मौसी की लड़की संग चूत चुदाई की मस्ती

मेरा नाम अमित है, मैं बरेली से हूँ। मैं कई सालों से अन्तर्वासना पर प्रकाशित कहानियों को पढ़ रहा हूँ। आज मेरा भी मन हुआ कि मैं भी अपनी स्टोरी लिखूँ।

मेरी उम्र 23 साल है। यह स्टोरी आधी काल्पनिक है। मैं सही कहूँ.. तो आज तक मैंने चूत एक ही बार देखी है।

मैं अपनी फिटनेस का काफी ध्यान रखता हूँ और कभी-कभी मुठ भी मारता हूँ। मैंने अपना लन्ड कभी नापा तो नहीं.. पर उसका साइज औसत से लम्बा और मोटा होगा।

बात उन दिनों की है.. जब मैं 12 वीं में पढ़ता था। मैं अपनी मौसी के यहाँ गया था। मेरी मौसी की लड़की निधि.. मुझे बहुत मानती थी। उसके कोई भाई नहीं था। हम दोनों एक साथ सोते थे।

पहले तो मेरे मन में उसके लिए कुछ भी नहीं था पर एक दिन हम दोनों सो रहे थे कि अचानक मुझे अपने पैरों पर कुछ महसूस हुआ। मेरी आँख खुली तो देखा कि उसकी जांघें मेरे लन्ड पर रखी हैं।
उसने उस दिन स्कर्ट पहन रखी थी, सोते समय स्कर्ट ऊपर हो चुकी थी।

उसकी सफेद चिकनी जांघें देख मेरे पूरे शरीर में करन्ट सा लग गया। पर मैंने खुद पर कंट्रोल करके उसकी जाँघों को हटा दिया पर मेरी नींद तो मानो कहीं गायब ही हो गई थी।

कुछ देर बाद मुझे कुछ नींद आई ही थी कि फिर उसने अपनी जांघें मेरे लन्ड पर रख दीं। अब मुझ से रहा न गया और मैं उसे गौर से देखने लगा।
क्या मस्त लग रही थी वो.. गोरी-गोरी जांघें और उस पर काली पैन्टी तो गजब ढा रही थी।

उसकी पैन्टी पर चूत का उभार मुझे पागल कर रहा था। मैं उसकी जाँघों को धीरे-धीरे सहलाने लगा। तभी उसने अपना पैर मेरे ऊपर से हटा लिया।
मैं डर कर शान्त लेट गया.. पर कुछ देर बाद मैंने देखा कि वो सो रही है.. तो मैं फिर शुरू हो गया।

कुछ देर बाद मैं उसके मम्मे सहलाने लगा.. पर वो शायद जाग रही थी।
उसने कोई विरोध नहीं किया तो मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैं उसके मम्मे दबाने लगा।

क्या मस्त मम्मे थे उसके.. पर कुछ देर बाद उसने मेरा हाथ हटा दिया।
मैं फिर डर गया और सोने का नाटक करने लगा। कुछ देर बाद मेरे मन में हलचल हुई तो मैं यह सोच कर उठा कि जो होगा देखा जाएगा।

फिर मैं उसकी जाँघों को सहलाने लगा, वह कुछ नहीं बोली.. तो मैंने अपना हाथ उसकी चूत पर रख दिया।

जैसे ही मैंने उसकी चूत पर हाथ रखा.. मेरे पूरे शरीर में लहर दौड़ गई और मेरा लण्ड लोअर में पूरा तन गया।
मैं उसकी चूत को.. तो कभी नाभि को.. कभी जाँघों को सहलाने लगा।

अचानक उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपनी पैन्टी के अन्दर ले गई।

मैं एकदम से चौंक गया, मैंने उसकी चूत को टटोला तो उस पर एक भी बाल नहीं था और उसकी चूत छोटी सी एकदम मुलायम सी थी।

