मेरा नाम कलावती अशोक कलाल (बदला हुआ) है. मैं इंदौर की रहने वाली हूं. मैं एक शादीशुदा औरत हूं. इस कहानी में सच के अलावा कुछ और नहीं है. मैंने अन्तर्वासना को अपनी आत्मकथा बताने का जरिया बनाया है. मैं इस राज को अब और ज्यादा अपने मन में नहीं रख सकती थी.
अपनी आत्मकथा शुरू करने से पहले मैं अपने बारे में कुछ और जानकारी देना चाहूंगी. मेरी आयु 49 साल हो चुकी है. मेरा रंग काफी गोरा है और मेरे दूध मेरे ब्लाउज से बाहर निकलने के लिए बेताब रहते हैं.
मेरे बूब्स का साइज 38 है और मेरी गांड 42 के साइज की है. मेरी चूत एकदम से गोरी है और चुद चुद कर 4 इंच चौड़ी हो चुकी है. आप सोच रहे होंगे कि इस उम्र में मैं अन्तर्वासना पर क्या करती हूं. मेरे जीवन में हुई घटनाओं ने मुझे इस मंच पर आने के लिए मजबूर किया.
अब मैं आपको अपने परिवार के बारे में बता दूं. मेरे चार बच्चे हैं. चारों की ही शादी हो चुकी है और वो अपनी जिन्दगी जी रहे हैं. घर में हम पति पत्नी ही रहते हैं. मैं घरेलू औरत हूं इसलिए घर से बाहर निकलना बहुत कम होता है.
मेरी शादी छोटी उम्र में ही हो गयी थी. उस वक्त मैं लगभग 18 साल से कुछ महीने ऊपर की ही थी. मेरे पति ने मुझे खूब चोदा और मेरी चूत से मैंने चार बच्चे निकाल दिये. एक घरेलू औरत होने का कारण मैं अभी भी सहवास के प्रति रूचि रखती थी. घर का काम निपटाने के बाद ज्यादा कुछ करने के लिए नहीं होता था इसलिए मन नहीं लगता था. मेरी चूत को लंड चाहिए था.
उम्र के इस पड़ाव में आने के बाद मेरे पति का मन मेरी ओर से भर गया था. इसलिए मैं खुद को अक्सर अकेला महसूस किया करती थी. पति को रिझाने की कोशिशें भी खास असर नहीं कर रही थीं. वो भी ज्यादा कुछ नहीं कर पाते थे लेकिन उनको मेरी इच्छा के बारे में पता था.
इसी तरह उनको एक अलग ही शौक लग गया. उन्होंने मेरी चूत किसी गैर मर्द से चुदवाने के बारे में सोचा. जब मुझे उन्होंने इस बारे में बताया तो पहले मुझे बहुत गुस्सा आया लेकिन एक बार चुद गयी तो फिर मुझे भी रोमांच पैदा होने लगा. इसकी शुरूआत मेरे बहन के पति से हुई. यहीं से कहानी की असल शुरूआत होती है.
एक दिन की बात है कि मैं अपने पति का लंड चूस रही थी. उस दिन मेरी बहन मनोरमा (बदला हुआ नाम) का पति कमल भी घर में रुका हुआ था. कमल का हमारे घर में काफी आना जाना था. उसकी और मेरे पति अशोक की काफी अच्छी दोस्ती थी.
पति का लंड चूसने के बाद भी उनको मुझे चोदने की इच्छा नहीं हो रही थी.
वो बोले- मैं तुम्हें नहीं चोदना चाह रहा हूं. मेरा मन नहीं है. लेकिन मैं तुम्हें किसी और के लंड से चुदते हुए देखना चाहता हूं.
उनकी बात सुनकर मुझे गु्स्सा आ गया. मैं मुंह बनाकर सो गयी. एक हफ्ते तक मैंने अपने पति से बात नहीं की. मेरी चूत की प्यास लगातार बढ़ रही थी.
बहुत कोशिश की खुद को समझाने की लेकिन चूत को लंड चाहिए था. इसलिए मुझे अपनी चूत की जिद के आगे हार माननी ही पड़ी. मैंने अशोक को इस बारे में कहा. उसको कहा कि मैं बहन के पति के साथ सोने के लिए तैयार हूं.
