पार्क में मिली भाभी के साथ माउंट आबू में हनीमून

मैं तय की हुई जगह पर उसका इंतज़ार करने लगा। उसने गुलाबी साड़ी पहन रखी थी, उसमें वो बड़ी मस्त माल लग रही थी।

मुझे देख कर उसने गाड़ी रोकी और नीचे उतर गई.. मैं ड्राइविंग सीट पर आ गया और वो मेरे बाजू में बैठ गई। शाम होते-होते हम आबू पहुँच गए।

हमने पहले से ही होटल में रूम बुक करवा के रखा था, सो हम सीधे वहीं गए। अपना सामान रखा, फ्रेश हुए और खाने के लिए बाहर जाने लगे। मैं पहले तैयार हो कर बाहर लॉन में उसका इन्तजार करने लगा।

कुछ पल बाद वो आई, मैंने सौम्या को देखा तो देखते ही रह गया। उसने कसी हुई जीन्स और टॉप पहना था। वो तो ऐसे तैयार हुई थी.. जैसे हम हनीमून कपल हों।

फिर थोड़ी देर में खाना खा कर हम वापस आ गए। मैं खुद को जीन्स में जरा असहज महसूस कर रहा था, मैंने अपने बैग से शॉर्ट और टी-शर्ट निकाली और उसे पहन लिया।

मैंने सौम्या से भी बोला- तुम भी वॉशरूम में जा कर चेंज कर लो।

वो वॉशरूम में गई, तो मैंने एक देर तक चुदाई वाली जोशवर्धक गोली खा ली।

थोड़ी देर बाद जब वो बाहर आई तो मैं उसे देखता ही रह गया। उसने पिंक टी-शर्ट और ब्लू शॉर्ट पहना था। उसके ये टी-शर्ट काफ़ी कसी हुई और झीनी सी थी उसमें से उसके 36 इंच के चूचे साफ़ तने हुए दिख रहे थे।
उसको उतनी दूर से भी देख कर मैं कह सकता था कि उसने नीचे काले रंग की ब्रा पहन रखी थी।

वो मेरी पास बैठ गई और हम इधर-उधर की बातें करने लगे.. पर मेरा ध्यान बार-बार उसके मम्मों की ओर ही जा रहा था।
उसने मेरी नज़रों को भाँप लिया और बोली- ये भी तुम्हारे हाथों में आने को बेकरार हैं।

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बस इतना सुनते ही मैंने सौम्या को अपनी ओर खींच लिया और उसके लबों को चूमने लगा। उसने अपनी आँखें बन्द कर लीं और मेरा साथ देने लगी।

हम दोनों लगभग दस मिनट तक एक-दूसरे को चूमते रहे, फिर मैंने अपने हाथों को उसके पूरे शरीर पर घुमाना शुरू कर दिया।

पहले तो मैंने उसके 36 साइज़ के मम्मों को अपने हाथो में लिया और उनसे खेलने लगा। वो और ज़ोर से मुझे चूमने लगी।

फिर मैं अपना हाथ उसकी टी-शर्ट के अन्दर डाल कर उसकी पीठ को सहलाने लगा। वो भी मेरी टी-शर्ट के अन्दर हाथ डाल कर मेरी छाती पर हाथ फेरने लगी। मैं अपने हाथ को उसकी टी-शर्ट में आगे करके ब्रा के ऊपर से ही उसके मम्मों को मसलने लगा।

इतनी देर में वो बहुत गरमा गई और कहने लगी- आज तू मुझे अपनी बना ले, आज मैं तुम्हारे अन्दर समा जाना चाहती हूँ।

मैंने उसके हाथों को ऊपर उठाया और उसकी टी-शर्ट उसके शरीर से अलग कर दी। अब वो ब्लू शॉर्ट और काली ब्रा में मेरे पास बैठी थी और मेरे शरीर से चिपक रही थी।

वो बार-बार बोल रही थी- मुझे किसी मर्द का टच मिले कितना समय हो गया है, आज मैं तुम्हें छोड़ने वाली नहीं हूँ।

फिर हम एक-दूसरे को किस करते-करते हुए ही खड़े हुए और मैं उसे बिस्तर पर ले गया। जैसे ही हम बिस्तर के पास पहुँचे मैंने उसे बिस्तर पर धकेल दिया और खुद उसके पैरों के पास बैठ गया।

फिर मैं धीरे-धीरे उसके पैरों और जाँघों को सहलाने और चूमने लगा। वो पागलों की तरह बस ‘उम्म उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह.. उम्म..’ ही कर रही थी।

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मैं धीरे-धीरे आगे की ओर बढ़ते हुए उसके शॉर्ट के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने लगा। वो मदहोशी में बस ‘उफ्फ़ आहह..’ ही कर रही थी।

मैं उसके पेट को चूमने लगा और वहाँ पर भी बहुत सारे किस किए। अब ऊपर की ओर बढ़ते हुए मैं उसके मम्मों को ब्रा के ऊपर से ही चूमने लगा।
वो कामुक सिसकारियाँ ले रही थी और मेरी पीठ पर अपने नाख़ून गड़ा रही थी।
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अब मैंने अपना शॉर्ट और टी-शर्ट भी उतार फेंकी और सिर्फ़ अपनी अंडरवियर में था.. जो कि अब तक तो टेंट बन चुका था।
मेरा लंड बाहर आने को बेकरार हो रहा था।

फिर मैंने उसकी भी ब्रा और शॉर्ट को उसके खूबसूरत बदन से अलग कर दिया। अह.. मैं तो उसके नंगे मम्मों को देख कर जैसे पागल सा हो गया। उसके चूचुक एकदम कड़क हो गए थे। मैंने उसके एक चूचे को अपने मुँह में लिया और दूसरे को अपने हाथों से मसलने लगा।

इससे वो भी पागल हुए जा रही थी और बस ‘उम्म.. उम्म.. आहह आहह..’ की मादक आवाजें निकाल कर मेरा लंड और कड़क किए जा रही थी, साथ ही मुझे और भी पागल कर रही थी। वो बार-बार कह रही थी- अब आगे भी बढ़ो.. आज सारी हदों को मिटा दो, मुझे अपना बना लो.. मुझे प्यार करो।

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