मैंने उसकी आँखों की तरफ देखा तो वो सोने का नाटक कर रही थी।
उसकी चूत भी एकदम गीली हो चुकी थी, उसकी चूत का पानी मेरे हाथों पर लग गया तो मैंने उसे सूंघा.. क्या मादक खुशबू थी।
इससे पहले मैंने इतना अच्छा कभी फील नहीं किया था।

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मैंने आगे बढ़ते हुए उसकी पैन्टी नीचे उतार दी। पहले तो उसने थोड़ा विरोध किया.. पर मैंने उसकी एक ना सुनी और मैंने उसकी पैन्टी उतार दी।

अब उसकी चूत मेरे सामने थी, मैंने ऐसा सीन पहले कभी नहीं देखा था, यह पहली बार चूत के दीदार का मामला था।
मैं पागल होकर उसे चाटने लगा और वो भी मादक आवाजें निकालने लगी ‘अअअह.. बस भैया.. बस.. क्या मार डालोगे अपनी इस बहन को..’

मैं नहीं माना और पागलों की तरह उसकी चूत चाटता रहा।
अचानक उसने मेरे बालों को जोर से पकड़ा और अपना लावा मेरे मुँह पर छोड़ दिया, उसकी खुशबू ने मुझे पागल कर दिया और मैं भी झड़ गया।

तब मुझे अहसास हुआ कि यह मैं क्या कर रहा हूँ… मैं अपनी बहन को ही चोदने जा रहा था।
फिर हम दोनों सो गए।

सुबह हम एक-दूसरे से नजरें भी नहीं मिला पा रहे थे।
उसी दिन मैं अपने घर आ गया।
अब मैं रोज उसे सपने में चोदता हूँ।

यह कहानी यहाँ तक सच्ची थी, अब मैं आपको अपनी काल्पनिक चुदाई की कहानी सुनाता हूँ।

अगले साल मैं फिर अपनी मौसी के यहाँ गया, हमेशा की तरह फिर मैं और निधि एक साथ सोए।
वो तो सो गई.. पर मुझे नींद कहाँ आना थी, मैं उसके सोते ही उसको अपनी आँखों से चोदने लगा।
क्या लग रही थी वो.. सफेद नाइटी में।

जब मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने उसकी जाँघों को सहलाना शुरू कर दिया। उसकी जाँघों पर हाथ रखते ही मेरा लौड़ा तन गया और मैंने उसके होंठों पर एक किस किया।
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वो एकदम जाग गई और बोली- भैया ये क्या कर रहे हो.. यह सही नहीं है।
तो मैंने कहा- इसमें गलत क्या है.. क्या मैं अपनी बहन को किस नहीं कर सकता?
तो वह कुछ नहीं बोली।

तब मैंने उसे बहुत सारे किस किए.. पूरे चेहरे पर खूब चूमा।
फिर मैंने कहा- अब तुम करो..
उसने शर्माते हुए मेरे गाल पर एक किस किया.. तो मैंने उससे पूछा- तुम अपने भाई से कितना प्यार करती हो?
तो उसने कहा- जितना आप मुझसे करते हो.. उससे कहीं ज्यादा।
मैंने कहा- तो फिर किस भी मुझसे ज्यादा करो।

उसने एकदम से मुझे बहुत सारी किस की.. मुझे जोश आ गया और मैंने उसे कसके पकड़ लिया और उसके होंठों को चूसने लगा।
उसने भी मेरा साथ दिया तो मैं उसके मम्मे दबाने लगा।

कुछ देर बाद मैंने कहा- मेरे साथ सेक्स करोगी?
तो उसने मना कर दिया।
तब मैंने जबरन उसका लोअर और पैन्टी जबरदस्ती उतार दी।
वो मुझसे मिन्नतें करने लगी- मुझे छोड़ दो प्लीज..

