फील्ड वर्क में कर दिया चूत का सर्वे

मोटी गांड वाली औरत की चुदाई कहानी है यह! वो आशा वर्कर थी. मैं सर्वे के लिए गया था, उसने अपना काम सही नहीं किया था. वो शिकायत ना करने के लिए कहने लगी.

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम राज शर्मा है। हिंदी सेक्सी कहानियां पढ़ना और लिखना दोनों मेरी आदत है।

मेरी पिछली कहानी थी: दोस्त की अम्मी ने मेरे साथ सुहागरात मनाई

मेरी दो कमजोरियां हैं. मैं बड़ी बड़ी चूचियां और गांड देखकर बहक जाता हूं।
मैं चुदाई का कोई भी मौका कभी नहीं छोड़ता और चुदाई में कोई उम्र और रिश्ता नहीं देखता।

इसलिए मैं अपनी सगी चाची और मामी को भी चोद चुका हूं।

यह मोटी गांड वाली औरत की चुदाई भी मेरी ऐसी ही चुदाई की एक घटना पर आधारित है।

दोस्तो, कंपनी में काम बंद होने के बाद लॉकडाउन मैं अपने गांव चला गया और घर में ही रहता था।

4 – 5 महीने घर में रहने से मैं बोर होने लगा था।

तभी मेरे एक दोस्त ने मुझे बताया कि एक 2 – 3 महीने का अच्छा काम है उसमें पैसे के साथ साथ घूमने को भी मिलेगा।

मैं तो घर में वैसे भी बोर हो रहा था।
मैंने अपने डाक्यूमेंट उसे भेज दिए।

अगले हफ्ते से हमें भोपाल से फोन आ गया और हम दोनों भोपाल पहुंच गए।

वहां हमें 10 दिन की ट्रेनिंग में बताया गया कि सर्वे में कैसे चैक करना है और कैसे आपको आंगनबाड़ी आशा की मदद लेना है।

उसके बाद हम फील्ड पर आ गए और काम शुरू कर दिया।
जैसा दोस्त ने बताया था, वैसा ही काम था.

हम लोग नई नई जगह जाते, वहां की आंगनबाड़ी आशा की मदद से जानकारी लेते और आसपास घूम भी लेते।

ऐसे काम करते करते पता नहीं चला कब एक महीना बीत गया।

एक बार हम काम के लिए एक नगर गए तो वहां की आशा छुट्टी पर थी. तो वहां की आशा सहयोगिनी को हमारी मदद के लिए आना पड़ा।

अभी तक हमें जो आशा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मिली थी वो सब बड़ उम्र की औरत देखने में ज्यादा खूबसूरत नहीं थी।

लेकिन आशा सहयोगिनी को देखकर मेरा सोया हुआ लंड जागने लगा था।

उसका नाम कामिनी था. उसकी 34C की बड़ी बड़ी भरी हुई चूचियां और 36 की मोटी गांड देखकर मेरा लन्ड खड़ा होने लगा और मन किया कि अभी यहीं पटककर चोद डालूं।
लेकिन मैंने अपने मन को काबू में किया और उनको साथ लेकर काम शुरू कर दिया।

रास्ते में जब वो आगे आगे चलती तो मैं बस उसकी मटकती गांड को देखता।

शाम को काम खत्म करने के बाद हम होटल आ गए और मैडम अपने घर चली गई।

अब रात को मेरी आंखों के सामने कामिनी की चूचियां और गांड़ बार बार आने लगी।
मैंने उसका नाम लेकर दो बार मुठ्ठी मारी और फिर सो गया।

अब मेरे लंड को चुदाई की भूख लग चुकी थी।

अगले दिन कामिनी पिंक साड़ी और पीछे गर्दन से खुला हुआ ब्लाउज पहन कर आई थी।
आज वो हुस्न की देवी लग रही थी जैसे कामदेव ने अपने हाथों से उसे बनाया हो।

ब्लाउज में कैद उसकी बड़ी बड़ी चूचियां और बाहर निकली गांड देखकर मेरा लन्ड और मन मेरे बस में नहीं था।

हम काम करने के लिए फील्ड में पहुंचे तो चैकिंग में पता चला कि गांव में महिलाओं और बच्चों को आंगनबाड़ी आशा से सुविधाएं नहीं मिल रही थी।
मैंने सब अपनी नोटबुक में लिख लिया और वहां से आ गया।

