मुझे चूत गांड मुंह में लंड लेने का शौक है- 1

पुसी फिंगरिंग सेक्स कहानी में पढ़ें कि पूरी रात दो दोस्तों से चुदाई के बाद सुबह मैं उठी तो मेरे नंगे बदन पर वीर्य की पपड़ियाँ जमी हुई थी. एक दोस्त मुझे घर छोड़ने आया.

यह कहानी पढ़ें.


दोस्तो नमस्कार!
मैं आप लोगों की प्यारी बीवी अनन्या अपनी आत्मकथा में एक बार फिर से स्वागत करती हूं.

मेरी सेक्स कहानी
पब में दो मर्दों से चुदी
को इतना ज्यादा सराहने के लिए आप सभी पतियों का, ये आपकी पत्नी बिल्कुल नंगी होकर धन्यवाद करती है. मैं उम्मीद करती हूं कि आप सब लोग अच्छे से होंगे.

कहानी शुरू करने से पहले एक बात बताती हूं. उसके बाद कहानी बताऊंगी.

एक बार मेरे पास एक मेल आयी … अमूमन मैं सारे मेल पढ़ती हूँ और जवाब भी देने की कोशिश भी करती हूं.

ये मेल अभी तक की सबसे अलग थी.
उस इंसान का नाम सूरज था, जिसने मुझे ये मेल की कि आप स्टोरी न लिखें, मेरी यह दिली ख्वाईश है.

मैंने कारण जानना चाहा.
उसने मुझे लम्बी दास्तान बतायी.

मैं संक्षिप्त में आपको समझाती हूँ. मुझे जो कारण पता चला वो बहुत ही खतरनाक था.

सूरज ने बताया कि जब जब मैं आपकी कहानी पढ़ता हूँ, मेरा लंड कुतुब मीनार बन जाता है और मैं बीवी पर चढ़ाई कर देता हूं. उस दिन मैं आपको सोच कर अपनी लुगाई को बहुत चोदता हूँ. जिससे मेरी बीवी परेशान हो जाती है और हम दोनों के बीच झगड़ा हो जाता है. फिर वो कुछ दिन तक मुझे हाथ भी लगाने नहीं देती है. आपकी कहानी बिना पढ़े रह भी नहीं सकता.

उनकी इस बात को सुनकर मैं सूरज जी और ऐसे सारे लोगों से माफी मांगती हूँ. अब मैं इसमें क्या कर सकती हूं. सबको तो मैं अपने पास बुला नहीं सकती ना … इसलिए मुझे माफ़ करें.

वैसे यह कहानी का हिस्सा नहीं है.

दरअसल पिछली सेक्स कहानी को पढ़ कर बहुत सारे लोगों ने पूछा था कि आपकी मिडी फट गई, तो आप घर कैसे पहुंची.

मैंने सोचा कि आप लोगों यह भी बता दूँ कि मैं उस दिन अपने घर कैसे पहुंच सकी थी.

आपने पिछली चुदाई कहानी में पढ़ा था कि किस तरह राजीव और मंयक ने पब में मेरी पूरी रात चुदाई की.
फिर ना जाने कब हम सो गए.

अब आगे की पुसी फिंगरिंग सेक्स कहानी:

सुबह मेरी नींद 8 बजे खुली, मैंने देखा कि दोनों ने मेरी एक एक टांग पर अपने पैर चढ़ा रखे थे.
वहीं मंयक का हाथ मेरी चूचियों पर जमा हुआ था और राजीव का हाथ मेरे पेट पर.

मेरे एक तरफ राजीव और दूसरी तरफ मंयक था. हम तीनों नंगे थे और एक दूसरे से लिपट कर सोये हुए थे.

फिर मैंने अपने आपको दोनों से अलग किया और उठकर खड़ी हुई.
रात की चुदाई से अभी तक मेरी चूत और गांड में दर्द हो रहा था.