मैंने उसकी एक न सुनी और उसकी चूत में अपनी जीभ कर दी.. पर पता नहीं कि कब मेरा हाथ उसके मुँह में चला गया और उसने मुझे जोर से काट लिया।

मेरे हाथ से खून निकलने लगा, मुझे बहुत गुस्सा आया और मैंने गुस्से में अपनी उंगली उसकी चूत में डाल दी।
वो चीखने लगी- आह्ह.. भैया बहुत दर्द हो रहा है.. मुझे छोड़ दो।

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पर मैं नहीं माना और अपनी उंगली से चूत में अप-डाउन करने लगा। कुछ देर बाद उसकी चूत गीली हो गई और वो भी मेरा साथ देने लगी।
तब मैंने पूछा- मजा आ रहा है?
तो उसने सिर हिला कर ‘हाँ’ कहा।

फिर मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी। मैंने देखा कि उसने ब्रा नहीं पहनी है और उसके मम्मे बहुत छोटे थे। पर वे मुझे बड़े मस्त लग रहे थे। मैं उसके ऊपर लेट कर उसके मम्मे चूसने लगा।

आह.. क्या मजा आ रहा था उसके मम्मे चूसने में..
फिर मैंने अपने कपड़े उतारे और उससे कहा- मेरा लन्ड चूस..
वो बोली- भैया, कुछ भी कर लो पर मैं इसे नहीं चूसूंगी।

अभी तक उसने मेरा लन्ड नहीं देखा था.. तो मैंने कहा- तो तुझे चोद दूँ?

तब वह बोली- जो करना है.. कर लो पर चूसूंगी नहीं।
तो मैंने कहा- ओके.. अब चुदने के तैयार हो जा।

मैंने जैसे ही अपना लन्ड निकाला.. तो वह डर गई और बोली- आपकी उंगली ने ही तो मेरी जान निकाल दी.. इतना मोटा मेरे अन्दर कैसे जाएगा?

मेरे समझाने पर वो मान गई और मैंने अपना लन्ड उसकी चूत पर रख कर धक्का दिया।

अभी लन्ड टोपा ही चूत के अन्दर गया था कि वो चीख पड़ी, उसके जोर के झटके से मेरा लन्ड बाहर आ गया।
फिर मैंने उसे कसके पकड़ा और फिर झटका दिया.. पर लन्ड अन्दर नहीं गया।

उसका बुरा हाल हो चुका था और वो मुझसे छूटना चाह रही थी.. पर मैं उसे छूटने ही नहीं दे रहा था। फिर मैं उसके होंठ चूसने लगा।

अब वो भी मेरा साथ देने लगी और अचानक मैंने झटके से लन्ड अन्दर कर दिया।
वो फिर चीखी- आहहहह.. मैं मर गई..

मैंने अपने होंठों से उसकी आवाज बन्द कर दी और एक झटका और लगा दिया। वो तड़पने लगी.. तब भी मैंने उसे नहीं छोड़ा, उसकी आंखों से आंसू आ गए, वो बेहोश सी होने लगी।

तभी मैंने झटके से पूरा लन्ड अन्दर कर दिया।
इस बार प्रहार तगड़ा था तो वो होश में आकर चीखने लगी- आआह.. मुझे छोड़ दो.. मैं मर जाऊँगी।

मैं उसे होंठों से प्यार करने लगा.. कुछ समय बाद उसका दर्द कम हुआ.. तो मैं लन्ड अप-डाउन करने लगा।
फिर कुछ ही धक्कों के बाद वो मेरा साथ देने लगी और कुछ मिनट बाद उसने मुझे कस के जकड़ लिया। फिर वो एकदम से ढीली हो गई.. पर मैं नहीं रूका।

अब वो मुझसे कहने लगी- अब मुझे छोड़ दो.. मेरा हो गया है.. और अब दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा है।

मैं नहीं रूका और कुछ देर बाद मेरा लावा भी उसकी चूत में निकल गया।
जैसे ही मैंने अपना लौड़ा बाहर निकाला तो उसकी चूत से खून की धार निकली, मैंने कपड़े से उसे साफ किया और फिर हम सो गए।

सुबह मैंने देखा कि मेरा लन्ड भी छिल गया था.. और उसे भी चलने में दिक्कत हो रही थी।

तो दोस्तो.. यह थी मेरी पहली कहानी, आपको कैसी लगी.. मुझे मेल जरूर करें।
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