गलत मैसेज से परायी चूत चोदने मिली

देसी हॉट चुत सेक्स कहानी मेरे साथ हुई सच्ची घटना है. मेरे फोन पर किसी भाभी ने गलती से मेसेज कर दिया. बात हुई और दोस्ती हो गयी. बात चुदाई तक कैसे पहुंची?

दोस्तो, मैं अन्तर्वासना का काफी पुराना पाठक हूँ, आज बहुत संकोच के बाद मुझे पहली बार सेक्स कहानी लिखने की इच्छा हुई.

मैं आज आपको मेरी और गीत (काल्पनिक नाम) की मजेदार देसी हॉट चुत सेक्स कहानी सुनाता हूँ.

ये बात 2017 के दिसंबर महीने की है. मैं अपने मोबाइल में कोई काम कर रहा था, तभी एक मैसेज आया.

मैंने देखा तो उस नम्बर की डीपी में किसी लेडी की पिक्चर थी. मोबाइल नंबर भी अनजान था, मैंने पता नहीं क्या सोच कर इग्नोर कर दिया.

फिर उसी नंबर से दूसरा मैसेज आया- सॉरी, आपको गलती से मैसेज चला गया है.
मैंने रिप्लाई किया- सॉरी जैसी कोई बात नहीं है, हो जाता है.

उसने फिर मैसेज किया- हां … दरअसल मैं अपनी फ्रेंड को मैसेज सेंड कर रही थी … मगर गलती से आपके नम्बर पर हो गया.
मैंने लिखा कि आप इतना क्यों परेशान हो रही हो, कोई बात नहीं है. मैंने आपकी पिक्चर कोई सेव नहीं की है और आप भी मेरा नम्बर डिलीट कर दो. वैसे आप और आपकी पिक्चर सुन्दर है.

उसने धन्यवाद का इमोजी भेजा और मैसेज किया- आपसे बात करके अच्छा लगा, यदि फिर कभी बात करूं तो आपको कोई दिक़्क़त तो नहीं होगी?
मैंने कोई जवाब नहीं दिया और अपने काम में लगा रहा.

कई दिन बीत गए और मैं उस बात को भूल गया.

एक दिन फेसबुक पर एक फ्रेंड रिक्वेस्ट आयी. मैंने उसकी प्रोफाइल को देखा, तो मुझे कुछ देखी हुई फोटो सी लगी.
मैंने सोचा तो याद आया कि ये तो वही लेडी है, जिसने गलती से मुझे मैसेज सेंड किया था. मैंने न जाने क्यों उसकी फ्रेंड्स रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली.

अब मैंने उसे व्हॉट्सैप्प मैसेज किया- आप ही ने फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी थी न … मैंने आपकी फ्रेंड्स रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली है.
उसका तुरंत मैसेज आया- धन्यवाद … फ्रेंड्स रिक्वेस्ट स्वीकार करने के लिए.

अब उससे बातों का सिलसिला शुरू हो गया.
जल्दी ही हम दोनों ये जान चुके थे कि हम दोनों एक ही शहर से हैं.
मगर पहले हम कभी मिले नहीं थे इसलिए एक दूसरे के लिए फिलहाल अनजान ही थे.

अब रोजाना मैसेज से हम दोनों एक दूसरे की ख़ैरियत पूछने लगे.

अभी भी मेरी उसके प्रति कोई अलग भावना नहीं बन सकी थी.
मुझे अभी भी वो एक अनजान महिला ही लगती थी.

अब मैं आपको बता दूँ … मैं राजस्थान से लगे हरियाणा के एक शहर में रहता हूँ.
मैं एक छरहरी देह का 40 साल का युवक हूँ. मेरी हाईट पांच फुट दस इंच की है. वजन सत्तर किलो है और मैं आकर्षक मर्द हूँ.
मेरी रूचि खेलों में ज्यादा है. चूंकि मैं एक शादीशुदा मर्द हूँ और किसी दूसरे की वाइफ या लड़की में मेरा कोई इंटरेस्ट नहीं था.

हम दोनों पति पत्नी सेक्स में खुले विचारों के हैं, खुल कर चुदाई का मजा लेते हैं. हमें कभी भी किसी और से सेक्स करने की जरूरत नहीं पड़ी.

एक दिन गीत ने मुझसे पूछा- अब तो हम दोनों दोस्त हैं. तो क्या मैं आपसे कुछ व्यक्तिगत बात पूछ सकती हूँ?

मैंने सोचा कि होगी कोई बात … मैंने कहा- हां पूछो?
गीता बोली- आपकी कितनी गर्लफ्रेंड हैं या थीं?

