लव स्टोरी से सेक्स स्टोरी तक का सफ़र-1

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यह सेक्स कहानी मेरे एक दोस्त की है.. आप उसकी ज़ुबानी ही सुनिए।

मैं राहुल अभी 22 साल का हूँ, दिल्ली यूनिवर्सिटी से मास्टर डिग्री कर रहा हूँ।

दिल्ली यूनिवर्सिटी की लड़कियाँ

मुझे समझ नहीं आता है कि यह कॉलेज है या पटाखों की दुकान… इधर जिसको भी देखो.. उसकी एक नज़र आपका लंड खड़ा करने के लिए काफ़ी है। मैं तो कॉलेज की लड़कियों को सोचते हुए मुठ मार लिया करता था।

एक दिन मैं दोस्तों के साथ बैठ कर गप्पें मार रहा था कि लड़कियों पर टॉपिक चला गया।
एक ने कहा कि एक लड़की है, जो कि सब से अलग है। वो काफ़ी सारे लड़कों के प्रपोज़ल को इग्नोर कर चुकी है। उसको चोद पाना बड़ा मुश्किल काम है.. बोले तो ‘लॉक्ड कंट’..

चूंकि मैं रंडियों को चोद चोद कर पक चुका था, उस लड़की के बारे सुनने के बाद मैंने सोचा कि मुझे उससे मिलना चाहिए।

अगले दिन उस दोस्त ने मुझे दूर से उस लड़की को दिखाया, उसका नाम सोनिया था, सच में वो एक गदर माल थी.. उसकी जितनी भी तारीफ़ करूँ.. कम होगी।
उसके चूतड़ों तक लहराते हुए लंबे बाल.. गहरी काली आँखें.. ठोड़ी पर एक डिंपल बनता था.. जो उसकी खूबसूरती को दुगना कर रहा था।
उसकी 5 फुट 6 इंच की हाइट, गोरा बदन और पतली कमर.. और तने हुए मम्मों के बारे में बताऊँ तो जन्नत की हूर भी शरमा जाएगी।

इस रूप के साथ उसकी 34-28-36 की फिगर का क्या मस्त कॉम्बिनेशन है यार.. उसे तो देखते ही मैं कहीं खो सा गया।
मैं सोच रहा था कि उसे खींच लूँ और वहीं पर पटक कर चोद डालूं।

फिर रात में उसी लड़की को अपनी कल्पनाओं में याद करके लंड को 2 बार हिला दिया। लेकिन वो कोई ऐसी-वैसी लड़की तो थी नहीं.. कि हर लड़की की तरह बस यूँ ही पट जाए।

मुझे बहुत इंतज़ार करना पड़ा। जब सेकंड ईयर हुआ तो मैं इलेक्शन में खड़ा हुआ और पॉपुलरटी और मनी पावर की वजह से जीत भी गया।

इससे पहले इसी दौरान मैं अपनी क्यूट सी बातें सुना कर उसे काफ़ी इंप्रेस कर चुका था।

और प्यार हो गया

जब इलेक्शन जीता, तो कुछ दिन बाद मैंने उसको प्रपोज़ कर दिया। भला कौन सी लड़की ना चाहेगी कि कॉलेज के प्रेसीडेंट के साथ इश्क़ लड़ाने को मिले?

इस तरह मैं उसका पहला प्यार बन गया। मैं उसको चोदने के लिए मरा जा रहा था, लेकिन वो उस टाइप की लड़की नहीं थी कि मान जाए और मुझे चूत चोदने की छूट दे दे।

यार वो दिल की एकदम सच्ची लड़की है, पर मेरा लंड उसका सच्चा दिल नहीं, बल्कि उसकी अनचुदी बुर माँग रहा था।

मुझे करीब डेढ़ साल तक रोमांस का नाटक करना पड़ा और उसकी केवल चुम्मियों के सहारे ही संतुष्ट रहना पड़ा। ऐसे ही दिन बीत रहे थे।

उस वक़्त मैं छ्टे सेमेस्टर के लिए तैयारियां कर रहा था। एग्जाम के लिए हमारी क्लासेज भी सस्पेंड हो चुकी थीं।

एक दिन मैं सोया हुआ था कि उसका कॉल आया।
मैं- हैलो सोनिया..
लेकिन उसने कोई जबाव नहीं दिया।
मैं- हैल्ल्लो..क्या हुआ..?

