पंजाबी भाभी की मस्त चुदाई

Bhabhi Ki Chudai सभी लंड धारियों को मेरा लंडवत नमस्कार और चूत की मल्लिकाओं की चूत में उंगली करते हुए नमस्कार। के माध्यम से आप सभी को अपनी स्टोरी सुना रहा हूँ। मुझे यकीन है की मेरी सेक्सी और कामुक स्टोरी पढकर सभी लड़को के लंड खड़े हो जाएगे और सभी चूतवालियों की गुलाबी चूत अपना रस जरुर छोड़ देगी।

ही फ्रेंड्स, मेरा नाम विजय सिंग है. आज मैं आप सब के लिए अपनी जिंदगी की एक सच्ची घटना ले कर आया हूँ. मुझे उमीद है आप को मेरी ये कहानी पसंद आएगी. तो चलिए फिर जल्दी से कहानी शुरू करते है.

दोस्तो मेरा नाम विजय है और मैं पुंजब मे रहता हूँ. मेरी पूरी फॅमिली एक साथ ही रहती है. मेरे बड़े से घर मे मेरे चाचा, चाची ताया ताई सब रहते है. मेरी उमर 24 साल है और मैं अपनी स्टडी पूरी करके एक अपनी मोबाइल शॉप ओपन कर रखी है. मेरा काम बहुत अछा चल रा है.

इसलिए मेरे लिए काफ़ी काफ़ी आचे अच्छे रिश्ते आने शुरू हो गये थे. पर आज की मेरी ये कहानी मेरे और मेरी भाभी के बीच की है. मैं अपने घर वालो का एक ही लड़का हूँ. मेरे घर मे मेरे ताया जी का बड़ा लड़का लंडन गया हुआ है. उसकी शादी आज से 4 साल पहले हो गयी थी. शादी के बाद ही एक साल मे उसको एक लड़की हो गयी थी.

उसके बाद वो वापिस से लंडन चला गया था. जिससे उसकी शादी हुई थी उसका नाम सुखविंदर कौर है. यानी वो मेरी भाभी है पर उसे हम सब प्यार से सुखी कहते है. भाभी सच मे बहुत ही कमाल की औरता है. वो पटियाला से है और पटियाला का सूट और लड़किया आप को पता ही है कितनी मशहूर है.

मेरी भाभी सुखी 26 साल की है और एक दम मस्त है. उसका फिगर 34-32-34 है. रंग गोरा नैन नक्शा कमाल के थे. गुलाबी होंठ जब भी खुलते थे तो अंदर से उसका लाल मूह दिखता था. जिसे देखते ही अंदर लंड घुसाने का दिल करता था. पर दोस्तो मैं सच बतता हूँ की मैने आज तक कभी अपनी भाभी को ग़लत नज़र से न्ही देखा था. पर एक दिन कुछ ऐसा हुआ की मेरा मन भाभी की तरफ से एक दम ही बदल चुका था.

हुआ कुछ ऐसे ही एक दिन मैं भाभी मेरे घर पर आई हुई थी. और सोफे पर बैठी अपनी लड़की को दूध पीला रही थी. जब मैं अपनी शॉप के लिए जा रा था तो मैने जाते हुए गुड़िया के सिर पर बड़े प्यार से हाथ फेर दिया. पर हाथ उसके सिर पर लगते हुए मेरा हाथ थोड़ा सा उसके बूब्स पर भी टच हो गया.

ये मेरे साथ पहली बार हुआ था इसलिए मेरा ध्यान उस पर बिल्कुल भी न्ही गया था. अगले दिन फिर से ये ही हुआ और मेरा हाथ आज भी उसके बूब्स पर थोड़ा सा टच हुआ. पर आज मैने महसूस किया की मेरा हाथ आज एक सॉफ्ट चीज़ से लगा है. उस टाइम मेरी गान्ड फट गयी की कही भाभी कुछ बोल ना दे. पर भाभी मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी.

भाभी को मुस्कुराते देख मेरी जान मे जान आई. फिर मैं अपनी शॉप पर चला गया. और मैं पूरा दिन भाभी के उस सॉफ्ट बूब्स के बारे मे सोचता रा. अगले दिन मैं जब घर से निकालने वाला था तभी फिर भाभी अपनी लड़की को मेरे सामने दूध पीला रही थी. मैने आज भी हिम्मत के उसको प्यार करने के बहाने भाभी के बूब्स को टच कर लिया.