मैंने कहा- आज तक पत्नी के अलावा मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है.
उसने कहा- मैं आपकी गर्लफ्रेंड बनना चाहती हूँ … क्या आप बनाएंगे?

मैंने कहा- नहीं.
वो बोली- क्यों?

मैं- फ्रेंड तो आप हो ही गयी थीं, जिस दिन से फेसबुक पर फ्रेंडशिप हुई है और सारी उम्र ही फ्रेंड बनी रहेंगी. मैं अपनी तरफ से आपसे फ्रेंडशिप तोड़ने वाला नहीं हूँ … आपकी आप जानो.
वो मेरी बात से बड़ी प्रभावित हुई.

उसने उसी समय मुझे चाय पीने आने के लिए न्यौता देते हुए कहा- यदि आप एक कप चाय पीने मेरे घर आएंगे, तो मुझे ख़ुशी होगी. ये हमारी फ्रेंडशिप की भी पहली मुलाकात होगी.
मैंने कहा- चलिए देखते हैं.

उसने अपने घर का पता मैसेज कर दिया.
मेरे घर से उसका घर पांच किलोमीटर दूर था.

एक दिन उसका मैसेज आया- यदि फ्री हों, तो घर आइए … चाय पीते हैं. मैं घर पर बोर हो रही हूँ. आप आएंगे तो मुझे अच्छा लगेगा.

उस वक्त सच में मैं भी बोर हो रहा था और मैंने उसके घर जाने के लिए हां कर दी.

अब मैंने गाड़ी उठाई और उसके घर पहुँच गया. मैंने उसे कॉल की कि मैं गेट पर हूँ.

गीत ने एक मिनट बाद गेट खोला और हम दोनों ने पहली बार एक दूसरे को देखा.

वो मुझे अपने घर में अन्दर ले गयी और मुझसे ड्राइंग रूम में बैठने को कह कर खुद अन्दर चली गई.
मैं भी आराम से बैठ गया.

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गीत का घर काफी अच्छा बना हुआ था.

पांच मिनट बाद गीत मेरे पास आयी और पानी देती हुई पूछने लगी- आप क्या लेंगे कॉफ़ी या चाय?
मैंने कहा- आपने चाय पर बुलाया था तो चाय ही लेंगे. आपके पति दिखाई नहीं दे रहे और बच्चे भी नहीं दिख रहे हैं. घर पर कोई नहीं है क्या?
उन्होंने कहा- मैं आपको बताना भूल गई थी. मेरे पति दूर के शहर में जॉब में हैं और बेटा हॉस्टल में रह कर पढ़ाई कर रहा है.

गीत चाय बनाने चली गई, मैं अकेला बैठा उसके सुंदर घर को देख रहा था.
जल्दी ही गीत चाय लेकर आ गई.

उसके साथ चाय पीते पीते बातों का सिलसिला चलता रहा.

कुछ देर बाद एकदम से गीत ने कहा- मैं आपसे कुछ कहना चाहती हूँ.
ये कह कर वो चुप हो गई.

मैंने सोचा कि गीत को शायद कोई बात कहना है और वो कई दिनों से कहना चाहती है, पर कह नहीं पा रही है.

मैं थोड़ा उसके पास सरका और उससे कह कर ये अहसास कराया कि आप मुझे अपना फ्रेंड मानती हैं न!
उसने हां में सर हिलाया.

मैं- तब आप कोई भी बात शेयर कर सकती हैं, मैं किसी को नहीं बताऊंगा.
वो और थोड़ा मेरे पास सरक आई और बोली- आप पक्का किसी से कहोगे तो नहीं!

मैंने गीत का हाथ पकड़ा और दोनों हाथों के बीच में लेकर वादा किया कि आप निश्चिंत रहें, मैं किसी से कुछ भी नहीं कहूंगा.

तभी वो मेरे सीने से लिपट गयी.
मैं कुछ समझ पाता, उससे पहले उसने मेरे होंठों पर किस जड़ दिया.

मैंने बड़ी मुश्किल से गीत को अपने से अलग किया और कहा- ये आप क्या कर रही हो … आपको ऐसा नहीं करना चाहिए, मैं शादीशुदा हूँ और अपनी सेक्स लाइफ से पूरी तरह से संतुष्ट हूँ. प्लीज आप अपने आपको संभालें. मैंने वादा किया है, तो मैं ये बात भी किसी को भी नहीं बताऊंगा.

उसने मेरी बात का कोई जवाब नहीं दिया और उठ कर सामने पड़े दूसरे सोफे पर बैठ गई.
कुछ पल बाद मैं भी अपने घर चलने के लिए उठने लगा तो देखा कि वो रो रही थी.

