परिवार में बेनाम से मधुर रिश्ते- 3

माँ बेटे की चुदाई हिंदी में पढ़ें इस कहानी में! मेरी माँ मेरे ताऊ के बेटे से चुदवाती थी. मेरा भाई भी माँ के साथ मजा करना चाहता था. तो उसने क्या किया?

मेरी कहानी के पहले, दूसरे भागों
परिवार में बेनाम से मधुर रिश्ते
मामा भानजी भाई बहन चुदाई स्टोरी
में आपने मेरे द्वारा अपने परिवार में रिश्तों में किये सेक्स कारनामों के बारे में पढ़ा.

मैं कविता मेरी फैमिली के बारे में आप सभी को पहले बता चुकी हूँ लेकिन एक बार पुनः सभी पात्रों का परिचय करा रही हूं.

मेरा सबसे प्यारा सेक्स पार्टनर मेरा भाई शिवम
विवेक और लूसी मेरे ताऊजी की बेटी के बच्चे हैं मतलब ताऊजी के दोहता, दोहती. तो मैं उन दोनों की मौसी हुई.
ताऊजी के बेटे हैं अनिकेत भैया मतलब विवेक और लूसी के मामा!

और अब इस माँ बेटे की चुदाई हिंदी कहानी का सबसे महत्त्वपूर्ण पात्र मेरी मां सुनीता.
माँ की लंबाई 5 फुट 3 इंच, गोरा रंग, गदराया बदन उन्नत चूचियों की मलिका।

मेरे ताऊ का बेटा अनिकेत मेरी माँ की चुदाई का मजा लिया करता था. मतलब अपनी चाची की चुदाई करता था.
हमारे ग्रुप के दोनों लड़के मेरी मम्मी की चुदाई करना चाहते थे. यानि मेरा भाई अपनी माँ को, और दोहता अपनी नानी को चोदना चाहता था.

दोनों को पता था कि अनिकेत अपनी चाची को चोदता है तो उन्होंने उससे मदद लेनी चाही.

अब मैं अपनी उसी इन्सेस्ट कहानी का तीसरा भाग प्रस्तुत करने जा रही हूं.

हमारी कहानी में एक नया मोड़ आ गया था अनिकेत भैया अब मेरे चूतड़ों के दीवाने हो चुके थे.

हम चारों लोग के मन में यह था कि भैया कहीं मजा तो लेकर निकल ना जाएं.
शिवम और विवेक बोल रहे थे अब तो हमारे पास और कोई चारा नहीं है.

मेरा भाई शिवम बोला- जब तक मां की चूत नहीं मिलती, तब तक आप भैया को रोकना होगा!

हम योजना बनाने में लगे हुए थे कि कैसे अनिकेत भैया से सौदा पूरा कैसे करवाया जाए.
मेरा भाई शिवम अपनी मां को चोदने के लिए बेताब था.

वह बोला- जो हमारे माल को मिल बांट के खा रहे हैं तो उनके माल को वह अकेले कैसे खा सकते हैं!
विवेक बोला- बात तो सही है.

लेकिन लूसी ने कहा- मुझे डर लग रहा है. जैसा चल रहा है वैसे चलने दो.

विवेक अपनी बहन की चुची दबाते हुए बोला- बहना, तुमको चोदने में भी हम को डर लग रहा था. देखो आज मेरी रंडी बन कर बैठी हो.
लूसी बोली- रंडी मत बोलो, तुम्हारी मुंहबोली पत्नी हूँ.
विवेक बोला- पत्नी के साथ साथ रंडी पत्नी हो.

मेरा भाई शिवम बोला- पहले यह तय कर लो कि मां को कैसे चोदना है. नहीं तो अनिकेत भैया मां को मुंहबोली पत्नी बनाकर चोदते हुए हमारी पत्नियों को भी अपना बना लेंगे.

