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घर की सुख शांति के लिये पापा के परस्त्रीगमन का उत्तराधिकारी बना-4
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घर की सुख शांति के लिये पापा के परस्त्रीगमन का उत्तराधिकारी बना-6
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मैं आंटी के पीछे पीछे बाहर जा कर उनसे कहा- मुझे मालूम है कि आपके पास मेरे प्रश्नों का कोई उत्तर नहीं है क्योंकि मैं यह वीडियो के ऐसे दृश्य देखते ही समझ गया था कि आप मेरे पापा के साथ रंगरेलियाँ मनाती हो। अगर अंकल को इस बात का पता चल गया तो आपके लिए बहुत बड़ी मुसीबत पैदा हो जाएगी और शायद वह आपको इस घर से भी बाहर निकाल दें। दूसरी तरफ हमारे घर में अगर मम्मी को इस बारे में पता चल गया तो वे तो अवश्य घर छोड़ कर चली जाएंगी।
अपनी बात को जारी रखते हुए मैंने कहा- हर हालात में दोनों घरों में तूफ़ान आ जायेगा और हम सब की सुख शांति बर्बाद हो जाएगी। मैं तो आपसे बात करने आया था कि अगर आप चाहती हैं कि दोनों में से कोई घर भी नहीं टूटे तो आप पापा के साथ यह सब करना छोड़ दीजिये। बाकी जो आपकी मर्जी है वह करिए मैं कुछ नहीं कहूँगा लेकिन यह वीडियो मम्मी तथा अंकल को अवश्य दिखाऊंगा ताकि उनको अचानक पता चलने पर कोई सदमा नहीं लगे।
यह सब कह कर मैंने बेडरूम में जा कर कंप्यूटर को बंद किया और आंटी को बैठक में सिसकते हुए छोड़ कर अपने घर आ गया।
दोपहर के खाने के बाद मैं अपने कमरे में बैठा पढ़ रहा था तब दरवाज़े पर दस्तक हुई और जब मैंने खोला तो सीढ़ियों में आंटी को खड़े देखा।
जैसे ही मैंने दरवाज़े से दो कदम पीछे हटाये आंटी झट से घर के अन्दर आ गयी और बिना कुछ बोले बैठक में जा कर सोफे पर बैठ गयी। मैं भी उनके पीछे जा कर साथ वाले सोफे पर बैठ गया और उनकी ओर जिज्ञासा भरी दृष्टि से देखने लगा।
कुछ क्षणों के बाद आंटी बोली- अनु, देख मैं तेरी बात समझती हूँ इसीलिए मैंने तुझे कहा था कि प्रशासक से कह कर सभी वीडियो हटवा दे। मैं नहीं चाहती कि दोनों में से किसी भी घर पर कोई आफत आये और सुख शांति बर्बाद हो। मैं अब भी यही कहने आई हूँ कि तुम उस साईट पर मेरी सभी वीडियो की हटवा दो।
मैंने तुरंत उत्तर दिया- आंटी, अगर आप पापा के साथ ऐसे ही सम्बन्ध बनाए रखोगे तो इन वीडियो को हटवाने के बाद भी खतरा नहीं टलने वाला। जिसने यह वीडियो बनायीं थी वह आपकी और नई वीडियो बना कर फिर से साईट पर डाल देगा।
आंटी सोफे पर बिल्कुल मेरे साथ सट कर बैठ गयी और मेरा हाथ अपने हाथ में ले कर बोली- तुम पहले इन वीडियो को तो हटवा दो उसके बाद ही मैं इस बारे में आगे बात करूँगी।
मैंने अपने हाथ को छुड़ाते हुए बोला- आंटी, जो मैं जानना चाहता हूँ आप पहले मेरी कुछ बातों का बिल्कुल सच सच उत्तर देंगी तभी मैं उन वीडियो को हटवाने के लिए प्रशासक को लिखूंगा।
हताश आंटी के पास मेरी बात मानने के इलावा और कोई विकल्प नहीं था इसलिए उन्होंने कहा- ठीक है पूछो तुम क्या जानना चाहते हो?
उनका यह कहते ही मैं बोला- पहली बात यह बताइये कि आप मेरे पापा को ही सहवास के लिए क्यों चुना और यह सब कब से चल रहा है?
