पुरानी दोस्ती ने चुदक्कड़ बनाया

purani-dosti-ne-chuddakad-banayaदोस्तो, मैं दीप आप लोगों के लिए एक सच्ची कहानी लेकर आया हूँ। यह कहानी तब की है, जब मैं सिर्फ़ 21 साल का था। मैं दिल्ली में स्नातक की पढ़ाई कर रहा था और साथ में जॉब भी कर रहा था।

हमारे कॉलोनी में मेरे स्कूल की दोस्त रहती थी जिसका नाम नेहा था। स्कूल में वो इतनी खास नहीं लगती थी, मगर बाद में वो गजब की ‘माल’ बन गई थी।

अचानक एक दिन वो मुझे रास्ते में मिल गई, मैं नेहा से काफ़ी समय बाद मिल रहा था।

वो बोली- हाय दीप, कैसे हो?

मैं बोला- बस बढ़िया हूँ, तुम कैसी हो?

वो बोली- बढ़िया हूँ मैं भी !

थोड़ी देर बात करने के बाद मैंने उसे अपना नम्बर दिया और घर चला गया।

एक हफ़्ते बाद उसका फ़ोन आया कि उसका जन्मदिन है और वो दोस्तों के साथ मनाना चाहती है इसलिए मैं भी उस दिन उसके साथ बिताऊँ।

मैंने ‘हाँ’ कह दिया।

मैं तय समय पर सही जगह पर पहुँच गया। नेहा से मिला उसे शुभकामनाएँ और उपहार दिया। उसे मेरा दिया हुआ गिफ़्ट बहुत पसन्द आया, फ़िर वो मुझे अपने साथ ले गई।

वो मुझे गौतम नगर के एक अपार्टमैंट में ले गई, जहाँ उसके और फ्रेंड्स भी थे। उस अपार्टमैंट में पहले से ही काफ़ी लोग थे। मैं सबसे मिला और उनसे बातें करने लगा।

मुझे वहाँ का माहौल कुछ अलग सा लगा। सभी लोग जोड़ी बनाकर बैठे थे और मुझे अजीब निगाहों से घूर रहे थे। मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि वहाँ क्या हो रहा है।

तभी नेहा ने मुझे बुलाया और एक दूसरे कमरे मे ले गई, वहाँ कोई नहीं था, नेहा ने मुझे थोड़ी देर रुकने को कहा और चली गई।

तभी मैंने कुछ आवाजें सुनी, जो कि बगल के कमरे से आ रही थीं। मैं सोच में पड़ गया कि क्या हो रहा है, अन्दर आवाजें बदलती जा रही थीं और मैं अब सब्र खो चुका था। मैं दरवाजा खोल कर देखने लगा तो चौंक गया।

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वहाँ पर करीब तीन जोड़े थे जो चुदाई कर रहे थे। वो भी एक-दूसरे के सामने बिल्कुल नंगे। यह सब देख कर मैं उत्तेजित हो गया और मेरा लण्ड लोहे जैसा सख्त हो कर खड़ा हो गया।

तभी अचानक नेहा आ गई, मुझसे कहने लगी- दीप क्या देख रहे हो?

मैंने नेहा से पूछा- यहाँ यह सब क्या हो रहा है?

तो उसने मुझे बताया कि यह अपार्टमैंट उसके एक दोस्त का है जिसमें वे सभी दोस्त मस्ती करते हैं। उसने यह भी बताया कि आज उसका जन्मदिन नहीं है, दरसल इस अपार्टमैंट में आने की एक शर्त यह है कि केवल जोड़े ही आ सकते हैं, इसलिए उसने मुझसे झूठ कहा।

उसने यह भी बताया कि यहाँ पर हर कोई चुदाई का दीवाना है और ना केवल अपने जोड़ीदार के साथ बल्कि किसी के साथ भी चुदाई कर सकता है और इस तरह सब एक दूसरे की प्यास बुझाते हैं।

यह सुनकर मेरे होश उड़ गए, स्कूल की सीधी-साधी लड़की इतनी चालाक हो गई है। फिर वो मुझे होंठों पर चूमने लगी। मुझे भी आनन्द आने लगा तो मैं भी उसका साथ देने लगा।

फिर वो मुझे उसी कमरे में ले गई, जहाँ पहले से जोड़े चुदाई कर रहे थे और फ़िर उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरे लन्ड को चूसने लगी। मुझे बहुत आनन्द आ रहा था और इसी आनन्द में मैंने अपना रस छोड़ दिया, वो मेरा रस पी गई।

फिर उसने अपने सारे कपड़े उतार दिए। उसके नंगे बदन को देखकर मैं पगला सा गया। फिर उसने मुझे चूत चाटने को इशारा किया जो कि मैं नहीं चाहता था मगर फ़िर भी चाटने लगा, मुझे आनन्द आने लगा और नेहा भी मस्त हो गई।

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थोड़ी देर बाद नेहा ने भी अपना रस छोड़ दिया जो मैं गटक गया। थोड़ी देर तक मैं नेहा के चूचे चूसता रहा और फ़िर उसके रसीले होंठों को चूसने लगा। बहुत मजा आ रहा था। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

नेहा सिसकारने लगी- दीप मुझे चोदो, प्लीज़ मुझे चोद दो!!

मैंने उससे पूछा- कन्डोम मिलेगा?

तो साथ के लड़के ने एक कन्डोम दिया। मैंने कन्डोम लगाया और लन्ड को धीरे-धीरे नेहा की चूत में घुसाने लगा। नेहा पुरानी खिलाड़िन थी इस चोदमचोद खेल की, वो मेरी मदद करने लगी। वो उछल-उछय कर कोशिश में लगी थी और मेरा लण्ड उसकी चूत में पूरा घुस गया तो मैं भी उत्तेजित हो कर तेज़ झटके मारने लगा।

अब मैं आनन्द की चरम सीमा पर पहुँच गया और मानो स्वर्ग में पहुँच गया। चूत मारते समय उसके होंठों और चूचों को भी खूब चूसा और तेज़-तेज़ झटकों के साथ झड़ गया। थोड़ी देर तक हम एक दूसरे को चूमते रहे, फिर अलग हो गए।

मैं कपड़े पहनने लगा तभी एक और लड़की मेरे पास आई और फ़िर से मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरे लन्ड की मुठ मारने लगी और मेरा लन्ड फ़िर खड़ा हो गया। मैं उस लड़की की चुदाई करने लगा और नेहा भी किसी और के साथ लग गई। उस रात मैंने शायद तीन लड़कियों को चोदा।

उसके बाद यह सिलसिला करीब एक साल तक चलता रहा और मैंने कई लड़कियों को चोदा।

आपको मेरी कहानी कैसी लगी मुझे बताइए।