मेरी भाभी लंड की प्यासी

Hindi Porn Story Pados Meri Bhabhi Lund Ki Pyaasi हेलो दोस्तो मेरा नाम अनिल है और आज मैं आपको एक अपनी हिन्दी पॉर्न स्टोरी पड़ोस की भाभी बताने जा रहा हूँ जो की आज से 2 साल पहले की है. तो चलिए शुरू करते है.

दोस्तो मेरा नाम तो आप जान ही गये हो इसलिए मैं अब आपको अपने बारे मे और भी कुछ बता देता हूँ. ये कहानी तब की है जब मैं 25 साल का था और राँची मे एक फ्लॅट मे अकेला रहता था क्योकि मेरी यहा पर जॉब लग रखी थी इसलिए मैं बस अकेला ही रहता था और कभी कभी घरवालो से भी मिलने चला जाता था पर घरवालो से मिलना बहोत कम ही हो पाता था.

मैं डेली सुबह 9 बजे ऑफीस के लिए निकल जाता था और शाम को 7 बजे आता था और सुबह डेली मेरी मुलाकात पड़ोस मे रहते शर्मा जी की वाइफ से होती थी जो की दिखने मे बहोत सुंदर थी और शर्मा जी की वो दूसरी पत्नी थी इसलिए उनकी एज भी करीब 25 के आस- पास की थी और उनका नाम अल्का था. वो एक स्कूल मे टीचर थी इसलिए वो सुबह मुझे ज़रूर दिख जाती थी और उनकी छुट्टी 2 बजे होजाति थी.

वो मेरे से बड़ी थी या नही मैं नही जानता पर रिश्ते को देखते हुए मैं उन्हे भाभी ही कहता था और जब भी वो मुझे देखती थी तो मुस्कुरा देती थी और मैं भी उन्हे देखकर मुस्कुरा देता था और यही सिलसिला काफ़ी समय तक चलता रहा शायद 1 साल ऐसे ही चलता रहा.

मैं उन्हे धीरे-धीरे पसंद करने लग गया था शायद उनके हुस्न की वजह से या फिर उनके देखने की वजह से इतना मैं नही जान पाया था पर उन्होने मुझे अपना इतना दीवाना बना दिया था की मुझे डेली रात को उनके नाम की मूठ मार कर सोना पड़ता था.

एक दिन की बात है मैं ऐसे ही टॉवेल लिपटे हुए बाहर खड़ा था और वो जा रही थी तो मेरा एकदम से टॉवेल खुल गया और मैने तब नीचे कुछ भी नही डाल रखा था इसलिए वो मुझे ऐसे देखकर शर्मा कर मुस्कुराते हुए चली गई. तब मुझे लगा की शायद इनके दिल मे भी कुछ था पर मैं ये कन्फर्म नही लाह सकता था और उस दिन के बाद मैं काफ़ी दिन उनके सामने नही आया और फिर एक दिन मेरे ऑफीस की छुट्टी थी तो मैं आराम से उठा और सिगेरेट पीते हुए बाहर आया तो देखा की भाभी झाड़ू लगा रही थी और उन्होने शॉर्ट शर्ट और शॉर्ट जीन्स डाल रखी थी जिसमे वो बहोत ही अछी लग रही थी और साथ ही साथ मुझे उनके बूब्स भी दिख रहे थे जिसको देख कर मेरा मूड खराब हो रहा था और मेरा लंड भी अकड़ कर बाहर आने को हो गया था पर मैने उन्हे ऐसे देखकर खुद पर कंट्रोल किया और अंदर जाकर सीधा बाथरूम मे घुसकर उनके नाम की मूठ मार दी.

मैं अधिकतर रात को ब्लूएफील्म देख कर अपना पानी निकालता था क्योकि नाही मेरी कोई जीएफ़ थी और नाही मैने भाभी को ऑफर मारा था. इसलिए मैं डेली रात को ऐसे ही करता था और उनके नाम का मूठ मार कर सोजाता था.

एक दिन की बात है मैं ऑफीस से 3 बजे घर पर आ गया तो देखा भाभी अपने घर के बाहर खड़ी थी तो मैने पूछा – क्या हुआ भाभी?

