वासना की मारी मेरी जंगली पड़ोसन

एक बार मेरी पड़ोसन सेक्सी पंजाबी गर्ल रात को अचानक मेरे फ्लैट पर आई। जब तक मैं उसकी बातों को समझ पाता, उसने मेरे सामने अपनी नाईटी उतार दी.

दोस्तो, यह कहानी अंकिता की है जो कि मेरी पड़ोसन है।
मैं इसमें आपको बताऊंगा कि कैसे मैंने अपनी पड़ोसन अंकिता की चुदाई की।
तो चलिए सीधे पंजाबी गर्ल सेक्सी कहानी की शुरुआत करते हैं।

मैं एक कंपनी में काम करता हूं और पास के एक फ्लैट में रहता हूं।
मेरे पड़ोसी के फ्लैट में लड़कियों का एक समूह रहता है। वे सभी देश के अलग अलग राज्यों से आयी हुई हैं, काम, जॉब करती हैं, लेकिन मुझे नहीं पता कि कौन सी कंपनी में जाती हैं।
मुझे बाद में पता चला था कि अंकिता पंजाब से आयी हुई है.

उन दिनों त्यौहारी छुट्टी थी और मेरे पास कुछ काम लंबित था इसलिए मैंने घर न जाकर केवल फ्लैट में रहने का फैसला किया।
यहाँ रहने का एक और कारण यह था कि मैं काम के लिए कुछ अवकाश चाहता था।

मैं फिल्मों का आनंद लेता हूं और यहां-वहां घूमता रहता हूं इसलिए मुझे एक ब्रेक की जरूरत थी।

दोपहर के करीब 11.30 बजे का समय था।
मैं सो रहा था और मेरे दरवाजे की घंटी बजी।

घर में मैं अपने हॉल के फर्श पर बनियान में ही लेटा था और नीचे लोअर पहनी थी।

मैंने दरवाजा खोला और दरवाजे की तरफ से झाँक कर देखा तो अंकिता वहाँ खड़ी थी।

उसे देख मैं चौंक गया- हां जी?
अंकिता- क्या तुम रिपेयरिंग करना जानते हो?
मैं- क्या?
अंकिता- करंट … बिजली! मेरी रसोई में करंट नहीं आ रहा है। क्या आप मदद कर सकते हैं?

मुझे समझ नहीं आया कि एकदम से क्या जवाब दूं तो मैं बोला- मुझे ज्यादा नहीं पता, फिर भी चलो … देखते हैं।
अंकिता- ठीक है, आइए।

मैंने अपनी कमीज़ बिस्तर से उठाकर पहन ली और उसके पीछे हो लिया।
मैं आधी नींद में था इसलिए शाब्दिक रूप से मैं क्या कर रहा हूँ मुझे नहीं पता था। मैं बस उसका अनुसरण करता हुआ जा रहा था।

उसके साथ जाकर मैंने रसोई में प्रवेश किया।

मैंने सभी स्विच की जाँच की, तब मैंने जाकर मुख्य बिजली सप्लाई के लिए जाँच की।
मैंने देखा कि एक एमसीबी नीचे था तो मैंने सिर्फ एमसीबी उठाकर चालू की।

अंकिता- ओह! ये समस्या थी, धन्यवाद।
मैं- ठीक है।
अंकिता- तुम घर नहीं गए त्यौहार पर?
मैं- नहीं, मुझे कुछ काम है इसलिए घर नहीं जाने का फैसला किया।

वो बोली- हाँ! वही मैंने भी सोचा। मेरे सभी दोस्त चले गए, केवल मैं ही हूं यहां। बाय … और एक बार फिर से धन्यवाद।
मैं-ठीक है।

उसके बाद मैं अपने कमरे में आया और फ्रेश होकर अपना काम किया।

रात में मैं अपने लैपटॉप पर एक सीरीज देख रहा था, 11 बजे के करीब का वक्त था।

अचानक मेरे फ्लैट की घंटी बजी।
मैं खड़ा हुआ और दरवाज़ा थोड़ा सा खोल कर देखा तो अंकिता वहाँ खड़ी थी।

मैं- हाँ!
अंकिता- क्या मैं अंदर आ सकती हूँ?
मैं- ज़रूर।

वह अंदर आई और मैंने दरवाजा बंद कर दिया।
मैं उसकी आँखों में देखने लगा; समझ नहीं पा रहा था कि इतनी रात आने का मतलब क्या था उसका!

