यह सेक्स कहानी मेरी बेटी की चुदाई उसके बॉयफ्रेंड के साथ है. एक रविवार मेरी बेटी मुझे बता कर अपने बॉयफ्रेंड के रूम में उससे मिलने गयी. तो वहां क्या हुआ होगा?
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम उमा है. यह मेरा पहला प्रयास है. अपनी कामवासना के अनछुए पहलुओं को दुनिया के सामने लाने के अन्तर्वासना जैसी विश्वप्रसिद्ध साईट पर मैं अपना कुछ योगदान देने का प्रयास कर रही हूँ. इस कहानी के कई भाग होंगे जो आपकी मेल से मिलने वाले प्रोत्साहन से मैं और भी रसीले अन्दाज में पेश करने की कोशिश करूंगी.
अगर कहानी लिखने की मुझमें थोड़ी सी भी प्रतिभा होगी, तो मुझे विश्वास है कि मुझे आपका प्यार जरूर मिलेगा. आप सभी के द्वारा अपने लंड हिलाने और चुत सहलाने के बाद मिलने वाले सुकून से आपकी दुआओं के जरिए मुझ तक आपका प्यार पहुंच जाएगा.
अपनी सेक्स कहानी को शुरू करने से पहले मैं एक बात और कहना चाहती हूँ कि मेरी इस कहानी और इससे आगे के सभी भागों की मुख्य नायिका रेखा का मैं अपने खुद के नाम से उल्लेख करूंगी और कहानी अपनी जुबानी बयान करूंगी.
चलिए आपको एक नए और बेहद गहरी हवस से भरी दुनिया में लेकर चलती हूँ.
उस दिन मैं रविवार का अच्छे से मजा ले रही थी. सुबह सुबह अपने बड़े घर के बैठक खाने में बैठी हुई, मैं एक उपन्यास पढ़ रही थी. मैं उपन्यास में इतनी गहरी डूब गई थी कि मुझे मेरी एकलौती बेटी की आने की आहट भी नहीं सुनाई दी.
“ओ हैलो … लगता है मां आज आप अपना सन्डे इसी उपन्यास में बिताएंगी. आपको कितनी बार बताया है कि टीवी देखो, बाहर घूमने जाओ, कुछ नहीं, तो किटी पार्टी में जाया करो … लेकिन आपको तो बस किताबें, अख़बार और बिज़नेस के अलावा कुछ सूझे तब ना!”
यह थी मेरी बेटी रिया, जो कद-काठी में मुझसे थोड़ी सी लम्बी थी. मेरी बेटी का कद पांच फिट पांच इंच है, वजन 52 किलो और फिगर 34-25-34 का है. उसका रंग एकदम गोरा-चिट्टा है. लेकिन उसके सीने पर जब मेरी नजर जाती है, तब उसकी सुंदरता, उसके 34B के लाजवाब चूचों की वजह से और उभर कर नजर आती है.
मैंने उपन्यास से अपना सर बाहर निकाल कर रिया की मोहक … और अभी भी मनमोहक हंसी को देख कर उसकी तरह देखा.
फिर मैंने उपन्यास एक तरफ रखी और उठ कर मेरी बेटी का शहज़ादी जैसा मुखड़ा अपने हाथों में लेकर कहा- बेटी, अगर मैं ये सब करना बंद कर दूँ … तो तू ही बता हमारा यह घर कैसे चलेगा? तेरे पापा के जाने के बाद यह घर तेरी पढ़ाई और राहुल की जॉब और उसकी शादी … यह सब मैं कैसे करवाती? बताओ तो भला … लेकिन किटी, टीवी फिल्म देखना … यह सब करने के लिए तू है ना … मैंने तो तुझे हर बात की छूट दे रखी है. तू इंजॉय करेगी, तो तेरी ख़ुशी में मैं भी कर लूंगी. वैसे तू आज संडे को कहीं जा रही है क्या?
रिया बहुत बुरा मुँह बना कर बोली- हे माँ … मैंने आपको बताया था ना जॉली के बारे में, उसी से मिलने जा रही हूँ.
उसका जवाब सुन कर मैंने कोई ऐतराज नहीं जताया, लेकिन मुझे उसके इस ब्वॉयफ्रेंड से थोड़ी दिक्कत थी. फिर भी मैंने कभी मेरे इस ख्याल को कभी रिया या किसी और के सामने उजागर नहीं किया था.
खैर रिया इसी के साथ विदा हो गई और मैं फिर से मेरे उपन्यास में सर को छुपा कर उस दुनिया में खो गई, जो कई हजारों साल पहले बनी, जी गई … और तबाह हो गई.