विवेक बोला- 3 दिन बाद घर में नाना नहीं रहेंगे. उस दिन कुछ प्लान बनाओ.
शिवम बोला- तुम्हें कैसे पता?
विवेक बोला- कविता ने मुझे बताया. और मेरे घर में कोई नहीं रहेगा.

भाई बोला- इसी समय भैया को कॉल करो.
विवेक ने तुरंत अनिकेत भैया को कॉल किया, भैया को आने को बोला.

सभी घर वाले खेत में गए हुए थे तो इससे अच्छा मौका नहीं था बात करने का।

कुछ देर बाद अनिकेत भैया आ गए.
आते ही अपनी भानजी लूसी को अपने बांहों में उठाकर कहने लगे- इसकी लंबाई भले कम है लेकिन इसकी बड़ी बड़ी चूची और पीछे को निकली गांड मेरे लंड को खड़ा होने पर मजबूर कर देती है.

और बिना देर किए अनिकेत भैया ने अपने कपड़े उतार दिए.
लूसी की चूची को मुंह में डालते हुए अनिकेत भैया अपना लौड़ा लूसी की चूत में डालकर झटके देने लगे.

यह नजारा देखकर विवेक से रहा नहीं गया.
विवेक ने झट से अपना लंड अपनी बहन लूसी की गांड में डाल दिया.
लूसी के मुंह से चीख निकल गई.

मेरा भाई शिवम मेरी तरफ देख रहा था.
मैंने बिना देर किए हुए शिवम को अपनी तरफ खींचा और बोली- तुम्हारे लिए तुम्हारी बहन तो है!
और मैं शिवम का लंड चूसने लगी.

भाई बोला- दीदी, आप हमारी दीदी ना होकर पत्नी हो.
लूसी बोली- मामा की पत्नी बनी या बड़े मामा की या भैया ‌की?

भैया बोले- तू मेरी बन जा.
विवेक ने मना कर दिया. विवेक बोला- पत्नी यह मेरी रहेगी या शिवम की!

शिवम बात रोकते हुए बोला- जिस काम के लिए बुलाया है, वह पहले हो.

अनिकेत भैया बोले- अपनी भानजी को अपने लंड पर खिला रहा हूं. इसीलिए तो बुलाया था तुमने मुझे! और तुम सौभाग्यशाली हो जो कविता जैसी बहन की चूत चोदने का सौभाग्य मिल रहा है, तुम्हें और क्या चाहिए?

यह बोलते ही अनिकेत भैया ने मेरी चूचियों को पकड़ कर अपनी बांहों में खींच लिया और लूसी को शिवम की ओर बढ़ाते हुए वे विवेक से बोले- तुम कविता की चूत का रसपान करो.

विवेक ने अपना लौड़ा मेरे मुंह में डाल दिया, बोला- रसपान बहुत हुआ. आप सीधे मौसी की चूत में अपना लंड डालिए.
इतना कहते ही भैया लूसी की चूत में से लंड निकालकर अपने भारी भरकम लंड को मेरी चूत के मुंह पर रखकर रगड़ने लगे.

मेरे मुंह से सिसकारी की आवाज आने लगी.

भैया ने धीरे-धीरे अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और झटके मारने लगे.

विवेक कहां कम था … विवेक ने अपना लौड़ा मेरे मुंह से निकालकर मेरे पीछे वाले छेद में डाल दिया.
एक हाथ में वह मेरी चूची दबाने लगा और दूसरी चूची अनिकेत भैया दबाने लगे.

भैया बोल रहे थे- ऐसी बहन हर घर में हो तो किसी भाई को सेक्स मूवी देखने जरूरत नहीं होगी.
शिवम पीछे से बोला- लाइव देख रहा हूं बहन को चुदती हुई!

विवेक बोला- मेरी बहन का भोंसड़ा बना रहे हो और मुझे तो लाइव दिखा रहे हो!
लूसी बोली- दोनों भाई बहनचोद हैं और दोनों बहनें भाई का लन्ड लेने के शौकीन है. लेकिन बीच में मामा मुफ्त का मजा ले रहे हैं.