आज मैने बूब्स को छुआ ही न्ही बल्कि थोड़ा सा मसल सा भी दिया. आज फिर भाभी मेरी आँखो मे आँखें डाल कर मुस्कुराने लग गयी. मेरी अब हिम्मत बढ़ चुकी थी. मैं फिर से अपनी शॉप पर आ गया था. और मैं सोच लिया अब इस पटियाला के माल को चोद कर ही मनुगा. और इसे अपने लंड की सैर ज़रूर करूँगा. भाभी की मुस्कुराहट को देख कर तो ऐसा लगता था की वो भी ये चाहती है.

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अगले दिन जेसे ही मैं हर रोज की तरह भाभी के बूब्स को मसलने लगा तो भाभी तभी बोली क्या देवर जी आप भी हर रोज मेरे अंदर आग लगा कर चले जाते हो ये अच्छी बात न्ही है.

ये सुनते ही मैं खुश हो गया और मैं बोला अरे भाभी आप को ये अछा लगता है. मेरी तो गान्ड फॅटी थी की कही आप किसी को बता तो नही दोगे.

और भाभी बोली अरे मैं भी ये सोचती थी की कही तू किसी को ना बता दे. हम फिर ज़ोर ज़ोर से हस्ने लग गये और जाते जाते आज मैने भाभी का पूरा बूब्स अपने हाथ मे ले कर मसल दिया. और फिर अपनी शॉप पर आ गया. भाभी के मूह से आअहह आहह की आवाज़ अभी तक मेरे कानो मे गूँज रही थी. मेरा मन आज काम मे ज़रा सा भी न्ही लग रा था. मैं बैठा भाभी को चोदने का प्रोग्राम बना रा था.

घर पर तो मैं भाभी को किसी भी हालत मे न्ही चोद सकता था. क्योकि घर मे हर टाइम कोई ना कोई होता ही है और उपर से हमारी फॅमिली भी काफ़ी अच्छी है. मैं भाभी को फोन किया और इस बारे बात करी भाभी ने मुझे कहा की घर मे तो रिस्क लेना ही न्ही है चाहे जो हो जाए. मैने कहा भाभी फिर आप ही कुछ सोचो और कोई प्लान बनाओ. मुझसे अब बर्दाश न्ही हो रा है. भाभी ने सोचती हूँ कुछ कह कर फोन कट कर दिया.

हम दोनो प्लान बनाने लग गये और ऐसे ही कुछ दिन निकल गये. इन दीनो मे मैने भाभी को खूब चूसा. क्योकि हम दोनो कोई ना कोई मौका तो देख ही लेते थे. ऐसा हम दोनो कर तो रहे थे पर इससे हम दोनो की अंदर की आग और भी ज़्यादा बढ़ चुकी थी. अब हम दोनो आउट ऑफ कंट्रोल हो रहे थे. पर कोई रास्ता न्ही निकल रा था.

फिर वो दिन आ ही गया जिस दिन मुझे अपनी प्यारी सुखी भाभी को जन्नत के सुख देने वाला थी. मैं शॉप पर काम कर रा था की तभी मम्मी का फोन आया की मैं घर अभी आ जौन. क्योकि मुझे भाभी के साथ उनकी बेहन के घर जाना था. भाभी की बेहन का घर राजपुरा मे था. और मैं उनकी ये बात सुनते ही समझ गया की आज तो भाभी की चूत समझो फट ही गयी.

मैं जल्दी से घर गया और घर जाते ही देखा की भाभी पूरी तैयार हो कर मेरा ही वेट कर रही है. उन्होने कहा की चलो देवर जी मैने आप की सारी पॅकिंग कर ली है. ये कहते हुए उन्होने मुझे आँख मार दी. फिर हम दोनो घर से निकल लिए. हमारे घर से भाभी की बेहन का घर ज़्यादा दूर न्ही है. रास्ते मे ही भाभी ने मुझे कहा की मेरी बेहन हरणीत किसी शादी मे गयी हुई है वो 3 दिन बाद ही आने वाली है.

इसलिए उसके घर मे सिर्फ़ उसकी सासू मा ही होगी. मैं भाभी के दिमाग़ की दात दे रा था. अब मैं ज़रा भाभी की बेहन के बारे मे भी बता दू. भाभी की बड़ी बेहन हरणीत कौर है. उनके पति भी यूयेसे गये हुए है. वो यहन अपने बेटे और अपनी सासू मा के साथ ही रहती है. उसका बेटा भी 8 साल का है. और भाभी ने मुझे बताया की वो अपनी किसी ख़ास्स शादी मे गयी हुई है. इसलिए हम दोनो बड़े आराम से वहाँ पर मस्ती करेगें.

