मेरी सेक्सी बहन की कुंवारी जवानी की चुदाई

हैलो दोस्तो.. मेरा नाम कुणाल पटेल है। मैं बड़ौदा (गुजरात) का रहने वाला हूँ।

मेरी उम्र अभी 22 साल है.. मेरी लम्बाई 6 फुट 2 इंच है, मेरे लंड की लम्बाई औसत से अधिक लम्बी और ये बहुत मोटा भी है।

यह कहानी मेरे जीवन की पहली और सच्ची कहानी है।

मेरे घर में सिर्फ 4 लोग ही रहते हैं, मेरे माता-पिता, मैं और मेरी छोटी बहन।

मेरी बहन का नाम प्रिया है, उसकी उम्र अभी 18 साल है।

मेरी बहन की फिगर के बारे में बताऊँ.. तो उसके चूचे 32 के हैं.. 24 की कमर और उसकी गांड 34 साइज़ की है।
उसका रंग बिलकुल गोरा है और दिखने में वो बिलकुल श्रद्धा कपूर जैसी क्यूट लगती है।

मेरे पापा एक बिज़नेसमैन हैं और मेरी मम्मी, जिन्होंने अभी-अभी ही किसी प्राइवेट स्कूल में टीचर की पोस्ट ज्वाइन की है।

मेरे पेरेंट्स सुबह 9 बजे काम पर चले जाते हैं और शाम को ही वापस आते हैं। घर में पूरा दिन मैं और मेरी बहन प्रिया अकेले ही होते हैं। मैं और मेरी बहन प्रिया हम एक-दूसरे को बहुत प्यार करते हैं.. और हम दोनों बिलकुल टॉम एंड जैरी की तरह हैं।

मुझे सुबह देर से उठने की आदत है क्योंकि रात को मैं ब्लू-फिल्म और अन्तर्वासना की कहानियाँ पढ़ता रहता हूँ।

बात कुछ एक हफ्ते पहले की ही है।
उस दिन मैं सुबह 10 बजे तक सोता रहा था.. घर पर मैं और मेरी बहन प्रिया ही थे।

तभी प्रिया मुझे मेरे बेडरूम में उठाने के लिए आई.. और मेरा तकिया खींचने लगी।

मैं उठ गया और हम दोनों बिस्तर पर ही मस्ती करने लगे।
उसी दौरान मस्ती-मस्ती में मेरा हाथ प्रिया के मम्मों को छू गया।
मुझे बहुत मज़ा आया और प्रिया ने भी कुछ नहीं बोला।

उसके बाद मैं नहाने चला गया और फ्रेश होकर टीवी देखते हुए नाश्ता कर रहा था।
प्रिया भी मेरे साथ बैठी हुई थी।

तभी अचानक प्रिया ने मुझसे कहा- कुणाल मेरे सिर में और बदन में बहुत दर्द हो रहा है.. तुम थोड़ा मालिश कर दो ना।
मैंने कहा- ठीक है.. आ जाओ मेरे पास.. मैं तुम्हारा सिर दबा देता हूँ।

वो तुरंत ही मेरी गोदी में सिर रख कर लेट गई।
जैसे ही मैं उसका सिर दबा रहा था कि उसने आँखें बंद कर लीं।

उसने अपना सिर बिल्कुल मेरे लंड पर रखा हुआ था.. जिससे मेरा लंड अकड़ने लगा। मैं भी उसी दौरान उसके मम्मों को निहारने लगा।

तभी अचानक मेरा एक हाथ उसके चूचे पर चला गया और उसके किसी विरोध को न होता देख मैं ऊपर से ही उसके मम्मों को सहलाने लगा।

जब इतने पर भी उसने कोई विरोध नहीं किया, तो मैंने हाथ सीधा ही उसकी टी-शर्ट में अन्दर डाल दिया और उसके मस्त मम्मों को मसलने लगा।

अब तुरंत उसने आँखें खोलीं और बोली- कुणाल ये क्या कर रहे हो?
मेरे तो होश ही उड़ गए.. मैंने हाथ बहार निकालते हुए कहा- कुछ नहीं प्रिया.. ऐसे ही हाथ चला गया।

उसने कटीली स्माइल दी और कहा- निकाल क्यों लिया.. और जोर से करो ना.. बहुत मज़ा आ रहा है।
मैंने कहा- यहाँ नहीं.. अन्दर बेडरूम में चलते हैं।

वो मान गई।

हम दोनों चुदास से भर उठे थे, बेडरूम में जाते ही मैंने उससे कहा- प्रिया तू अपनी टी-शर्ट निकाल दे।
उसने अपनी टी-शर्ट निकाल दी।