इतने में शिवम अनिकेत भैया से बोला- आप अपने वादों पर मुकर रहे हैं, 2 महीने से ज्यादा हो गया!
लूसी बोली- 2 महीने 8 दिन हो गए हैं.

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शिवम बोला- आप क्या सोच रहे हैं अनिकेत भैया!
अनिकेत भैया बोले- कौन सा वादा?

विवेक और शिवम हमको इशारा करके सब अलग हो गए.
अनिकेत भैया का लंड फुल प्रेशर में था- बोलो क्या कह रहे हो तुम लोग?

शिवम बोला- मम्मी की चूत का समझौता हुआ था.
भैया बोले- इतना आसान नहीं है चोदना! वह तुम्हारी मां है.

शिवम बोला- विवेक के पास एक आईडिया है.
“क्या आईडिया है?”

विवेक बोला- आपको नानी को पिछले वाले कमरे में लाना होगा. कल कोई घर पर नहीं होगा. हम चारों कल आपके घर पे रहेंगे. बहाना करके या चाहे जैसे कल दोपहर में नानी को बुलाना है.
अनिकेत भैया बोले- ठीक है. पहले बताओ तो आईडिया क्या है?
शिवम बोला- वह हमारे ऊपर छोड़ दीजिए. आपको मम्मी को बुलाना है.

भैया तैयार हो गए और लूसी को खींचते हुए बोले- आज मुझे चोदने देना. कल जैसा कहोगे वैसा होगा.

अनिकेत ने अपनी बहन की बेटी लूसी को बांहों में उठाकर बिस्तर पर उल्टा करके पटक दिया और लूसी की गांड में डालकर लंड हिलाने लगे.

शिवम विवेक मुझे चोदने लगे.

कुछ देर बाद सब पानी छोड़ चुके थे और कल का प्लान बना रहे थे।

आज रविवार घर पर 6 लोग थे.
प्लान के अनुसार 12:00 बजे तक सारा काम कर दिया था.

हम सभी प्लान के अनुसार चल रहे थे, अनिकेत भैया को कुछ बताया नहीं था.

आगे की कहानी बताने से पहले मैं अपनी मां के बारे में बता देती हूँ.

मेरी मां की उम्र 44 साल, लंबाई 5 फुट 2 इंच, गदराया बदन विशालकाय जो किसी भी मर्द को लंड खड़ा करने पर मजबूर कर देती है.
पूरा गांव मेरी माँ की चूची का दीवाना है.

अनिकेत भैया बता रहे थे कि मां की इतनी बड़ी चुची है उतनी तुलसीपुर गांव में किसी के नहीं हैं.
मां की ब्रा की साइज 38 है निकली हुई पीछे गांड उनके शरीर को और सेक्सी बनाती है.

इसे देखकर मेरा भाई और उनका बेटा अपनी मां को चोदने के लिए दो महीने से प्लान बना रहा है.

माँ के बारे में एक और बात है कि हमारी मां बहुत ओपन माइंड की है. अनिकेत भैया के अलावा मामा का लड़का सुनील और पापा के दोस्त विक्रम हमारे मम्मी को चोद चुके हैं.

इतना होने के बाद भी मां अपने को शरीफ समझती हैं.
और यह बात अनिकेत भैया और हम लोगों के अलावा कोई नहीं जानता. मम्मी की मोहल्ले में और रिश्तेदारी में बहुत इज्जत है, पापा बहुत इज्जत करते हैं.

अब मैं अपनी कहानी पर आती हूं.

जिस कमरे में मां को बुलाया गया था, उस कमरे में दो खिड़कियाँ, एक रोशनदान है. कमरा घर से सबसे पिछले भाग में था.
पीछे घर के बाऊंडरी बनी थी, उस साइड गेट लगा था और एक गेट घर के अंदर खुलता था.

