मालकिन के साथ नौकरानी के मजे

मैं विक्की एक बार फिर से अपनी कहानियों को लेकर आपके सामने हाजिर हूं. आपने पिछली की कहानियों में पढ़ा कि कैसे ट्रेन में मेरी मुलाक़ात एक खूबसूरत हसीन औरत रेशमा से हुई और मैंने उसकी मस्त चुदाई की उसके ही घर रांची जाकर!
आपने यह भी पढ़ा होगा कि वहीं पर उसकी नौकरानी भी मुझसे अपनी चूत चुदवाने के लिए आतुर थी.
उसकी नौकरानी भी उसी के पास रहती है उसी मकान में एक छोटा सा रूम उसे दिया हुआ था.

रेशमा की जोरदार चुदाई करने के बाद मैं सो गया. दिन में करीब 10:00 बजे के आसपास नौकरानी ने दरवाजा खटखटाया. मैंने दरवाजा खोला तो देखा कि वह दो गिलास में केसर और बादाम का दूध लेकर आयी थी और दरवाजा खुलते ही प्यार से मुस्कुरा कर उसने मेरा अभिवादन किया और बोली- यह दूध पी लीजिए … अभी बहुत काम आपको करना है!

मैंने पीछे मुड़ कर रूम में देखा तो रेशमा गहरी निद्रा में सो रही थी, मैंने रूम का दरवाजा बाहर से लगा दिया और उसके हाथ में पकड़े दोनों की ग्लास को प्यार से लेकर डाइनिंग टेबल पर रख दिया और उसे अपनी ओर खींच कर एक लंबा सा किस किया.
वह मुझे धकेलते हुए बोली- पहले दूध पी लीजिए! और उसके बाद मुझे अभी लंच के लिए तैयारियां करनी हैं. नहीं तो मैडम गुस्सा करेंगी.
और वो मुझसे छुड़ाकर जाने लगी. मैंने उसका हाथ पकड़ा और फिर से अपनी ओर खींचा और उसकी चूची बहुत जोर से दबा दी. वह दबे से स्वर में आ आह करती हुई रह गई और बोली- अब मुझे जाने दीजिए!

मैं भी उसे छोड़ दिया और जाने दिया.
वो जाते हुए मुझे तिरछी नजर से देखती हुई रसोई में चली गई.

मैंने दोनों ग्लास का केसर और बादाम वाला दूध पी लिया. फिर मैं रेशमा के रूम में आया, देखा कि रेशमा सोई हुई थी, मैं उसके बगल में लेट गया और उसके जिस्म को देखने लगा.
क्या खूबसूरत उसका बदन था … सब कुछ बहुत अच्छा था … उसके बदन का साइज 34 30 34 था, मुझे इस साइज की औरतें बहुत पसंद आती हैं इसलिए मैं उसे गौर से निहार रहा था.
फिर मैं उसके बालों पर हाथ फिराने लगा. पता नहीं क्यूं … लगता था कि वह मेरे आने का इंतजार ही कर रही थी, उसके बालों में हाथ फिराते ही वह मेरे करीब आकर मुझसे बिल्कुल लिपट गई और बोली- विक्की मैं तुम्हारी हो गई हूं. तुमने मुझे पूर्णरूपेण संतुष्ट कर दिया है. आज मैं बहुत खुश हूं.

फिर मैंने दिन में 2 बार और उसकी जमकर चुदाई की. शाम को हम मार्केट गए तो वहां से वियाग्रा की एक गोली ले ली थी. रात में डिनर के बाद उसने मुझे बादाम का गाढ़ा दूध पिलाया.
मैंने उसको छेड़ते हुए कहा- असल में तो मुझे तुम्हारी चूची का दूध पीना है मसल मसल कर!
“हाँ मेरे राजा … इनका दूध भी पी लेना!”

मैं उसे पास खींच कर उसके होठों पर किस करने लगा क्योंकि मैंने खाने से डेढ़ घंटे पहले वियाग्रा खा लिया था तो मैं पूरा जोश में था और फिर उस टाइम भी मैंने रेशमा की जमकर चुदाई की. उसके बाद उसके शरीर में ताकत नहीं बची थी कि फिर से वह मुझसे कहे कि फिर से चुदाई करें!
परंतु मेरा मन कहां भरने वाला था.

