसने बहुत रिक्वेस्ट की पर मैंने उसकी बात नहीं मानी.

कुछ दिन बाद मेरे एक दोस्त की बहन की शादी थी, मेरे दोस्त का घर हमारे गाँव के पास वाले गाँव में ही है तो मैं शादी में जाने के लिए जयपुर से घर के लिए निकल गया. फिर रास्ते में कविता का कॉल आया और उसने पूछा- कहाँ पर हो?
मैंने कहा- घर जा रहा हूं.

तो उसने कहा- तुम घर जा रहे हो तो मुझ से मिलकर जाना!
उसका घर रास्ते में ही पड़ता है.

मैंने मना कर दिया मिलने से… फिर उसने कहा- तुझे तेरी गर्लफ्रैंड की कसम है अगर तुम मेरे से मिल कर नहीं गए तो! अगर तुम अपनी गर्लफ्रैंड से प्यार करते हो तो मुझ से मिलकर जाओगे! मैंने उससे कहा- बोलो कहाँ पर मिलना है.
उसने कहा- रोड के पास हमारे खेत हैं, वह पर मिलूँगी!
फिर मैं बस में से वही रोड पे उतर कर उस से मिलने चला गया, मैं उससे बात करते करते खेतों में पहुँच गया.

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वहां पर 4-5 लड़कियाँ बैठी थी. मैंने उसको देखा और 2 मिनट में वापिस आ गया उसको देख कर!
उसने फ़ोन करके मेरी तारीफ करते हुए कहा- वाह यार, तुम तो मस्त लग रहे थे!
मैंने भी उसको थैंक्स बोला.
उसने कहा कि तुमने अपना वादा भी पूरा किया… अपनी गर्लफ्रैंड को इतना मानते हो क्या जो उसकी कसम पे यहां आ गए?
मैंने कहा- हाँ बहुत मानता हूं.

फिर मैं घर नहीं जाकर सीधे ही शादी चला गया.

वो मुझे देख कर मेरे ऊपर फिदा हो गयी थी, उसको बस मैं ही में दिख रहा था.
फिर उसने व्हाट्सएप पर एक फोटो भेजा जिसमें उसने ब्लेड से अपना हाथ काट रखा था.
यह सब देख कर मुझे उस के ऊपर बहुत गुस्सा आया और मैंने उसको बहुत कुछ सुनाया.

वो लड़की मेरे प्यार में पागल हो गयी थी.

उस रात तो मैं सो गया, फिर अगले दिन कविता का कॉल आया, उसने कहा- जीतू तुम अपनी गर्लफ्रैंड को छोड़ दो और मुझ से फ्रेंडशिप कर लो! मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं, और हमेशा करती रहूंगी!
फिर उसने कहा- अगर तुमने सपना (मेरी गर्लफ्रैंड का नाम) से बात करना बंद नहीं किया तो मैं तुम्हारी मम्मी से बोल दूँगी.

मैंने सोचा कि मज़ाक कर रही है, तो मैंने कहा- कैसे बोलोगी?
उसने कहा- अपनी मम्मी के नंबर दो मुझे!
फिर मैंने अपने पास बैठे मेरे फ्रेंड का नंबर उसको दे दिया. उसने उस नंबर पे कॉल किया और ये कहा- जीतू की मम्मी से बात करवाओ!

मेरे दोस्त ने पूछा- क्या काम है?
उसने काम नहीं बताया तो मेरे दोस्त ने फ़ोन काट दिया.
मैंने मेरे दोस्त से कहा- यार अगर मैं इसको सच में अपने घर का नंबर दे देता तो आज तो ये मुझे मरवा ही देती.
मेरे फ्रेंड ने मुझ से कहा- इस लड़की से बात मत करना, ये लड़की सही नहीं है.
मैंने कहा- ठीक है, नहीं करूँगा!

तभी कविता का कॉल आ गया तो फ़ोन मैंने मेरे दोस्त को दे दिया फिर मेरे फ्रेंड ने कविता से कहा- जीतू तुमसे बात नहीं करेगा और आज के बाद उसको कॉल मत करना..
कविता ने उस से कहा- अगर जीतू के दिल में थोड़ा सा भी कुछ होगा तो वो मुझ से ज़रूर बात करेगा!
फिर मैं अपने घर आ गया।

मैंने उस को उस दिन कोई कॉल नहीं किया. दूसरे दिन शाम को कॉल किया और फ़ोन करके कहा कि मैं जा रहा हूं जयपुर और तुम मुझे भूल जाना!
उसने कहा- जीतू मुझे पता था कि तुम मुझे फ़ोन ज़रूर करोगे!
फिर उसने कहा- तुम जयपुर चले जाओ, मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है, और तुम अपनी गर्लफ्रैंड से ही बात करो, मुझे इस से भी कोई प्रॉब्लम नहीं है, पर जाने से पहले एक बार मुझ से मिल कर ज़रूर जाना, तुम्हें तुम्हारी गर्लफ्रैंड की कसम है.