भाभी ने अपनी बेहन से पहले से सारी बात कर ली थी. की उससे अपने घर से कुछ दीनो के लिए दूर रहना है इसलिए वो आपके घर मे रहना चाहती है. हरणीत ने झट से अपनी छोटी बेहन को हन कह दिया. उसके बाद हम दोनो हरणीत के घर पहुँच गये और भाभी ने उनके घर आते ही अपने घर और अपनी बेहन को फोन कर दिया.

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उनकी सासू मा ने कहा की वो 2 दिन मे आजाएगी. रात होने वाली थी इसलिए मैं बहुत खुश था की बस अब तो भाभी की चूत मुझसे ज़्यादा देर न्ही बच पाएगी. फिर रात हो गयी डिन्नर करने के बाद सासू मा बोली की सुखी मेरे पास सो जाएगी और तू मेरे बेटे के कमरे मे सो जा. उनकी ये बात मुझे ऐसी लगी मानो किसी ने मेरे खड़े लंड पर ज़ोर से लात मार दी हो.

फिर मैं एक दम उदास सा हो गया. पर भाभी ने मुझे आँख मारी तब मैं थोड़ा सा खुश हुआ की शायद भाभी यहाँ पर भी अपना दिमाग़ यूज़ करेगी. मैं चुप चाप दूसरे रूम मे चला गया. मेरा मन तो जेसे मर ही गया था. मुझे उस बुढ़िया पर बहुत गुस्सा आ रा था. मैं चुप चाप अपने मूह पर चादर करके सो गया.

करीब 30 मिनिट बाद मेरे बिस्तर पर कुछ हलचल हुई. जब मैने देखा तो मेरे साइड मे भाभी लेटी हुई थी. भाभी ने कहा ले अब खुश है तू मैने उस बुढ़िया को सुला दिया है. ये सुनते ही मैं खुश हो गया पर मैने कहा की अगर वो उठ गयी तो. भाभी ने कहा मैने उसे नींद की गोली दे दी है और उसके रूम को बाहर से लॉक कर दिया है अब देखती हूँ की साली बाहर केसे आती है.

फिर भाभी ने मुझे बाहों मे ले लिया. और मैने भाभी को अपनी बाहों मे भर लिया. मैने उनके दोनो होंठो को चूसना शुरू कर दिया. होंठो को अच्छे से चूसने के बाद मैने उन्हे पूरा नंगा कर दिया. उनके दोनो बूब्स को मैने पहले जीब से चाटा और फिर धीरे धीरे उनके बूब्स को चूसने लग गया. मेरे मूह मे उनके बूब्स का दूध आ रा था.

जिसे मैं बड़े मज़े मे पी रा था. तभी भाभी ने मुझे थापड़ मारा और कहा कुत्ते ये मेरी बेटी के लिए है तेरे लिए न्ही है. फिर मैने उसके बूब्स को छोड़ दिया और उसकी चूत के पास चला गया. मैने अपना मूह दोनो टॅंगो के बीच सेट किया और ज़ोर ज़ोर से अपनी जीब से भाभी की चूत को चाटने लग गया.

भाभी की चूत मे से कुछ ही देर मे पानी निकलने लग गया. जिसे मैं चाट चाट कर पीने लग गया. भाभी अब पागल सी होने लग गयी थी तभी भाभी ने मेरा सिर ज़ोर से पकड़ लिया और अपनी चूत मे लगा दिया. और अपनी चूत का सारा पानी मेरे मूह के अंदर डाल दिया. भाभी ने अब मुझे कहा की उन्हे मेरा लंड चूसना है.

मैं उनके उपर 69 की पोज़िशन मे आ गया और उनके मूह मे अपना लंड डाल दिया. भाभी मेरा लंड देख कर हैरान रह गयी क्योकि उन्होने ऐसा लंड कभी न्ही देखा था. मेरा लंड अपने मूह ले कर उन्होने अच्छे से गीला कर दिया था. अब लंड उनकी चूत मे जाने के लिए तड़प रा था. मैने उनकी चूत पर लंड रखा और ज़ोर से धक्का मारा मेरा लंड आधा उनकी चूत मे समा गया था. उसके बाद मैने 2 धक्के ज़ोर से मारे और लंड पूरा भाभी की चूत मे था.

करीब 20 मिनिट तक भाभी दर्द से तड़पति रही पर उसके बाद उसने खुल कर सेक्स के मज़े लिए. हम दोनो उस रात 4 बार चुदाई करी और भाभी ने मुझे चुदाई के पूरे मज़े दिए. सुबह के 5 बजे भाभी उठ कर अपनी बेहन के रूम मे चली गयी. हम दोनो वहाँ 2 दिन रहे और 2 दीनो मे हम दोनो 16 बार सेक्स किया.