प्यारी दीदी की प्यारी चुदाई

पिछली फ्री हिन्दी सेक्स स्टोरी बहें की चुदाई मे मैं और दीदी एक दूसरे की बाहो मे सोफा पर बैठे थे, अब आगे..

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मैं और दीदी एक दूसरे के गले लगे हुए थे, हम अलग हुए, दोनो ने एक दूसरे की आँखो मे देखा, दीदी ने मुझे स्माइल दी और धीरे से मेरे फोरहेड पर किस किया.

मैं बहोत खुश हो गया और दीदी के ब्रेस्ट पर अपना सिर रख दिया और उनको अपनी बहो मे ले लिया, मुझे पता ही नही चला मैं कब सो गया, लेकिन जब मैं उठा तो अपने आप को मेरे रूम मे पाया, शाम के 5 बजे थे.

मैं तुरंत बाहर आया, दीदी वाहा नही थी, मैं उन्हे ढूँडने लगा और देखा वो किचन मे थी, वो चाय बना रही थी, मैं ढ़ूंधके उनके पीछे गया और उन्हे पीछे से जाकड़ लिया, दीदी एकदम चौंक गयी, मेरे दोनो हाथ उनके कमर मे रॅप्ड थे.

दीदी – क्या हुआ आकाश?

मैं – कुछ नही, बस ऐसे ही.

दीदी ने अपना हाथ मेरे गाल पे रखा और हंस दी.

मैं – दीदी मैं आपको खोना नही चाहता.

दीदी अब सीरीयस हो गयी, वो पीछे मूडी, उन्होने मेरे हाथ अपनी कमर से हटाए, अपने दोनो हाथ मेरे गाल पे रखे और बोली – आज से मैं सिर्फ़ तुम्हारी हो चुकी हू, आकाश, ओके?

मेरी खुशी का ठिकाना नही रहा, मैने उन्हे गले लगा लिया, दीदी मेरा कंधा सहलाने लगी.

मैं – दीदी, मेरी एक . है.

दीदी – क्या?

मैं – मैं आपको जी भर के प्यार करना चाहता हू.

दीदी – अभी नही आकाश, पेरेंट्स आते ही होंगे, तुम्हे हमारे मिलने के लिए वेट करना होगा.

मैं – ठीक है दीदी, आपको पाने के लिए मैं कुछ भी कर सकता हू.

दीदी – ओके, तुम जाओ अभी, हॉल मे बैठो, मैं नास्ता लेकर आती हू.

उस दिन के बाद हम एक दूसरे से प्यार करने लगे थे, लेकिन मेरे पेरेंट्स घर पर ही रहते थे, इसलिए मुझे मौका नही मिला, हम मौके की तलाश मे थे, करीब 20 दिन के बाद हमे वो मौका मिला, पापा को कंपनी के काम से फिर बाहर जाना था, वो जगह मम्मी के मैके के पास ही थी, मम्मी बहुत दीनो से अपने मायके नही गई मैने उन्हे कहा की पापा के साथ वो भी चली जाए.

पापा काम पे जाएँगे तब तक तुम वाहा रह लेना, मम्मी मान गयी, उन्हे दीदी पे भरोसा था की वो घर संभाल लेगी, मेरी दीदी है ही एसी, हर काम मे होशियार, शाम को 6 बजे मेरे पेरेंट्स चले गये, और हमारे प्यार का टाइम आख़िर आ ही गया, दीदी ने सोचा की डिन्नर करके नहाने के बाद हम सेक्स करे तो . रहेगा, मैं तुरंत मान गया, मैं उनकी हर बात मानता था.

डिन्नर के बाद नहाने वाले थे, दीदी अपने रूम मे नहाने जा रही थी तभी मैने उन्हे कहा – दीदी आप वो रेड कलर की साड़ी पह्नना, और ज्यूयेल्री भी, और अपने बालो को टाइट बाँध लेना, दीदी नोट करके चली गयी, हम दोनो ने नहा लिया, मैं दीदी
के रूम मे गया.

वो तैयार थी, क्या लग रही थी वो, एकदम परी, उन्होने अपना बेड सजाया था, वाइट मॅट्रेस और उस पर गुलाब के फूल, मैने अपने कपड़े उतार दिए, सिर्फ़ अंडरवेर मे था, मुझे अंडरवेर मे सेक्स करना अछा लगता है, पिछले 20 दीनो से मैने मास्टरबेट नही किया था, आज मैं दीदी को अपना पूरा प्यार दे देना चाहता था.

दीदी – डोर लॉक करदो आकाश.

मैने डोर लॉक्ड किया.

मैं – चलिए दीदी.

दीदी – ऐसे ही, मुझे अपनी गोद मे नही उठाओँगे?