फिर मेरी नज़र बेड पर गयी तो देखा कि पूरे बेड पर हम लोगों की रात भर की मेहनत स्पर्म के रूप में दिख रही थी.

मैंने अपने आपको देखा तो मेरे भी शरीर पर काफी ज्यादा पपड़ी जमी हुई थी.
ये पपड़ी उन दोनों के स्पर्म जम जाने के कारण थी.

मैंने राजीव और मंयक दोनों को उठाया.

उठते ही मयंक ने मुझे अपनी ओर खींच लिया और मैं धड़ाम से उस पर गिर गयी.
वो मेरे होंठों को चूमते हुए बोला- गुड मॉर्निंग मेरी रानी.
मैंने भी गुड मॉर्निंग कहा और उससे बोली- अब उठो और बताओ मैं क्या पहनकर घर जाऊं?

तभी मंयक का फोन रिंग हुआ और पता चला उसके डैड आ रहे हैं.
ये सुनकर मंयक थोड़ा घबराहट से बोला- यार, डैड आ रहे हैं. हमें अभी के अभी निकलना होगा.
मैं बोली- हां यार, मुझे भी अब निकलना चाहिए … लेकिन मैं क्या पहन कर जाऊं?

मंयक बोला- अबे जो पहनकर आयी थी, वही पहन ले ना.
मैं बोली- साले तुम दोनों ने रात में मेरी मिडी फाड़ दी थी ना!

ये याद करते ही मंयक बोला- हां यार, ये तो बड़ी दिक्कत हो गयी. अभी तो दुकानें भी नहीं खुली होंगी और डैड 15-20 मिनट में आ जाएंगे.

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फिर मैंने अपनी मिडी उठाकर देखी, तो ज्यादा फ़टी नहीं थी. वो सिर्फ पीछे से फटी थी.

मैंने मिडी पहनकर देखी, तो कुछ ज्यादा दिक्कत नहीं थी. बस चूचियां आज़ादी में थीं और मेरी पीठ थोड़ी और ज्यादा नंगी हो गयी थी.
मैंने उस मिडी पर बेडशीट को उठाकर ठीक से ओढ़ लिया और बोली- चलो शुक्र है, ऐसे मैं घर जा सकती हूं.

फिर मैं कैब बुक करने लगी.
इतने में राजीव बोला- अनन्या जी ये गलत बात है. आपने हम लोगों के लिए इतना किया और आप कैब से जाओगी. ये बिल्कुल गलत है.

मैं उसकी बातों को समझ रही थी.
वो मुझे घर छोड़ना चाह रहा था ताकि वो मेरा घर देख सके और मौका मिलते ही मुझे आकर चोद सके.
मैं बोली- अच्छा तो चलो फिर.

ये सुनते ही वो ऐसा खिल उठा, मानो उसके मन में लड्डू फूट गया हो.
उसने तुरंत कपड़े पहने और तैयार हो गया.

वो बोला- तुम यहीं रुको, मैं पार्किंग से गाड़ी लेकर सीधा गेट पर लगा दूंगा. फिर तुम आ जाना.
मैं बोली- ठीक है.

राजीव गाड़ी लाने चला गया.

इतने में मंयक आया.
उसने मेरे चेहरे को दोनों हाथों से पकड़ा और मेरे होंठों को चूमते हुए मुझे गले से लगाकर मचलने लगा.

वो बोला- थैंक्यू बेबी … इतना ज्यादा मजा देने के लिए!
मैं बोली- इट्स ओके यार … हम लोग दोस्त हैं.

मैंने भी उसके गाल पर किस कर दी और अलग हो गयी.
फिर मंयक ने अपनी अल्मारी को खोला और एक लिफाफा निकालकर मुझे देते हुए बोला- ये मेरी तरफ से तुम्हारे लिए.

मैं बोली- क्या है इसमें?
वो बोला- मेरी तरफ से गिफ्ट.

