हैलो दोस्तो, मैं सरिता, एक बार फिर आपके सामने अपनी एक नई कहानी के साथ हाज़िर हूँ. पहले तो मैं उन सभी लोगों का धन्यवाद करना चाहूँगी, जिन लोगों ने मेरी ट्रू एडल्ट स्टोरी
पड़ोसी ने मुझे फंसा कर मेरी चूत की पहली चुदाई की
को पसंद किया और मेल भी करके मुझे बताया.
तो चलिए दोस्तो, मेरी दूसरी ट्रू एडल्ट स्टोरी को शुरू करते हैं. यह मेरी पिछली कहानी से आगे की सच्ची कहानी है.
अब तक आपने देखा कि कैसे विवेक ने मेरी चुदाई की और अब मैं और विवेक चुदाई की सारी हदें पार कर चुके थे. हम दोनों बिल्कुल पॉर्न मूवी की तरह चुदाई करने लगे थे, लेकिन हमें घर पर चुदाई का मौका कम ही मिल पाता था तो कई बार विवेक और मैं पार्क वगैरह में मिलते थे और विवेक मुझे वहां चोद देता था. पर वहां इतना खुल कर हम सेक्स नहीं कर पाते थे.
एक दिन विवेक ने मुझ से पूछा- कहीं चलना है?
तो मैंने पूछा- कहाँ चलेंगे?
तो उसने कहा- सरप्राइज़ है मैडम तुम्हारे लिए!
मैंने कहा- ठीक है… बोलो कब चलना है?
तो विवेक ने अगले दिन के लिए बोला- मॉर्निंग में 10 बजे तुम रेडी रहना मेरी जान.
मैंने कहा- ओ के, मैं रेडी हो जाऊंगी.
फिर विवेक और हम अगले दिन रेडी हो गए.
विवेक मुझे अपने एक दोस्त के घर ले गया, उसने अपने दोस्त को फोन कर दिया कि हम पहुँचने ही वाले हैं. कुछ ही देर में हम वहां पहुँच गए. उसका दोस्त घर के बाहर ही हमारा इंतज़ार कर रहा था.
उसने विवेक को हैलो किया और मुझे भी बोला- हाय सरिता, कैसी हो?
मैंने भी कहा- हाय.. मैं ठीक हूँ.
उसके बाद हम सभी घर में चले गए. विवेक के दोस्त ने हमें सोफे पर बैठने को कहा, तो मैं और विवेक वहीं बैठ गए.
फिर विवेक के दोस्त ने कहा- तुम लोग क्या लोगे? चाय या कॉफी?
विवेक ने कहा- ना यार, तू कोल्ड ड्रिंक ले आ.
तो उसका दोस्त पिज़्ज़ा और बर्गर ले आया और फिर रेफ्रिजरेटर से 2 बियर की बॉटल ले कर आ गया. विवेक ने मुझे भी ऑफर किया तो मैंने मना कर दिया.
मैंने कहा- मुझे नहीं पीना, मैं ये नहीं पीती हूँ.
विवेक का दोस्त मेरे लिए एक पेप्सी की कॅन ले आया.
उसके बाद विवेक ने अपने हाथों से मुझे पिज़्ज़ा का एक पीस खिलाया और फिर उन दोनों ने बियर की बॉटल ओपन करके पीना शुरू कर दिया. अब हम सभी ने एक दूसरे से बातचीत करते हुए पिज़्ज़ा फिनिश किया.
विवेक के दोस्त ने सबसे पहले मुझे अपना इंट्रो दिया. उसने अपना नाम रवि बताया.
मैंने पूछा- तुम यहाँ अकेले ही रहते हो?
तो रवि ने कहा- हाँ भाभी जी, मैं यहाँ अकेले ही रहता हूँ.
मैंने चौंकते हुए कहा- भाभी..! अभी तो सरिता कहा था?
उसने कहा- हाँ उस वक्त कहा था, लेकिन आप मेरे दोस्त की गर्लफ्रेंड हो तो मेरी भाभी ही हुई ना.
मैंने भी एक स्माइल देते हुए कहा- सही है.