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मैं उनके पास गया, उन्होने अपना एक हाथ मेरे कंधे पे डाल दिया, मैने उन्हे अपने गोद मे उठा लिया, उनका हाथ मेरे कंधे पे था, इसलिए उनकी बगल मेरे गले के पास थी, मैं अपने आप को रोक नही पाया और अपना मूह वाहा ले गया.

एक लंबी सांस लेके उनकी बगल सूँघी और सोचने लगा आज तो बहुत मज़ा आने वाला है, मैं दीदी को गोद मे लेकर बेड की तरफ बढ़ने लगा, बेड पहुँचने के बाद मैने दीदी को धीरे से लिटाया, सबसे पहले उनकी पीठ, फिर सिर और फिर पैर ऐसे दीदी को लिटाया.

अब मैं उनके पैरो के पास गया और खड़ा हो गया, उनके हाइ हील्स वाले सॅंडल्ज़ उतरे, दीदी मुजसे बड़ी थी इसलिए मैने उनके दोनो पैरो को अपने सिर पर रखा, जैसे मैं उनकी पूजा कर रहा हू, अब मैने उनके एक पैर को हाथ मे लिया और उसके अंगूठे को मुँह मे ले लिया, दीदी मचलने लगी, वो अपने हाथो से चद्दर खिचने लगी.

एक एक कर के मैने उनके पैर की सभी उंगलियो को मुँह मे ले लिया और चूसा, और फिर एक साथ सभी उंगलियो को अपने मुँह मे डाल दिया, एकदम नरम नरम उंगलिया थी वो, ऐसे मैने उनकी दोनो पैरो की उंगलियो को चूसा, अब मैं उनके उपर आ गया, उन्होने अपने बालो को टाइट बाँध रखा था.

मैं उन्हे अपने हाथो से खोलना चाहता था, मैने अपना हाथ उनके सिर के पीछे डाला और बालो को खोलकर फैला दिया, बहुत ही सेक्सी लग रही थी मेरी प्यारी दीदी, उनके चेहरे पर बाल लहरा रहे थे.

मैने वो हटाए और गले पर धीरे से एक किस किया, अब मैं उनकी आर्मपॉइंट किस करना चाहता था, मैं थोड़ा नीचे आया और उनके दोनो हाथ फैला दिए ताकि उनकी आर्मपॉइंट को आछे से निहार सकु, बगल को ब्लाउस के उपर से किस करना बहुत अछा लगता है.
क्योंकि ब्लाउस मे लड़कियो के हाथ बहुत सुंदर दिखते है, एकदम गोरे गोरे हाथ ब्लाउस मेसे निकते हुए, और चूड़ियों की आवाज़ और भी कामुकता बढ़ा करती है, इसीलिए मैने उनकी ज्यूयेल्री नही निकाली, मैने दीदी की हाथ की उंगलियो मे अपनी उंगलिया भराई, उनकी आर्मपाइंट को पहले धीरे से किस किया.

फिर थोड़ा थोड़ा इंटर्वल मे किस किया, ऐसेही 40 – 50 किस किए होंगे मैने और दीदी के अमृत जैसे पसीने को पी गया, उनके पसीने मे उनका अपनापन था, उनकी आर्मपॉइंट को जितना किस करो उतना कम था.

आख़िर दीदी तो पूरी मेरी हो चुकी थी, दोनो बगल को मैने जी भर के किस किया, दीदी की बगल मे मुझे जन्नत का एहसास हो रहा था, मैने उनकी बहो को भी चूमा, अब मैने दीदी की आँखो मे देखा, दोनो की आँखो मे वासना थी, हम दोनो एक दूसरे के प्यार मे डूब जाना चाहते थे.

दीदी के गालो पर बाल लहरा रहे थे, मैने उनके दोनो गालो को अपने हाथो से पकड़ा, और उनके चेहरे पर से बाल हटाए, दीदी साक्षात अप्सरा लग रही थी, मैने उनके फोरहेड पर किस किया, उन्होने अपनी आँखे बंद कर ली.

अब मैने उनकी दोनो आँखो पर किस किया, फिर दोनो गालो पर, गले के नेकलेस को निकाला, वाहा से उनके बाल हटाए और पूरे गले को चूमा, अब मैने उनके कान को बाइट किया और उनके कान मे कहा – आप सिर्फ़ मेरी हो दीदी, सिर्फ़ मेरी, आई लव यू सो मच, और उनके कान को अपने मुँह मे ले लिया.

दीदी मेरे बालो मे हाथ घुमाने लगी, अब मैने दीदी को उल्टा लिटा दिया, उनकी पीठ एकदम गोरी गोरी और चिकनी थी, उनकी पीठ का हिस्सा मुझे बहुत उत्तेजित करता था, आज वो सिर्फ़ मेरी थी, मैने उनके ब्लाउस को पीछे से खोला, दीदी की पूरी पीठ मेरे सामने थी, मैने उस पर एक जोरदार किस किया.