रेशमा तो सो गई थी, तब मुझे नौकरानी की ख्याल आ गया, मैं रेशमा को सोती हुई छोड़कर रूम के बाहर आ गया और नौकरानी को खोजने लगा.
वो वहीं हाल में ही सोफे पर बैठी टीवी देख रही थी.

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मैं आपको नौकरानी का नाम बता देता हूं उसका नाम सबीना था. सबीना एक मस्त लड़की थी, उसकी अभी तक शादी नहीं हुई थी लेकिन चुदाई का स्वाद बहुत बार ले चुकी थी. वह कहते हैं ना कि बड़े घर की औरतें भी बड़ी हसीन होती हैं और उनकी नौकरानी भी मदमस्त होती हैं. ऐसे ही सबीना भी बिल्कुल मस्त थी, उसने भी अपनी फिगर को मेंटेन की हुई थी. उसकी उम्र लगभग 23 साल थी. पूछने पर उसने बताया था कि वो कम उम्र में ही चुदाई कर चुकी थी, अब तक जब मौका मिलता है तब कर लेती है.

फिर उस बात को छोड़िए खैर उस बात को छोड़िये … सबीना ने मुझे देखा तो मुस्कुरा कर बोली- मैडम को परेशान कर लिया?
मैं भी मुस्कुरा कर बोला- हां सबीना, तुम्हारी मैडम तो सो गई!
और मैं अपने लंड की तरफ इशारा करते हुए बोला- तुम्हारी मैडम का यह बाबू अभी तक जाग ही रहा है और मैडम आप कुछ करने को राजी नहीं है.
तो सबीना ने कहा- मैडम के शरारती बाबू को मैं शांत कर दूंगी!

और वो सोफे से उठकर मेरे पास आई, मेरा हाथ पकड़ कर अपने रूम की ओर ले जाने लगी. मैं तो पहले से जोश में था, मैंने उसे पकड़ कर अपनी ओर खींचा, उसे गोद में उठा लिया और उसको उसके रूम की ओर ले जाने लगा.
रूम में ले जाकर उसे उसके बेड पर पटक दिया. उसने स्कर्ट और शर्ट पहनी हुई थी.

मैंने फटाफट उसकी स्कर्ट को हटा दिया और शर्ट को भी हटा दिया और उसकी चूची जोर जोर से दबाने लगा, साथ साथ किस भी करने लगा.
वह मेरा पूरा साथ दे रही थी और मेरे हर चुंबन का बड़ी ही बेदर्दी तरीके से जवाब दे रही थी.

मैं भी उस पल को पूरा एंजॉय कर रहा था. इसी तरह कुछ देर उसे चूसने के बाद वह मेरे लंड को सहलाने लगी और बोली- बहुत तड़पाया है इसने सुबह से ही … रेशमा मैडम ने तो तीन चार बार ले लिया है पर मुझे एक बार भी नहीं मिला है. अब यह रात मेरी है!
मैंने कहा- जैसा कहो मेरी जान!
मैंने उसे कहा- मेरा लंड चूस लोगी?
तभी उसने पलट कर जवाब दिया- नेकी और पूछ पूछ!

फिर हम 69 की पोजीशन में आ गए और वह मेरा लंड चूस रही थी और मैं उसकी चूत चूस रहा था. दिन में तो मैं सिर्फ उसको चूम ही स्का था, उसकी चूत का स्वाद नहीं ले पाया था.
लेकिन अब मैं उसकी चूत को चूस कर पूरा मजा ले रहा था. जैसा कि मैंने पहले ही बताया कि मुझे चूत चुसाई में बहुत आनंद आता है और मैं जब तक चूत का पानी नहीं पी लेता एक बार … तब तक मैं चुदाई शुरू नहीं करता.

कुछ देर चूसने के बाद सबीना मेरे मुंह में झड़ गई, फिर भी मैं उसकी चूत को चूसता रहा. मैं तो थोड़ी देर पहले रेशमा रानी की चुदाई करके आया था और ऊपर से भी दवाई का भी असर था तो मेरा तो इतना जल्दी निकलने वाला था नहीं!
सबीना भी मेरे लंड की अच्छी से चुदाई कर रही थी लेकिन रेशमा के जैसे नहीं!