फिर विवेक और रवि ने अपना ड्रिंक ख़त्म किया, पर रवि फिर से एक और बॉटल ले आया. इस पर विवेक ने अब और पीने से मना कर दिया. उसके बाद रवि वहां से उठकर दूसरे रूम में चला गया और विवेक ने उठ कर दरवाजा बंद कर दिया.
अब विवेक मेरे पास आया और मुझे चूमने लगा, तो मैंने कहा- यार रवि आ जाएगा.
उसने कहा- मैंने डोर लॉक कर दिया है.
फिर वो मुझे चूमने लगा, उसके मुँह से शराब की स्मेल आ रही थी. मैंने कहा- यार विवेक तुम होश में नहीं हो, अभी दूर हटो.
पर विवेक कहाँ मानने वाला था, वो तो मुझे चोदने के मूड में था. उसके बाद वो मुझे किस करने लगा, कुछ देर किस करने के बाद, हम खड़े हो गए और एक दूसरे की बाँहों में बाँहें डाल कर एक दूसरे को किस करने लगे.
विवेक मुझे पागलों की तरह मेरे होंठों को चूस रहा था और अपनी जीभ मेरे मुँह में डालकर अन्दर बाहर करने लगा. मैं भी उसकी जीभ को चूस रही थी.
करीब 5 मिनट तक हम ऐसे ही किस करते रहे, उसके बाद विवेक ने अपनी पेंट खोल कर अंडरवियर नीचे कर दिया.
मैं उसके लंड को अपने हाथ से सहलाने लगी. उसका लंड खड़ा हो गया, उसके बाद उसने मेरी गर्दन पकड़ कर नीचे कर दिया और लंड को चूसने के लिए कहा. मैं भी अब तक लंड चूसने में एक्सपर्ट हो चुकी थी. मैंने विवेक का लंड कई बार चूसा था पर आज उसका लंड कुछ ज्यादा ही तना हुआ सख़्त लग रहा था. शायद उसने ड्रिंक की थी इसलिए.
मैंने उसके लंड के सुपारे को अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया और इसी तरह थोड़ी देर उसके लंड को चाटती रही. फिर विवेक ने मेरी गर्दन पकड़ कर अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया. मैं उसके लंड को चूसने लगी. लगभग 5 मिनट मैंने उसके लंड को चूसा, उसके लंड से कुछ पानी निकल रहा था. मैंने उसे अपनी जीभ से चाटा, वो थोड़ा नमकीन सा था.
फिर विवेक ने मुझे खड़ा किया और मेरे कपड़े उतारने लगा. उसने पहले मेरा टॉप उतारा, उसके बाद मेरी जीन्स को धीरे धीरे उतार कर एक तरफ कर दिया. अब मैं उसके सामने बस ब्रा और पेंटी में थी. विवेक मुझे चूमने लगा, मुझे बहुत मजा आ रहा था. विवेक ने मेरी ब्रा भी उतार दी और मेरे मम्मों को दबाने लगा.
फिर वो मेरे निप्पल को अपने मुँह से चूसने लगा और अपने दांतों से काटने लगा. मुझे दर्द हो रहा था, मेरे मुँह से सिसकारियां निकल रही थीं- आआआहह.. उंह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… विवेक धीरे मुझे दर्द हो रहा है..
तो विवेक ने काटना बंद कर दिया. विवेक ने मेरी पेंटी भी उतार दी, अब मैं विवेक के सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी.
विवेक ने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए, अब विवेक और मैं दोनों बिल्कुल नंगे थे. फिर मैं विवेक के लंड को पकड़कर सहलाने लगी और फिर नीचे बैठ कर उसके लंड को अपने मुँह में भर कर फिर से चूसने लगी.
तभी एकाएक दरवाजा खुल गया और मैंने देखा कि रवि बिल्कुल नंगा था और अपने लंड को सहलाते हुए अन्दर चला आया.
मैं एकदम से खड़ी हो गई और अपने मम्मों को अपने दोनों हाथों से छिपाने लगी.