मुझे गंभीर होता हुआ देख कर वो बोली- राहुल क्या तुम मुझे अभी मिल सकते हो?
मैं- कहाँ मिलना है?
वो- मेरे घर पर ही आ जाओ।

मैंने अगले कुछ ही पलों में बाइक स्टार्ट की और उसके घर की तरफ निकल पड़ा। उसके घर पहुँचते-पहुँचते 2:30 बज गए। मैं जब पहुँचा, उसने पीले कलर के टॉप के साथ डेनिम जीन्स पहनी हुई थी.. मस्त माल लग रही थी।

मुझे देखते ही वो मुस्कुरा उठी।

मैंने पूछा- क्या हुआ सोनिया? सब कुछ ठीक है ना.. अंकल-आंटी कहाँ हैं?
‘वो सब बड़ी दीदी के घर गए हैं.. कल लौटेंगे..’

उसकी बड़ी दीदी शादीशुदा थी।

वो मुझसे ये सब बात करते-करते मुझे अपने बेडरूम तक ले आई और मुझे वहाँ बैठा कर कहीं चली गई।

मैं उसके बेडरूम में नज़र दौड़ा ही रहा था कि मेरी नज़र रैक में रखी हुई उसकी ब्रा और पैंटी पर पड़ी।

मैं उसकी पैंटी को हाथ में लेकर सूंघने लगा.. तो एक मस्त सी महल निकल रही थी। वो महक मेरी नाक में जाते ही मेरा लंड खड़ा हो गया।
तभी उसके आने की आवाज़ सुन कर मैं अपनी जगह पर बैठ गया, मैं उसके बिस्तर पर बैठा था।

वो मेरे लिए जूस लेकर आई थी।
मैंने कहा- ये सब छोड़ो और बताओ कि मुझे क्यों बुलाया?

वो मेरे पास आकर मेरी एक बांह पकड़ कर बैठ गई।
‘क्या बात है सोनिया.. इतनी उदास क्यों हो.. बताओ ना..?
वो- आई लव यू..
मैंने कहा- यस आई नो बेबी.. हाउ मच यू लव मी.. क्या हुआ मुझे बताओ?
‘कुछ दिन बाद एग्जाम हैं.. और फिर कुछ दिन बाद हमारा मिलना बंद हो जाएगा।’
वो ये कहते हुए भावुक सी हो गई।

‘अरे.. तुम ऐसा क्यों सोचती हो? तुम तो मेर दिल में हमेशा रहोगी.. ऐसे नहीं बोलते यार.. और मैं तुमसे कितनी बार कह चुका हूँ कि मेरे सामने कभी रोना मत.. मेरे ऊपर भरोसा नहीं है क्या?’
‘हम्म.. है.. पर मैं तुम्हें छोड़ कर जी नहीं सकती..’

मैंने उसे अपनी बाहों में खींच लिया और कहा- सच मैं बहुत लकी हूँ कि तुम मेरी जिन्दगी में हो।
मैंने उसके बालों को सहलाते हुए उसके माथे पर एक किस किया।

आखिर उस इंडियन कॉलेज गर्ल की चूत भी फ़ुदकी

तभी मुझे लगा कि उसकी बांहों की कसावट मेरी कमर के गिर्द कसती ही जा रही थी।

मैं बिस्तर पर लेट गया.. वो भी मुझे हग करते हुए मेरे ऊपर लेट गई।

वो मुझे देख रही थी।
मैंने पूछा- क्या देख रही हो?
‘देख रही हूँ कि तुम्हारी आँखों में मेरे लिए कितना प्यार है।’
‘क्या देखा?’

