मॉं को किसी ओर मर्द से चुदाई करते देखा

मेरी मॉं बस एक वाइट ब्रा और पिंक पेटिकोट पहने हुए लेती थी और संजय अंकल सिर्फ़ अंडरवेर पहने हुए थे. वो मॉं क बूब्स को कस के दबा रहे थे और उनके नेवेल को चॅट रहे थे. मॉं अपना सिर एग्ज़ाइट्मेंट क मारे राइट लेफ्ट किए जा रही थी और संजय को पुश कर रही थी. मुझे लगा की मॉं को वो हरास कर रहा है बट किसी रीज़न से मे रुक गया. मुझे याद आया की सविता भाभी मे व ऐसे सीन्स हैं जहा उसे मज़ा आता है. मे वाहा रुक गया और तमाशा देखने लगा. संजय अब मॉं क उपर लेट गया और उनको फ्रेंच किस करने लगा. 2 मीन बाद वो थोड़ा नीचे आया और मॉं के निपल्स को ब्रा क उपर से सक करने लगा और दूसरा हात से उनके बूब्स को दबा रहा है.

थोड़े टाइम बाद वो मॉं का पेटिकोट खोलने लगा. मॉं ने कोई रेज़िस्टेन्स नही दिखाया. फिर संजय उनकी बॉडी को किस करने लगा और धीरे धीरे नीचे आता गया. इस बीच मुझे मॉं की चूत दिखी. वो किसी विंटेज पॉर्न मोविए की आक्ट्रेस के जैसी थी. पिंक लिप्स विथ लॉट्स ऑफ बाल. अब संजय मॉं के चूत को चाटने लगे और दोनो हात से उनके निपल्स को रगड़ने लगे. 2 मीन मे मॉं उकचलने लगी. संजय फिर उपर गये और मों को किस करने लगे. वो फिर नीचे आ कर वही पोज़ कंटिन्यू किया. मॉं 5 मीं मे 3 बार झाड़ गयइ. अब उनके बदन से पसीना निकालने लगा था. तभी संजय ने अपना अंडरवेर निकाला और मेरे तरफ फेक दिया. मैने लाइफ मे पहली बार ऐसा बड़ा लंड देखा था. वो करीब 7 इंच लंबा था और काफ़ी मोटा था. मॉं की सेक्सी चूत को चाटने के बाद उनका लंड उफान मार रहा था. उनका लंड इतना सेक्सी था की वो देख क्र मेरा व खड़ा हो गया.

उनका लंड देख क्र मॉं उठी और उसके सूपदे को अपने मूह मे ले कर चूसने लगी. वही मुझसे रहा ना गया और मे धीरे से झुक कर उनका अंडरवेर उठा लिया और उसे स्मेल करने लगा. तब मुझे मस्तरबतिओं नही आता था. उनका लंड का स्मेल किसी पुराने मिठाई जैसा था जिसे स्मेल कर क मुझे बहुत एक्साइटेशन हुआ. इसी बीच संजय ने मेरी मॉं का ब्रा उतारा और उनकी 34 साइज़ का बूब्स उछाल कर बाहर आ गया. मैने अपनी लाइफ मे किसी औरत क बूब्स नही देखे थे. संजय ने कुकछ समय तक अपने उंगली मे थूक लगा कर मॉं क निपल्स को रगड़ता गया. बाद मे उसने मॉं क दोनो टाँग को नीचे खीचा और उनपर सो कर उनके बूब्स दबाने लगा. वही मे अपनी धुन मे मस्त था. थोड़े टाइम तक लेते रहने के बाद उसने अपने बड़े लंड को मॉं की चूत पर रखा और कस के धक्का मारा. इससे मॉं चिल्ला उठी. फिर उसने धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.

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अब मॉं की हल्की हल्की मोनिंग की आवाज़ सुनाई दे रही थी. वही संजय ने 3 मीं क बाद अपनी स्पीड बढ़ा दी. पुर रूम मे बेड क हिलने की आवाज़ और मॉं क गॅंड क ठप ठप की आवाज़ गूँज रही थी. संजय पुर फोर्स मे मॉं की चूत को पेल रहा था और मे उनके काला लूंबा लंड देख के एग्ज़ाइटेड हुए जा रा था. थोड़ी टाइम बाद मॉं और संजय ने एक साथ आवाज़ लगाई और संजय उनपर सो गये. मॉं की छूट से सफेद रस निकालने लगा था. फिर भी संजय धीरे धीरे अंदर बाहर कर रहे थे. इतने मे मॉं ने उनको धक्का मार कर हटाया और उठ गये. मे दर्र क मारे दूसरे कमरे मे जा क छुप गया.