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भाभी- मेरे घर की कही खो गई है और तुम्हारे भैया भी ऑफीस के काम से शहर से बाहर गये हुए है. अब मुझे ये समझ नही आ रहा की घर के अंदर कैसे जाउ. ये कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

मैं – भाभी आप चिंता मत करो, आप मेरे घर पर चलो वाहा पहोचकर आप थोड़ी देर रिलॅक्स करना और फिर मैं किसी चाबी वाले को बुला कर चाबी बनवा दूँगा.

ये बात सुन कर भाभी मेरे साथ मेरे घर आ गई और मैने उन्हे पानी दिया और उनके साथ बैठकर खूब बाते करने लग गया. आज वो मेरे घर पर पहली बार आई थी तो ये मुझे काफ़ी अछा लगा और उनका जिस्म देखकर तो मैं बैठा-बैठा ही पागल हो रहा था इसलिए मैने खुद को संभालने के लिए बाथरूम मे गया और उनके नाम की मूठ मार कर बाहर आ गया.

बाहर आ कर देखा तो भाभी ने टीवी लगा रखा था और टीवी पर ब्लूएफील्म चल रही थी क्योकि मैने उनकी सीडी लगा रखी थी और भाभी बैठकर उसे देख रही थी. अब मैं उन्हे देख कर शरमाते हुए उनके पास आया क्योकि मुझे पता था की भाभी मुझे ज़रूर बोलेगी. और जैसे ही उन्होने मुझे देखा तो वो बोली- अनिल तुम ये क्या देखते रहते हो.

मैने फटाफट टीवी बंद किया और उन्हे सॉरी कह कर चाबी बनाने वाले को बुलाकर ले आया और चाबी बनवा कर उन्हे चाबी दे दी और वो फिर अपने घर चली गई. मुझे लगा था की भाभी शायद समझते है पर उनकी डाँट ने तो मेरे सपनो पर पानी फेर दिया था.

फिर शाम के समय भाभी घर पर आई और डोरबेल बजाई तो मैने खोला तो वो बोली- अनिल अब क्या है तुम्हारा प्लॅन.

मैं – भाभी कुछ नही बस डिन्नर करके सोना है

भाभी- तो चलो आज एक साथ ही क्यो ना डिन्नर करले क्योकि तुम्हारे भैया भी घर पर नही है और एक कंपनी मिल जाएगी.
मुझे उनकी ये बात अछी लगी और मैं उनके साथ उनके घर पर चला गया और वो अब किचन मे चली गई और मैं वाहा बैठकर टीवी देखने लग गया. भाभी कुछ ही देर मे मेरे पास आई और वो बोली की चलो कुछ ड्रिंक होज़ाये.

मैं – भाभी मैं ले आता हूँ.

भाभी – अरे नही, तुम्हारे भैया की पड़ी है.

अब भाभी ने ड्रिंक ग्लास मे डाली और थोड़ी आइस डाल कर मुझे देदि और खुद सॉफ्ट ड्रिंक ले लिया तो मैने पूछा आप भाभी लो.

तो वो बोली- नही मैं नही पिति.

ये सुन कर हम दोनो खूब बाते करने लग गये और मैं अब उनके करीब बैठ कर उन्हे बाहो मे भर लिया तो वो बोली- ये क्या कर रहे हो?

भाभी – चलो खाना खा लेते है.

मैं – नही भाभी अभी नही.

मेरे इतना कहने के बाद वो रुक गई और फिरसे मेरे पास आ कर बैठ गई तो मैने अपना हाथ उनके बूब्स पर रखकर उनके बूब्स दबाने शुरू कर दिए और फिर वो भी धीरे-धीरे गरम होने लग गई और मैने उनके होंठो को अपने होंठो मे भर कर चूसना शुरू कर दिया की तभी वो भी अपना हाथ मेरी पैंट पर रख कर मेरे लंड को तलाशने लग गई.