अंकिता- तुम यहाँ अकेले रहते हो?
मैं- हां।
अंकिता- मुझे नींद नहीं आ रही थी तो सोचा तुमसे आकर बात कर लूं … पड़ोसन होने के नाते आ तो सकती हूं न? अगर तुम्हें डिस्टर्ब हो रहा है तो मैं चली जाती हूं?

मैं- नहीं-नहीं, ऐसी कोई बात नहीं है। मैं भी अकेला ही था तो मुझे भी साथ मिल जाएगा।
फिर मेरे साथ वो अंदर आ गई।

अंकिता- ये क्या कर रहे हो?
लैपटॉप खोलते हुए मैंने कहा- बस कुछ सीरीज देख रहा था।
अंकिता अचानक- तुम्हारी गर्लफ्रेंड है?

मैं बिलकुल खाली- न..नहीं … क्यों, क्या हुआ?
अंकिता- नहीं, मेरा मतलब कि दिखने में अच्छे हो, कमाते भी हो, शायद होगी, आजकल तो सभी की होती है।

फिर मैं बोला- नहीं, वैसे पहले थी। अब सिंगल हूं। उसके जाने के बाद किसी से उस हद तक बात ही नहीं हुई कि गर्लफ्रेंड बना सकूं।
वो बोली- ओह्ह … चलो कोई बात नहीं।

काफी देर तक वो मुझसे सवाल जवाब करती रही।
उसकी बातों से लग रहा था कि उसके मन में कुछ है।
अभी तक केवल मैंने उसको दूर से देखा था और ज्यादा बात भी नहीं हुई थी।

हम दोनों बातें करते रहे और घंटाभर बीत गया।

मैंने उसको कॉफी के लिए पूछा.
तो उसने भी हां कर दी।
मैंने कॉफी बना दी और वो भी किचन में साथ ही खड़ी रही।

कॉफी पीते हुए अचानक वो पूछ बैठी- सेक्स किया है कभी?
मैं निशब्द सा उसको एकटक देखता रह गया।
फिर थोड़ा सोचकर बोला- नहीं, बस थोड़ा बहुत ऊपर से किया है।

वो बोली- ओह्ह … मतलब एक्सपीरियंस नहीं है।
मैं- हां, ज्यादा नहीं है।

उसकी बातों से मैं हैरान था और कहीं मेरे मन में सेक्स के ख्याल भी आने लगे थे।
वैसे भी कोई जवान लड़की आधी रात के समय ऐसे ऐसे सवाल पूछे तो भला किसका लंड खड़ा नहीं होगा।

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फिर उसने जो किया वो मेरी कल्पना के भी बाहर था।
उसने नाइटी पहनी हुई थी और एकदम से उसको खोलकर मेरे सामने कर दिया।
उसने नीचे से ब्रा-पैंटी पहनी थी।

मुझे दोनों हाथों से नाइटी खोलकर दिखाते हुए बोली- कैसी लगती हूं मैं देखने में?
उसका ये बर्ताव मुझे हैरान कर गया था।

मैं बोलता तो क्या बोलता … हॉट लग रही हो … नहीं … ऐसा नहीं कह सकता था।

मैंने कहा- बहुत अच्छी लग रही हो।
वो बोली- बस?? अच्छी?
मैं हड़बड़ा गया।

उसके पास ऐसा संपूर्ण शरीर था। सभी चीजें एकदम तराशी हुई जैसे … उसके स्तन … उसके कूल्हे, उसकी गोल गांड, चेहरा, बाल … सभी कुछ तो मादक था।

फिर मैंने भी सोचा लिया कि आज कुछ हो जाना है।
शर्म खोलकर मैं बोला- जो तुम्हारे साथ सेक्स करेगा वो स्वर्ग से कम सुख नहीं पाएगा।
अंकिता- मुझे चोदना चाहते हो?