वहीं रिया घर से बाहर गई और सीधा जॉली के फ्लैट पर चली गई. रिया के पास जॉली के फ्लैट की चाबी थी, उसने किसी बीवी के हक़ से ताला खोला … जो दरवाजे पर लगा था.
वो बिना कुछ कहे सुने अन्दर जाने लगी. उसे किचन के पास जॉली दिखा. जॉली एक लम्बा, हट्टा-कट्टा, मजबूत बांहें और चौड़ी छाती वाला मर्द था. रिया उसे देखते ही उसके गले लग गई.
“हैलो बेबी कैसे हो. आज संडे है और कॉलेज जाना नहीं होगा और उधर तुमसे मिलने का मौका नहीं मिलेगा. यही सोच कर मैं रह नहीं पायी और इधर आ गयी.”
जॉली ने रिया के गले लगते ही उसकी पीठ पर बांहें लपेट कर उसे अपने से कस कर गले से लगा लिया.
इस बात को जानते हुए भी कि ऐसा करने से रिया के गदराये मम्मे उसके सीने से दब जाएंगे. लेकिन रिया ने इसे ना कोई हर्ज़ जताया … ना ही उसके लिए ये नया था. लेकिन जॉली ने अगले पल एक हाथ उसके गोल गदरायी गांड के दाएं कूल्हे पर रखा और हल्का सा दबा दिया.
रिया हमेशा से ही एक मॉडर्न लड़की रही थी. उस पर मेरी उसे दी हुई छूट से उसने काफी कम उम्र में जिंदगी के काफी गहरे अनुभव हासिल कर लिए थे. इसमें जॉली से पहले के उसके छह ब्वॉयफ्रेंड भी थे. केवल उन्नीस साल की होकर भी रिया का सातवां ब्वॉयफ्रेंड जॉली था.
ऐसा नहीं है कि जॉली जैसा लड़का इस बात से अनजान था, लेकिन उमा से मिले अनुवांशिक खूबसूरती से वो वाकिफ था और ऐसा माल हाथ आने के बाद कौन उसका इतिहास जानन चाहेगा. इतिहास जानने से अच्छा तो यही था कि रिया के मादक जिस्म का भूगोल जाना जाए. इसलिए जॉली रिया के अन्दर के प्यार और हवस से प्रभावित था … ना कि उसकी पुरानी ज़िन्दगी से.
रिया भी जॉली के हाथों से अपनी गांड पर हो रहे प्यार के इजहार से शर्मा गयी. उसने झट से अपना सर उसके सीने से निकाल कर कहा- तुम तो आते ही शुरू जाते हो.
जॉली खिलखिला कर हंस दिया और इस बार उसके कूल्हे को पहले से ज्यादा कस कर दबोचा, जिससे रिया की बारीक़ सी आह निकल गई.
जॉली- अरे मेरे जान … एक बात बताओ, हम हफ्ते के छह दिन तो मिलते ही हैं, फिर भी तू आज यहां क्यों आयी? क्या मैं नहीं जानता हूँ कि तू भी यही चाहती है कि मैं तेरे साथ ऐसी हरकतें करूं. अच्छा ठीक है … लो मैं नहीं होता शुरू.
यह कह कर जॉली ने रिया की गांड के साथ साथ उसे भी खुद से जुदा कर दिया.
रिया जॉली के ऐसे बर्ताव से नाराज और थोड़ी परेशान भी हुई. यह सच था रिया जॉली से मिलने ही इसी लिये आयी थी कि जॉली उसके साथ ऐसा कुछ करे, जो एक कमसिन लड़की की साथ नहीं किया जाना चाहिए.
जॉली रिया की तरफ पीठ करके किचन में पड़े अंडे को फोड़ कर उसे एक कटोरे में डालने लगा. रिया फ़ौरन पीछे से आयी और जॉली के पीठ से सट कर खड़ी हो गई.
जॉली एक छह फिट लम्बा मर्द था और रिया उससे कद में कम थी. इसलिए रिया का सर जॉली के गले तक पहुंच रहा था. रिया के बूब्स जॉली के पीठ से दब गए और रिया के होंठ जॉली के गले से चिपक गए.
जॉली ने किसी भी तरह से उसके इस आवेशपूर्ण आलिंगन का कोई जवाब नहीं दिया और कटोरे में डाले अंडे में नमक मिर्च डालने लगा.
रिया जितना हो सकता था, उतना जॉली से सटने लगी. रिया का हाथ जॉली के सीने पर चलने लगा. जॉली रिया के इस बर्ताव से दिल ही दिल में खुश हो रहा था. वहीं ऊपर ऊपर से रिया को यह भी जता रहा था कि वह उससे खफा है.