उसकी आंखों से आंसू देख कर मैं डर गया कि कहीं ये मुझ पर कोई आरोप तो नहीं लगा देगी.

मैंने अपने आपको संभालते हुए उससे पूछा- क्या हुआ?

मगर वो बोलने की जगह रोये ही जा रही थी.
उसकी आंखों से आंसू ऐसे बह रहे थे जैसे वास्तव में उसे कोई बहुत बड़ा सदमा लगा हो.

मेरे काफी देर समझाने के बाद वो नार्मल हुई और बोली- आपने भी मेरा दिल तोड़ दिया … अब मैं क्या करूं!
मैं रुक गया और उसे दिलासा देते हुए उससे कहा- अच्छा गीत, तुम एक चाय और पिलाओ.

वो कुछ खुश सी हुई और अन्दर जाकर चाय बना लाई.

हम दोनों ने चाय पी और कुछ देर यूं ही बातें करते रहे. फिर मैं अपने घर आ गया.

अभी भी मेरे दिमाग में वही सीन घूम रहा था जब वो मेरे सीने में अपने भरे हुए दूध गड़ा रही थी.

मैंने गीत को फोन किया.

कॉल उठाते ही वो फिर से रोने लगी.
मैंने उसे समझाया- मुझे कुछ समय दो.
वो खुश होती हुई बोली- मैं आपका जीवन भर इंतज़ार करूंगी.

मैंने फोन काट दिया.

इस घटना से मेरे जीवन में उथल-पुथल मच गयी.
एक तरफ मेरी पत्नी की वफादारी थी और दूसरी ओर एक मस्त चूत थी, जो खुद से ऑफर दे रही थी.

इस तरह एक महीना गुज़र गया, मेरी और गीत की बात हर दिन होने लगी थी.

हमारे बीच होने वाली बातों में सेक्स या कोई भी विषय दायरे से बाहर नहीं होता था.

एक दिन शाम को चार बजे गीत ने 1000 बार प्लीज लिख कर मुझे मैसेज किया.

मैंने कॉल किया, तो गीत बातों बातों में फिर से रोने लगी और उसी ने फोन काट दिया.

इस बार मैं पिघल गया और मैंने मैसेज किया- गीत, मैं 15 मिनट में तुम्हारे घर आ रहा हूँ.
उसका रिप्लाई आया- एक घंटे बाद आना प्लीज!

इधर आपको गीत के बारे में बताने का समय आ गया है. क्या बताऊं वो एक हसीन बला थी, पर पता नहीं क्यों मैं ही उसको तड़फा रहा था.

गीत 5 फुट 5 इंच कद वाली और 36-32-38 के फिगर वाली एक मदमस्त परी सी लगती थी.
उसका ये कातिल शरीर किसी भी जवान मर्द का मन मोह लेता था. उसकी 38 साल की कातिल जवानी, भरी हुई चुचियों को देखकर कोई भी उसे अपनी बांहों में लेने को तड़फ सकता था.

एक घंटे बाद वो शाम के 5 बजे का समय था जब मैंने गीत के घर की बेल बजा दी थी.

गीत ने दरवाजा खोला.
मैं देखते ही दंग रह गया. वो सच में गज़ब ढा रही थी.
उसने लाल रंग का शादी का जोड़ा पहन रखा था.

मैं उसके घर के बाहर गाड़ी पार्क करके अन्दर घुसा, तो उसने जबरदस्त हग से मेरा स्वागत किया.
मैंने भी उसकी कसी और भरी हुई छाती को अपने सीने से जकड़ लिया.

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मैं उसके कान में बोला- आज इतनी जल्दी क्यों कर रही हो गीत जान, मैं आज तुम्हारी हर मन्नत पूरी करूंगा.

इतना कहते ही हम दोनों के लबों का लबों से मिलन होना शुरू हो गया.
वो मेरे लब चूमती मुझे देखने लगी.

उसकी आँखों में वासना का दरिया मुझे बेचैन करने लगा था. वो मेरा हाथ पकड़ कर अपने बेडरूम में ले गई.

मैंने भी मौके की नजाकत को देखते हुए उसके मस्त चूचों को आजाद करना शुरू कर दिया.
गीत का ब्लाउज हटते ही लाल रंग की जालीदार ब्रा से बाहर निकलने की कोशिश करती हुई उसकी चूचियों को मैंने झट से आजाद कर दिया.

अब मेरे हाथ उसकी रसीली चूचियों पर जम गए थे.

होंठों और जीभ के मिलन के बाद मैंने कई बार उसकी चूचियों की गोलाई को नापने की असफल कोशिश की.

