नंदोइजी ने मेरी चूत गीली की

nandoi ji ner meri choot gili ki सभी लंड धारियों को मेरा लंडवत नमस्कार और चूत की मल्लिकाओं की चूत में उंगली करते हुए नमस्कार। मेरी चुदाई की कहानी के माध्यम से आप सभी को अपनी स्टोरी सुना रहा हूँ। मुझे यकीन है की मेरी सेक्सी और कामुक स्टोरी पढकर सभी लड़को के लंड खड़े हो जाएगे और सभी चूतवालियों की गुलाबी चूत अपना रस जरुर छोड़ देगी।

ही रीडर्स मेरा नाम वंदना शर्मा हे, मैं 44 साल की औरत हू मेरा फिगर 34-30-36 हे मेरे पति की प्राइवेट जॉब हे और मेरा एक लड़का हे जो अब हॉस्टिल मैं रहता हे. मैं अपने जीवन के कुछ किससे आपसे शेर कर रही हू अगर कोई ग़लती हो तो माफ़ करना ये मेरी पहली स्टोरी हे.

मैने शादी से पहले कभी सेक्स न्ही किया था पहली बार पति ने हे चोदा था. शादी के बाद लाइफ अच्छी चल रही थी हम सेक्स खूब एंजाय करते थे 1 साल बाद बेटा होगया.  अब मैं बेटे मे बिज़ी रहने लगी और मेरे पति अपनी जॉब मे और सेक्स लाइफ हमारी कम हो गयी पर मुझे कोई प्राब्लम न्ही थी मैं खुश थी. हम हफ्ते मे 1 या 2 बार सेक्स करते थे. इसी तरह शादी को 7 साल हो गये.

अब मैं स्टोरी पे आती हू मेरे ससुराल मे मेरी ननद की शादी थी तो हम लोग 10 दिन पहले ही ससुराल आगये थे और शादी की तैयारी मे लग गये. मेरे दिल मे किसी भी गैर मर्द के लिए कोई जगह न्ही थी मैं बस अपने पति से खुश थी. पर मेरे साथ कुछ और ही लिखा था.

शादी की वजह से काफ़ी रिलेटिव आए हुए थे घर मे. मेरी बड़ी ननद और उनके पति भी आए हुए थे वो आर्मी ऑफीसर थे. 6 फ्ट 2 इंच हाइट थी उनकी और चौड़ी छाती सब कुछ मिलाकर काफ़ी तगड़े थे वो. घर मे सब उनकी रेस्पेक्ट करते थे क्यूकी मेरी ये ननद सब्से बड़ी थी घर मे. मैं उनसे 10 साल छोटी थी तो मैं भी उनकी रेस्पेक्ट करती थी. ननद और नंदोई का कमरा मेरे कमरे के बगल मे ही था.

उसके बाद रात को मैं टाय्लेट जाने के लिए उठी तो मुझे ननद के कमरे से कुछ आवाज़ आ रही थी मैने कमरे के गेट के पास जाके सुना तो वो ननद की आवाज़ थी वो अहह ओह ब्सस्सस्स करो मारीईई की आवाज़ निकल रही थी. मुझे मज़ा आने लगा की नंदोई जी मसस्त चुदाई कर रहे हे तभी वो ऐसी आवाज़ निकाल रही हे क्यूकी मेरे पति तो कभी मेरी आवाज़ न्ही निकाल पाते उनका लंड 5 इंच का हे.

मेरी इच्छा और बड़ी तो मैने उनको देखने का सोचा पर गेट और खिड़की बंद था और ननद की आवववववह उउउ माआआआ माहहाअ की आवाज़ मुझे बेचैन कर रही थी. तभी मुझे उपर का रोशन दान दिखा और मैं खिड़की पे छेद कर रोशन दान से देखने लगी. अंदर का नज़ारा देखते ही मेरा होश उड़ गया नंदोई जी पूरे नंगे होके शॉट मार रहे थे और मेरी ननद तो उनके नीचे दिख भी न्ही रही थी. उनकी पूरी बॉडी पे बाल थे और वो कस के झटके मार रहे थे. मैं अपना हाथ अपनी चूत पे ले गयी और सहलाने लगी.