मैं समझ गया की वो अब गरम हो चुकी है तो मैने उन्हे पूरा नंगा कार्दिया और फिर उन्होने भी मुझे कुछ नही कहा और मेरे लंड को तलाशते हुए मेरी पैंट उतारकर लंड को पकड़ लिया और अपने मूह मे लेकर चूसने लग गई.

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लंड उनके मूह मे जाते ही पागलो की तरह खड़ा हो गया और उनके मूह के रसीले पानी मे बहने लग गया जिसके चलते मैने उनके होंठो को चूसना स्टार्ट कार्दिया और वो भी मज़े से लंड को चूसने लग गई जिससे मेरा पानी उनके मूह मे ही निकल गया.

अब मैने उसे बेड पर लेटा दिया और उनकी चूत पर आकर अपना मूह रखकर उनकी चूत को चाटने लग गया. मैं बड़े मज़े से उनकी चूत चाट रहा था तो मुझे बहोत अछा लगा क्योकि उनकी गुलाबी चूत से बहोत अछी महक आ रही थी और वो मज़े से मेरे सिर को पकड़ कर अपनी चूत मे घुसा कर जीब डलवा रही थी और बोल रही थी- और ज़ोर से, चोदो और ज़ोर से आआहह आआहह.

अब मैने उनकी चूत को छोड़कर उनके उपर आकर उनकी चूत पर लंड रख दिया और उनके होंठो को अपने होंठो मे भर कर चूसने लग गया और एक जोरदार धक्के से लंड को अंदर उतार दिया और खूब ज़ोर ज़ोर से चोदने लग गया. भाभी भी मज़े मे आहह आहह करने लग गई और बोली- आअगघ अनिल चोद दो, फाड़ डालो इसे तुमने तो सुहाग्रात का मज़ा दिला दिया आअहह आअहह.

मैं अब उनकी बात सुनकर ज़ोर ज़ोर चोदने लग गया और उनके बूब्स को मूह मे भरकर चूसने भी लग गया जिससे कमरे मे आवाज़ गूंजने लग गई और मज़े मे चोद कर करीब 30 मिनिट बाद हमारा एक साथ ही निकल गया और हम एक दूसरे से लिपट कर ऐसे ही सो गये और फिर सुबह 5 बजे उठकर फिर से चोदा और करीब 8 बजे उठ कर अपने-अपने काम पर चले गये और रात को फिर से प्रोग्राम बनाया.

मुझे अपना फीडबॅक देने के लिए कृपया कहानी को ‘लाइक’ ज़रूर करे, ताकि कहानियों का ये दौर देसीकाहानी पर आपके लिए यूँ ही चलता रहे.

फिर अगली शाम मैं उनके घर गया और उसे बाथरूम मे आने का इशारा किया तो वो समझ गई और अंदर आते ही मैने उनके बूब्स को उपर से ही पकड़ लिया और दबाना शुरू कर दिया जिससे उनको मज़ा आने लग गया और फिर मैने उनके सारे कपड़े उतार दिए और अपनी उंगली को उनकी चूत पर रख कर चोदना शुरू कार्दिया जिसका उन्होने खूब मज़ा लिए.

और फिर बाद मे उन्हे घोड़ी स्टाइल मे बैठने को कहा तो वो हो गई और मैने पीछे से अपने लंड को उनकी चूत मे डाल कर उन्हे चोदना शुरू कर दिया और वो पूरे मज़े के साथ खुद को चुदवाने लग गई और मैं उनके बूब्स को दबाते हुए उनकी चूत को फाड़ते हुए अपना पानी उनकी चूत मे निकाल दिया और फिर उनके आगे आकर अपना लंड उनके मूह मे डाल दिया और एक ज़ोरदार धक्का मार कर गले तक उतार दिया जिससे लंड पर लगा हुआ पानी सब उनके गले मे उतर गया.

फिर उसके बाद तो मैने उनकी कितनी बार चुदाई कर चुका हूँ ये मुझे भी याद नही पर वो अभी तक मुझसे चुदति है और मैं उसे खूब चोदता हूँ, मेरी मैल आईडी है . हिन्दी पॉर्न स्टोरी पड़ोस की भाभी