अब कामिनी के चेहरे की मुस्कान जा चुकी थी और डर साफ दिख रहा था।

मैंने उससे कहा- मैडम, आप क्या काम देखती हैं? आपकी आशा तो बिल्कुल भी काम नहीं कर रही है. मुझे भोपाल ऑफिस में जानकारी देनी होगी।
वो और डर गई और बोली- सर, ऐसी बात नहीं है मैं चैक करती हूं और आशा काम करती है।

मैंने गुस्से में आते हुए कहा- हां, वो मुझे दिखा अभी आप और आपकी आशा कितना काम करती है।
फिर मैंने कहा- चलो आंगनबाड़ी … मुझे आपके सर्वे रजिस्टर चैक करने हैं।

अब कामिनी बहुत डर चुकी थी और उसकी आवाज लड़खड़ाने लगी थी। उसने कहा- कि सर रजिस्टर तो घर में रखे हैं, यहीं पास में मेरा घर है।
मैंने कहा- ठीक है आप घर से लेकर आइए।

वो बोली- सर आप घर चलकर ही देख लीजिए. यहां रास्ते में कैसे चैक करेंगे।
मैंने कहा- ठीक है.
और उसके पीछे पीछे चलने लगा।

जैसे ही मेरी नज़र उसकी गान्ड में गई मेरा गुस्सा खत्म हो गया और मेरे अंदर की वासना जागने लगी।
अब मेरे दिमाग में कामिनी की चुदाई की कामना जागने लगी।

थोड़ी देर बाद हम कामिनी के घर पहुंच गए.
उसके पति ड्यूटी गए थे और दोनों बच्चे अपने मामा के घर गए हुए थे।

जैसे ही हम घर पहुंचे वो जल्दी से रजिस्टर लेकर आ गई और डरते हुए बोली- सर लीजिए।
मैंने मुस्कराते हुए कहा- मैडम आपके घर आए हैं. क्या आप चाय नहीं पिलायेंगी।

वो डरी हुई थी, बोली- सर हां!

मैंने कहा- पहले आप आराम से बैठिए और पानी पीजिए. फिर अच्छी सी दो कप चाय बनाकर लाइए।

अब धीरे धीरे उसका डर कुछ कम हुआ और वो अपनी मटकती गांड को लेकर रसोई में चली गई।

तभी मेरी नजर उसकी बाथरूम में पड़ी वहां उसकी ब्रा पैन्टी टंगी हुई थी।
मैं चुपके से उठकर गया और उसकी पैन्टी को सूंघने लगा.

क्या मस्त खुशबू आ रही थी।
मैंने अपने अंडरवियर के अन्दर पैंटी डालकर लंड को मसलना शुरू कर दिया।

थोड़ी देर बाद मुझे कामिनी की आहट हुई तो मैं जल्दी से बाहर आ गया।
कामिनी की पैंटी मेरे लंड पर लिपटी हुई थी।

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फिर चाय पीते हुए मैंने कहा- मैडम, आप बोलिए अब क्या किया जाए?
वो बोली- सर, आप प्लीज ये जानकारी आगे न भेजिए।

मैंने कहा- मैडम, आप भी जानती है कि काम तो नहीं हुआ है।

फिर मैं उठकर कामिनी के पास आ गया और उसके पैरों से अपने पैर सटाकर बैठ गया।
अब मैंने अपना एक हाथ उसकी जांघों पर रख दिया और धीरे धीरे सहलाने लगा।

वो मुझसे दूर हो गई.
मैंने उसकी तरफ मुस्कुराते हुए कहा- देखिए कामिनी जी, अगर आप चाहें तो कुछ बात बन सकती है।
वो झिझकती हुई बोली- सर बताइए वो कैसे?