तभी मेरी नज़र रवि के लंड की तरफ गई. रवि का लंड बिल्कुल खड़ा था और वो काफ़ी बड़ा था. रवि का लंड विवेक के लंड से भी ज्यादा मोटा और लंबा था.
रवि ने कहा- शर्म मत करो भाभी जी.
मैंने विवेक को कहा- रवि से कहो बाहर जाए.
तभी रवि ने मेरे पास आकर मुझे अपनी बांहों में भर लिया. मैंने रवि से कहा- ये ग़लत है.
तो रवि ने कहा- अच्छा तो विवेक के साथ ग़लत नहीं है?
मैंने कहा- मैं और विवेक एक दूसरे से प्यार करते हैं.
तभी विवेक भी बोल पड़ा- सरिता देख इसने हमें ये सब करते हुए देख लिया है, अब ये सब इसके साथ भी करना पड़ेगा.
विवेक मेरे पास आया और बोला- देख सरिता तुझे मेरे प्यार की कसम.. और इसमें कुछ ग़लत नहीं है, हम किसी को नहीं बताएँगे.
सच पूछो तो मैं भी चाहती थी कि अब कोई नया लंड ट्राइ करूँ. मैं पॉर्न क्सक्सक्स मूवी में अक्सर देखती थी कि उसमें एक पॉर्न एक्ट्रेस 2-2 लंड से चुदती है. मेरी भी इच्छा थी.
मैंने सर हिला कर विवेक और रवि को ओके कर दिया. वे दोनों मेरी बॉडी से खेलने लगे, मुझे पागलों की तरह चूमने और चाटने लगे.
मुझे बहुत मजा आ रहा था, आज मैं पहली बार 2-2 लंड से एक साथ चुदने वाली थी. अब विवेक ने मुझे सोफे पर डॉगी स्टाइल में होने को कहा और मेरी चुत पर अपना हाथ फेरने लगा. साथ ही वो मेरी गांड को भी दबा रहा था. इधर रवि अपना लंड मेरे मुँह में डालने लगा. रवि का लंड काफ़ी मोटा था, मेरा मुँह उसके लंड से भर गया था. मैं उसके लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.
विवेक मेरी चुत में उंगली डाल कर मुझे मज़े दे रहा था, मुझे बहुत गुदगुदी हो रही थी.
फिर विवेक ने अपने लंड को मेरी चुत पर लगाया और हल्का सा धक्का दे दिया. उसका लंड सटाक से मेरी चुत में चला गया, मुझे थोड़ा सा दर्द हुआ. मेरी काम से भरी हुई सिसकारियां निकल गईं- आआअहह.. उम्म्ह!
पर अब मुझे विवेक का लंड लेने की आदत पड़ गई थी, तो दर्द भी कम होता था. पर मैं बार बार यही सोच रही थी कि रवि का लंड काफ़ी बड़ा है. आज तो ये मेरी चुत को फाड़ ही देगा.
विवेक धीरे धीरे पीछे से मेरी चुत में धक्के लगा रहा था और आगे से रवि अपना लंड मेरे मुँह में पेल रहा था. मैं भी रवि का लंड जैसे लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी. कुछ देर विवेक मुझे चोदने के बाद रुक गया.
अब रवि ने कहा- चल विवेक तू आ जा.
फिर दोनों ने अपनी पोजीशन बदल ली. मैंने फिर थोड़ा ज्यादा थूक अपने मुँह से निकाल कर अपनी चुत पर और रवि के लंड पर लगा दिया. मेरी चुत और रवि का लंड दोनों पूरी तरह से गीले थे.
तभी रवि मेरी चुत पर अपने लंड को रखकर रगड़ने लगा और फिर मेरी चुत पर निशाना लगाते हुए एक हल्का सा धक्का लगा दिया.
मेरी तो जान ही निकल गई- आआ.. ओउउक्छ.. आआओ.. उई माँआ.. रवि धीरे से..
रवि थोड़ा रुक गया. लगभग 2 मिनट के बाद रवि ने एक और धक्का मारा. मेरी इस बार चीखें निकल पड़ीं- आआआ… एयेए..