जब उसने कसम दिला दी तो मैं भी मना नहीं कर पाया.

फिर उसने मुझसे कहा- मैं दिन में अच्छे से बात नहीं कर पाऊँगी, घर पे घर वाले रहते हैं, तुम रात में आना, तब बात करेंगे!
मैं रात होने का इंतज़ार करने लगा. जैसे तैसे रात हो गयी और मैं उसके पास चला गया.

दोस्तो, जनवरी में राजस्थान में गाँवों में कैसी सर्दी पड़ती है, ये तो यहाँ रहने वाले लोग अच्छे से जानते हैं। उस दिन भी बहुत तेज़ सर्दी थी. मैंने वहाँ जाकर उसको कॉल किया तो उसने कहा- थोड़ी देर इंतज़ार करो, मैं आ रही हूं।
मैं वहीं खेतों में खड़ा था, मुझे सर्दी लग रही थी तब ही थोड़ी देर बाद वो आ गयी।

उसने मुझे अपना दुपट्टा दिया और और हम दोनों ने एक ही दुपट्टा ओढ़ लिया, हम दोनों एक दूसरे के बिल्कुल पास पास थे. आज वो क्या मस्त माल लग रही थी… उसको देख कर मेरा भी मन भटकने लग गया और मेरा भी मन उसको चोदने का करने लग गया।
मन तो कर रहा था कि अभी यहीं पटक कर साली को चोद दूँ पर मैंने अपने आप पे कंट्रोल किया और सोचा कि इतना अच्छा माल जब खुद से चुदना चाहती है तो फिर मैं क्यों पीछे रहूँ.

फिर वो मुझे सबकी नजरों से छिपा कर घर के अंदर ले गई और दरवाजा बंद कर दिया और टीवी चालू कर दी ताकि हम जो भी बातें करें, वो बाहर कोई सुने ना।
हम इधर उधर की बाते करने लग गए। उसने मेरा हाथ अपने हाथों में ले लिया और मुझ से बोली- जीतू मुझे ये बताओ कि मैं अच्छी नहीं हूँ क्या?
तो मैंने कहा- अच्छी हो!
उसने कहा- सिर्फ अच्छी हूँ या इससे भी ज्यादा?
मैंने उसकी तारीफ करते हुए कहा- बहुत अच्छी हो।

फिर उसने कहा- फिर तुम मुझ से फ्रेंडशिप क्यों नहीं करना चाहते हो? ऐसी क्या कमी है मुझ में? तुम क्यों नहीं समझते हो कि मैं तुमसे बहुत ज्यादा प्यार करती हूं.
मैंने कहा- क्यों करती हो मुझ से प्यार? ऐसा क्या है मेरे में जो मुझ से इतना प्यार करती हो?
उसने कहा- तुम मेरी हर बात मानते हो और मैंने तुम्हें तुम्हारी गर्लफ्रैंड की कसम दिलाई तो तुम यहाँ भी आ गए. तो पता चलता है कि तुम कितने अच्छे हो जो अपनी गर्लफ्रैंड की कसम को मानते हो।

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और ऐसे ही कहते कहते वो रोने लगे गयी, उसकी आंखों में आंसू आने लग गए.
मैंने कहा- पागल… रोया मत कर! रोते हुए कोई अच्छा नहीं लगता!
और मैं उसको समझाने लग गया.

फिर वो मेरे सीने से लिपट गयी और मुझे कस के पकड़ लिया, मैंने भी उसको पकड़ लिया.
गले लगने से उसके बूब्स मेरे सीने से रगड़ रहे थे और दब रहे थे.
फिर कामुकता वश हम दोनों किश करने लग गए, हमारे दोनों के होंठ एक दूसरे के होठों से मिल गए और दोनों एक दूसरे को चुम्बन करने लग गए, वो भी मेरा साथ देने लग गयी, कभी मैं उसके होंठ को चूमता और कभी वो मेरे होठों को… हम दोनों के लिप्स एक दूसरे से मिले हुए थे।
कभी मैं अपनी जीभ को उसके मुख के अंदर करता तो कभी बाहर!

ऐसे ही हम 5 मिनट तक एक दूसरे को चूमते रहे, किस करते करते मेरे हाथ उसके बूब्स को दबा रहे थे, उसके मक्खन जैसे मुलायम बूब्स को दबाने में बहुत मज़ा आ रहा था।
फिर मैं उसकी गर्दन पे किस करने लग गया और उसके कानों के नीचे गर्दन पे चूमने चाटने लग गया.
मेरा लंड पैन्ट को फाड़ कर बाहर आने को तड़प रहा था.

