जाट आंदोलन के वक्त मैं धरने पर बैठा था. काफी बड़ा टेंट लगा था. यहां पुलिस वालों की तैनाती की गई. एक रात मेरा दोस्त मुझे टेंट से बुला कर ले गया. उसने मुझे क्या दिखाया?
लेखक की पिछली कहानी: मेरे कॉलबॉय बनने की कहानी
दोस्तो, मेरा नाम सुनील है, मैं हरियाणा के रोहतक का रहने वाला हूं और एक जाट हूं. मैं दिखने में हट्टा-कट्टा 5 फुट 11 इंच लम्बा लड़का हूँ.
ये बात हमारे जाट आंदोलन की है. करीब दो साल पहले पास के एक गांव जस्सीया में जाट आंदोलन के लिए धरने पर बैठने के लिए वहां पर काफी बड़ा टेंट लगाया गया था. जिसमें हमारे जाट समुदाय के काफी लोगों ने हिस्सा लिया. यहां पर हरियाणा सरकार की तरफ से पुलिस वालों की तैनाती की गई, ताकि किसी तरह की कोई हिंसक घटना ना हो.
पुलिस वालों की संख्या 300 के लगभग थी, जिसमें 60-70 महिला पुलिस वाली भी थीं.
पुलिस वालों के भी टेंट लगाए गए थे, जिसमें महिला पुलिस का टेंट अलग था. पुलिस रात के समय भी वहीं रहती थी.
दो तीन दिन तो ऐसे ही निकल गए. मैं भी रात को आंदोलन वाले टेंट में ही रहता था. सर्दियों का समय था, तो हम सब रज़ाई ओढ़ा करते थे. खाने के लिए गांव वालों ने खाना बनाने वालों का इंतजाम किया हुआ था. लेकिन वहां पर बाथरूम या लैट्रिंग का सही इंतजाम नहीं था. इसलिए हम लोग और पुलिस वाले सब लोग हल्के होने के लिए खेतों में ही जाते थे.
इसी दौरान मेरी भी जान पहचान गांव के कुछ लड़कों से हो गई थी.
सर्दियों का समय होने की वजह से रात को ओस गिरती थी और कोहरा भी कहर बरपा रहा था.
एक हफ्ते बाद एक रात को एक लड़का अमित, जो कि गांव का ही था, मेरे पास आया और बोला कि मेरे साथ चलो, तुमसे कुछ काम है.
मुझे लगा कि दारू के लिए ले जा रहा होगा. मुझे ठंड लग रही थी. मैंने कम्बल ओढ़ा और उसकी बात मान कर उसके चल दिया.
मैंने उससे पूछा- किधर चलना है. दारू चखना का इंतजाम किधर है.
इस पर वो हंस कर बोला- आज दारू पार्टी नहीं … लाइव ब्लू-फिल्म की जुगाड़ हाथ लगी है.
मैं उसकी तरफ देखने लगा. मैंने सोचा कि साला गांव की किसी भाभी की चुदाई दिखाने की कह रहा होगा.
मैंने उससे जब पूछा कि किस भाभी की चुदाई देखने की जुगाड़ लग गई है?
तो वो बोला- तू चुप रह और बस मेरे साथ चल.
मैं उसके साथ चला गया. वो मुझे दूर खेतों में ले गया, जहां मेरी पहचान वाले तीन लड़के पहले से मौजूद थे.
उन्होंने मुझसे कहा कि यहां पर इस खेत में 4 महिला पुलिस वाली और कुछ पुरुष पुलिस वाले हैं, जो आपस में चुदाई कर रहे हैं. हम लोग उन्हें चुदाई करते देखेंगे.
उनकी ये बात सुनकर मेरी आंखें फ़ैल गईं कि इन कमीनों ने पुलिस वालियों की चुदाई देखने की जुगाड़ बना ली. पहले तो मुझे कुछ डर लगा कि कहीं कोई लफड़ा न हो जाए. पर उन लोगों ने मुझे आश्वस्त किया कि कुछ नहीं होगा.
उनके पास दो टॉर्च भी थीं. इसी योजना के साथ हम पांचों खेत में दबे पांव चलने लगे. कुछ दूर खेत में से एक ओर से आवाजें आ रही थीं, तो हम उसी तरफ को चलने लगे. जब हम वहां पहुंचे, तो देखा कि वहां पर तीन महिला पुलिस वालीं और तीन ही पुरुष पुलिस वाले थे. तीनों जोड़े बना कर कुछ कुछ दूरी पर थे. उनकी पुलिस वालियों की उम्र 25-30 साल के लगभग थी.
हम लोग उनसे करीब दस मीटर दूर थे. खेत और धुंध की वज़ह से हम उन्हें नजर नहीं आ रहे थे. वो तीनों जोड़े एक दूसरे को किस कर रहे थे. हम उनकी चुदाई का इंतजार करने लगे.