मैं अशोक से बोली- कल आप कमल को खाने पर बुला लीजिये.
मेरे पति मेरा इशारा समझ गये. वो अगले ही दिन कमल को न्यौता देकर आ गये. शाम को कमल हमारे घर आ गया.
मुस्कराते हुए मैंने अपने बहन के पति का स्वागत किया. मेरी नजर बार बार उसकी पैंट की जिप पर जा रही थी. दिन भर से मैं गैर मर्द के लंड से चुदने के ख्यालों से ही रोमांचित हो रही थी. मेरी चूत में आज गजब की खुजली हो रही थी.
घर आने के बाद मैंने हम तीनों के लिए खाना बनाया. हम तीनों ने साथ में मिल कर खाना खाया. मेरे पति तो मुस्करा रहे थे लेकिन कमल कुछ असहज लग रहा था. उसको शायद अशोक ने बता दिया था कि मेरी इच्छा क्या है. वो थोड़ा शर्मीले स्वभाव का था लेकिन देखने में अच्छा दिखता था.
खाना खाते समय हम तीनों आपस में बातें कर रहे थे. मेरे पति मेरे बगल में ही बैठे हुए थे. खाना खत्म होने के बाद हम तीनों बैठ कर गप्पें मारने लगे. कमल अब थोड़ा सहज लग रहा था.
इतने में ही मेरे पति ने मेरी साड़ी का पल्लू मेरे कंधे से खींच दिया. पल्लू हटते ही मेरे दूध दिखने लगे. कमल के सामने मेरे वक्षों की घाटी उजागर हो गयी. उसका चेहरा लाल हो गया.
मेरे पति उसकी ओर देख कर हँसने लगे और मैं भी मुस्कराने लगी. मेरे पति ने उसके करीब जाने का इशारा किया. मैं जाकर कमल की बगल में बैठ गयी.
मैंने उसकी जांघ पर हाथ फिराना शुरू कर दिया. कमल की जांघ को सहलाने से उसका लंड उसकी पैंट में दिखाई देना शुरू हो गया. देखते ही देखते उसके लंड ने अपना पूरा आकार ले लिया और वो उसकी पैंट में उछलने लगा.
बहन के पति यानि जीजू के तने हुए लंड को देख कर मेरी प्यास भी जाग गई. मैंने उसकी जिप के ऊपर से ही उसके लंड को सहला दिया. उसका लंड एकदम से सख्त हो चुका था.
मैंने उसकी जिप को खोल दिया. उसकी जिप में हाथ अंदर डाल दिया. उसका लंड उसके कच्छे में अंदर ही अंदर जैसे तपने लगा था. मैंने उसके गर्म लंड को अपने हाथ में भर लिया. अब उसको भी मजा आने लगा.
फिर मैंने उसके लंड को उसके कच्छे को हटाते हुए एक तरफ से जिप के बाहर निकाल लिया. कमल का लंड बाहर आ गया. उसका लंड लगभग 7 इंच के करीब का था. मेरे पति से थोड़ा सा ज्यादा मोटा भी लग रहा था. मैं उसके लंड को देख कर अंदर ही अंदर खुश हो गयी.
मेरा मन कर रहा था कि मैं उसके लंड को बस मुंह में लेकर चूस लूं. इससे पहले कि मैं उसके लंड को चूसने के लिए नीचे झुकती उसने मेरे दूधों को ब्लाउज के ऊपर से दबाना शुरू कर दिया.
अब उसकी शर्म भी खुल गयी थी. वो मेरे दूधों को मेरे पति के सामने ही दबाने लगा. मेरे पति भी मुस्करा रहे थे. मुझे मजा आने लगा. फिर उसने मेरे ब्लाउज को खोल लिया और मेरे दूधों को नंगे कर लिया.
वो मेरे दूधों को अपने हाथों से दबाने लगा. फिर उसने मेरे दूधों पर मुंह रख दिया और उनको पीने लगा. मेरे मुंह से अब सिसकारियां निकलने लगीं. मैं ऊपर से नंगी हो गयी थी. मेरी साड़ी मेरे पेटीकोट में फंसी थी लेकिन ऊपर से मेरे दूध नंगे थे.