फिर मैंने उसकी टी शर्ट उतार दी, अब उसके चुचे ब्रा फाड़ कर बाहर आने को बेताब थे, उसकी ब्रा में उसके मोटे मोटे चुचे क्या मस्त लग रहे थे.
मैंने उसकी ब्रा खोल दी और उसके चुचे आज़ाद कर दिए.
क्या मस्त बूब्स थे उसके… मैं उसके बूब्स को दबाने लग गया और फिर मुंह में लेकर चूसने लग गया. हम दोनों बहुत गर्म हो गए थे और एक दूसरे को पागलों की तरह चूमने और चाटने लग गए।

फिर मैंने उसका लोअर खोल दिया और फिर उसकी पैंटी भी खोल दी और उसने मेरे सारे कपड़े खोल दिये. अब बिना कपड़ों के वो क्या मस्त माल लग रही थी. मैं अपना हाथ उसकी चूत पर ले गया जो पूरी तरह से गीली हो रही थी.
मैंने हाथ से उसकी चूत को सहलाना शुरू किया, वो तड़प रही थी, यह मेरा पहली बार था तो ज्यादा कुछ मुझे पता नहीं था.

फिर मैंने अपना लंड उसके हाथ में पकड़ा दिया तो उसने कहा- ये तो बहुत बड़ा है.
मैंने कहा- अब ये तुम्हारी चूत में जाने के तड़प रहा है इसलिए कुछ ज्यादा ही बड़ा हो गया!
उसने कहा- फिर रोका किसने है?

मैंने भी ज्यादा देर करना ठीक नहीं समझा, हम दोनों ही गरम हो रहे थे, सोचा कि लोहा गरम है, मार दे हथौड़ा!
मैं उसके नंगे बदन के ऊपर आ गया और उसकी टांगों को चौड़ी करवा दिया और अपना लोडा उसकी चूत पर रख के रगड़ने लग गया. उसकी चूत के पानी से मेरा लंड गीला हो गया और वो लंड रगड़ने से बिना पानी की मछली की तरह तड़प रही थी.

फिर मैंने हल्का सा धक्का दिया तो मेरे लंड का सुपारा उसकी चूत में घुस गया और उसकी चीख निकल गयी तो मैंने अपने लिप्स उसके लिप्स से मिला दिए ताकि उसकी आवाज़ बाहर ना जाये. फिर मैंने दूसरा धक्का दिया और मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ पूरा अंदर तक चला गया और उसकी आँखों में आंसू आ गए और वो मुझे पीछे की तरफ धकेलने लगी और बोली- बाहर निकालो अपने लंड को… मुझे नहीं करवाना!
और रोने लगी.

मैं थोड़ी देर ऐसे ही रुक गया। फिर थोड़ी देर बाद उसका दर्द कम हो गया तो मैंने हल्के हक्के धक्के लगाने शुरू किए और अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा. अब उसकी भी मज़ा आने लग गया था और वो भी मज़े से लंड ले रही थी और चुदाई का मज़ा ले रही थी।
उसने कहा- जीतू, और जोर से चोदो! इतने दिनों से क्यों तड़पा रहे थे!
और मैं उसे और ज़ोर से चोदने लगा.

पूरा कमरा फच…फच…. की आवाज़ से गूँज रहा था और वो सिसकारियां भर रही थी और कमर उठा उठा कर चुदवा रही थी.
मैं उसको 15 मिनट तक लगातार चोदता रहा। फिर मेरा वीर्य निकलने वाला था तो मैंने कहा- मेरा निकलने वाला है, कहाँ निकालूँ?
तो उसने कहा- अंदर ही डाल दो!
फिर मैंने तेज़ तेज़ धक्के दिए और अपने पूरा माल उसकी चूत में निकाल दिया.

मेरे माल से उसकी पूरी चुत भर गई और मेरा वीर्य और उसका वीर्य दोनों मिलकर चूत से बाहर आ रहे थे।

उस रात हमने कई बार और सेक्स किया. हम दोनों बहुत थक गए थे तो दोनों नंगे ही सो गए. फिर सुबह होने से पहले मैं वहाँ से चला गया.

उस दिन की चुदाई के बाद वो लड़की मेरी चुदाई को इतनी दीवानी हो गयी कि फिर वो मुझ से चुदवाने का कोई भी मौका नहीं छोड़ती थी, हमको जब भी मौका मिलता था, हम चुदाई करते थे.

तो दोस्तो, कैसी लगी आपको मेरी पहली फ्री चुदाई की कहानी? मुझे मेल करके जरूर बताइये और अगर आपको कुछ कमी लगे कहानी में तो वो भी बताइये ताकि मैं आगे अपनी कहानी में सुधार कर सकूं!
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