मैं खिसकते हुए उसके पास गया, उसकी जांघ पर हाथ फेरने लगा और बोला- अगर आप चाहें तो कुछ भी हो सकता है।
वो बोली- सर, आप क्या बोल रहे हैं।

मैंने कहा- गलती तो हुई है. अगर आप चाहें तो गलती आगे नहीं जाएगी।
अब मेरा हाथ उसकी जांघों पर धीरे धीरे चलने लगा।

मैंने कहा- अगर आप मुझे खुश कर दो तो मैं आपको खुश करके चला जाऊंगा।
वो चुपचाप हो गई और मेरा हाथ उसकी पीठ पर चलने लगा।

फिर वो बोली- सर, ये ग़लत है, मैं शादीशुदा औरत हूं।
मैंने कहा- कामिनी जी, आपने जो किया वो भी तो ग़लत है लेकिन मैं फिर भी सब ख़त्म करने को तैयार हूं अगर आप चाहें तो!

अब मेरा हाथ उसकी नंगी पीठ को सहलाने शायद उसे भी अच्छा लग रहा था।

मैंने उसकी साड़ी का पल्लू हटा दिया और उसकी चूचियों को सहलाने लगा.
अब उसके विरोध में बस नहीं नहीं आ रहा था लेकिन वो मुझे रोक नहीं पा रही थी।

मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा.
थोड़ी देर में कामिनी भी गर्म हो गई और साथ देने लगी।

मैंने उसका ब्लाउज और ब्रा खोल दी और उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां मेरे हाथों में आ गई.
मैं उनसे खेलने लगा.

अब दोनों एक-दूसरे को पागलों की तरह चूमने लगे थे।

मैंने उसकी साड़ी उतार दी और पेटीकोट खोल दिया.
अब दोनों एक-दूसरे के शरीर पर हाथ फेरने लगा और किस करने लगे।

थोड़ी देर बाद कामिनी मेरे लंड को ऊपर से ही सहलाने लगी और उसने मेरी कमीज़ और बनियान उतार दी.
अब हम दोनों की छाती एक दूसरे से चिपक गई थी।

उसने मेरी पैंट को खोल दिया और अंडरवियर में हाथ डालकर लंड सहलाने लगी।
मैंने अपनी पैंट, अंडरवियर उतार दी, उसकी पैन्टी उतार कर फेंक दी.

हम दोनों नंगे हो गए और एक दूसरे को चूमने लगे।
वो बोली- सर अब बैडरूम में चलो!
और फिर हम दोनों उसके बैडरूम में आ गए।

बिस्तर पर आकर दोनों एक-दूसरे को पागलों की तरह चूमने लगे दोनों एक दूसरे के शरीर से खेलने लगे।

अब धीरे धीरे मेरा लन्ड खड़ा होने लगा था.

मैंने अपने हाथों में कामिनी के दोनों संतरों को पकड़कर मसलना शुरू कर दिया था.
और वो आहह उम्मह आहह करके आंख बंद किए हुए मजे ले रही थी।

अब मैंने उसकी निप्पल को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.
कामिनी अब गर्म हो चुकी थी; उसकी शर्म जा चुकी थी और आह हहह उहह आह ओह करके मस्ती में अपनी चूचियों को मेरे मुंह में डाल कर चुसवा रही थी।

अब धीरे धीरे कामिनी का हाथ मेरे लंड तक पहुंच गया।
वो लंड को प्यार से धीरे धीरे सहलाने लगी।

मैंने उसे बिस्तर पर घुटनों के बल बैठा दिया और अपना लन्ड मुंह में डाल दिया वो गप करके लंड अंदर ले गई और गपागप गपागप लोलीपॉप जैसे लंड को चूसने लगी।

उसके लन्ड चूसने के तरीके से मैं समझ गया कि ये पहले बहुत लंड चूस चुकी है और आज इसे बहुत दिनों बाद ऐसा लंड मिला है।

वो लंड को अंदर तक चूस रही थी और मैं झटके लगाने लगा।

इसके बाद हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए और चूत/लंड को चूसने लगे।

मैंने कामिनी की चूत को जीभ से चोदना शुरू कर दिया और अंदर बाहर करने लगा.
अब कामिनी भी लंड को तेज तेज चूसने लगी।

थोड़ी देर बाद कामिनी अपनी चूत को मेरे मुंह पर दबाने लगी.
मैं और तेज़ तेज़ चोदने लगा.

अब ऊईई आह हह ओह हह ऊईई करके कामिनी की चूत का झरना बहने लगा और मैं अपनी जीभ से चाटने लगा।
मेरा लन्ड उसके गले तक चोदने लगा।

वो लंड मुंह से निकाल कर बोलने लगी- सर, अब मेरी चूत में अपना लन्ड घुसा दो और मुझे जमकर चोदो.