हमने अपने प्लान पर बहुत विचार किया.

शिवम ने कमरे में कैमरा लगा दिया.
और हम लोग इंतजार करने लगे कि अनिकेत भैया कमरे में जायें.

अनिकेत भैया पहले से मम्मी को बुलाने गए थे.
कुछ इंतजार के बाद मम्मी और भैया कमरे में आ गए.

यह नजारा हम लोग खिड़की के पास होल से देख रहे थे

मां बोली- तुम भी जिद करते हो! बच्चे घर पर ही हैं, दोनों लोग आपके घर गए हैं रात में नहीं मिल सकते थे क्या?
इतना कहते ही मम्मी के ब्लाउज के गले से निकलती हुई दोनों चूचियां बेचारी लग रही थी मानो उन्हें ब्लाउज में जबरदस्ती दबा कर रखा गया हो.
भैया ने कहा- मेरा मन बहुत था … रहा नहीं गया.

इतना कहते ही भैया ने मम्मी का ब्लाउज की हुक खोल दी.

मम्मी मना कर रही थी- ऊपर से कर लो. बच्चे आ जाएंगे!
भैया बोले- वे नहीं आ पाएंगे क्योंकि दोनों का एग्जाम है. वे लोग पढ़ाई कर रहे हैं, आने का कोई चांस नहीं है. अगर आएंगे तो पिछले दरवाजे से मैं निकल जाऊंगा.

मां बोली- जो करना है, जल्दी करो!

इतना कहते ही भैया मां की विशालकाय चूची को अपने मुंह में भर कर चूसने लगे.
और एक हाथ से दूसरी चूची दबा रहे थे, चूची उनके हाथ में नहीं आ रही थी.

मां सिसकारियां भर रही थी.

यह सब देखकर शिवम बोला- मां तो ऐसी माल है कि मोहल्ले का हर आदमी चोदे तब भी कम पड़ जाए! काश मां को चोदने का मौक़ा मिलता!
विवेक बोला- अनिकेत मामा नानी को चोदकर बहुत आनंद ले चुके हैं.

भैया मां की चूत में लंड डालकर हिला रहे थे.
मम्मी तेज तेज सिसकारियां भर रही थी.
हम लोग खिड़की के होल से देख रहे थे.

शिवम बोला- विवेक तुम्हारे अंदर जाने की बारी आ गई है. अब तुम अंदर जाकर काम बनाओ जो प्लान है.

अनिकेत से कह दिया गया था कि पिछला दरवाजा खोलकर रखना.

बिना देरी किए हुए विवेक अंदर पहुंचा और उन्हें डराने के लिए अपने मोबाइल से वीडियो बनाने लगा.

लेकिन हम कैमरे से एक रिकार्ड कर रहे थे जिसके बारे में ना मां को पता था ना कि अनिकेत भैया को!
विवेक मोबाइल का वीडियो तत्काल प्लान को सही करने के लिए बना रहा था.

कुछ क्षण तो भैया और मम्मी का ध्यान विवेक पर नहीं गया.

लेकिन जैसे मम्मी का ध्यान विवेक पर गया, वे भैया को धक्के मारते हुए खड़ी हो गई.

विवेक देरी की हुए मां के पास पहुंच गया और मां के विशालकाय चूचियों को दबाने लगा.

मां विवेक को दूर करने लगी.

विवेक बोला- मेरे पास आपकी और मामा की चुदाई का वीडियो बन चुका है. और मैं बहुत दिन से वीडियो बना रहा हूं, नानी आपकी इज्जत अब अपने नाती के लंड के ऊपर टिकी है.

नानी(मेरी मम्मी) का चेहरा पीला पड़ गया- बेटा क्या कर रहे हो?
विवेक बोला- जब जेठ के बेटे से चुदवाने में मजे आ रहे हैं तो तुम मुझे भी मजे दे सकती हो!