मैंने जैसे ही लिफाफे को खोला, तो उसमें उसके पब की मेम्बर शिप का पास था और साथ ही एक घड़ी थी.

वो सब देखकर मैं चौंक गयी और बोली- ये क्या है?
मंयक- मेरी तरफ से एक छोटी सी गिफ्ट है.

मैं थोड़ी गुस्से में बोली- मैं ये सब इसके लिए नहीं करती हूं. बस मजे के लिए थोड़ी सी मस्ती कर लेती हूँ. ये गलत है.
मैंने लिफाफा को बेड पर रख दिया.

मंयक ने लिफाफा को मेरे पर्स में रखते हुए फिर से मुझे गले लगा लिया और मेरी गांड दबाते हुए बोला- देखो मेरी जान … या तो ये रख लो, नहीं तो मैं फिर से चुदाई शुरू कर दूँगा.
साले ने यह कहकर एक उंगली मेरी गांड में डाल दी, जिससे मैं चिहुंक गयी.

मैं बोली- बदमाश कहीं के … और कितना चोदोगे … थकते नहीं हो क्या?
मंयक बोला- तेरी जैसी माल को देखकर लोगों की थकावट दूर हो जाती है.

वो मेरी गांड में उंगली आगे पीछे करने लगा और मम्मों को दबाने लगा.

तभी मंयक का फोन बजा.
मंयक फोन उठाते हुए बोला- हां बस आ रहा हूँ.

हम दोनों अलग हो गए.

मंयक बोला- जान, एक बार दूध पिला दो.
मैं बोली- अभी नहीं, अभी देर हो जाएगी.
वो बोला- नहीं होगी देरी, तुम अपने दूध तो निकालो.

मैं सोच ही रही थी कि उसने मेरी एक चूची को निकाल लिया और मुझे गोद में उठाकर नीचे ले जाने लगा.
गेट तक आते आते उसने मेरी दोनों मम्मों को अच्छे से चूस लिया. एक बार जोर से मेरे निप्पल को भी काट लिया, जिससे मैं चिल्ला उठी.

फिर हम दोनों नीचे आ गए और मंयक ने मुझे नीचे कार का गेट खोल दिया.
मैंने अपने मम्मों को अच्छे से छुपाया और मंयक को गले लगाकर थैंक्यू बोला.

मैंने उससे अपना नम्बर एक्सचेंज किया और बोली- मिलते रहेंगे.
ये बोलकर मैं जाने लगी.

मंयक ने फिर से मेरी गांड पर चपेट लगा दी और बोली- मिस यू बेबी.
मैं ‘मिस यू टू बदमाश …’ बोलकर जाने लगी और गाड़ी में बैठकर निकल गयी.

अब मेरे साथ खेलने की बारी राजीव की थी.

राजीव बोला- अनन्या जी, रात में मजा आ गया ना!
मैं बोली- हां बिल्कुल.

राजीव एक हाथ से मेरी नंगी जांघ सहलाने लगा और पूरे रास्ते वो मेरी चूत में उंगली करता रहा.
उसी दौरान मैंने उसे सनी के बारे में सच सच बता दिया.

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यह सुनकर वह थोड़ा अवाक हुआ और बोला- तुम हो ही इतनी हॉट कि कोई बर्दाश्त नहीं कर सकता है.
इस दौरान वो मेरी चूत में उंगली कर ही रहा था और ना जाने मैं कब गर्म हो गयी, मुझे खुद भी नहीं पता चला.

तभी मेरा घर आ गया और मेरी चूत अपने चरम सीमा पर आ गई थी.
मैं राजीव से बोली- गाड़ी एकदम साईड में लगा लो और मेरी चूत में तेज तेज उंगली करो.

उसने ऐसा ही किया.

मैं अभी अपने घर के नीचे थी और पार्किंग में बिल्कुल मदहोशी में चूत में उंगली करवा रही थी.
अगर इस वक्त कोई देख लेता तो मैं दिक्कत में आ जाती, ये सब भूलकर मैं अपनी चूत की गर्मी शांत करवाने में लगी थी.