मैंने उसे उठाकर बिस्तर पर लिटा दिया और उसके ऊपर लेट गया, उसकी चूत में जोर से धक्का लगाया.

वह ऊईई ऊई ऊईई ईईईई चिल्लाने लगी.
मेरा आधा लंड अंदर चला गया.

वह ऊई ऊई आ हह करने लगी तो मैंने लंड रोक दिया और उसकी चूचियों को दबाने लगा होंठों को चूसने लगा।

थोड़ी देर बाद मैंने एक जोर से धक्का लगाया, मेरा लन्ड पूरा अन्दर चला गया।

अब मैंने धीरे धीरे अपने लौड़े की रफ्तार बढ़ा दी और अंदर-बाहर करने लगा।

कामिनी की चूत टाइट थी उसका पति उसे रोज नहीं चोदता था।

अब धीरे धीरे कामिनी भी अति उत्तेजित हो गई और अपनी कमर हिला हिला कर लंड लेने लगी।

मैंने अपने लौड़े को तेजी से अंदर-बाहर करना शुरू किया.
वो बोल रही थी- आह चोदो मुझे आह और चोदो मुझे फ़ाड़ दे मेरी आह आह हह!

मैंने कहा- मैडम, आज तुमने मुझे खुश कर दिया. अब आपकी सारी जानकारी ऊपर अच्छी जाएगी।

मैंने उसे घोड़ी बनने को कहा.
वो जल्दी से घोड़ी बन गई और बोली- सर, अब मुझे जमकर चोदो.

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मैंने अपना लन्ड घुसा दिया और तेज़ तेज़ अंदर बाहर करने लगा.
वो भी अपनी गांड आगे पीछे करके मज़े से लंड लेने लगी।

उसकी चूचियों को पकड़ कर मैं मसलने लगा और दोनों तरफ से बराबर झटके पे झटके लगाने लगे।

अब पूरे कमरे में चुदाई की आवाज आने लगी थी।
हम दोनों भूल गए कि हम क्या हैं और कहाँ है. हम एक-दूसरे को गाली देकर चुदाई करने लगे।

10 मिनट बाद दोनों एक साथ झड़ गए और एक-दूसरे से लिपटकर किस करने लगे।

थोड़ी देर बाद वो किचन में चली गई और वहां से गिलास में दूध लेकर आई दोनों ने आधा आधा गिलास पी लिया।

वापस बिस्तर में आकर एक-दूसरे को चूमने लगे एक-दूसरे के अंगों से खेलने लगे।

मेरा लन्ड भी अब खड़ा हो गया था, मैंने कामिनी को चूसने का बोला वो गपागप गपागप अंदर तक चूसने लगी।

कामिनी की चुदाई की भूख जाग चुकी थी. शायद उसके पति ने उसे बहुत दिनों से जमकर नहीं चोदा था।
अब हम दोनों सब भूलकर एक-दूसरे को पागलों की तरह चूमने लगे।

मैंने कामिनी को उठाया और सीधी लिटा दिया, उसकी चूत में अपना मुंह लगाकर जोर जोर से चूसने चाटने लगा.
उसकी सिसकारियां तेज़ हो गई, आह उईई आह हह करके वह मेरा सर अपनी चूत में दबाने लगी।

दोस्तो, शादीशुदा औरत को चोदने का यही मज़ा और फायदा होता है. उसे सब पता होता है और वो चुदाई में खुलकर साथ देती है।

अब कामिनी की सिसकारियां तेज़ हो गई और उसने अपने शरीर को रोक दिया.
मैंने अपनी जीभ को अन्दर बाहर करना चालू रखा.

उसकी जोर की आहह हह के साथ उसकी चूत ने नमकीन पानी छोड़ दिया जिसे मैंने चाट कर साफ़ कर दिया।

अब मैंने कामिनी को उठाया और घोड़ी बना दिया.
मैंने अपने लंड पर थूक लगाया और उसकी चूत में घुसा दिया.