लेकिन रिया भी कोई कच्ची खिलाड़ी नहीं थी. उसने जॉली से पहले उसके छह ब्वॉयफ्रेंड के साथ इश्क और जिस्म की हर तरह की रास रचा ली थी. वह खूब जानती थी कि किसी भी मर्द को किस तरह मनाया और रिझाया जा सकता है.
इस बार भी रिया ने अपने हाथ को, जो जॉली के सीने पर था, उसे बड़ी कामुकता से नीचे की ओर सरकाते हुए जॉली के लंड पर रख दिया.
जॉली इस बार मुस्कुराया, लेकिन रिया पीछे होने के कारण उसकी मुस्कान देख ना सकी.
अगर नाराज होने के कारण यह सब होने वाला है, तो भला जॉली क्यों ना नाराज रहे. भले ही असल में रिया जान चुकी थी कि जॉली अब नाराज नहीं रहा था, लेकिन क्या फर्क पड़ता है कि चाकू खरबूजे पर गिरे … या खरबूजा चाकू पर.
रिया का हाथ जॉली की पैंट पर आहिस्ता चल रहा था. तभी जॉली ने अपने हाथ से रिया के हाथ को दबोच लिया और एक सिसकारी भरते हुए उसने अपनी जिप खोल दी. उसे रिया को बताना नहीं पड़ा कि आगे क्या करना है. रिया का हाथ तुरंत ही जिप के अन्दर चला गया और जल्द ही जॉली के अंडरवियर के अन्दर भी पेवस्त हो गया.
इस बार मुस्कुराने की बारी रिया की थी. जॉली के मोटे लंबे और इस वक्त बेहद गर्म महसूस हो रहे लंड पर, उसका हाथ पड़ गया था. लेकिन अन्दर जगह ना होने की वजह से उसको लंड को बाहर निकालने की बेचैनी सी होने लगी.
बस अगले ही पल जॉली का लंड बाहर था. जॉली शायद उसके लिए ऑमलेट बनाना चाह रहा था. लेकिन इस वक्त तो रिया लंड की मलाई खाने के मूड में थी.
रिया ने जॉली को छोड़ दिया और उसको फिर से अपनी ओर पलट लिया. रिया ने अपनी नजर जॉली की महाकाय लंड पर फिराई और खुद घुटनों पर बैठ कर उसने बड़े प्यार से जॉली का लंड अपने गोरे हाथों में ले लिया. एक दो बार लंड हिलाया, लेकिन बात अब रूठने मनाने से आगे बढ़ चुकी थी. रिया ने अपना मुँह खोल कर जॉली का लंड मुँह में भर लिया. जॉली का आधा सोया लंड रिया के मुँह में जाते ही अपना असली आकार लेने लगा.
रिया अब तक जॉली के महाकाय लंड की आदी और शौकीन हो गई थी. वह तो इसी पल का इंतजार कर रही थी. उसके मुँह में जॉली का लंड बड़ा होता महसूस हो रहा था, वहीं उसकी मोटाई भी रिया के मुँह में जैसे तैसे समा रही थी.
रिया ने उसे 2-4 बार चूस कर बाहर निकाला और उससे फिर एक बार बड़ी हवस भरी नजरों से देखा. जॉली के लंड आगे की चमड़ी नहीं थी … जिस कारण उसका मोटा टोपा रिया के होंठों के चंद इंच दूरी पर था.
रिया ने अपनी जुबान निकाल कर जॉली के टोपे पर गोलाई में फिराई. जॉली तब तक रिया के अनुभवपूर्ण होंठ और मुँह से अच्छी तरह से वाकिफ हो चुका था. रिया ने अगले कुछ पल अपनी जुबान सिर्फ जॉली के टोपे पर फिराने में इस्तेमाल किये.
उस वक्त तक जॉली ने रिया के बालों को अपने कब्जे में कर लिया था. इस बार जॉली की बारी थी अपना जुनून दिखाने की. जॉली ने रिया की जुबान से अपने लंड को हटाया और रिया के होंठों पर लिपस्टिक की तरह फेरने लगा. रिया अब तक जॉली के लंड के जादू के आगोश में आ चुकी थी. उसने भी हर्ज़ नहीं जताया. जॉली रिया के नरम और नाजुक होंठों पर अपने सख्त लौड़े के टोपे को बड़ी धीरे से फेरने लगा.
इसके बाद उसने किसी बच्चे की तरह टोपे को रिया के होंठों बीच में घुसेड़ना शुरू कर दिया.
