मेरी चूत को बड़े लंड का तलब

मैं सपना जैन, फिर एक बार एक नई दास्तान लेकर हाज़िर हूँ.

मेरी पिछली कहानी
बड़े लंड का लालच
जिन्होंने नहीं पढ़ी है, उन्हें यह नयी कहानी कहां से शुरू हुई, समझ में नहीं आएगी. इसलिये आप पहले मेरी कहानी का पहला भाग जरूर पढ़ लें ताकि मेरी इस सेक्स कहानी का पूरा मजा आए.

उन चार अफ्रीकन हब्शियों के बड़े बड़े लंड से चुदने के बाद मेरी चुत को अब यहां के लंड शांत कर ही नहीं पाते थे. मुझे अपने यहां के सब लंड एकदम मरियल से लगने लगे थे, जो मेरी चूत की खुजली को मिटा ही नहीं पाते थे.

धीरे धीरे अब तो मैं ख्यालों में भी उन्हीं अफ्रीकी लड़कों के लौड़ों के बारे में सोचती रहती थी. मुझे उनसे चुदना बड़ा पसन्द आया था. मैं जब भी उनके बारे में सोचती, मेरी चुत से पानी टपकना शुरू हो जाता. मैं बड़े ही मुश्किल से खुद को संभाल पाती. मैं रोज़ अफीकन लंड की चुदाई के वीडियो देखती और अपने पति को बोलती कि मुझे इनकी तरह चोदो, पर उतना दम नहीं आ पाता था.

मैं अपने मन में सोचती थी कि बस कैसे भी अब अफ्रीकन लंड मिल जाएं, तो खाज मिट जाए.
पर मेरे सोचने से क्या होता है. मैं बस इंटरनेट पर पोर्न वीडियो देखकर और अपने पति से चुदकर ही संतुष्ट हो जाती थी.

पर एक दिन मेरी किस्मत चमक गई, मुझे ओकले का फ़ोन आया कि उसका बिज़नेस फ्रेंड 4 दिन के लिए जोधपुर आ रहा है और उसे इंडियन माल बहुत पसंद है. उसको स्पेशयली तुम्हारी जैसी साड़ी वाली लेडी को ही चोदना है. तुमको उनकी सेवा करनी है.

ये सुनकर मेरी खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा. मैंने झट से हां कर दी.
फिर वो बोला कि उनका फ्रेंड बहुत बुरा चोदता है. उसने कई लड़कियों को चोद चोद कर बेहोश तक किया है. वो पागल सांड की तरह चोदता है.

चुदाई के नशे में मैं ओकले की बात कहां सुनने वाली थी. मैं बस अपनी ख़ुशी दबाते हुए उसकी तारीफ़ की और कहा- मुझे तुम्हारे दोस्त से चुदवा कर मजा आने वाला है. तुम मुझे डराओ मत.
उसने मुझे अपने उस फ्रेंड के लंड के फोटोज और उसकी चुदाई की वीडियोज सेंड की.

मैंने उस हब्शी का लंड देखा, तो मेरे होश उड़ गए. उसका लंड उन चारों से भी बड़ा था. इतना बड़ा लंड था कि अगर अन्दर तक घुसा दो, तो लड़की के पेट तक पहुंच जाए.

मैं फिर भी बहुत खुश हो रही थी. मेरे मुँह और चुत दोनों से पानी टपक रहा था. मेरी चुत से जोरदार खुजली उठ रही थी … मुझसे अब इंतज़ार नहीं हो रहा था.

ओकले ने आगे कहा- उसका नाम रेओ है … और वो कल आएगा. कल रात ही तुमको उसकी सेवा करने जाना है … और हां उसमें हम चारों का एक साथ जितना दम है.
इतना कहकर उसने फ़ोन काट दिया.

अब मेरे लिए मुश्किल ये थी कि मैं घर से कैसे निकलूं. लेकिन मुझे उसका लंड तो चाहिए ही था. मैं दिन भर बहाना सोचती रही.

अगले दिन शाम तक तो मेरा बुरा हाल हो गया. मैं रात भर उसके लंड की फोटो को देखती रही और दिन में भी वही मेरी आंखों के सामने घूम रहा था.

रात होने लगी, तो मुझे रेओ का फ़ोन आया. उसने होटल का एड्रेस रूम नम्बर दिया और 9 बजे पहुंचने का बोला.

