काफ़ी देर बाद जब उसका पति और मम्मी सोए तो फिर मैने अपना खेल खेलना शुरू कर दिया. अब मैने नीचे बैठ कर पहले तो बुरखे को उपर उठा कर उसके पतले पतले होंठो का रस्स पिया. क्या स्वाद था उसके होंठो का और फिर मैने अपने लंड को मूह मे लेने को कहा तो उसने मुझे मना नही किया. तब मैं समझ गया की वो भी मेरे लंड को लेने के लिए बेताब है.
अब मैने लंड को उसके बुरखे के नीचे किया और फिर जब उसने अपनी पतली सी जीब मेरे लंड पर लगाई तो मानो मैं तो जेसे पागल सा ही हो गया.. अब मैने लंड को उसके मूह मै डाला और खुद ही उपर नीचे करने लग गया. वो भी मस्त हो कर मेरे लंड को चूस रही थी और चूसी ही जा र्ही थी. पूजा के ऐसे चूसने के बाद तो मैं पागल ही हो गया और ऐसे ही लंड को चूसा रहा था. फिर मैने उसके ऐसे चूसने पर 20 मिनिट बाद अपना पानी निकल दिया. जो की मैने उसके मुह मे ही निकाला था और उसने भी मज़े से सारा पानी पी लिया.
अब मैं उसकी चूत को चाटने के लिए बेताब हो रा था और शायद वो भी मुझे चुसवाने के लिए बेताब हो रही थी. इसलिए मैने अपने चारो तरफ देखा तो सब सो रहे थे. अब मैने भी खड़े खड़े रह कर थकने का बहाने करके नीचे बैठ गया. मैने बिना कोई देर करते हुए उसकी चूत पर अपना मूह रख डाला. मेरे मूह को रखते ही उसके मुह से आहह आहह निकल गई और मैं बिना कुछ सोचे समझे उसकी चूत को ऐसे ही चॅट रा था.
वो भी मज़े मे मेरा सिर अपने अंदर घुसा कर चूत को चुस्वाई जा र्ही थी. फिर मैने अपने इन्ही हाथो से उसके बूब्स को भी दबाया जो की बहोट ही मस्त थे. फिर मैने अपनी जीब को चूत मे डाल कर उपर नीचे किया जिससे वो और ज़ोर ज़ोर से आह करने लग गई. अब मैने भी बिना कोई देर किए उसकी चूत का सारा पानी निकल दिया और फिर दुबारा से खड़ा हो गया.
मैने आगरा पहॉंछने से पहले उसको अपना नंबर दिया और हम फिर आगरा पहॉंच कर अलग अलग हो गये. फिर जब मैं Lucknow आ गया तो उसके एक हफ्ते बाद उसकी कॉल आई और फिर मैने उसको और उसकी ननंद को भी चुदाई कर डाली.
ये सब केसे हुआ और कहा हुआ वो मैं अपनी अगली कहानी मे आपको बाद मई न्यू स्टोरी मै बता दूँगा. तब तक के लिए बाइ.
और दोस्तो, आप सब को मेरी ये कहानी केसी लगी प्लीज़ नीचे दिए हुए कॉमेंट्स बॉक्स मे लिख कर ज़रूर बताना. मुझे आप के कॉमेंट्स और ईमेल्स का बेसब्री से इंतज़ार रहेगा और मेरी मैल ईद है