मॉं की चुदाई मामा के दोस्त ने की

maa ki chudai mama ke dost ne ki हेलो दोस्तो मैं राज आपको आज अपनी मा सपना की मा की चुदाई परिवार मे चुदाई सुनाने जा रहा हू मेरी मा सपना देखने मे किसी मॉडेल से कम नही है जिसकी वजह उनका लाजबाब फिगर ख़ासकर के उनकी गोल गोल चुचिया जिसे हर कोई चूसना और दबाना ज़रूर चाहता है.

ये बात तब की है जब गर्मियो की चुट्टियो मे मैं और मा विजय मामा के घर उन्हे बिना बताए चल दिए सोचा उन्हे जाके सर्प्राइज़ देंगे लेकिन सर्प्राइज़ हमे मिला क्यूकी मामी घर पर थी ही नही वो अपने मायके गये हुए थी और घर पर मामा और उनका एक बचपन का दोस्त अजय था.

हमारी सर्प्राइज़ विज़िट से मामा बहोत खुश हुए और बोले ये तो बढ़िया हुआ सपना तू आ गई अब मुझे खाने की कोई फिकर नही अब तू ही मेरे लिए खाना बना देगी लेकिन तुझे बताके आना चाहिए था मैं तुझे स्टेशन लेने आ जाता चलो कोई नही जो हुआ ठीक हुआ क्यू अजय. ये कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

तो इसपर अजय बोला हा भाई मैने भी कई सालो से सपना के हाथो का खाना नही खाया इसी बहाने मेरी भी पेट पूजा हो जाएगी इसके बाद हम लोगो ने थोड़ा आराम किया फिर मामा और अजय से खूब बाते की उनकी बातो से मुझे पता चला की अजय मामा का बहोत पुराना दोस्त है जो अक्सर उनके घर आया जाया करता था और मा भी उसे आछे से जानती है.

रात के वक़्त जब हम खाना खाने बैठे तो मामा को फोन आ गया और मामा कुछ परेशान से हो गये और मा के पूछने पर उन्होने बताया की उन्हे अभी निकलना होगा काम से और मामा 10 बजे के करीब निकल गये लेकिन जाते हुए उन्होने अजय को कहा की देख अजय मैं 2 3 दिन मे आ जाउन्गा जैसे ही काम ख़तम हुआ तब तक तुझे मेरी बहन सपना का ध्यान रखना होगा.

तो अजय ने कहा क्यू नही तू चिंता मत कर मैं सपना और राज का अछे से ख्याल रखूँगा और उन्हे सब जगह घुमा भी दूँगा इसके बाद मामा चले गये मैं और मा रूम मे लेट गये सुबह अलार्म बजी तो मैं समझ गया मा अब घर का काम करेगी इसलिए मैं लेटा रहा लेकिन 7 बजे के करीब मुझे जोरो से सूसू आने लगी.

जब मैं अपने रूम से निकला तो देखा मा मामा के रूम मे जा रही थी और मैं सूसू करने चला गया और जब सूसू करके आ ही रहा था तो मामा के रूम से मा की आवाज़ आ आह अजय छोड़ो मुझे जाने दो मैं सोच मे पढ़ गया की ये क्या हो रहा है.

मैने पास जाके देखा तो दंग ही रह गया क्यूकी अजय मामा पूरे तरह नंगे थे और उनका लंड पूरा खड़ा था और उन्होने मा का हाथ पकड़ रखा था मा भी बस एक तक अजय का लंड देखे जा रही थी.

इतने मे अजय बोला देख तेरे कारण आज तक मेरा लंड ऐसेही तड़प रहा है जबसे तू गई है तबसे ये बिचारा कितना तडपा है तुझे क्या पता तू तो अपनी चुत अपने पति से मर्वाके खुश है लेकिन ये बेचारा इसे तो बस तू चाहिए थी आज भी देख तुझे देखके उछल रहा है सोच रहा है तू इसे पहले की तरह चुसेगी अपने चुत मे लेगी.