मैं तैयार हो गई, मेरी चुत तो सुबह से शेव्ड थी. मैंने चुत पर खुशबूदार तेल लगाया और वेस्टर्न ब्रा पेंटी पहनी, जिससे कुछ भी नहीं ढक पा रहा था. मैंने नार्मल सी साड़ी पहनी और सती सावित्री सी महिला बन कर चुदाई के लिए जाने को रेडी हो गई.

मैंने पति से बहाना बना दिया कि मेरी फ्रेंड प्रेग्नेंट है और उसके घरवाले किसी रिश्तेदार के अंतिम संस्कार पर गए हैं, तो मैं उसका ख्याल रखने जा रही हूँ.
मेरे पति बोले- अरे अगर ये बात है, तो चलो मैं तुम्हें उसके घर तक छोड़ देता हूँ.
एक बार तो मुझे लगा कि कहीं सब गुड़ गोबर न हो जाए, पर मैं चुदासी तुरंत ही राजी होते हुए बोली- हां, ये ठीक रहेगा.

मुझे मेरे पति ने मेरी एक फ्रेंड के घर तक छोड़ दिया. मैंने अपनी उस फ्रेंड को अपनी सारी कलाकारी समझाई और उससे मेरा साथ देने का वादा लिया.
वो बोली- एक दिन मुझे भी ऐसे ही किसी बड़े लंड से चुदने के मौका दिला देना.
मैंने हाँ करके उसे समझा दिया कि फ़ोन आए, तो तुम यही बोलना कि मैं तुम्हारे साथ हूँ.

वो मान गई और मैं उसके घर से निकल कर टैक्सी से होटल पहुंच गई.

होटल के रूम तक पहुंच कर मैंने खुद को ठीक किया. मेरी चूत बहुत गर्म हो रही थी. रूम के दरवाजे के बाहर पहुंच कर मैंने लम्बी एक सांस भर के नॉक किया.
उसने दरवाजा खोला, वो एक तौलिये में खड़ा था. मुझे देख कर उसने अन्दर आने को कहा.

मैं कमरे में अन्दर आ गई और मैंने दरवाजा बंद कर दिया. तब तक वो बिस्तर पर जाकर लेट गया था.
उसने बगल की टेबल से उठा कर मुझे तेल की शीशी थमा दी और मसाज करने को बोला.

मैं शुरू हो गई. वो बहुत मस्त बॉडी वाला था. मेरे हाथ उसके मस्त कड़ियल बदन पर फेरते ही मुझे उसके ठोस शरीर का अहसास हो गया. उसका बदन एकदम लोहे सा था. मेरी चुत तो बस जल्दी से उसके नीचे आने का ही सोचने लगी थी.

मैं तेल से उसके जिस्म की मालिश करने लगी. काफी देर कमर, फिर पैर, फिर उसकी मर्दाना छाती पर हाथ फेरा. उसकी काले रंग की काबुली चने जैसी घुंडियों को अपनी उंगलियों में दबा कर मसला. वो आंखें मूंदे बस मेरी मालिश का मजा ले रहा था.

फिर जैसे ही मैंने उसका तौलिया हटाया, तो एक सांप एकदम से फनफनाता हुआ बाहर निकल आया. उसका लंड बिल्कुल एक सांप की तरह फन फैलाए मेरे बिल में घुसने का इंतजार कर रहा था.

More Sexy Stories  मन्जू की चूतबीती-2

मैंने तेल छोड़ कर सीधा उसके लंड को अपने मुँह में ले लिया. उसका लंड मेरे मुँह में घुस ही नहीं रहा था. साले का लौड़ा एक लौकी की तरह था. मैंने अपना पूरा मुँह खोल कर किसी तरह उसके लंड को भर लिया और ज़ोर ज़ोर से पूरे स्वाद से चूसने लगी.
वो भी मेरे सर पे धक्के लगाने लगा. उसका लंड चूस कर मुझे बहुत मज़े आ रहा था.

मैं उसके लंड का थोड़ा सा ही हिस्सा चूस रही थी. वो बोल रहा था- आह सक इट डार्लिंग यू इंडियन बिच … यस यस सक इट फुल.
मैंने उसका लंड एकदम से कड़क कर दिया था. उसका लंड एक लोहे के मोटे पाइप सा अकड़कर तना हुआ था.

उसने मेरा मुँह चोदने के बाद मुझे अलग किया और मुझे खड़ा करके खुद खड़ा हो गया. वो मुझसे करीब डेढ़ फिट ऊंचा था. उसने अपना काला लंड मेरे जिस्म से भिड़ा दिया. मैं तो बस आज बड़े लंड से चुदने के ख्वाब में मदहोश थी.