मैं तो दंग ही रह गया, उसने काले रंग की छोटी सी ब्रा पहन रखी थी।
फिर मैंने लौड़ा सहलाते हुए कहा- इसे भी निकाल दो न..
तो उसने कहा- तुम ही निकाल दो।

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मैंने तुरंत ही उसकी ब्रा निकाल दी और उसके दोनों चूचे बिल्कुल मेरे सामने तने हुए थे। उसके मम्मे एकदम गोरे-गोरे और उस पर तन कर खड़े हुए उसके पिंक निप्पल बहुत मस्त लग रहे थे।

मैंने तुरंत ही एक हाथ से उसके एक चूचे को पकड़ लिया और दूसरे चूचे को पागलों की तरह चूसने लगा।

प्रिया ने अपनी आँखें बंद कर ली थीं और उसकी साँसें जोर-जोर से चलने लगी थीं। उसके मुँह से निकल रहा था- आआअह्ह.. अह्हह.. और जोर से चूसो कुणाल.. और जोररर से..

तभी मैंने एक हाथ से उसकी स्कर्ट निकाल दी और उसकी चूत पर हाथ फिराने लगा तो पता चला उसकी चूत गीली हो गई थी।

मैंने कहा- प्रिया अपनी पैन्टी भी निकाल दो।
उसने कहा- कुणाल क्या मैं ही सब निकालूँगी.. या तुम अपना भी कुछ निकालोगे?

मैंने भी अपनी टी-शर्ट और पैन्ट निकाल दी।
अब मैं और मेरी बहन सिर्फ अंडरवियर में ही रह गए थे।

हम दोनों बिस्तर पर आ गए और मैं पागलों की तरह उसके मम्मों को चूसता रहा।
मैंने उसके चूचे चूस-चूस के लाल कर दिए थे।

बाद में मैंने तुरंत ही उसकी पैन्टी निकाल दी.. तो देखा कि उसकी चूत बिल्कुल साफ़ और बिल्कुल पिंक कलर की है।

मैंने एक उंगली उसकी चूत में डाली.. तो उसके मुँह से चीख निकल गई।
मेरी बहन की चूत एकदम कुंवारी थी।

मैंने उसके दोनों टांगों को फैलाया और उसकी चूत पर जीभ फेरने लगा।
उसके मुँह से ‘आअहा… आअहह..’ की आवाज़ आने लगी।
वो मेरा सिर अपनी गरम चूत पर दबाने लगी।

मुझे भी पहली बार किसी की चूत चूसने में बहुत मज़ा आ रहा था।
उसी दौरान वो एकदम अकड़ने लगी और उछल-उछल कर चूत चटवाने लगी।

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अचानक उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया।
मैंने उसका रस चाट लिया।

कुछ पल बाद प्रिया फिर से बोली- कुणाल और करो ना.. नहीं तो मैं मर जाऊँगी।
मैंने कहा- अब तुम्हारी बारी है.. तुम भी मेरा लंड चूसो।

पहले तो वो मना करने लगी.. बाद में मैंने कहा- यदि तुम मेरा लंड नहीं चूसोगी तो आगे से मैं कुछ भी नहीं करूँगा।
वो मान गई।

मैंने तुरंत ही अपना लम्बा लंड निकाला.. वो तो मेरा लौड़ा देख कर एकदम खुश हो गई.. हालांकि पहले उसकी आँखें खुली की खुली रह गई थीं।
वो हैरान होकर बोली- माय गॉड इतना लम्बा और मोटा..!

मैंने तुरंत ही मेरा लंड उसके हाथ में दे दिया और कहा- इसे आगे-पीछे करके सहलाओ।

वो वैसा करने लगी थी।
सच में यार पहली बार किसी लड़की ने मेरा लंड हाथ में पकड़ा था।

वो कोई और नहीं मेरी खुद की बहन थी।
मैंने कहा- यार इसे मुँह में तो लो।

जैसे वो खुद ही लौड़ा चूसने को मरी जा रही हो उसने इस तेजी से तुरंत ही अपने मुँह में मेरा लौड़ा ले लिया।
वो मेरा लौड़ा लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी।

दूसरी तरफ मैं भी उसकी चूत को सहला रहा था।

करीब दस मिनट लंड चूसने के बाद प्रिया बोली- अब कुछ करो यार.. नहीं तो मैं मर जाऊँगी।