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अब मैं नंदोइजी का लंड देखना चाहती थी. पर वो तो चोदे जा रहे थे और लाइट भी कम थी तो उनका लंड न्ही दिख पा रा था. फिर कुछ देर मे उनका हुआ तब वो ननद के उपर से उठे और उनका लंड देख के मेरी हालत खराब हो गयी 9 इंच तो लंबा और 3 इंच मोटा होगा जैसे कोई गधे का लंड हो मैने इतना बड़ा लंड कभी न्ही देखा था.

अब मैं अपने रूम मे आ गयी और उनके लंड के बारे मे सोचने लगी मेरी चूत उनके लंड के ख़याल से बार बार पानी छोड़ रही थी मैं अपनी उंगली से अपनी चूत को शांत करने लगी और इसी तरह सो गयी. सुबह जब उठी तो नंदोई जी को देख के मुझे गुदगुदी सी होने लगी मेरा किसी भी काम मे मन न्ही लग रा था दिमाग़ मे बस नंदोइजी का लंड घूम रा था. मैं तो फिर से उस लंड को देखना चाहती थी.

तभी मेरी ननद आई और बोली कि उनके बातरूम का पानी न्ही आरहा तो नंदोइजी आपके बातरूम मे नहा लेंगे मेरे तो जैसे दिल की बात बोल दी हो. मैने कहा ठीक हे आप भेज देना. तब मैने जाके बातरूम की कुण्डी को खराब कर दिया अब वो अंदर से न्ही लग सकती थी. मुझे तो कैसे भी नंदोइजी के लंड का दर्शन करना था. मैं रूम से बाहर चली गयी और नंदोइजी का वेट करने लगी तब वो अपने कपड़े लेके आए और मेरे रूम मे घुस गये पर गेट की कुण्डी खराब थी तो वो लगाने लगे वो कुछ परेशान से हुए.

तभी मैं रूम आ गयी और बोली के जीजाजी वो न्ही लगती आप नहा लो कोई न्ही आएगा मैं यही हू रूम मे बोल दूँगी कोई आएगा तो और उनके पाजामे की तरफ देखने लगी. नंदोइजी ने नोटीस कर लिया और अपने लंड को पाजामे के उपर से हाथ से सेट करते हुए बोले वैसे भी कोई आएगा तो मुझे क्या प्राब्लम हे और स्माइल देते हुए गेट लगा लिया.

अब मैं डरने लगी कि नंदोइजी को पता चल गया कि मैं उनका लंड देख रही थी मुझे कुछ समझ न्ही आ रहा था कि अब क्या करू नीचे मेरी चूत नंदोइजी के ख्याल से पानी पानी हुई जा रही थी.

मैं हाथ से चूत को सहलाने लगी मुझे मज़ा आने लगा तभी नंदोइजी की आवाज़ आई वंदना टवल देना मैने झट से सारी को नीचे किया और उनकी टॉवल देने के लिए गेट पे पहुचि तो वो बोले लाओ और गेट पूरा खोल दिया वो सिर्फ़ अंडरवेर मे थे और अंडरवेर गीला होने की वजह से उनका पूरा लंड सॉफ दिख रा था मेरी हालत खराब हो रही थी. तभी मैने टॉवल देने के लिए हाथ बढ़ाया तो नंदोइजी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे एक झटके मे अंदर खींच लिया मैं कुछ बोलती उससे पहले उन्होने मुझे अपनी बाहो मे ले लिया और मेरे बूब्स को दबाने लगे.