उनकी हल्की हल्की कॉन्वर्सेशन सुनाई पड़ रही थी:

मों “आप तो आज भी पहले के जैसा पेलते हो. हम आपके पत्नी थोड़ा हैं की सब माल अंदर गिरा दीजिएगा?”

संजय “अरे पगली ये तो मेरा प्यार है. इतना दिन बाद मिली हो ना, इसलिए तुमको छोड़ने का मंन नही करता. पति कब तक आ जाएँगे?”

मों “अरे उनका कोई ठिकाना नही. फिर भी शायद 5 दिन बाद आ जाएँ. आपको क्या टेन्षन? पेलिए हुमको सारा दिन जबतक आपकी छुट्टी है.”

मे बगल वेल कमरे मे बैठा हुआ था. मेरा पूरा बॉडी डर से काप रहा था और हात मे अंडरवेर था. मैने सोचा की अब भाग लेना चाहिए नई तो दोनो मे से कोई पकड़ लेगा. तभी आवाज़ आई:

संजय “अछा एक काम करो ना, तुम चूसो इसको. आज सोचते हैं तुमको पूरा दिन पेलेंगे.”

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फिर मेरी मॉं की हासणे की आवाज़ आई. मे तोड़ा हिम्मत कर के फिर से उस पोज़िशन पे आया और कोने से देखने लगा. अब संजय लेटा हुआ था और मॉं उनका लंड चूस रही थी. 5 मीं मे उनका लंड फिर से उफान मारने लगा. मेरा फिर से खड़ा हो गया. इश्स बार मॉं ने मेरी तरफ पीठ कर लिया और लंड पे तोड़ा थूक लगा कर उसपर अपना चूत रगड़ने लगी. कुच्छ टाइम बाद वो अंदर घुस गया और फॉर से चत चत चत की आवाज़ आने लगी. संजय का बदन मॉं जैसा पसीने मे टार टार था और दोनो पूरी ताक़त लगा के एक दूसरे को पेल रहे थे. मे ये देखते हुए बस संजय के लंड को इमॅजिन कर रहा था.

ऐसा 15 मीन तक चला फिर दोनो एक साथ झाड़ गये. फिर मॉं उनके बगल मे सो गयइ और संजय उनका दूध दबाते हुए उनको किस करने लगे. मैने उनका अंडरवेर ज़मीन पे फेक दिया और धीरे से आँगन के रास्ते घर से बाहर निकल गया. दोपहर को मैने अपने दोस्त क घर की खाना खाया. शाम को वापस आया तो फिर घर बंद था. इस बार मैने घंटी नही बजाई और आँगन के रास्ते दोबारा घर मे घुस कर मॉं क बेड पे गया. इस बार जब अंदर देखा तो मेरी मॉं बिस्तर पे उल्टा लेती हुई थी. उनके बाल बिखरे हुए थे और पूरा रूम मे सेक्स और पसीने का स्मेल था. संजय उनको पीछे से पेले जा रा था. उनका आँड सेक्स करने क चलते लाल हो गया था फिर भी दोनो रुकने का नाम नही ले रहे थे. मैने दोबारा से चड्डी उठा लिया और स्मेल करने लगा. ये अगले 10 मीं तक चला और फाइनली संजय ने एक ज़ोर से आवाज़ लगायॉई और मॉं पे गिर पड़े.

उनकी चूत अब पूरी सफेद नज़र आ रही थी. मैने व फाइनली चड्डी नीचे फेक दिया और दोबारा बॅक ट्रॅक करते हुए बाहर आ गया. हाफ अवर बाद जब मैने घंटी बजाई तो मॉं बिल्कुल एग्ज़ॉस्टेड हालत मे बाहर निकली और मुझे अंदर बुला लिया. मैने आज तक इस बारे मे किसी से कुछ व नही कहा.

 

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