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अब मैने उनकी पूरी पीठ पर किस करना . कर दिया, किस की . शुरू कर दी, लगभग 4 – 5 हॉरिज़ॉंटल लाइन मे मैने दीदी की पीठ पर किस किया, उन्हे खूब चूमा, दीदी को मेरा स्पर्श अछा लग रहा था और वो मुझे प्यार करने दे रही थी, ये उनका पहला अनुभव था, इसे मैं यादगार बनाना चाहता था.

मैने दीदी की पूरी पीठ को चूमा और फिर सीधा लिटा दिया, और उन्हे गले लगा लिया, दीदी मेरे बालो मे अपना हाथ घुमाने लगी और सहला कर मेरे प्यार को आक्सेप्ट कर रही थी, लगभग 5 मिनिट्स तक मैने दीदी को गले लगा कर रखा, फिर उनके गाल पर एक हल्का सा किस किया और कहा – दीदी अब हमारे मिलन की घड़ी आ गयी है.

दीदी – हा आकाश, अपना लिंग मेरी योनि मे डाल दो, मुझे दीदी की पर्मिशन मिल गयी, उनकी पर्मिशन के बिना मैं ये कैसे कर सकता था, मैं नीचे जाके उनकी साड़ी खोली, उनकी पुसी को मैं देखते ही दंग रह गया, एकदम गोरी और चिकनी, उसपर एक भी बाल नही, ऐसी योनि मैने आज तक नही देखी, मैं अपने आपको धन्य समजने लगा.

मैने उसमे थोड़ा होल बनाया और अपना लिंग अंदर डाला, वो पूरा अंदर नही गया, क्योंकि दीदी की पुसी नयी थी, मैं उसे अंदर नही डालना चाहता था क्योंकि दीदी को दर्द होगा, मैने दीदी के हाथ फैला दिए, मेरी उंगलियो को उनकी उंगलियो मे कसके जाकड़ लिया.

दीदी – ये क्या? तुम अपना पूरा लिंग मेरी योनि मे डाल दो.

मैं – लेकिन दीदी आपको दर्द होगा.

दीदी – मैं दर्द बर्दाश्त कर लूँगी, हनी, जो कहा वो करो, आज मैं तुम्हारी हो जाना चाहती हू.

ये सुनकर मैं जोश मे आ गया, उनकी उंगलियो को और भी ज़ोर से जाकड़ लिया, दीदी ने अपने पैरो को मेरी कमर मे लिपटा दिए, मैने ज़ोर से एक ही झटके मे अपना लॅंड अंदर डाल दिया, दीदी को दर्द हुआ, वो चिल्लाने वाली थी.

तभी मैने अपने होटो से उनके होटो को सील दिया, उनका निचला होट मेरे दो होटो के बीच था, और मेरा उपर का होट उनके दो होट के बीच, क्या पर्फेक्ट पोज़िशन था सेक्स करने का, ये हमारा पहला किस था, हम दोनो धीरे धीरे सॉफ्ट और पॅशनेट किस करने लगे.

मुझे अपना फीडबॅक देने के लिए कृपया कहानी को ‘लाइक’ ज़रूर करे, ताकि कहानियों का ये दौर देसीकाहानी पर आपके लिए यूँ ही चलता रहे.

दोनो एक दूसरे के प्यार मे डूब गये, प्यार एकदम चरम सीमा पर पहुँच गया था, 20 दीनो से रुका हुआ मेरा स्पर्म दीदी की योनि मे लंबी धार छोड़ गया, दीदी ने भी अपनी योनि से रस छोड़ दिया, मैं एकदम रिलीफ हो गया, मेरी लाइफ्लॉंग विश पूरी हो गयी, अब हमने किस करना बंद किया, लेकिन मैने अपना लॅंड अंदर ही रहने दिया.

दीदी के पैर ढीले हुए और अपनी नॉर्मल पोज़िशन पे आ गये, हम दोनो ने एक दूसरे को देखा, मैने दीदी को आखरी बार होटो पे एक सॉफ्ट किस किया और उनके उपर लेट गया, दीदी के हाथ मेरी पीठ पर आ गये और उन्होने मुझे अपनी बहो मे ले लिया.

मैने दीदी के कानो पे किस किया और कहा – आई लव यू दीदी, और फिर दीदी ने वो कहा जो मैं हमेशासे सुनना चाहता था – आई लव यू टू, हनी.

हम दोनो एक दूसरे की बाहो मे ऐसेही लेटे रहे और सो गये. फ्री हिन्दी सेक्स स्टोरी बहन की चुदाई