आंटी ने उत्तर दिया- पिछले वर्ष गर्मी की छुट्टियों में जब तुम अपनी मम्मी के साथ ननिहाल गए हुए थे तब मैं कई बार तुम्हारे पापा के लिए खाना बना कर देने आती थी। बस उन्हीं दिनों जब तुम्हारे अंकल एक सप्ताह के लिए टूर पर गए तब तुम्हारे पापा के कहने पर मैं तुम्हारे घर पर ही दोनों का खाना बनाती थी। एक दिन तुम्हारे पापा ऑफिस से बहुत देर से आये और मुझे यहीं पर लेटे लेटे नींद आ गयी।
अपनी बात आगे जारी रखते हुए आंटी बोली- देर रात में तुम्हारे पापा के आने के बाद खाना खा कर जब मैं सोने के लिए अपने घर जाने लगी तब तुम्हारे पापा ने मुझे यहीं सोने के लिए कहा। रात के दो बज गए थे और अगली सुबह तुम्हारे पापा के लिए चाय नाश्ता बनाने के लिए मुझे फिर यहाँ आना ही था इसलिए मैं यहीं सो गयी। सुबह पाँच बजे जब मेरी नींद खुली तथा मैंने तुम्हारे सोये हुए पापा का ताना हुआ लिंग देखा तो अपने को रोक नहीं सकी और मैंने उनकी लुंगी में से उसे निकाल कर चूसने लगी। बस उसके बाद हम दोनों के बीच में यौन सम्बन्ध बन गए और जब भी मेरे पति टूर पर जाते हैं तब हम दोनों सहवास करते हैं।
आंटी की बात सुन कर मैंने पूछा- क्या आप अंकल के साथ सहवास करके संतुष्ट नहीं हैं जो आप मेरे पापा के साथ भी सहवास करती हो?
कुछ देर चुप रहने के बाद आंटी बोली- अनु, दरअसल मैं बहुत ही कामुक युवती हूँ और मुझे हर रोज़ संसर्ग करने की इच्छा रहती है। लेकिन तुम्हारे अंकल तो अधिकतर टूर पर रहते है इसलिए वे मेरी ज़रूरतें पूरी नहीं कर सकते हैं।
मैंने उनसे अगला प्रश्न पूछा- क्या अंकल आपको संतुष्ट नहीं करते इसीलिए आपने मेरे पापा के साथ संसर्ग करती हैं?
आंटी ने उत्तर दिया- शादी से ले कर आज तक तुम्हारे अंकल ने मुझे कभी भी संतुष्ट नहीं किया है। मुझे तुम्हारे पापा के साथ पहला संसर्ग करने के पश्चात जब यौन सुख और संतुष्टि की अनुभूति हुई तब से मेरा उनके साथ ही सहवास करने का मन करता है।
उनसे मेरा अगला प्रश्न था- वीडियो में तो जब आप अंकल के साथ संसर्ग कर रही थी तब तो आप ऐसे सीत्कार कर रहीं थी जैसे आपको पूर्ण संतुष्टि मिल रही है।
मेरी बात सुन कर आंटी बोली- वह तो मैं पिछले पाँच वर्ष से झूठ मूठ की आवाजें निकाल रही हूँ ताकि तुम्हारे अंकल समझे के मुझे आनंद मिल रहा है।
मैंने तुरंत प्रश्न किया- तो क्या आपने अंकल को यह बताया नहीं कि वे आपको संतुष्ट नहीं कर पाते हैं?
आंटी बोली- नहीं, मैंने उन्हें कभी नहीं बताया।
मैंने उनसे अगला प्रश्न पूछा- अगर मेरे पापा के साथ पहली बार संसर्ग करने पर आपको संतुष्टि नहीं मिलती तो क्या आप उनके साथ फिर दोबारा सहवास नहीं करती?
आंटी ने उत्तर में कहा- क्योंकि मुझे पहली बार में ही संतुष्टि मिल गयी इसलिए मैंने इस पर कभी गौर नहीं किया। लेकिन संभावना यही है कि संतुष्टि ना मिलने पर शायद मैं उन्हें दोबारा मेरे साथ सम्भोग के लिए नहीं कहती।
मैंने पूछा- क्या पापा ने आपसे कभी सम्भोग करने की मांग करी है?
आंटी बोली- नहीं, उन्होंने ऐसी मांग कभी भी नहीं करी है और हमेशा मैं ही पहल करके उन्हें ऐसा करने को कहती हूँ। वह तो बहुत नेक इंसान है और मेरी ख़ुशी के लिए जब मैं बुलाती हूँ तभी मेरे पास आते हैं।
कुछ देर आंटी द्वारा दिए उत्तरों पर विचार करने के बाद मैंने पूछा- आंटी, आगे चल कर अगर आपको कोई ऐसा व्यक्ति मिल जाए जो आपको पापा से भी अधिक यौन संतुष्टि दे तो क्या आप पापा से संसर्ग करना बंद कर देंगी?