यह कहते हुए विवेक ने मम्मी के होंठों पर अपना मुंह रख दिया और होंठों को चूसते हुए उनकी चूचियां दबाने लगा.
अनिकेत भैया यह सब देख रहे थे.

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मां भैया को देख रही थी.

भैया और भी तेज निकले, मां के पैर को खींचते हुए अपना लंड दुबारा मेरी माँ की चूत में डाल दिया.

तभी विवेक उनको अलग करते हुए बोला- आज मेरा पानी नानी की चूत में गिरेगा.
मां अपराधिनी सी खड़ी थी.

अनिकेत भैया ने मम्मी की चूचियों को दबाते हुए कहा- चाची चिंता मत करो, विवेक किसी से नहीं बताएगा.
मां बोली- यह बात अगर बाहर गई तो बहुत बेइज्जती हो जाएगी.
भैया मां से बोले- चाची, टेंशन ना लो. हम आपके लिए दुनिया से लड़ जायेंगे.

विवेक बोला- मामा जान, प्यार की बात बाद में कर लेना. पहले चुदाई में सहयोग करो. नानी को भी पता चले कि चोदने का रस घर में ही मिलता है.

इतना सुनते ही भैया ने अपना लौड़ा मां की गांड में डाल दिया और बोले- चाची ने ही तो मुझे चोदना सिखाया है.

वे दोनों मामा भानजा मेरी मम्मी को चोदने लगे.
विवेक आगे से झटके देने लगा.

और दूसरी तरफ भैया मां की गांड चोदते हुए विवेक से बोले- आज से तुम्हें अपनी नानी की सेवा करनी है.
विवेक बोला- ऐसी सेवा करूंगा कि आपकी जरूरत नहीं होगी. इतनी बड़ी चूचियों को दबाने का मौका मिला है मुझे! नानी की गांड पहाड़ की तरह विशालकाय है कि सारा गांव चोदे तब भी कम नहीं पड़ेगा।

मां के चेहरे पर अजीब भाव दिख रहा था.

विवेक और भैया चोदने में इतना बिजी थे कि वे भूल गए थे कि बाहर शिवम इंतजार कर रहा है.

शिवम से रहा नहीं गया, उसने कहा- कुछ मिनट बाद तुम और लूसी अंदर आ जाना कमरे में!
मैं बोली- मुझे असली दृश्य देखना है, मैं आ जाऊंगी.
लूसी भी बोली- मुझे भी देखना है.

शिवम बोला- जैसी तुम्हारी मर्जी!
इतना कहते हुए अंदर चला गया.

हम दोनों ने फिर से खिड़की से देखा. हमारी चूत से ही पानी आ गया.

अंदर जाकर शिवम बोला- मम्मी, तुम क्या कर रही हो?
मम्मी का चेहरा पीला पड़ गया.

मां बिना कपड़ों के पड़ी थी, भैया और विवेक माँ को छोड़ अपने लंड को पकड़ कर खड़े हो गये.
शिवम बोला- घर में रंडीखाना खुला है और बेटे को पता ही नहीं?

मां का चेहरा देखने लायक था. मां अपना बदन ढकने लगी लेकिन भैया उसी हालत में थे.

शिवम ने बिना देरी किए हुए मां के ऊपर से कपड़ा खींच लिया, बोला- दर्शन नहीं कराओगी आप?
अनिकेत भैया बोले- क्या कर रहे हो भाई?
बोला- वही … जो आप लोग कर रहे हैं.

मां के चेहरे पर अजीब सी उलझन थी. अब वह बुरी तरह फंस गई थी.
भैया और विवेक शांत होकर देख रहे थे.

देखते ही देखते शिवम नंगा हो गया और अपनी मां की चूत में लंड डाल दिया।

मां की विशालकाय चूचियों को उनका बेटा आज हवस के साथ दबा रहा था. मां एकदम उलझी हुई थी, वो अपने पैर को मोड़ ले रही थी.