लेकिन इसे ये नही पता की तेरी चुत को अब दूसरा लंड मिल गया है जो रोज तुझे बिस्तर पर नंगी कर चोदता है इतने मे मा बोल पड़ी बस करो राज जीतने तुम तडपे मैं उतना मैं भी ताड़पी हू तुम्हे क्या लगता है मैं शादी के बाद खुश हू रोज नंगी होके चुदति हू ऐसा कुछ नही है मेरे पति तो मुझे पूरी तरह नंगा भी नही करता और महीने मे बस एक बार हिलाके सो जाता है और कहते हो मैं तो मज़े मे हू तुम्हे क्या पता मैने तुम्हारे इस लंड को हर रात कितना मिस किया है रोज तड़पति हू मैं भी मेरा रोज मन करता था मैं तुम्हारे लंड को ऐसे तुम्हारे पास बैठके पकडू और उसे मूह मे लेके प्यार करू लेकिन ऐसा हो नही पाया और मा रोने लगी.

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तो अजय उठके मा से चिपकके उसे चूमने लगा और बोला आई लव यू सपना मुझे माफ़ कर दो मैने तुम्हे ग़लत समझा लेकिन अब हम बस प्यार करेंगे फिर से उन लम्हो को जियेंगे जिसे पहले जीते थे लो मेरे लंड और उसे वैसे ही चूसो जैसे पहले चुस्ती थी जब मैं तुम्हारे भाई से मिलने आता था और तुम्हे लंड चुस्वाए बिना नही जाता था आओ इसे प्यार करो फिर से..

और अजय ने मा का हाथ अपने खड़े लंड पर रख दिया मा ने भी टाइम नही लगाया और नीचे बैठके अजय के लंड को मूह मे ले लिया ये सब देख मेरा दिमाग़ ही फिर गया समझ ही नही आ रहा था की ये क्या हो रहा है इतने मे अजय ने मा के मूह से अपना लंड निकाल लिया तो मा बोली क्या हुआ तो अजय बोला ऐसे नही पहले जैसे नंगी होके मेरा लंड चूसति थी मुझे मज़ा आएगा.

तो मा बोली अछा तो पहले जैसे चूसना पड़ेगा तो ठीक है अभी रूको 2 मीं मैं आती हू एक बार राज को भी देख आती हू मैं डर गया और जल्दी से दबे पाव अपने रूम मे जाके लेट गया मा मुझे देखने आई और उसके पीछे पीछे अजय भी नंगा मेरे रूम मे आ गया तो मा डर गई और बोली तुम जाओ यहा से..
लेकिन अजय वही खड़ा रहा और मा को बोलने लगा नही आज तुम मेरा लंड यही चुसोगी अपने बेटे के रूम मे तो मा बोली पागल मत बनो चलो यहा से लेकिन अजय ने जिद्द पकड़ ली और बोला जान आज वैसे ही चूसो ना जैसे एक बार तुमने अपने भाई के रूम मे मेरा लंड चूसा तो जब विजय सो रहा था मा को डर था की कही मैं जाग ना जाउ.

लेकिन अजय के मन मे तो कुछ और ही था उसने मा को पीछे से जाकड़ लिया और उनकी नाइटी मे हाथ डालके उनकी ब्रा को निकालने लगा मा उसे मना कर रही थी और बोल रही थी प्लीज़ अजय यहा नही प्लीज़ रुक जाओ लेकिन अजय को पता नही क्या मज़ा आ रहा था उसने मा की ब्लाउस को खिचके मेरे मूह पर निकाल फेकि जिससे मा बहोत डर गई लेकिन मैं हिला नही और मा को सास आई.

पर अब उन्होने अजय का हाथ झटक दिया और वाहा से भाग निकली अजय भी मा के पीछे ही निकल पड़ा मैं अपने बेड पर उठ खड़ा हुआ मुझे मा की ब्रा से एक अजीब मनमहोक खुशबू आ रही थी जिसे मैं खुदको सूंघने से नही रोक पाया लेकिन खुद को संभालते हुए.

मैं फिर से रूम से निकला तो देखा मा की नाइटी बाहर ही निकली पड़ी हुई थी और थोड़ा आगे जब और गया तो मा की पैंटी भी मिली जो थोड़ी गीली थी शायद मा की चुत के पानी से वो गीली हो गई थी मैने मा की पैंटी सूँघी तो और मदहोश हो गया और फिर रूम की तरफ बड़ा जहा मा घुटने के बल नंगी बैठके उसका लंड ले रही थी और चूसने से गुपप गुपप उम्म्म अम्म की आवाज़े आने लगी थी..

