मेरी चालू बीवी डॉक्टर संग नंगी- 1

डॉक्टर सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरी सेक्सी बीवी ने हॉस्पिटल के डॉक्टर संग टांका भिड़ा कर सेक्स का मजा लिया. मेरी बीवी ने खुद एक बार की पूरी बात मुझे बतायी.

दोस्तो! आज मैं अपनी प्यारी चुदैल बीवी नीना की वह चुदासी दास्तान बताने जा रहा हूं, जिसको उसने मुझे बीती रात हंसते हंसते बताया था।
मेरी बीवी नीना के मेडिकल सेक्स गेम के सिलसिले को तरीके से समझने के लिए आप मेरी कहानी
चालू बीवी का मेडिकल चेकअप
जरूर पढ़ें।

डॉक्टर सेक्स कहानी उन दिनों की है, जब फरीदाबाद के सरकारी हॉस्पिटल के डॉक्टर राजीव भगत के साथ मेरी जान नीना का टांका भिड़ चुका था।
वास्तव में यह सच्ची कहानी उन महिलाओं के लिए खास तौर पर बड़ा मायने रखती है जो अपनी सुरंग में लौड़ा डाले बिना ही चुदाने का भरपूर आनंद उठाना चाहती हैं।

हालांकि मेरी नीना उन दिनों डॉ भगत के साथ तब तक इतनी बार चोदा चोदी कर चुकी थी कि यह बात उसके लिए बहुत सामान्य थी।

मगर पता नहीं क्या नीना के दिमाग में आया और डॉ भगत भी शायद कुछ ऐसा ही चाह रहे थे, जिससे इस मस्त और मजेदार कहानी का दस्तावेज तैयार हुआ।

मेरी नीना हंसते-हंसते बताती है कि शायद मेरे डॉक्टर साहब उस दिन चोदने की जगह पर अपना लौड़ा चूसवाना चाह रहे थे.
क्योंकि डॉक्टर नीना को पहले ही एक बार कह चुके थे कि अगर वह पूरी तबीयत के साथ उनका लोड़ा चूसे तो यह उनके लिए किसी जन्नत से कम खुशी की बात नहीं होगी।

हालांकि नीना से अब वे इतना अधिक यूज टू हो चुके थे कि उन्हें अच्छी तरह पता था कि नीना को उनका लौड़ा चूसने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
लिहाजा उन्होंने यह ऑफर भी नीना के सामने आज एक बार फिर रख दिया।
हालांकि नीना आज यही तैयारी करके पहले से घर से निकली थी।

प्रिय दोस्तो, अब आते हैं सीधी बात पर!

दोपहर दो बजे के बाद डॉ भगत मरीजों से खाली हो जाते हैं, यह बात नीना को पता है।
यही समय होता था जब मेरी बीवी नीना और डॉक्टर साहब अक्सर उनके केबिन में ही चोदा चोदी कर लिया करते थे।

मेरी चुदासी बीवी नीना में इंट्रेस्ट रखने वाले दोस्तों को पता ही है कि नीना का डॉक्टर से पहला परिचय मरीज और डॉक्टर के रूप में हुआ था.
लेकिन दोनों ही आज की तारीख में एक दूसरे के इतना करीब हैं कि जब भी दोनों के जी में आ जाए और फिजिकल ना हो सकें तो दोनों को ही चैन नहीं आता।

नीना ने मुझे एक बार यहां तक बताया कि डॉक्टर अपने घर में अपनी बीवी के साथ जितना सेक्स कर ले, लेकिन हफ्ते में एक या दो दिन नीना ना मिले तो वह बेचैन रहता है।

ठीक उसी तरह नीना भी मेरे साथ चाहे जितना सेक्स कर ले, उसे डॉक्टर के लंड के बिना एक तरह की बेचैनी सी रहती है।

आखिरकार आज मेरी मैडम ने यह शुभ मुहूर्त निकाल ही लिया.

हालांकि हॉस्पिटल पहुंचने से 15 या 20 मिनट पहले नीना ने डॉक्टर साहब को अपने आने की सूचना दे दी थी.
साथ ही यह भी कह दिया कि उसने अभी लंच नहीं किया है।

बहरहाल लंच साथ में ही करना था तो डॉक्टर साहब ने लंच का ऑर्डर कर दिया।

नीना के पहुंचने के 10 मिनट के भीतर लंच भी हाजिर हो गया।

हालांकि डॉक्टर साहब तो समझ ही रहे थे कि नीना लंच करने तो आई नहीं है; वह तो अपनी चूत की खुजली मिटाना चाहती है; लंच तो बहाना था.
तो मेडिकल चेकअप पड़ोस के लिए बहाना।