आहहह आहह करके कामिनी भी अपनी गांड आगे पीछे करने लगी थी।
एक बार की चुदाई के बाद चूत लंड की दोस्ती हो गई थी।

अब झटकों के साथ ही थप थप थप थप थप आहह आह की आवाज तेज होने लगी और कामिनी बोलने लगी- चोद कुत्ते और तेज़ आह आह मादरचोद फ़ाड़ दे मेरी आह हह और तेज़ चोद चोद चोद!

अब मैं भी जोश में आ गया और लन्ड की रफ्तार तेज कर दी और तेज़ी से अंदर-बाहर करने लगा- ले साली रण्डी … भोंसड़ी की छिनाल ले … ले कुतिया रंडी!
और तेज़ तेज़ चोदने लगा.

कामिनी की चूचियां मसलते हुए चोदना तेज़ कर दिया और पूरे कमरे में थप थप आह और गालियां गूंजने लगी।

अब मैंने उसे लंड मैं बैठने को कहा वो तुरंत मान गई।

और मेरे लौड़े पर अपनी चूत रखकर बैठ गई, लंड सट्ट से अंदर चला गया.
वो ऊई ऊईई ईईई करके चिल्लाने लगी.

मैंने कहा- साली रण्डी, चिल्ला … आज कोई नहीं आएगा बचाने!
वो बोली- और चोद साले … मुझे तेरे लौड़े का पूरा मज़ा लेने दे!

अब मैंने उसकी चूचियों को पकड़ लिया और वो लंड पर उछल उछल कर चुदाई का मज़ा लेने लगी थी।

उसको बहुत मजा आ रहा था और वो जन्नत का मज़ा ले रही थी।
उसने बताया कि उसका पति उसे इतने मजे से नहीं चोदता है।

थोड़ी देर बाद उसकी चूत ने मेरे लौड़े को नहला दिया और फच्च फच्च की आवाज के साथ चूत का रस टपकने लगा।

मैंने उसे उठाकर बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी मोटी गान्ड में हाथ फेरने लगा.
वो मना करने लगी.

लेकिन अब मैं कहां उसकी सुनने वाला था।
उसकी गान्ड में अपनी उंगली घुसा दी और वो ‘उईई ईईई ऊईई ऊईई निकाल’ बोल कर चिल्लाने लगी.

मैंने होंठों पर होंठ रख दिए और उंगली करने लगा.
अब उसने गांड का सुराख खोल दिया और अपने लंड पर थूक लगाया और गांड में घुसा दिया.

जैसे ही थोड़ी सा लंड अंदर गया, वह चिल्लाने लगी- ऊई ऊईई आहहह मर गई बचाओ बचाओ मर गई ऊईई ईईईई आह हहह सीई ईईईई मर गई!

मैंने लंड रोक दिया और उसके दोनों कबूतरों को मसलने लगा.
अब वह धीरे धीरे अपने आप को संभाल रही थी.

तभी मैंने जोर का धक्का लगाया.
वो “ऊई ऊई ईईई ऊईई … मर गई … बचाओ बचाओ!” चिल्लाने लगी.

मैंने जोर जोर से धक्का लगाना शुरू कर दिया और मेरी आंखों से आंसू निकलने लगे.
अब उसकी गान्ड में लन्ड अन्दर बाहर होने लगा और मैं दर्द से चिल्लाती रही.
लेकिन उसने मेरी एक न सुनी।

अचानक से हुई इस गांड चुदाई से वो दर्द के मारे चिल्ला रही थी और मैं गपागप गपागप लंड को अंदर बाहर कर रहा था।

धीरे धीरे अब उसका दर्द कम होने लगा था. अब वह भी अपनी मोटी गांड को आगे पीछे करने लगी।

अब धीरे धीरे दोनों की सिसकारियां निकलने लगी।

तभी मैंने अपना लन्ड बाहर निकाल लिया और उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसके ऊपर आ गया।
मैंने उसकी चूत में लन्ड घुसा दिया और तेज़ तेज़ चोदने लगा।

अब मुझे भी मजा आने लगा था और मैं भी उसका साथ देने लगी थी।

मैंने उसे 10 मिनट तक फिर से जमकर चोदा और उसकी चूत में अपने लंड का पानी निकाल दिया और ऊपर आकर लेट गया।

थोड़ी देर बाद हम दोनों ने अपने कपड़े पहने और फिर मैं रजिस्टर में काम को ठीक करके अपने होटल चला आया.

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