कमल मेरे दूधों को अपने हाथों से दबाते हुए मुंह में लेकर पी रहा था. मेरे मुंह से कामुक आवाजें निकलने लगीं- आह्ह … आह्ह … कमल … आऊ … आह्ह … करके मैं अपने दूध उसको पिलाने लगी. मेरे हाथ उसके बालों को सहला रहे थे.
उसके बाद उसने मुझे पास ही बेड पर लिटा दिया. वो मेरी साड़ी को निकालने लगा. उसने मेरी साड़ी को अलग किया और फिर मेरे पेटीकोट को भी खोल दिया. मैं अब नीचे से केवल पैंटी में रह गयी थी.
कमल ने मेरी चूत को मेरी पैंटी के ऊपर से चूम लिया. मेरी पैंटी में मेरी चूत एकदम से गर्म हो चुकी थी. कमल की गर्म जीभ मेरी पैंटी पर लगी तो मैं चुदने के लिए एकदम से तड़प गयी. मैं सुबह से ही कमल के बारे में सोच कर गर्म हो रही थी इसलिए मेरी चूत पहले से ही फूली हुई लग रही थी.
जीजू ने मेरी पैंटी को उतार दिया और मेरी चूत को अपनी हथेली से सहलाने लगा. अब मैं उसके सामने पूरी की पूरी नंगी पड़ी हुई थी. वो मेरी चूत को मसलने लगा. मैं कामुक हो गयी और सिसकारियां लेती रही.
उसके बाद कमल उठा और अपनी शर्ट को खोलने लगा. मैं उसको देख रही थी. उसने अपनी शर्ट को खोल कर अलग फेंक दिया. उसका चौड़ा सीना नंगा हो गया. अब उसने अपनी पैंट को खोला. उसका लंड उसकी जिप से बाहर तना हुआ था.
पैंट और जिप को पूरी खोल कर उसने पैंट भी उतार दी. फिर उसने अपना कच्छा उतारा और वो भी पूरा का पूरा नंगा हो गया. मैं उसके जिस्म को देख कर खुश हो गयी. पहली बार मुझे किसी गैर मर्द से चुदने का मौका मिल रहा था.
मेरी चूत की तड़प मिटने वाली थी. फिर कमल मेरे ऊपर आकर लेट गया. वो मेरे होंठों को पीने लगा और मैं उसके होंठों को पीने लगी. मैंने उसको बांहों में कस लिया और उसके होंठों के रस को निचोड़ने लगी.
उसके चौड़े से सीने के नीचे मेरे बूब्स दबे जा रहे थे. मेरे ऊपर कामुकता का नशा सा छाने लगा था. उसका लंड मेरी चूत और जांघों के आसपास टकरा रहा था.
फिर वो मेरे दूधों को अपने हाथों में लेकर जोर से मसलने लगा. उसके बाद उसने मेरे दूधों को दबाते हुए जोर से चूसना शुरू कर दिया. मैं एकदम से तड़प गयी. उसके लंड की ओर चूत को उठाने लगी.
वो भी मेरी चूत पर लंड को रगड़ने लगा. मेरी चूत का बुरा हाल हो गया था. मैं अब और बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी. मैं अपनी बहन के पति के लंड से चुदने के लिए मचल उठी थी.
मेरा जीजू कमल भी भूखे शेर की तरह मेरे जिस्म को खाने के लिए उतारू लग रहा था. फिर वो नीचे की ओर आया और मेरी चूत में उंगली करने लगा. मैं पागल सी होने लगी.
फिर उसने मेरी चूत में उंगली करना शुरू कर दिया. वो तेजी से मेरी चूत में उंगली करने लगा. मुझे मजा आने लगा. मेरे पति ने कई सालों से ऐसा सम्भोग मेरे साथ नहीं किया था.
पति भी हम दोनों की रासलीला सोफे पर बैठे हुए देख रहे थे. उन्होंने भी अपना लंड बाहर निकाल लिया था. वो अपने लंड को हाथ में लेकर सहला रहे थे. अपनी ही पत्नी को गैर मर्द के लंड के नीचे देख कर वो खुश भी हो रहे थे.