मैं तुरंत ही उसकी दोनों टांगों के बीच आ गया और अपने लंड को उसकी कुंवारी चूत पर रख कर धीरे से दबाव डालने लगा।

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जोर पड़ते ही उसकी चीख निकल गई, उसने कहा- कुणाल बहुत दर्द हो रहा है.. धीरे-धीरे से करो।

मैंने थोड़ा थूक उसकी चूत पर और मेरे लंड पर लगाया और फिर धीरे से लंड को चूत में डालने की कोशिश की, पर इस बार भी मैं सफल नहीं हुआ। लौड़ा चूत से फिसल गया।

मैंने फिर से अपने लंड को चूत पर सैट किया और दूसरी तरफ उसको किस करने लगा ताकि उसकी चीख न निकले।

अबकी बार मैंने चूत को फैला कर उसकी फांकों में सुपारे को फंसा दिया और उसके होंठों पर होंठ जमा कर एक जोरदार शॉट लगा दिया।

इस झटके में मेरा आधा लंड मेरी प्यारी बहन की चूत को चीरता अन्दर चला गया।

उसके आंसू निकलने लगे और वो चिल्लाने की कोशिश कर रही थी, परन्तु उसके होंठ मेरे होंठों में दबे थे.. इसलिए उसकी ज्यादा आवाज़ नहीं निकल पाई।

वो छटपटाने लगी थी तो मैं रुक गया।

मैं करीब दो मिनट में ऐसी ही पोज़िशन में पड़ा रहा, फिर मैंने उससे पूछा- अब दर्द कैसा है?
तो उसने मरी सी आवाज में कहा- अब ठीक है..

बाद में मैंने देखा कि उसकी चूत से खून निकल रहा था, पर मैं उससे कुछ नहीं बोला, यदि मैं उसे बता देता तो वो डर जाती।

फिर मैंने धीरे-धीरे लंड को आगे-पीछे करने लगा, उसके मुँह से लगातार दर्द मिश्रित आनन्द की आवाजें आ रही थीं- आआह्ह्ह.. आअहाआ.. फ़क मी.. उम्म्म्म..

मैंने भी मेरे लौड़े की स्पीड बढ़ा दी और जोर-जोर से लंड को अन्दर-बाहर करता रहा।

अब उसने अपनी आँखें बंद कर ली थीं और बड़े मज़े से चुदवा रही थी।

कुछ ही पलों बाद मेरी बहन मेरे साथ मिल कर खूब उछल-कूद करते हुए चुदवाने लगी। मुझे लगा कि अब उसका पानी निकलने वाला है.. तो मैंने मेरी स्पीड और बढ़ा दी।

तभी अचानक प्रिया एकदम अकड़ गई और उसकी चूत से पानी की पिचकारी निकलने लगी।

‘आआह्ह.. आआह्ह.. मम्मी मर गई..’ करते हुए उसकी चूत से इतना पानी निकल गया कि बिस्तर की चादर गीली हो गई।

परंतु अभी मेरा बाकी था.. तो मैंने उसे घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत में एक ही बार में पूरा का पूरा लंड पेल दिया। इस बार भी उसके मुँह से ‘आअह्ह.. मम्मी..’ निकल गया।

मैं उसे घोड़ी बनाकर पीछे से उसकी चूत चोद रहा था। मेरे हाथ उसके मम्मों को भी मसल रहे थे मुझे ऐसा लग रहा था जैसे किसी गुब्बारे में पानी भरा हो.. उसके रसीले चूचे ऐसे लचक रहे थे।

करीब दो मिनट में मेरा पानी निकलने वाला था.. तो मैंने स्पीड बढ़ा दी। यहाँ पूरे कमरे में उसकी आवाज़ मुझे पागल कर रही थी। मैंने तभी एकदम से मेरा लंड उसकी चूत में से निकाला और उसके मुँह में दे दिया।

मैंने कहा- आह्ह.. प्रिया इसे जल्दी-जल्दी चूसो।

वो भी मेरा लंड चूसती चली गई.. तभी अचानक मेरे लंड ने उसके मुँह पानी छोड़ दिया। उसका पूरा मुँह मेरे पानी से भर गया और वो मेरा सारा पानी गटक गई।

फिर करीब 20 मिनट हम दोनों एक-दूसरे को चिपक कर लेटे रहे।

बाद में दोनों एक साथ बाथरूम में नहाने गए और फ्रेश हो कर बाहर घूमने गए।

शायद आपको मेरी यह सच्ची कहानी पसंद आई हो.. आप अपनी राय मुझे जरूर मेल करें।
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