चूचियों और होंठों से खेलने में मैं इतना आनन्दित महसूस कर रहा था कि मुझे पता ही नहीं चला कि गीत ने मेरी पैंट और शर्ट को कब निकाल दिया.

मैंने भी मौका देखते हुए उसकी साड़ी पेटीकोट को उसके शरीर से अलग कर दिया.

अब गीत केवल काले रंग की पैंटी में थी. उसका मस्त और गठीला शरीर मुझे पागल किए जा रहा था और मैं मस्त होकर कभी उसके होंठों को तो कभी चूची को, तो कभी पेट को पागलों की भांति चूम रहा था.

गीत और मैंने आखिरी अंडरगारमेंट्स भी निकाल दिए.
अब मैं और गीत बिल्कुल नंगे थे.

मैंने देखा कि गीत के शरीर पर एक भी बाल नहीं था. उसने अभी शायद वैक्स किया था.
गीत ने अपनी चूत का कुछ मेकअप भी कर रखा था.

उसने अपनी चूत को गालों की तरह गुलाबी और सुगन्धित बना रखा था.
गीत की गुलाबी चुत देखते ही मैं पागल हो गया.

अगले ही पल मैं गीत की टांगों के बीच बैठकर चूत को निहारने लगा.

उसने अपनी टांगों को हल्के से थिरकाया तो चुत की सिकुड़ने फ़ैलने की क्रिया हुई.
बस मैं चुत पर टूट पड़ा.

हम दोनों जल्द ही 69 की पोजिशन में आ गए थे.
मैंने गीत की चूत और दाने को चूस चूस कर उसके मेकअप को पूरा खत्म कर दिया. अब चूत अपने ओरिजनल रूप में आ गई थी.

गीत भी मेरे लंड को पागलों की भांति चूम चूस रही थी.

कुछ ही समय में हम दोनों एक साथ ही परम सुख की सीमा में पहुंच गए थे.

ये मेरी सेक्स लाईफ में पहली बार हुआ था कि मैं और गीत एक साथ स्खलित हुए थे. वरना मेरी पत्नी तो मेरे से पहले झड़ जाती थी.

हम दोनों एक दूसरे के माल को पी गए और एक दूसरे को कस लिया.
फिर बिस्तर पर चिपक कर लेट गए.

अब गीत मंद मंद मुस्कुराती हुई मेरे लंड को सहला रही थी.
मैंने पूछा- मुस्कुरा क्यों रही हो!
वो बोली- मैंने लंड की लंबाई और मोटाई नाप ली और मुझे आज जन्नत की सैर होगी. यही सब सोचकर मेरी तो खुशी का ठिकाना नहीं है.

वो मेरे लंड और अंडकोषों को सहला रही थी.
मैं भी उसके एक एक अंग को नापने की कोशिश कर रहा था.

हम फिर से गर्म हो रहे थे.
गीत मेरे शरीर पर हाथ फेर रही थी और मैं उसके एक एक अंग को फिर से चूम रहा था.

अबकी बार उसका धैर्य जबाब दे गया और वो बोली- प्लीज पहले एक बार मुझे चोद दो … मैं सहन नहीं कर पा रही हूँ.

मैं भी मौका देखते हुए उसकी टांगों के बीच बैठकर उसकी टांगों को अपने कंधों पर रख लिया.
अपने लंड के सुपारे को चूत के छेद पर रखकर लंड को चूत की गहराई में उतार दिया.

लंड के चूत में उतरते ही गीत ने गहरी सांस ली और बोली- आह … आज पहली बार सच में किसी मर्द से पाला पड़ा है … आप मेरी चूत का आज कचूमर निकाल दो प्लीज. आप मुझे इतना जबरदस्त चोदो कि महीनों के इंतजार की पूरी कीमत वसूल हो जाए.

मैंने भी पेलम-पेली चालू कर दी और गीत को हचक कर चोदने लगा.

गीत की भी मदमस्त सिसकारियां निकलने लगी थीं. उसकी कामुक सिसकारियों ने मेरे जोश को भी दोगुना कर दिया था.

बीस मिनट की मस्त चुदाई ने हम दोनों को परम सुख पर पहुंचा दिया.

झड़ने के बाद दस मिनट तक हम दोनों लिपटे हुए ही बिस्तर पर पड़े रहे. फिर दोनों ने नहा लिया और खाने की मेज पर आ गए.

अगली सेक्स कहानी में मैं आपको बताऊंगा कि कैसे गीत जान ने मुझे 3 कुंवारी और अपने जैसी दो मस्त चूत वालियों के साथ जन्नत की सैर करवायी.

दोस्तो, ये मेरी पहली पराई देसी हॉट चुत सेक्स कहानी थी. आपको कैसी लगी, ये जरूर बताना.

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