मैं बोली ये आप क्या कर रहे हो तो बोले बहुत घूर रही थी मेरे लंड को और मेरे एक हाथ अपने लंड के उपर रख दिया मुझे जैसे करेंट सा लगा और मैं बोली छोड़ो मुझे जाने दो प्लस्सस पर वो न्ही माने और मुझे उल्टी घुमा के मेरी गान्ड को अपने लंड से चिपका दिया और ब्लाउस के अंदर हाथ डाल के मेरे बूब को पकड़ लिया. अब मैं उनसे न्ही छूट सकती थी मेरी पूरी सारी गीली हो गयी थी अब वो एक हाथ से मेरी सारी को उपर करते हुए मेरी छूत पे हाथ फेरने लगे और बोले ये तो पानी छोड़ रही हे मैं शर्म के मारे कुछ ना बोली और एक उंगली अंदर डाल दी मेरे मूह से सीईईईईईईईईई की आवाज़ निकली और वो उसे अंदर बाहर करने लगे मुझे मज़ा आ रहा था अब मुझे सीधी करके मेरे होंटो को चूसने लगे.

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वो पागल जानवर की तरह मेरे होंठ चूस रहे थे अब मैं भी साथ देने लगी और मुझे पता ही न्ही च्ला मैं अपने एक हाथ से उनके लंड को सहला रही थी और एक हाथ से उनके बालो को सहला रही थी.

अब वो मेरी सॅडी खोलने लगे तो मैं बोली न्ही जीजाजी प्लस्सस मत करो यहा कोई आ सकता ह पर वो न्ही माने और मेरी सारी निकाल दी अब मैं पेटीकोट ब्लाउस मे थी मुझे डर लग रा था कि घर मे इतने लोग हे कोई आगया तो क्या होगा ये बात मैने उनको बोली तब वो माने. पर फिर भी मुझे छोड़ न्ही रहे थे और मेरी पूरी बॉडी पे किस करने लगे और मेरे ब्लाउस को निकालने लगे तब मैं बोली कि मैं मना न्ही कर रही आप कर लेना पर अभी जाने दो कोई आजाएगा.

तब वो बोले कि मेरा पानी निकालो पहले तब मैने उनके लंड को अंडरवेर मे से निकाला वो काला लंड बहुत मोटा और लंबा था मारे हाथ मैं भी मुश्किल से आरहा था.मैं हाथ से हिलाने लगी और वो कभी मेरी गान्ड सहलाते तो कभी बूब्स को मसल देते मैं जल्दी से उनका पानी निकालना चाहती थी पर उनका पानी न्ही निकल रा था उन्होने मुझे लंड चूसने को कहा मेरी तो तमन्ना पूरी हो गयी जिस लंड को पूरी रात सोच के उंगली कर रही थी.

अब वो लंड मेरे हाथ मे था मैं नीचे बैठ गयी और उनके टोपे को मूह मे ले लिया टोपा बहुत मोटा था मूह मे न्ही आ पा रहा था मैं अपनी जीभ उसपे फेर्न लगी तभी नंदोइजी ने मेरे मूह को हाथ से पकड़ा और ज़ोर लगा के मूह मे घुसा दिया मेरा दम घुटने लगा.

फिर आगे पीछे करके मूह को चोदने लगे सिर्फ़ उनका टोपा ही मूह मे था पूरा लंड बाहर था जिसे मैने हाथ से पकड़ रखा था मैं भी उनको जल्दी से फ्री करना चाहती थी तो ज़ोर ज़ोर से मूह को चलाने लगी और लोलीपोप की तरह लंड चूसने लगी नंदोइजी बोले तू एकदम रंडी की तरह चुस्ती हे.

और थोड़ी देर मे उनका निकलने वाला हुआ तो मैं मूह हटाने लगी, पर उन्होने मेरा मूह कस के पकड़ लिया और सारा पानी मेरे मूह मे ही डाल दिया. मैने फिर पानी से मूह को सॉफ किया वो फिर से मेरे बदन से खेलने लगे पर मैं रात का बोल के उनसे भाग आई.