बातचीत की शुरुआत में ही डॉक्टर ने पूछा- क्या इरादा है आज?
इस पर अपनी कातिल मुस्कान के साथ नीना ने उसे बता दिया कि कुछ भी नहीं करना है, लेकिन सब कुछ कर जाना है।

नीना की बात सुनकर डॉक्टर अचंभे में पड़ गया कि जब कुछ नहीं करना है तो सब कुछ कैसे हो सकता है?
इस सवाल का जवाब मेरी नीना ने कुछ यूं दिया- मुझे आज तुम्हें खा जाना है और तुम भी मुझे खा जाओ।

नीना की बात सुनते ही डॉक्टर ठहाका लगाकर हंसने लगा।
डॉक्टर समझ गए कि आज नीना उनका लौड़ा चूसना चाहती है और उनको अपनी सुरंग का भरपूर पानी पिलाना चाहती है।

खैर लंच पूरा हुआ और दोनों आमने सामने बैठे।

फिर तो दोनों ही मुस्कुराए बिना नहीं रह सके क्योंकि नीना की अदा ही इतनी कातिल थी, जिसे उसको भोगने वाला हर कोई यही मानता है कि वह बड़ा खुशनसीब है।

अब डाक्टर भगत को अपनी रिवाल्विंग चेयर पर बैठना मुश्किल हो रहा था। लिहाजा वे नीना की सीट के पीछे आकर हरकत में आ गए।

नीना के कानों से होते हुए उसके गाल, होठ, चेहरा यहां तक कि जीभ भी हॉट स्पॉट बन गए।
इस तरह फिलहाल मेरी नीना का हॉट सफर शुरू हो रहा था, जिस मोड़ पर वह गर्माने लगी।

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इधर डाक्टर भी हॉटस्पॉट के अंदाज में उसे किस देने लगे तो वह जल्दी ही गर्म हो गई।

नीना ने डॉक्टर का हाथ सरकाते हुए अपनी ब्रा के भीतर रख दिया और उसकी मोटी मोटी उंगलियां नीना की कड़क चूचियों का रस निचोड़ने को बेताब हो उठीं।
साथ ही 36 कप ब्रा के भीतर की गोलाई का भूगोल भी समझने लगी।

अब मीना बेकाबू होने लगी तो उसने अपनी कुर्सी को थोड़ा सा मोड़ लिया जिससे डॉक्टर और नीना करीब करीब आमने-सामने आ गए।

जाहिर है नीना जैसी गर्म माल भला कहां शांत रहने वाली थी; लिहाजा वह भी डॉक्टर का कड़क कड़क लौड़ा पाने की राह पर चल पड़ी और पैंट की जिप को नीचे सरका डाला।

इस आपाधापी में डॉक्टर को लगा कि नीना जो चाह रही है वह पाने में थोड़ा असहज सी है।
लिहाजा डॉक्टर ने अपनी पूरी पैंट को नीचे सरका दिया और नीना ने भी समझदारी दिखाते हुए डॉक्टर की चड्डी को बिल्कुल पैरों से नीचे लाते हुए निकाल फेंका।

डॉक्टर भी नीना की मंशा को भी समझ चुका था कि आज नीना उसके लोड़े को मलाई की तरह काट काट कर खाना चाह रही है।

हुआ भी वही … नीना का हाथ और डॉक्टर का लौड़ा अब तक दोनों ही एक दूसरे के हमराही बन चुके थे।
डॉक्टर के लौड़े को बिना देर लगाए नीना ने अपने गले तक उतार दिया और उसे थूक से भरकर सटाक सटाक ऊपर नीचे करने लगी।

भगत के करीब 9 इंच लंबे तगड़े लौड़े पर मेरी चुदैल बीवी नीना ने कितने प्रयोग किया होगा, कहना मुश्किल है।
वह कभी चॉकलेट की तरह काट काट कर खाती तो कभी आइसक्रीम की तरह चाट चाट कर!

इन सभी प्रयोगों में नीना का एक ही मकसद था, अपने साथी मनपसंद लोड़े के मालिक डॉ भगत को मुखमैथुन का भरपूर आनंद दिया जाए।

इसके चलते डॉक्टर का चेहरा अब खुशियों से दमक रहा था।
इस सेक्स के अंतिम पड़ाव पर डॉक्टर यह नहीं समझ पाया कि नीना उसके उजले माल को पी जाएगी या अपने चेहरे पर डालेगी या बाहर गिरा देगी।
इस राउंड के चोदा चोदी में अंतिम सत्र तक नीना ने यह सस्पेंस बनाए रखा।

दरअसल नीना इतने अलग-अलग तरीके से लोड़े के साथ खेल रही थी कि किसी भी मर्द को अंदाजा लगाना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन था.
तो बेचारा डॉक्टर कैसे पता लगा सकता रहा।