उधर विवेक मां के चेहरे पर हाथ फेर रहा था. वो अनिकेत भैया से बोला- आज तुम्हारी अमानत पूरे घर की अमानत है. आपकी भी भलाई इसी में है कि जो हो रहा है, होने दें.

शिवम पूरी नंगी करके माँ को वैसे चोद रहा है जैसे किसी रण्डी को चोद रहा हो!

मां की विशालकाय चूचियां पानी की लहरों की तरह खेल रही थी. शिवम झटके मार रहा था.

कुछ देर बाद शिवम ने अपना पानी मां की चूत में गिरा दिया.

विवेक बोला- अभी मेरा पानी नहीं गिरा है.
शिवम बोला- गिराओ ना … अब तो घर का माल बन गई मेरी मां!

उसी पोजीशन में मां लेटी रही.
विवेक ने अपना लंड मां की चूत में डाल दिया और झटके मारने लगा.
मां को भी अब तो आनंद आने लगा.

मैं और लूसी एक दूसरी को अपनी बांहों में भर कर एक दूसरी की चुचियों को दबाने लगी.

फिर हमसे रहा नहीं गया, हम दोनों भी अंदर आ गयी.
हमें देखकर मां खड़ी हो गई.

लूसी बोली- नानी घर में बहुत लोग हैं, संभल कर चुदाई करवाया करो!
मम्मी शर्माने लगी.

हम लोग बोले- हम जा रही हैं.

मम्मी कपड़े पहने लगी और काफी गुस्से में अनिकेत भैया से बोली- यह सब तो तुम्हारा प्लान था. सब तुमने किया है.
अनिकेत भैया बोले- मुझे नहीं पता!

मां बोली- तुम सभी ने मिल कर यह प्लान बनाई थी.
शिवम मां को बांहों में भरते हुए बोला- मां, जो होना था हो गया.

मां ने हम लोग बाहर भेज दिया.
फिर वो शिवम से बोली- यह बात बाहर नहीं जाने चाहिए. नहीं तो बुरा हो जाएगा.
शिवम बोला- यह बात घर में ही रहेगी.

मां ने अनिकेत और विवेक को बाहर जाने को बोला.
शिवम ने सबको बाहर कर दिया और दरवाजे दोनों तरफ से बंद कर दिए.

माँ बेटा दोनों बीच वाले कमरे में चले गए.

यह बात जो मैं बता रही हूं, मुझे शिवम ने बतायी थी.

मां शिवम को कमरे में ले जाकर बात पूछने लगी.
शिवम ने शुरू से सारी बात मां को बता दी.

फिर बोला- अब आपसे कुछ छुपा नहीं है.

मां बोली- देखो बेटा, ये लोग बाहरी आदमी हैं. जो हुआ … बहुत बुरा हुआ है. हमारी इज्जत मिट्टी में मिल जाएगी. मेरी भी गलती है. कविता को तुम समझाओ. अबसे हम तीनों लोग ही रहेंगे. चाहे जैसे … तुम्हें उन लोगों को हटाना होगा और कैमरे में जो रिकॉर्ड है उसको डिलीट करना होगा.

शिवम मां के होठों को चूसते हुए बोला- मां, आज के बाद सारा काम मैं सही कर दूंगा लेकिन आप मुझे धोखा नहीं देना.
मां बोली- अब तो जो होना था हो गया. लेकिन बस तुम ही से हम दोनों तुम समझदार हो अनिकेत विवेक अच्छे नहीं हैं.

यह घटना यहीं समाप्त होती है.

इस माँ बेटे की चुदाई हिंदी कहानी में आपको मजा आया?
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माँ बेटे की चुदाई हिंदी कहानी का अगला भाग: परिवार में बेनाम से मधुर रिश्ते- 4