उसकी आंखों की हवस को पढ़ते हुए मैं बोला- हां … चाहता हूं।
अंकिता- अपने सारे कपड़े निकालो और न्यूड हो जाओ।

मैंने अपने सारे कपड़े जल्दी से खोल दिए और उसके सामने नंगा हो गया।
मेरा लंड बहुत टाइट हो गया था और पूरा उबल रहा था।

वो मेरे पास आयी और मेरे चेहरे पर जहां तहां किस करने लगी; कभी गालों पर तो कभी होंठों पर।
साथ में मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने लगी।

मैंने भी उसके होंठों को अपने होंठों की गिरफ्त में ले लिया और दोनों एक दूसरे लिपटते हुए एक दूसरे के जिस्म को जहां तहां से चूमने लगे।

उसका हाथ बहुत गर्म था। उसने मेरे लंड को हिलाया और फिर अपने हाथ पर कुछ थूक लगाया और उसे फिर से हिलाया।
उसके बाद उसने अपनी ब्रा को हटा दिया और अपनी पैंटी खोल दी।

स्तन उसके एकदम से टाइट लग रहे थे। उसके निप्पल सख्त हो गए थे।
उसकी चूत इतनी फूली हुई थी कि पाव रोटी हो चुकी थी। लग रहा था जैसे बहुत देर तक उसको सहला कर आई हो।

चूत पर छोटे बाल थे।
उनकी वजह से वह इतनी हॉट और सेक्सी लग रही थी कि उसकी चूत को चोद चोदकर फाड़ देने का मन कर रहा था।
मैं यकीन नहीं कर पा रहा था कि मेरी पड़ोसन जवान लड़की मेरे सामने चूत खोलकर खड़ी है।

मैं उसके स्तन पकड़कर दबाने लगा, उसकी गर्दन और होंठ चाटने लगा जैसे कुत्ते को कई महीने बाद रोटी मिली हो।

कुछ मिनटों के बाद उसने अपना मुँह मेरे मुँह के अंदर कर दिया और हम एक दूसरे का मुँह चाटते रहे।

अंकिता- अपनी जीभ बाहर निकालो।
मैंने जीभ को बाहर कर दिया।

वह पागलों की तरह मेरी जीभ चूसने लगी, मेरे सिर को पकड़ने लगी; कभी मेरे बालों को पकड़ कर खींचने लगी।

मेरी जीभ को बहुत बुरी तरह से चूस रही थी वो!
मैं एक हाथ से उसकी गांड को दबा रहा था। दूसरे हाथ से उसके बूब्स को इतनी जोर से दबा रहा था कि उसकी कराहटें निकलने लगी थीं।

अंकिता- जैसे मैंने किया अब मेरे साथ भी ऐसा ही करो।
मैंने उसे पकड़ कर दीवार के साथ दबा दिया और उससे कहा- अपनी जीभ बाहर निकालो।
उसने जीभ निकाल दी और मैं उसकी जीभ को चूसता रहा।

मैं दीवार पर जोर से उसको दबाते हुए चूसने लगा।
हम दोनों एक दूसरे के मुंह को जैसे खाने पर उतारू थे।

जब अनजाने इन्सान के साथ अचानक सेक्स होता है तो ऐसे ही हालात बन जाते हैं।

अंकिता- अपनी लार मेरे मुँह में डालो।
उसने अपना मुंह खोल लिया और मैंने अपनी लार उसके मुंह में डाली।