फिर उसने मेरी साड़ी खींच कर उतार दी. मुझे इन्तजार था कि ये हब्शी किसी भूखे भेड़िये की तरह मेरा ब्लाउज और पेटीकोट भी खींचेगा. लेकिन मेरी आशा के विपरीत उसने मेरा ब्लॉउज और पेटिकोट नहीं उतारा. उसने मेरे पेटीकोट को ऊपर उठाया और मेरी पेंटी उतार कर पेटिकोट कमर के ऊपर कर दिया.

फिर उसने अपनी बड़ी सी हथेली पर ढेर सारा थूक लेकर मेरी छोटी सी चुत पर लगा दिया. उसकी उंगली ही मुझे अपनी चूत के लिए कोई लंड जैसी लग रही थी.

इसके बाद वो खुद लेट गया और मुझे अपने ऊपर बिठा लिया. मैं उसके पेट पर अपनी चूत टिका कर बैठ गई और चूत को उसके पेट से रगड़ने लगी.

उसने मुझे किसी प्लास्टिक की गुड़िया की तरह उठाया और अपने लंड पर सैट कर दिया. मुझे उसके सुपारे में एक आग सी बरसती सी लग रही थी. ये बहुत मोटा सुपारा था. हालांकि मैं घर से सेक्स पॉवर बढ़ाने वाली गोली खा कर आई थी, तब भी मेरी गांड फट रही थी कि न जाने, इसका लंड मेरी चूत का क्या हाल करने वाला है.

धीरे धीरे उसका लौड़ा मेरी चुत को चीरते हुए अन्दर घुस रहा था. उसके हल्के से दबाव देते ही मैं बहुत जोर से चिल्ला दी उम्म्ह… अहह… हय… याह… तभी उतनी देर में उसका पूरा लंड मेरी चुत को फाड़ते हुए अन्दर घुस चुका था.

वो मुझे चिल्लाते हुए देख कर बोला- शट अप … यू बिच … (चुप कर कुतिया!)

वो मुझे अपने लंड पर ऊपर नीचे करने लगा. मुझे बड़ा दर्द हो रहा था, पर इस दर्द के बाद मुझे मालूम था कि मेरी चूत को जो ख़ुशी मिलने वाली है, वो इस दर्द से दस गुना अधिक थी.

मैं अब दर्द भूल कर लंड के मज़े लेने लगी थी. मैं खुद उछल उछल कर लंड अन्दर ले रही थी. मुझे इस वक्त दीन दुनिया का कोई ख्याल नहीं था. मैं सब भूल कर उस हब्शी लंड से चुद रही थी.

फिर उसने मुझे धक्का देकर बेड पर गिरा दिया और पेटीकोट ब्लाउज खोल दिया. ब्रा को खींच कर फाड़ दिया. उसने मेरी चुत पर हाथ लगा कर एक दबाव दे दिया, इससे उसका लंड चीरते हुआ और अन्दर घुस गया.

अब मुझे समझ आया कि मैं जिस लंड को पूरा अन्दर जा चुका मान रही थी, दरअसल वो अभी शायद आधा ही गया था.

उसका लंड घुसते ही मैं फिर से चिल्ला दी- उई माँ … म्मर गई … आहह … बचा … लो.

वो मेरी चिल्लपौं पर कोई ध्यान ने देते हुए मुझे एक मासूम सी बकरी समझ कर मुझे हलाल करने की अपनी हवस बुझाने में लगा रहा. वो पूरा मेरे ऊपर चढ़ गया और मेरी चूत में लंड के धक्के लगाने लगा. मैं अपने हाथ से उसके लंड को पकड़ कर रोकने की कोशिश कर रही थी, तो उसने मेरे दोनों हाथ पकड़ कर ऊपर ले लिए और पूरी दम से धक्के लगाने लगा.

मैं दर्द से कराह रही थी. उसका लंड मुझसे सहन ही नहीं हो पा रहा था. इस वक्त मुझे अपनी चुदास कहीं दिख ही नहीं रही थी. बस ये लग रहा था कि इस मादरचोद जंगली सांड से कैसे बचा जाए.

मैं अपनी चूत में फंसे उस मूसल से निजात पाने की सोच ही रही थी कि तभी उसने मेरे मम्मों को भंभोड़ना शुरू कर दिया. वो किसी आटे की बड़ी लोई की तरह मेरे चूचों का भुर्ता बनाने में लगा था. उसने मेरे निप्पल मसलने शुरू किए. वो मुझे किसी जानवर की तरह मसल रहा था.