मुझे रवि के मोटे लंड से बहुत दर्द हो रहा था. रवि का आधे से ज्यादा लंड मेरी चुत में समा चुका था. तभी रवि ने एक और धक्का लगाया और अपना पूरा लंड मेरी चुत में डाल दिया.
एक बार फिर मेरे मुँह से चीख निकल पड़ी- आआहह..उउउइइ.. मर गई..
रवि थोड़ी देर रुक गया, थोड़ी देर बाद मेरा दर्द थोड़ा कम हो गया. अब रवि अपना लंड धीरे धीरे मेरी चुत में अन्दर बाहर करने लगा.
वो लंड पेलते हुए बोला- भाभी आप सच में बहुत ही हॉट माल हो… आपका फिगर, आपकी सेक्सी स्टाइल किसी को भी दीवाना बना दे.
रवि की ये सब बातें मुझे और भी मदहोश कर रही थीं. रवि के धक्के में सह नहीं पा रही थी. रवि मुझे पीछे से मेरी चुत में धक्के पे धक्के पेल रहा था और मैं बहुत चीख और चिल्ला रही थी- ओह गॉड.. यस ओह कम ऑन फक मी.. फक मी सो हार्ड..
बिल्कुल पोर्न एक्ट्रेस की तरह मेरे मुँह से काफ़ी चीखें निकल रही थीं, तो विवेक ने अपने लंड को मेरे मुँह में डाल दिया और बोला- चूसो मेरी रानी..
मैं विवेक के लंड को मुँह लेकर चूसने लगी.
उधर लगभग रवि ने मुझे 15 मिनट ऐसे ही चोदा. उसके बाद रवि ने अपने लंड मेरी चुत से बाहर निकाल लिया और जैली क्रीम लाकर मेरी गांड के छेद पर लगा कर अपने लंड पर भी जैली क्रीम लगा ली.. ताकि लंड आसानी से अन्दर चला जाए.
फिर रवि ने अपने लंड को मेरी गांड के छेद पर रखकर एक जोरदार धक्का लगा दिया. एक बार फिर मेरी चीख निकल पड़ी और मैं अपने आपको छुड़ाने लगी. पर आज रवि मुझे कहा छोड़ने वाला था. आज तो वो मुझे अच्छी तरह से चोदना चाहता था.
मैं भी बस उस दर्द को सहने की कोशिश कर रही थी. रवि धीरे धीरे मेरी गांड में अपने लंड के धक्के मार रहा था और मैं चीख और चिल्ला रही थी- आह… आह… ऊओ… यस… कम ऑन… फक मी हार्ड… फक मी हार्ड…
रवि कभी मेरी चुत में लंड डालता तो कभी मेरी गांड में पेल देता.
थोड़ी देर बाद रवि ने अपना लंड मेरी चुत से निकाल लिया और जाकर सोफे पर बैठ गया. मैंने भी जाकर उसकी गोद में जाँघों पर बैठ कर रवि के लंड को अपनी चुत में ले लिया. उसके बाद रवि थोड़ा लेटकर अपना लंड को मेरी चुत में अन्दर बाहर करने लगा. मैं इस पोजीशन में रवि के ऊपर झुकी हुई लंड का मजा ले रही थी.
तभी पीछे से विवेक ने अपने लंड को मेरी गांड में डाल दिया और दोनों मुझे एक साथ चोदने लगे. मैं इस बीच 2 से 3 बार झड़ चुकी थी. दोनों मेरी बहुत जबरदस्त चुदाई कर रहे थे. दोनों ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और विवेक ने अपना पानी मेरी गांड में ही छोड़ दिया. थोड़ी देर बाद ही रवि ने भी अपना पानी मेरी चुत में ही छोड़ दिया. हम तीनों कुछ देर ऐसे ही पड़े रहे.
दोस्तो उस दिन मुझे अपने लवर के दोस्त के बड़े लंड से चुद कर बहुत मजा आया.
आपको मेरी ट्रू एडल्ट स्टोरी कैसी लगी, मुझे मेल ज़रूर करें.
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