वो काफी हवशी होती जा रही थी।
इधर मेरा लंड फटने को हो चुका था।

बार बार मैं उसकी चूचियों में मुंह मार रहा था। कभी उसके चूचों को जोर से भींच देता था तो कभी निप्पलों को काट लेता था।
उसकी चूचियों पर लाल लाल कई निशान हो चुके थे।

अंकिता- चूस मेरी चूत को अब!
मैं बैठ गया और अपना मुँह उसकी चूत में डाल दिया।
उसने अपना एक पैर मेरे कंधे पर रख दिया क्योंकि हम अभी भी दीवार के पास थे।

उसकी चूत इतनी गीली हो चुकी थी कि रस बाहर तक बहकर आने लगा था।
मैंने अपना मुँह लगा दिया और उसे चूसना और चाटना शुरू कर दिया।
वह जोर जोर से कराहने लगी।

अंकिता की मादक आवाज मुझे इतना पागल कर रही थी कि मैंने और जोर से चाटना शुरू कर दिया।

कुछ मिनटों के बाद उसने मेरे मुंह के अंदर ही पानी निकाल दिया।

चूत का पानी मेरे मुंह तक आया तो मैंने चूत को बेतहाशा चूसना और चाटना शुरू कर दिया।
अंकिता- उफ्फ! अब बिस्तर पर ले चलो।

हम दोनों जल्दी से बेड की ओर गए और मैं बिस्तर पर लेट गया और वो मेरे ऊपर आ गयी।

उसने मेरा लंड पकड़ा और उस पर थूक दिया।
फिर उसने अपने मुंह में लंड लेकर चूसा और दो तीन बार ऐसे ही थूक थूककर चूसा।

कितना अच्छा लग रहा था!

वो मेरी गांड को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर लंड चूस रही थी।
मैं उसके सिर को दबाए जा रहा था।
अंकिता- मुझे चोदो यार … चोद दो मुझे।

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मैंने एक हाथ से उसके बाल पकड़ लिए और दूसरी तरफ मैं उसकी गर्दन दबाने लगा।
मेरा मन कर रहा था उसके मुंह को ही चोदता रहूं।

मगर अब उसकी चूत लंड मांग रही थी।
वह बिस्तर पर लेट गई और मैं उसके ऊपर आ गया।

मैं उसके शरीर को चाटने लगा और उसके स्तन चूसने लगा। मैं इसे इतनी बुरी तरह से चूस रहा था कि वो तड़प उठी थी।

उसके पूरे बदन पर मैं हाथ फेर रहा था। ऐसा लग रहा था कि जितना मजा लेना है अभी ले लूं। फिर ये नहीं मिलने वाली।
उसके कूल्हों पर मैंने दांतों से काटकर निशान कर दिए।

मगर उसके जिस्म को चूसने और चाटने की ख्वाहिश इतनी प्रबल थी कि मैं अभी उसको चोदने के बारे में सोच भी नहीं रहा था।
मैंने उसके मुंह के अंदर मुंह डाल दिया और हम दोनों एक दूसरे के मुंह को फिर से खाने लगे।

चुंबन के बीच में वह अपने मुंह में थूकने के लिए कह रही थी।
मैं बार बार उसके मुंह में थूक रहा था।

लगभग दस मिनट तक हम दोनों एक दूसरे के थूक से ही खेलते रहे।

उसके बाद मैं नीचे की ओर बढ़ा और उसकी चूत को चाटना शुरू किया।
वो बहुत गीली थी और हम दोनों को बहुत पसीना आ रहा था।

मैंने अपनी जीभ उसकी चूत के अंदर डाल दी और उसे चूसने लगा।

फिर मैंने उसकी गांड पर थूक लगाया और रगड़ने लगा।
मैं उसकी चूत को अपने मुँह से चाट रहा था और एक हाथ से मैं उसकी गांड को रगड़ रहा था, दूसरे हाथ से उसके बूब्स दबा रहा था।

वो मेरे सिर को अपने हाथों से पकड़ रही थी।
वो इतनी जोर से कराह रही थी कि मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था।
अब शायद उसकी चूत और बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी।