आंटी ने मेरे प्रश्न को सुन कर कुछ देर तो चुप रहीं और फिर कहा- मैं इस बारे में अभी कुछ नहीं कह सकती लेकिन भविष्य में अगर मुझे तुम्हारे पापा से अधिक संतुष्टि देने वाला कोई व्यक्ति मिला तो संभव है कि मैं तुम्हारे पापा को तंग नहीं करूँ।
इसके बाद मैंने आंटी से अंतिम प्रश्न किया- अगर मैं आप से विनती करूँ कि दोनों परिवारों के सुख और शांति की खातिर आप मेरे पापा से सहवास करना बंद कर दें तो आप का क्या उत्तर है?
आंटी ने तुरंत उत्तर दिया- जिस दिन तुम मेरे सुख और संतुष्टि के लिए मुझे किसी दूसरा व्यक्ति से मिला दोगे, उस दिन से मैं तुम्हारे पापा को हमेशा के लिए भुला दूंगी।
आंटी की बात सुन कर मैंने सकपकाते हुए कहा- मैं ऐसे किसी व्यक्ति को कहाँ से ढूंढ कर लाऊं? यदि मैं आपके लिए कोई व्यक्ति ले कर आता भी हूँ तो उससे आपको सुख और संतुष्टि मिलती है या नहीं मुझे कैसे मालूम पड़ेगा? अगर लोगों को पता चला कि मैं आप के लिए कोई व्यक्ति लाया था तो सब आपको वेश्या और मुझे दलाल कहने लगेंगे।
आंटी ने कहा- तुमने जो थोड़ी देर पहले कहा है उसे भूल जाओ और जैसा चल रहा है वैसा ही चलने दो। ना तुम किसी से कुछ कहो और ना मैं किसी को कुछ पता लगने दूंगी। बस तुम प्रशासक से कह कर उन वीडियो को उस साईट से हटवा दो।
मैंने कहा- आंटी मुझे अपने परिवार और घर की सुख एवं शांति चिंता खाए जा रही है और आप बोल रही हैं कि ऐसा ही चलने दूँ। आपके पास कोई तो रास्ता या विकल्प होगा जिससे पापा और आप के बीच में चल रहे सम्बन्ध का अंत हो सके। आपको मेरी मम्मी का वास्ता है आप उनके लिए ही मेरे पापा से अलग हो जाइये।
मेरी बात सुन कर आंटी उठ कर खड़ी हुई और बोली- तुम्हारे पापा से अलग होने के लिए तुमने कोई दूसरे रास्ते अथवा विकल्प की बात करी है तो मेरे पास वह भी हैं। अगर तुम उसके बारे में जानने के इच्छुक हो तो कल दिन में दस बजे के बाद कभी भी मेरे घर आ जाना। अब मुझे आराम की सख्त ज़रूरत है इसलिए मैं अपने घर जा रही हूँ। कल मिलेंगे, निराश मत करना, मैं तुम्हारा इंतजार करूँगी।
आंटी के जाने के बाद मैं उनके व्यवहार से बहुत ही असमंजस में पड़ गया क्योंकि अब वह बहुत ही रहस्यमय बातें कर रही थी जो मुझे समझ नहीं आ रही थी।
जब वह मेरे घर आई थी तब वह एक भीगी बिल्ली की तरह आई थी लेकिन जब वह मेरे घर से गयी तब वह एक शेरनी की तरह गयी थी।
उनके मन में क्या चल रहा था वह मेरी समझ से बाहर था इसलिए मैं सोच में पड़ गया की कल उनके घर जाऊं या नहीं जाऊं।
अंत में मैंने अगले दिन आंटी के घर जाने का निर्णय किया क्योंकि मेरे वहां जाने से ही मुझे उनके मन में क्या है इसका पता चलेगा और उनको पापा से अलग करना के लिए एक प्रयास और मिल जायेगा।
उस बाकी का समय तो मैंने उलझन, चिंता और खीज में किसी तरह निकाला तथा रात को दो बजे तक जागता रहा लेकिन जब पापा नीचे नहीं गए तब जा कर सोया।
कहानी जारी रहेगी.
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