फिर उसने अपने लंड को झटके से बाहर निकाला और मेरे मुँह में दे दिया. मैंने अपनी चूत से किसी कॉर्क जैसे ढक्कन के हटने से बड़ी राहत पा ली थी. मैं हंस कर उसका लंड चूसने लगी.

कुछ ही देर में उसने एक बड़े ज़ोर की पिचकारी मार दी. इतना अधिक वीर्य निकला कि उसकी एक पिचकारी से ही मेरा मुँह भर गया और बाहर गिरने लगा. उसने वीर्य को अपनी उंगली से उठा कर मेरे मम्मों पे डाल दिया. मैं बहुत मज़े से अपने मम्मों पर उसके वीर्य से मालिश करने लगी. मैं बहुत खुश थी कि आज मैंने शेर को पटक लिया.

मैं उसे चूमने लगी.

वो कड़क आवाज में बोला- यू बिच … गेट अवे फ्रॉम मी. (कुतिया परे हो जा!)

मैं उसकी गुर्राहट से डर गई और उससे दूर हट गई. वो किसी सांड की तरह पसर कर लेट गया. मैं बिना उसके किसी गुस्से की परवाह किये उसके ऊपर चढ़ गई. उसको तो मानो मेरे वजन से कोई असर ही नहीं हो रहा था.

वो आंखें बंद करके सो गया. मैं उसके ऊपर चढ़ कर उसकी छाती पे किस करने लगी. फिर मैं उसके लंड को मसलने लगी और चूमने चाटने लगी.

थोड़ी ही देर में उसका फिर खड़ा हो गया. मैं उसका खड़ा लंड देख कर खुश हो गई. मैं फिर से लंड चूसने लगी.

More Sexy Stories  कम्प्यूटर सीखने के बहाने सेक्स का खेल-2

कुछ देर बाद उसने मुझे खड़ा किया और दीवार से चिपका दिया. मेरी एक टांग उठा कर उसने हवा में कर दी और अपने लौकी टाइप के लंड को चूत में डाल कर मुझे चोदना शुरू कर दिया.

मैं ‘आहह … उई माँ … मर गई … उहहह..’
इस तरह के आसन में चुदने से मुझे बड़ा दर्द हो रहा था.
वो दंभ भरी आवाज में बोला- यस … क्राई मोर लाउडली यू बिच.. (हाँ … और जोर से चीख कुतिया!)

उसे चोदते वक़्त लड़की की चीखें और जल्लाद बना देती थीं. मैं चीखी, तो वो और बुरी तरह चोदने लगा. उसने मेरा गला पकड़ा और ऊपर को कर दिया और चोदने लगा. मैं उससे चुदते वक्त होने वाले दर्द में भी मज़े लेने लगी थी. उसका ये दर्द भी बहुत प्यारा था. एक बार लंड से चुदने के बाद मेरी चूत का मुँह उसके लंड के साइज़ में खुल गया था.

मैं चुदास में फिर से मदहोश थी. तभी उसने मुझे उल्टा कर दिया और लंड को बाहर खींच कर मेरी गांड में घुसा दिया.

वो पूरी दम से मेरी गांड मारने लगा. मैं गांड में लंड लेते ही एकदम से बौखला गई. मेरी चीख ही नहीं निकल सकी. मेरी आंखें फ़ैल गईं और गांड में होने वाले दर्द ने मुझे लगभग बेहोश सा ही कर दिया.

लेकिन मैं जबसे उन चार अफ्रीकन लौड़ों से चुद चुकी थी उसके बाद से ही मैंने अपनी चुदास मिटाने के लिए एक अफ्रीकन साइज़ का डिल्डो ऑनलाइन मंगा लिया था, जिससे मैं अधिकतर अपनी गांड मारती रहती थी.

कुछ देर तक उसके पाइप को अपनी गांड मरवाने के बाद मुझे कुछ राहत सी मिलने लगी थी. हालांकि मैं बहुत बुरी तरह से चुद रही थी. तब भी उतने दर्द में भी मैं अपनी गांड उछाल उछाल कर मज़े ले रही थी.

वो बोला- आई लव टू फक यू बेबी.
मैं बोली- यस फक मी हार्डर डियर … आई एम योर स्लेव … यस फक मी. (चोदो मुझे जोर से … मैं तुम्हारी गुलाम हूँ. हाँ चोदो मुझे!)

वो उतावला होकर धक्के लगाने लगा. मैं उसको उत्तेजित करने के लिए दर्द से रो रही थी, पर अन्दर से बड़े लंड से मज़े ले रही थी.