अंकिता- अब लंड को अंदर करो और मुझे कुतिया की तरह चोदो।
मैंने अपना लंड उसकी गीली चूत के अंदर डाल दिया।

ऊ … ओ … ओह … हम दोनों के ही मुंह से निकल पड़ा।

उसकी टाइट चूत थी और उसके अंदर इतनी गर्मी थी कि मेरा लंड जैसे तपने लगा।

मेरे लंड अंदर डालने पर वो जोर से चीखने और तेज तेज सांसें लेने लगी।

धीरे धीरे मैंने पूरा लंड उसकी चूत के अंदर डाल दिया और उसे धीरे धीरे चोदना शुरू कर दिया।
वह मुझसे लिपटने लगी।
मैं भी उसकी चूत चोदते हुए जैसे स्वर्ग सा आनंद पाने लगा।

अंकिता- आह्ह … मजा आ रहा है … ओह्ह … आह्ह … हाए … लंड … आह्ह … लंड … तुम्हारा लंड … अब मुझे जोर से चोदो।
मैंने अपनी गति बढ़ा दी और जोर जोर से चोदने लगा।

मेरा बिस्तर इतनी बुरी तरह से हिल रहा था कि लग रहा था जैसे टूट जाएगा।
इसलिए मैंने उसे उठाकर फर्श पर लिटा दिया और उसे चोदना शुरू कर दिया।

अब मैं बहुत कामुक हो चुका था और उसकी चीख और कराहटें मुझे पागल बना रही थीं।

मैंने पूरे जोश में उसे चोदना शुरू कर दिया।
वह मुझे छाती पर काटने लगी।

अब उसने मुझे थप्पड़ मारना और गाली देना भी शुरू कर दिया जिससे मैं पागल हो गया।
मैंने उसे पागलों की तरह चोदना शुरू कर दिया।

वह और जोर से चीखने लगी जैसे कि पोर्न फिल्मों की रंडी हो और कइयों से एक साथ चुद रही हो।
वो बार बार मुझे गाली देने लगी।
मैं उसके दोनों कन्धों को पकड़ कर पागलों की तरह चोद रहा था।

उसकी आंखों में आंसू आने लगे।

मेरा लंड हथौड़े की तरह उसकी चूत को पीट रहा था।
वो बार बार मेरे सीने और कंधे पर काट रही थी; कभी मेरी पीठ पर नाखूनों को गड़ा रही थी।

10 मिनट की कड़ी और खुरदरी चुदाई के बाद उसने मुझे इतना सख्त कर दिया कि मेरा लंड फटने को हो गया और एक चीख के साथ उसका बदन अकड़ गया।
उसकी चूत से न जाने कितना पानी निकला और उसकी जांघें पूरी गीली हो गईं।

अभी तक मेरा पानी नहीं गिरा था और मेरा लंड अभी भी कठोर था।

अंकिता अब थकी हुई लग रही थी।
इसलिए मैंने अपने लंड को बाहर निकाला और अंकिता को उठाकर बिस्तर पर लिटा दिया।

फिर मैंने उसको पांच मिनट तक बिस्तर पर चोदा और फिर उसकी चूत में खाली हो गया।

मेरी सारी ताकत पंजाबी गर्ल की सेक्सी चूत ने निचोड़ ली।
मगर इतना आनंद आया कि मेरी आंखों में चुदाई का नशा भर गया।

उस रात हम दोनों एक दूसरे से लिपटकर नंगे ही सोते रहे।

जब तक उसकी सखी नहीं आई, तब तक वो छुट्टियों में रोज मुझसे चुदती रही। मुझे ऐसा मजा कभी नहीं आया था जैसे उसके साथ आया।

दोस्तो, ये थी पंजाबी गर्ल सेक्सी कहानी … आपको ये स्टोरी कैसी लगी मुझे बताना जरूर।
आपकी प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा।
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