वैसे नीना ने तो पहले ही तय कर रखा था कि सबसे पहले डॉक्टर के लोड़े को झाड़ेगी, उसके बाद उसके बाद अपनी मुनिया की खुजली मिटाएगी।

इस तरह वह करीब 15 मिनट एक्सरसाइज करती रही और इस एक्सरसाइज में नीना का चेहरा पसीने से तरबतर हो गया।
उसे तो अपने कपड़ों का भी होश नहीं रहा और डॉक्टर के झड़ने से पहले कमाल हो गया।

भगत की सिसकारी कमरे का माहौल किसी ब्लू फिल्म का सेट लगा रहा था। यह भाव दोनों के चेहरे पर साफ था।

यह सब नीना को बहुत प्यारा लग रहा था क्योंकि मीना को ऐसे मौके बहुत कम मिलते हैं, जब कहीं किसी का आने जाने का दूर-दूर तक कोई खतरा न हो और बिल्कुल चिल्ड एसी के बीच नीना किसी तगड़े लौड़े का दीदार कर रही हो।

इस कामुक माहौल में नीना ने डॉक्टर के लौड़े का पहला फव्वारा अपने मुंह में लिया, जिसे वह गटक गई तो दूसरा अपने चेहरे पर और तीसरा फिर से अपने जीभ और होठों के बीच रखते हुए पूरा का पूरा पानी एक बार फिर गटक गई।
अब डाक्टर खुशी से चिल्लाने लगा।

हांफते हुए जब दोनों ने एक दूसरे को देखा तो डाक्टर के चेहरे की खुशी पर नीना ने कहा- तुम्हारा इलाज तो मैंने कर दिया। अब मेरा इलाज कौन करेगा?

डॉक्टर ने मीना की इस मोहक अदा पर उसे गले से लगा लिया और बोला- मेरी जान मैं हूं ना! चलो अभी मैं तुम्हारी चूत में अपनी उंगली करता हूं और उंगली करने के साथ-साथ मैं तुम्हारी चूत पर जीभ का कमाल दिखाऊंगा। फिर तुम्हारे लिए एक गिफ्ट वाला नया एक्सपेरिमेंट में करूंगा।

नये एक्सपेरिमेंट की बात सुनकर तो नीना डॉक्टर पर भड़कने लगी और बोली- तुम्हारी कोई बात नहीं सुनूंगी। पहले से ही तय करके चली हूं कि आज अपनी चूत में लौड़ा नहीं लूंगी। फिर भी तुम्हें भी मस्त कर दूंगी और खुद ही मस्त होकर ही जाऊंगी। यह मत सोचना कि मैं चूत में लौड़ा लूंगी। अब तुम देखो, मेरी खुजली कैसे मिटाते हो?

डॉक्टर मुस्कुराया- हां मेरी जान, मैं तुम्हारे लिए गिफ्ट लाया हूं और वह केवल इसलिए लाया हूं कि जब तुम यहां आओगे और तुम्हें लौड़ा लेने का मन ना हो तो उस गिफ्ट को तुम्हें सचमुच पाकर खुशी हो जाओगी।

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भगत की बात सुनकर नीना कुछ हैरान होकर देखने लगी।

लिहाजा डॉक्टर ने हालात को समझते हुए अपने दराज की ओर हाथ बढ़ाया और उसमें से मशीन नुमा डिवाइस निकाला।

इस बीच नीना ने समय का सही उपयोग करते हुए अपने सारे कपड़ों को निकाल फेंका।
वैसे भी डॉक्टर के उजले माल ने उसके कपड़ों में काफी करामात कर डाला था। हल्की सफाई जरूरी थी केबिन से बाहर जाने से पहले।

तब तक मीना ब्रा और पेंटी में आ चुकी थी और डॉक्टर डिवाइस की पैकिंग खोलने में जुटा हुआ था।

पैकिंग खुलते ही मीना भी समझ गई कि यह वाइब्रेटर लौड़ा है, जो लौड़े जैसा ही सुरंग में शानदार बोरिंग का अहसास कराता है।
फिर भी नीना बनावटी गुस्से में डॉक्टर को डांटने लगी और बोली- कितने पैसे का मिला? आखिर बेवजह 10 हजार रूपए फूंकने की क्या जरूरत थी? जब तुम्हारा लौड़ा है ही, फिर यह क्यों?

उधर डॉक्टर भी मनाने लगा; उसने कहा- मेरी जान, पहले अपनी चूत चाटने दो मुझे। मैं तो तेरी रसमलाई जैसी मीठी चूत को चाट कर आज चोदूंगा। इसके बाद तुम जब फिर दोबारा झड़ने को आओगी तो मैं इस वाइब्रेटर का असली मतलब समझा दूंगा।

डॉ आगे बोला- और यह तो बहुत सस्ता है, इससे तुझे जितना मजा आयेगा न, उसका जवाब नहीं। तुम्हारे पति का लौड़ा इतना मज़ा नहीं दे सकता, जितना यह!