रिया ने लंड के इस फरमाइश को बड़ी ख़ुशी और हंसी से मंजूर किया. मोटा सख्त लौड़ा रिया के मुँह में थोड़ी तकलीफ और चुभन से जा पा रहा था, लेकिन रिया को उसकी गर्मी से खुद को पूरी तरह वाकिफ करवाते हुए अन्दर जाने देने लगी.
रिया लौड़े के लिए मुँह में जगह बनाते सांसों को एहतियात से लेने लगी. जॉली का लौड़ा, जो कि पूरे ग्यारह इंच का था, रिया के मुँह में सात इंच तक जैसे तैसे चला गया. फिर जॉली ने धीरे से कमर के साथ साथ लंड को पीछे खींचा. लौड़ा रिया के गाल, जुबान और जबड़े को घिसते हुए बाहर हुआ. तभी जॉली के अगले झटके के साथ लंड फिर से अन्दर चला गया.
अब जॉली ने हल्की रफ़्तार पकड़ ली. जॉली का लौड़ा रिया के मुँह में बड़ी आसानी से आने जाने लगा था. रिया के थूक से गीला हुआ लौड़ा, अब उसके होंठों से हलक तक फिसल रहा था. उसके मुँह में आने और जाने के लिए खासी जगह बन चुकी थी.
वहीं रिया के मुँह से ‘उघघ्घ उमह्ह … गलप … उघुचुकक्क..’ जैसी आवाजें निकल रही थीं.
कुछ ही देर में जॉली की नाराजगी, उसके लंड से गहरा गाढ़ा रस बनकर निकलने को तैयार थी. उसने रिया के बालों को कस भींच कर दनादन मुँह चोदना शुरू कर दिया था. रिया किसी बेबस लड़की की तरह, जो कि वो बिल्कुल भी नहीं थी … उसके लंड के झटकों को सहने के साथ उसके मजे ले रही थी.
कुछ 10-15 मिनट हुए होंगे और जॉली ने रिया के मुँह में नौ इंच तक लौड़ा पेल दिया. वो अपनी आंखें बंद करके अपने लंड से निकलते गाढ़े सफ़ेद रस को रिया के गले में झड़ाने लगा.
वहीं रिया किसी चॉकलेट की मशीन में एक रुपये के बदले एक चॉकलेट मिलने के बजाए पांच सौ चॉकलेट मिलें, ऐसे विस्मय में थी. जॉली के लंड से निकल रहे रस की पिचकारी एक के एक बाद निकली जा रही थीं. उन रसभरी पिचकरियों को रिया अपने गले से पेट तक जाते हुए महसूस करने लगी. वो उस गाढ़े गर्म रस को बिना किसी शिकायत या तकलीफ के चट करने लगी. हालांकि उसने काफी देर से साँस रोक रखी थी. और रोके भी क्यों नहीं … आप ही सोचिये लम्बा काला मोटा लौड़ा, मुँह में घुसा रहे, तो साँस कोई ले तो ले कैसे.
जब रिया को यकीन हो गया कि जॉली अब पूरी तरह शांत हो गया है और उसका मोटा लंड बिल्कुल कोई भी रस नहीं छोड़ेगा, तब उसने धीरे से लौड़ा बाहर निकला और एक बार उसे नीचे से ऊपर तक चाट लिया. वो लंड को साफ़ करके खड़ी हो गई.
उसने जॉली के गले में हाथ डाल दिया और कहा- जनाब अब क्या आप अपने लंड के साथ साथ मेरी चूत को भी इसी तरह शांत होने का मौका देंगे?
इसी के साथ उसने जॉली का हाथ अपने सुलगती चूत पर रख लिया.
जॉली मुस्कुराया और रिया को अपनी गोद में लेकर अपने बेडरूम में घुस गया. अगले कुछ घंटे तक आहें, सिसकारियां, मादक चीखों से जॉली का बेडरूम गूंजता रहा. आखिरकार रिया ने अपना संडे बड़े मजे और संतुष्टि से बिताया.
अब यह कोई कहने की बात है कि जॉली ने रिया को बिना कंडोम के चोदा और जब रिया घर आयी उसके कोख में जॉली के गर्म उबलते सुलगते बीज थे.
इस गर्म और चुदाई की कहानी को भला कोई कैसे अधूरा छोड़ सकता है. मैं आपने मेल की प्रतीक्षा करूंगी. आप लंड हिलाइए चूत में खीरा मूली या लंड जो मर्जी हो कीजिए, पर मेल करने का न भूलिएगा.
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