करीब 10 मिनट बाद महिला पुलिस वालियों ने अपनी अपनी सलवार और कुर्ती खोल दी और वहां बिछाई हुई चादरों पर लेट गईं. ये चादरें शायद वो अपने साथ ही लेकर आए थे. पुलिस वालों ने भी अपनी पैंट और शर्ट उतार कर अपने अपने साइड में रख लीं.
वो पुलिस वालों से कहने लगीं- जल्दी जल्दी करो … ठंड बहुत है.
पुलिस वालों ने भी चड्डी उतारकर चुदाई शुरू कर दी. हम सब देख रहे थे. कोई 15 मिनट की बाद वो सब उठ गए और अपने अपने कपड़े पहन कर चादर लपेट कर चलने लगे.
तभी एक और जोड़ा सामने से आता दिखा, जो शायद कुछ और दूरी पर चुदाई करके निपटा होगा. उस जोड़े पर हमारा ध्यान नहीं गया था.
उन सबके जाने के बाद हम भी अपने टेंट में वापिस आ गए और आपस में बात करने लगे कि ये लोग यहां पर भी मजे कर रहे हैं और हम लोग सूखे ही हैं.
खैर इसके बाद गांव के लड़के चले गए और मैं सो गया.
अगले दिन सुबह वो चारों लड़के मेरे पास आए और बोले कि आज रात की प्लानिंग करते हैं. हम भी किसी तरह उन महिला पुलिस वालियों की चुदाई कर सकें.
प्लानिंग क्या हो इस पर चर्चा होने लगी. मैंने दिमाग लगाया और उन पुलिस के लोगों को डरा कर भगाने के बाद पुलिस वालियों की चुदाई करने की बात कही.
इस पर अमित बोला- चुदाई में तो टाइम लगेगा. कहीं इस बीच पुलिस वाले लौट आए, तो सब रायता फैल जाएगा.
मैंने उन्हें बताया कि मैंने इसका इंतजाम कर लिया है.
उन्होंने पूछा तो मैंने उन्हें बताया.
हमने पक्की प्लानिंग कर ली और रात होने का इंतजार करने लगे. मैंने एक लड़के की ड्यूटी लगा दी कि वो महिला पुलिस के टेंट पर ध्यान रखे कि वो वहां से कब निकलेंगी.
रात 8 बजे उस लड़के का फोन आया कि 5 महिला पुलिस वालीं टेंट के बाहर फोन पर बात कर रही हैं और सामने सड़क पर 5 पुरुष पुलिस वाले भी फोन पर बात कर रहे हैं. शायद वो लोग आपस में ही बात कर रहे हैं.
सर्दियों के कारण रात भी जल्दी हो जाती थी, तो लगभग 8:45 पर उस लड़के का फिर से फोन आया कि टेंट में से महिला पुलिस खेतों की तरफ गई हैं और जो पुलिस वाले सड़क पर घूम रहे थे, वो भी अब नजर नहीं आ रहे हैं.
हम समझ गए कि आज भी चुदाई चलेगी. हम चारों निकल पड़े और अपने पांचवें साथी के पास पहुँच कर हम पांचों खेतों में घुसकर उन लोगों को तलाश करने लगे. धुंध की वजह से थोड़ी दिक्कत हो रही थी, लेकिन हमने उन लोगों को ढूंढ लिया.
वो 4 पुलिस वाले 4 महिला पुलिस वालियों के गले लगे हुऐ थे और किस कर रहे थे. एक महिला पुलिस उन सबसे अलग खड़ी थी और उनको देख रही थी. हमने दो टीम बना लीं. योजना के अनुसार हम उन सभी के मोबाइल से वीडियो बनाने लगे.
फिर मैंने दो लड़कों को दूसरी साइड भेज दिया और कहा कि जब महिला पुलिस वालीं कपड़े उतारकर लेटेंगी, तब उन सबको दोनों साइड से टॉर्च जलाकर शोर मचाकर डराना है. वो दोनों दूसरी साइड चलेंगे, तो इधर हम लोग रहेंगे.
योजना के मुताबिक़ हम सब अपनी जगह पर आ गए.
करीब 15 मिनट बाद कल की तरह वो कपड़े उतारकर नंगी हो गईं और साथ लाई चादरों पर लेट गईं.
बस यही समय था, जब हम डराकर पुरूष पुलिस वालों को भगा देना चाह रहे थे.
हम तीनों ने टॉर्च जलाकर शोर किया ‘कौन है … कौन है..’
इसी तरह हमारे दोनों साथियों ने दूसरी तरफ से शोर मचा दिया. उन लोगों को कुछ समझ नहीं आया कि ये क्या हुआ. उन्होंने सोचा कि गांव वाले आ गए हैं. पुरुष पुलिस वाले तो वहां से भागने लगे और महिला पुलिस वालीं अपने कपड़े उठाने को भागीं. जब हमने पुरुष पुलिस वालों को भागते देखा, तो हम लोग ये कहते हुए भागकर उस जगह आ गए कि सालों का वीडियो बना लिया है. लेकिन अँधेरे के कारण चेहरे साफ़ नहीं दिख रहे थे. बस अब इन लौंडियों को पकड़ो और गांव ले चलो.