इस पर नीना असली चुदैल औरत की तरह हंसने लगी और बोली- पति का लंड मुझे सुख देता है या नहीं देता है … लेकिन तुम्हारा तो है ना!
फिर से दोनों खिलखिलाए।

एक बार फिर वह बड़े प्यार से निहारने लगी।
साथ ही वह डॉक्टर के शर्ट के बटन खोलने लगी।

अपनी कातिल मनमोहक अदा और मुस्कान के साथ नीना की अदा पर डॉक्टर एक अरसे से फिदा था।
सेक्स गेम के अगले पड़ाव पर नीना ने डॉक्टर की बनियान भी निकाल फेंका।

अब डॉक्टर ऊपर से नीचे तक नंगा था अपने गधे जैसे तगड़े लौड़े को लहराते हुए और नीना ब्रा पैंटी में।

इस क्रम में डॉक्टर ने सबसे पहले बड़े प्यार से अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए ब्रा के ऊपर से ही नीना के दोनों खरबूजों को पूरी मस्ती से मसलना शुरू किया।
फिर एक झटके में उसने पेंटी को निकाल बाहर फेंका।

नीना ने इठलाते हुए अपनी ब्रा को हटाने के लिए शिकायत के लहजे में डॉक्टर ताना मारा और बोली- यह क्या करेगी हम दोनों के बीच में?
डॉक्टर समझ गया और और ब्रा का हुक अनहुक कर दिया।

“वाह … शानदार यार … वाउ … ओह!”
बीसियों बार मेरी चुदासी बीवी की चूत का पानी निकालने के बाद भी उसके मुंह से सिसकारी निकल गई।

क्या अद्भुत नजारा था डाक्टर के लिए।
आखिर अपनी इसी अदाओं पर तो नाज़ है मेरी नीना को!
ऐसा कोई मर्द हो ही नहीं सकता जो उसकी चूत को याद करके पानी ना छोड़ दे।

36 साईज के बूब्स … वाउ … आज तक जबरदस्त कड़क!
डॉक्टर ने सोचा क्यों ना मैडम की सुरंग में खेलने से पहले चूचियों से खेल को शुरू किया जाए।
वाकई और भी मजा आएगा दोनों को ही।

बहरहाल बारी बारी से डॉक्टर ने दोनों चूचियों को पिया और दूसरे हाथों से खूब रगड़ा और मसला भी।
इस फोरप्ले में गर्म हो रही नीना अब काफी पानी छोड़ने लगी।

जैसे ही डॉक्टर को नीना की चूत में बह रही बाढ़ का अहसास हुआ तो उसने अपना पूरा ध्यान सुरंग पर फोकस कर दिया।

अब बारी नीना की थी डॉक्टर की नहीं क्योंकि डॉक्टर तो मजा लूट चुका था।

अब नीना को मजा देने की उसकी जिम्मेदारी थी।

सामने केबिन में पड़े हुए स्ट्रेचर की ओर डाक्टर ने नीना को ले जाना चाहा.
लेकिन नीना ने तो डॉक्टर की रिवाल्विंग चेयर पर आधा लेटकर चूत चटवाने का प्लान बनाया था।

लिहाजा नीना ने धड़ाम से रिवाल्विंग चेयर पर बैठकर अपनी टांग को टेबल पर फैला दिया।
चेयर पर जैसे ही हल्का भी झटका लगता तो जानम की चूचियां जंप मारने लगती।

सचमुच जन्नत का नज़ारा था।
क्लीन शेव्ड चमचमाती हुई चूत, परफ्यूम की खुशबू और चूत से बहता हुआ पानी देखकर डॉक्टर समझ गया कि उनकी पुरानी मरीज अपनी चूत की गर्मी का इलाज कराने के बाद ही दम लेगी।
लिहाजा टेबल की साइड में पहुंचकर डॉक्टर मेरी जानेमन के चूत की खिदमतगिरी में लग गया।

दोस्तो और सहेलियो, आप भी पढ़िए इस सच्ची डॉक्टर सेक्स कहानी का अगला भाग और जानिए मेरी चुदक्कड़ बीवी नीना के महान सेक्स एपिसोड के बारे में।

आपको यह कहानी कैसी लगी, हमें जरूर बताएं, ताकि अपनी बीवी की सेक्स लाइफ आपको बताता रहूं।
आपका दोस्त रितेश शांडिल्य
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डॉक्टर सेक्स कहानी का अगला भाग: मेरी चालू बीवी डॉक्टर संग नंगी- 2