और अजय भी आवाज़े निकाल रहा था अह्ह्ह सपना आज इतने सालो बाद मज़ा सा आ गया आह चूस मेरी रानी अह्ह्ह्ह वो अपना लंड मा के मूह पर पेले जा रहा था और मा के मूह से गुऊु गुऊु की आवाज़े आने लग रही थी और जब उसने मा के मूह से अपना लंड निकाला उसका लंड मा के थूक से चमक रहा था. ये कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

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मा को देखके ऐसा लग रहा था जैसे वो कई सालो से इस लंड की भूखी हो और उसे बस खा जाना चाहती हो मा अब उसके लंड के बॉल्स को मूह मे लेके चूस रही थी और अपने जीब से उसे पूरा मज़ा दिए जा रही थी और मैं वही छुप ये सब देख पागल हुए जा रहा था और अपना लंड निकालके मैं भी मूठ मारने लगा.

मैं जिस एंगल मे खड़ा था वाहा से मा की चुत की लकीर सॉफ सॉफ दिख रही थी जिसे देख मैं भी मूठ मारने लगा और आख़िर वो पल भी आ गया जब अजय का निकलने वाला था उसने मा के मूह से अपना लंड खिछा और खुद मूठ मारने लगा उसने सारा वीर्य मा के बदन पर गिरा दिया और मैं वाहा से चला गया और अपने मूह पर ब्रा रखके लेट गया मा थोड़े टाइम बाद नंगी उसके वीर्य से भीगी हुई कमरे मे आई और कपड़े लेके नहाने चली गई.

कुछ टाइम बाद हम सब नहा धोके डायनिंग टेबल पर मिले जहा अजय मामा और मा दोनो ही बहोत खुश नज़र आ रहे थे और मा का चेहरा तो जैसे खिल सा गया था मैने मा को इतना खुश पहले कभी नही देखा था इतने मे अजय मामा मुझसे बात करने लगे और इधर उधर की बात करने लगा और मा नास्ता ले आई.

तो मामा बोले ये क्या लेके आई हो मैं तो दूध पियुंगा और मा का मौसम है आम दे दो 2 उसे ही चुसूंगा मा एक दम से शर्मा गई और बोली दूध तो है नही आम आपको थोड़े टाइम मे दे दूँगी उसे जितना मर्ज़ी चूस लेना तो मामा बोले मेरा तो बड़ा मन हो रहा था दूध पीने का तो मा बोली राज एक काम कर यहा थोड़ी दूर एक डेरी है हम जब पिछली बार आए थे वाहा से दूध लेके आते थे वाहा से दूध ले आ जा.

मैं समझ गया मा मुझे यहा से भेजने के फिराक मे है ताकि अजय मामा के साथ मज़े ले सके और डेरी से आने जाने मे 30 मीं आराम से लग जाएँगे बट मैं कुछ कर भी नही सकता था मा से पैसे लिए और चल दिया लेकिन मुझे पास मे एक दुकान मिल गई और मैने वाहा से दूध ले लिया ये दुकान उस टाइम नही थी.

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जब मैं लास्ट टाइम मामा के घर आया था शूकर है सिर्फ़ 5 मीं मे काम हो गया मैं घर की तरफ वापस आया मैने सोचा अगर मैं डोर से जाउन्गा तो वो लोग ज़रूर चौकन्ने हो जाएँगे इसलिए मैने किचन की खिड़की का सहारा लिया और सीधा किचन से अंदर जा घुसा दोस्तो मैं आपको बता दू की मेरी मा ने नाहके एक सूट पहना था.

जब मैने किचन से दयनिंग टेबल पर देखने लगा तो मैं हैरान हुआ फिर क्यूकी अजय एक चैर पर बैठा था और मा उसकी गोद मे इस तरह जाके बैठ गये की उसके चुचे उसके मूह को सटे जा रहे थे और मा बोल रही थी..

मेरे राजा अब अपना नास्ता कर लो और उसने बिना देर किए मा की सूट को उपर उठा दिया और ब्रा को नीचे कर उसे मूह मे भरके चूसने लगा और माआ अह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह आराअम से मेरर राज्ज्जाआ अह्ह्ह्ह्ह्ह आराअम से चूसो मेरे बेटे को अभी 25 मीं और लगेंगे अह्ह्ह्ह्ह बहोत टाइम है तुम्हारे पास.

दोस्तो आगे की मा की चुदाई परिवार मे चुदाई मैं आपको अतौँगा की आगे क्या क्या हुआ कैसे उसने मेरी माआ को चोदा और क्या हुआ.