थोड़ी देर में वह फिर से गर्म हो गई, अब वह कहने लगी- राजा, अब चुदाई करो, अब बर्दाश्त नहीं होता!
उसके बाद उसे डॉगी स्टाइल में आने को कहा, वह तुरंत डॉगी स्टाइल में आ गई और मैं उसके ऊपर आकर उसके चूत में एकाएक लंड पेल दिया.
सबीना जोर से चिल्लाई, बोली- थोड़ा धीरे करो … मैं कहीं नहीं जा रही हूं. तुम्हारे लिए ही हूं आज!

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लेकिन मैंने उसकी आवाज को अनसुना करके पीछे से उसकी दोनों चूची पकड़ लिया, चूची को जोर-जोर से मसलने लगा. उसके मुंह से भी आवाज निकल जाती उम्म्ह… अहह… हय… याह… और मैं भी उसका मजा लेने लगा.

फिर पीछे से ही उसके मुंह को उठाकर उसके मुंह में किस करने लगा और मैं पीछे से धक्का मारने लगा जोर जोर से!
वह बोली- और जोर जोर से चोदो!
उसकी चुदाई की सिसकारियों की आवाज पूरे रूम में गूंजने लगी, पूरा रूम फच फच की आवाज से भर गया.

पूरी धकापेल चुदाई चलने लगी, वह भी तरह तरह की आवाज निकालने लगी. फिर मैंने डॉगी स्टाइल को चेंज किया और उसके ऊपर आ गया, उसे पीठ के बल लिटा कर उसकी बुर में लौड़ा डाल कर धमाधम चुदाई करने लगा.
वह मुझे कस कस कर पकड़ने लगी, मजा आ रहा था … उसने अपने पैरों को मेरी कमर से बांध रखा था और मैं जोर जोर से धक्के लगा रहा था, हर धक्के के साथ उसकी आह निकल जाती थी. एक लंबी चुदाई चालू थी. वह दो बार झड़ चुकी थी लेकिन पता नहीं आज क्यों मेरा लंड झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था. मैं उसकी चुदाई किए जा रहा था.

लेकिन अब कुछ देर के बाद मेरा भी टाइम आ गया था, मैं भी अब पानी निकालने को था, मैंने उससे पूछा- पानी कहां निकालूं?
क्योंकि वह अविवाहिता थी.
लेकिन वह बोली- अंदर ही निकालो! मैं गोली ले लूंगी!

मुझे क्या दिक्कत होनी थी, मैं जोर-जोर से धक्का मारने लगा और उसकी चूची भी दबाने लगा. उसकी बुर में जोर जोर से धक्का लगने से अब वह अजीब सी आवाज के साथ झड़ने वाली थी, और साथ में मैं भी अजीब सी आवाजों के साथ झड़ने को था.

और मैं एक तेज आवाज के साथ उसकी चूत में झड़ गया, उसके ऊपर निढाल होकर गिर गया. उसने भी मुझे कस कर अपनी बांहों में जकड़ लिया. मैंने उसके कंधे पर और गालों पर बड़े प्यार से किस किया और फिर होठों पर किस किया, बोला- तुम बहुत ही मस्त माल हो!
वह शरमा गई और मुझे एक हल्का सा किस गाल पर किया.

उसके चेहरे पर एक अजीब सी संतुष्टि वाले भाव थे. उसके बाद मैंने उस रात उसकी एक बार और चुदाई की क्योंकि मुझे अगले दिन रेशमा रानी की भी चुदाई करनी थी क्योंकि मैं तो वहां रेशमा रानी के लिए ही गया था, मैं उसे नाराज नहीं कर सकता था.

फिर अगले दिन रेशमा की चुदाई की तीन बार की.
जब मैं अगले दिन शाम को अपने शहर पटना के लिए आने लगा तो उसने मेरे जेब में ₹ 15000/- डाल दिए और ऊपर से आने जाने का किराया भी देने लगी.
मैंने उसे कहा- मैंने तो सिर्फ किराए के लिए कहा था!
तो उसने कहा- रख लो, मेरी तरफ से गिफ्ट … मैं तुमसे बहुत खुश हुई हूं.

यह थी मेरी कहानी रेशमा के साथ!
और मुझे नहीं पता था कि उसकी नौकरानी के साथ भी मुझे चुदाई करने का अवसर मिलेगा.

तो रेशमा और उसकी नौकरानी के साथ चुदाई की मेरी कहानी पढ़ने के लिए धन्यवाद मित्रो!
कहानी अच्छी लगी या बुरी, मुझे प्लीज मेल कीजिएगा.
मेरा मेल नीचे दिया गया है