अब मुझसे रहा न गया और मैंने कमल को एक तरफ लिटा दिया और उसके लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी. मैं उसके लंड को जैसे खा जाना चाहती थी. कभी उसके टोपे को चूस रही थी तो कभी उसकी गोटियों को चाट रही थी.
उसके मुंह से मादक सी सिसकारियां निकलने लगीं- आह्ह … आह्ह … श्शस्स … करके वो अपने लंड को चुसवाने लगा. उसके प्रिकम का स्वाद मुझे मेरी जीभ पर लगने लगा था. उसका नमकीन सा प्रिकम चाट कर मैं आनंदित हो रही थी.
कई मिनट तक मैंने उसके लंड को चूसा और फिर उसने मुझे 69 की पोजीशन में कर लिया. मैं उसके लंड को चूसने लगी और मेरी चूत में जीभ देकर उसको चोदने लगा. मैं तेजी से उसके लंड पर मुंह को चला रही थी और वो भी मेरी चूत को मस्ती में जीभ से चोद रहा था.
कुछ देर तक हम दोनों एक दूसरे के अंगों को चूसते और चाटते रहे. फिर उसने अपने लंड को मेरे मुंह से बाहर निकाल लिया. उसने मेरी चूत पर लंड को रख लिया.
मैं बोली- जीजू, आज मेरी चूत को इतना चोद दो कि मेरी प्यास बुझ जाये.
वो बोला- साली जी, तुम फिक्र मत करो, तुम्हारी चूत को इतना चोदूंगा कि तुमसे चला नहीं जायेगा.
कमल ने अपनी साली की चूत पर लंड को रख कर अपने लंड का धक्का मेरी चूत में दिया और उसका लंड एकदम से मेरी चूत में आधे से ज्यादा उतर गया. ऐसा लगा कि किसी ने मेरी चूत में कोई मोटा डंडा ठोक दिया हो. मुझे अंदर तक मजा आने लगा.
उसके बाद जीजू ने मेरी चूत में लंड को चलाना शुरू कर दिया. वो मेरी चूत को चोदने लगा. मेरी चूत की प्यास बुझने लगी. जीजू साली की चूत को ठोकता रहा और साली की आंखें बंद होने लगी.
पंद्रह मिनट के बाद मैं जैसे मदहोश हो गयी थी. मेरी चूत ने एकदम से पानी छोड़ दिया. मगर कमल अभी भी मेरी चूत में धक्के लगा रहा था. उसके बाद उसने मेरी टांगों को उठा कर अपने कंधे पर रख लिया. वो मेरी चूत में जोर से धक्के लगाने लगा. चूत से फच-फच की आवाज होने लगी.
दस मिनट तक इस पोजीशन में मेरी चूत को चोदने के बाद उसने मुझे घोड़ी बना लिया.
इसी बीच मेरे पति ने हाथ से अब तक अपना माल निकाल दिया था और वो वहीं सोफे पर ही लेट गये थे.
घोड़ी बनाकर कमल ने पीछे से मेरी चूत में लंड को घुसा दिया. मेरी चूची दबाते हुए वो मुझे चोदने लगा. मैं आनंदित होने लगी. अगले बीस मिनट तक कमल ने मुझे घोड़ी बना कर चोदा और मैं इस दौरान दो बार और झड़ गयी. कमल ने मेरी चूत का बाजा बजा दिया और मैं थक कर गिर गयी. वो भी जैसे जंग जीतकर मेरे ऊपर ही गिर गया.
सुबह जब मैं उठी तो अपने बेड पर नंगी पड़ी हुई थी. मुझे बहुत थकान हो रही थी. मैंने देखा कि कमल जा चुका था. मेरे पति भी नाश्ता कर चुके थे.
उसके बाद मैंने नहा कर नाश्ता किया और मेरे पति काम पर चले गये. वहीं से मेरी चूत को गैर मर्द से चुदवाने का सिलसिला शुरू हो गया.
गैर मर्द से चुदाई की मेरी यह पहली शुरूआत थी. उसके बाद से मैं अनगित मर्दों के नीचे लेट चुकी हूं लेकिन चूत की प्यास है कि अभी भी नहीं बुझती है.
मेरी आपबीती के बारे में अपने विचार मुझे जरूर बतायें. मुझे आप लोगों की प्रतिक्रियाओं का इंतजार है.
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