राजीव मेरी चूत को उंगली से चोदे जा रहा था और मैं चुदवा रही थी.

करीब दो मिनट बाद मुझसे रहा नहीं गया और मैं उसकी उंगली को पकड़कर अपनी चूत में तेजी से उंगली करवाने लगी.
करीब दो मिनट बाद मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया और मैं शांत हो गयी.

राजीव उंगली चाटते हुए बोला- यार, तुम कमाल हो.
मैं हंस कर बोली- वो तो मैं हूँ ही!

ये कह कर मैं गाड़ी से उतर गई.
राजीव बोला- ठीक है, मैं चलता हूं.

मैं बोली- यहां तक आए ही हो, तो घर भी चलो. सनी को थैंक्यू भी बोल देना.
वो बोला- हां यार सनी का थैंक्यू तो बनता है.

वो मेरे साथ आने लगा.
मैं बोली- सनी को साला ही बोलना और वो मान गया.
हम दोनों अन्दर पहुंच गए.

मैं राजीव से बोली- तुम थोड़े से साईड ही जाओ.
वो बोला- क्यों?
मैं बोली- बस साईड हो जाओ.

मैंने डोर बेल बजायी. सनी ने दरवाजा खोला और बोला- आ गई अपने दोस्त से चुदवा कर.
मैं कातिलाना स्माईल देते हुए बोली- दोस्त नहीं, वो जीजू थे तेरे!
सनी हंसते हुए बोला- ना जाने कितने जीजू हैं मेरे!

मैं बोली- तेरे लिए एक गिफ्ट है.
सनी बोला- क्या?
मैं बोली- तेरे जीजू तुझे थैंक्यू बोलना चाहते हैं.

सनी कुछ समझ पाता, इतने में राजीव सामने आ गया.
राजीव को देखकर सनी हंसते हुए बोला- अच्छा तो जीजू को साथ लेकर आई हो.

राजीव ने हाथ बढ़ाकर सनी से हैंडशेक किया और बोला- थैंक्यू साले साहब … अपनी बहन को चोदने देने के लिए.

फिर हम सब हंसने लगे और रूम के अन्दर आ गए.
मैं बोली- तुम लोग बैठो, मैं फ्रेश होकर आती हूँ.

सनी मेरी कलाई पकड़ते हुए बोला- मेरी जान जरा रुको तो … मैं भी तो देखूं कि मेरी बहन क्या क्या करवा के आयी है.
मैं बोली- हां देख ले.

सनी बोला- ये चादर क्यों लपेटी हुई हो.
मैं बोली- छोड़ो भी क्या कर रहे हो?

इतने में राजीव बोला- दिखा दीजिये ना अनन्या … वो भी तो देखे कि उसके जीजा ने कितनी मेहनत की है.

मैं कातिलाना स्माईल देती हुई राजीव से बोली- तुम खुद क्यों नहीं बता देते अपने साले को कि उसकी बहन को पूरी रात कैसे कैसे चोदा गया है और कहां कहां से चोदा है.
इतना सुनते ही सनी ने झट से मेरे ऊपर से चादर हटा दी.

चादर हटते ही मेरी फ़टी हुई मिडी सारी कहानी बयान करने लगी थी.

इतने में सनी बोला- यार ये क्या करवा कर आई है?
मैं कुछ बोलती, इससे पहले में सनी ने मेरी मिडी को नीचे सरका दिया.

मिडी फटी होने के कारण तुरन्त मेरे तन से अलग हो गयी और मैं उन दोनों के सामने नंगी हो गयी.

दोस्तो, आगे क्या हुआ जब जीजा साले दोनों मिलकर मेरी नंगी जवानी को निहार रहे थे, वो सब मैं आपको सेक्स कहानी के अगले भाग में बताऊंगी.

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