ये सुनकर पुलिस वालों की गांड फट गई और वे भाग गए. मेरा प्लान सफल हो गया था. वे पुलिस वाले अब वापस आने से पहले दस बार सोचेंगे.
इसके बाद हमने देखा कि वहां महिला पुलिस वालीं जल्दी जल्दी अपने कपड़े पहनने की कोशिश कर रही थीं.
वो सब डरी हुई थीं. हमने जल्दी से 2 महिला पुलिस वालियों का हाथ पकड़ लिया और एक दूसरे को कहने लगे कि फोन करके गांव से लोग बुलाओ, इनको नंगी ही पंचायत में लेकर चलेंगे.
ये सब सुनकर वो बहुत डर गईं और कहने लगीं- हमको जाने दो.
इतनी देर में हमारे एक साथी ने उनके उतारे हुऐ कपड़े इकठ्ठा किया और दूर भाग गया. वो डर से और ठंड से कांप रही थीं. हम उन्हें लगातार गालियां दे रहे थे कि सालियों ने यहां गंदगी फैलाई हुई है … गश्ती हैं साली रंडियां.
वो ये सुनकर पूरी तरह से डर गई थीं.
चार बिना कपड़ों के थीं और एक ने कपड़े डाले हुऐ थे. वो सब हाथ जोड़कर कहने लगीं- हमारे कपड़े दे दो, हमें जाने दो … किसी को मत बुलाओ.
इतने में मेरा दोस्त अमित बोला कि एक शर्त पर जाने देंगे, जो तुम लोग उन पुलिस वालों के साथ करने आई थीं. वो हम लोगों के साथ करो, तब जाने देंगे … नहीं तो हम अभी गांव से और लोगों को बुला लाएंगे.
वो सब एक दूसरे का चेहरा देखने लगीं. उनके पास कोई और रास्ता नहीं था. वो मान गईं.
बस फिर क्या था, हमने आवाज लगा कर अपने उस साथी को भी बुला लिया और फिर हमने एक एक को उठाया और थोड़ी थोड़ी दूर ले गए. चादर बिछाकर उन्हें लिटा कर अपना लोअर उतारकर उनकी चुदाई शुरू कर दी.
कसम से ठंड में लंड चुत में क्या घुसा … हीटर का अहसास होने लगा था. थोड़े झटके लगाकर मैं एक पुलिस वाली के ऊपर से उठा और दूसरे साथी के पास जाकर उसे अपनी जगह भेज दिया. मैं खुद उसकी वाली पुलिस वाली को चोदने लगा.
हम पांचों लड़के उन पांचों पुलिस वालियों की चुत में ताबड़तोड़ लंड पेल रहे थे. अमित तो अपनी वाली को चोदते हुए कह रहा था कि साली ये पुलिस वालीं भी बड़ी मस्त चुदवाती हैं. उसके दूध तो देखो कितने कसे हुए हैं.
मैं बगल में ही चुदाई में लगा था. मैंने कहा- इसके भी बड़े मस्त दूध हैं, चल छेद बदल लेते हैं.
हम दोनों चुत बदल कर लंड पेलने लगे. अब तक वे पुलिस वालीं भी लंड से चुदने का मजा लेने लगी थीं.
मेरी वाली तो बेहद सीत्कार करते हुए कह रही थी- तेरा बहुत बड़ा है … मजा आ गया.
इस तरह उन पांचों पुलिस वालियों ने चुत चुदाई का मजा लिया और लंड की ताकत को सराहा.
उस दिन हम लड़कों बदल बदल कर पांचों पुलिस वालियों की चुत में लंड पेला और हम सबने अपना अपना पानी उनकी चुत में ही निकाल दिया.
चुदाई के बाद हम सब उन्हें उनके कपड़े देकर वहां से भाग गए. गांव के लौंडे अपने घरों में चले गए और मैं अपने टेंट में आकर सो गया.
हमारा मिशन कामयाब रहा. हमने अगले दिन भी महिला पुलिस के टेंट पर नजर रखी … लेकिन 3-4 दिन तक कोई खबर नहीं हाथ लगी.
एक दिन रात को महिला पुलिस के टेंट के सामने एक पुलिस जीप 3 पुलिस वालियों को 8 बजे ले गई और रात 11 बजे उन्हें वापिस छोड़ गई. शायद इस बार वे किसी बड़े पुलिस अफसर से चुदवाने गई होंगी.
फिर एक दिन हमारे साथी ने बताया कि अब चुदाई सड़क पार वाले खेतों में होती है.
अगली कहानी में मैं आपको बताऊंगा कि आगे क्या हुआ. इस सेक्स कहानी पर आपके मेल का इन्तजार रहेगा.
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