फिर उसने मुझे एक कागज़ की तरह उठा कर बेड पर फेंक दिया. वो तो गनीमत थी कि बेड पर दस इंच वाला गद्दा पड़ा था, जिससे मुझे कोई नुकसान नहीं हुआ.

मैं जैसे ही बिस्तर पर गिरी, वो बंदूक की गोली की तरह मेरे पास गया. उसने मुझे एक घोड़ी बना दिया और मेरी गांड में लंड घुसा दिया. उसका लंड मेरी गांड फाड़ रहा था, मैं खुश हो रही थी.

वो मुझे मारने लगा और बोला- क्राई … डोंट लाफ … (चिल्लाओ … हंसो मत!)
मैंने उससे अंग्रेजी में बोला- साले उसके लिए दम लगाओ भोसड़ी के …

अब वो ये सुनते ही मानो जल्लाद बन गया और जानवर जैसे ज़ोर से मेरी गांड मारने लगा. उसकी इस तेजी से मुझे दर्द होने लगा और मैं चिल्लाने लगी.

मैं कुछ पल बाद उसकी इस तेजी की भी अभ्यस्त हो गई और कराहते हुए गांड में लंड के मजे लेने लगी. मुझे कराहने में भी मजा आ रहा था.

ओकले की बात एकदम सही थी कि रेओ बहुत बुरी तरह से चोद रहा था. इतना जबरदस्त तो मुझे उन चारों ने भी नहीं चोदा था, जितना बुरी तरह मैं रेओ से चुद रही थी. पर रेओ से चुद कर मज़े भी दोगुने आ रहे थे.

फिर रेओ ने मुझे सीधा किया और मुँह में सारे माल को खाली कर दिया. मैं भी उसकी रबड़ी पी गयी और हँसने लगी.

वो बोला- आई एम टायर्ड नाउ वी विल डू नेक्स्ट राउंड लेटर. (अब मैं थक गया हूँ, अगली चुदाई बाद में करूँगा.)

उसने टेबल पर रखी व्हिस्की की बोतल उठाई और गटगट करके दो बड़े घूंट नीट ही खींचे और बोतल मेरी तरफ बढ़ा दी. मैंने भी दो लम्बे घूंट ले लिए. मुझे अपनी चूत और गांड में होने वाले दर्द से ये नशा राहत दिलाने वाला लगा.

मैं दारू पी कर उससे चिपक कर सो गई. रात में भी हम दोनों ने 2 राउंड किए. सुबह में एकदम थक गई थी. मैं बड़ी मुश्किल से अपनी फ्रेंड के घर पहुंची. उसने मुझे थोड़ी देर सुला दिया और मेरी चुत की भी थोड़ी सिकाई कर दी.

वो मेरी चूत का मलीदा बना देख कर बोली- साली हब्शी औरत … बड़े लंड का इतना लालच है कि अपनी चुत का क्या हाल करवा लिया है … ये भी होश नहीं रखा. कुतिया तेरा पति तेरी चूत देखते ही समझ जाएगा कि खड्डा गहरा हो गया है.

मैंने हंस कर बोला- तू उसकी फिक्र ना कर कमीनी … उनको पता है कि हम दोनों हॉस्टल में लेस्बियन सेक्स कर चुके हैं, यदि उसने मेरी चूत को देख कर कुछ बोला, तो मैं बोल दूंगी कि तुमने अपना डिल्डो मुझे दे दिया था, तो उसे टेस्ट करने के चक्कर में ये हो गया.

वो बोली- डिल्डो से फिर भी इतना खराब नहीं होता है. जितना ये किसी गटर के जैसे हो गया है.
मैं बोली कि तू चिंता मत कर … मैं सब सम्भाल लूँगी.
उसने बोला कि अभी तेरा पति आने वाला होगा. वो तो देखते ही समझ जाएगा कि मैं प्रेग्नेंट नहीं हूँ.
मैंने बोला- तू बाहर ही मत आना.
वो बोली- ठीक है.

फिर वो बोली- एक चांस मुझे भी मिलना चाहिए.
मैंने उससे हां कह दी. फिर आखिरी दिन में मैंने उसे ही रेओ के पास भेज दिया. मैं 2 दिन तक रेओ से चुदवाने जाती रही.

मेरी सहेली का रेओ ने क्या हाल किया. वो सब मैं अगली सेक्स कहानी में लिखने की कोशिश करूंगी.

आपको मेरी हब्शी चुदाई की कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करके जरूर बताएं.
[email protected]

What did you think of this story??