उसने बिना जवाब दिए मेरी आँख पर चुम्मा रख दिया, मैंने उसको पलट दिया और उसके ऊपर आ गया।
मैं उसके होंठों पर उंगली फिराने लगा, वो मुस्करा कर बोली- तुम कितने भारी हो?
मैंने हँस कर उसकी एक गाल पर किस किया.. वो खुश हो कर बोली- और एक दो ना..

मैंने लगातार उसकी ठोड़ी और गालों पर चुम्बनों की झड़ी लगा दी और उसे रुक कर देखने लगा।
वो बोली- और एक चाहिए।

मैंने मुस्कुरा कर उसकी नाक पर और एक किस कर दिया। लेकिन वो फिर भी बोली- और एक प्लीज़…

इस बार मैंने उसको कुछ देर तक देखा और अचानक उसके होंठों पर किस करने लगा। करीब 30-40 सेकेंड तक किस करने के बाद मैंने अपना सर उठाया तो वो मुझे बड़े प्यार से देख रही थी। फिर हम दोनों एक साथ एक-दूसरे को किस करने लगे। किस करते हुए मैं उसके टॉप के ऊपर से ही उसके मम्मों को सहलाने लगा। अब मुझे कोई परवाह नहीं थी कि वो मुझ पर कैसे रिएक्ट करेगी।

उसकी चूचियों को सहलाया तो जैसे लज्जत आ गई.. सच में क्या मस्त चीज़ थी वो यार!

चूचों को सहलाते हुए थोड़ा सा हार्ड लग रहे थे, लेकिन जब दबाना स्टार्ट किया तो बिल्कुल नर्म थे। उधर मेरे अंडरवियर के नीचे मेरा लंड आउट ऑफ कंट्रोल हो रहा था, वो भी चूचे दबवाने में मस्त होती जा रही थी।

नंगी इंडियन कॉलेज गर्ल

मैंने सोनिया को बिठा कर उसके टॉप को उतार दिया। वो भी मेरी शर्ट उतरवाना चाहती थी, लेकिन हिम्मत नहीं थी।

उसका टॉप उतरा तो.. ओऊऊ.. वाइट कलर की कसी हुई ब्रा में उसकी दोनों चूचियाँ कितनी मादक दिख रही थीं। उसकी चूचियों की सुन्दरता को मैं बयान नहीं कर पा रहा हूँ।
मैं उसकी लेफ्ट वाली चूची को हाथ में लेकर दूसरी को किस करने लगा और किस करते-करते जैसे ही मैंने उसकी ब्रा के हुक को खोल दिया.. उसके दोनों तने हुए 34 साइज़ के चूचे बाहर उछल पड़े। उसके गोरे-गोरे मम्मों के ऊपर लाइट पिंक कलर के निप्पल बहुत मस्ती से इंठे हुए थे।

मैं एकदम से पगला सा गया और अगले ही पल मैंने अपनी शर्ट उतार कर फेंक दी और उससे लिपट गया। अब मैं बारी-बारी उसकी चूचियों को चूसने लगा।

उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और मेरे लंड की छुअन का भरपूर मज़ा लेने लगी।
मैंने बोला- अब मैं भारी नहीं लग रहा हूँ क्या?

वो शर्मा गई.. मैं जब भी उसके निप्पलों को छोटे-छोटे बाइट्स देता था.. उसके मुँह से ‘सस्शह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… उम्मह..’ जैसी आवाज़ें निकल जाती थीं, उसकी ये सीत्कारें मुझे काफ़ी उत्तेजित कर रही थीं।
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मैं उंगलियों से उसके निप्पलों को मसलने लगा। मैं कभी निप्पल को एक तरफ उमेठता तो कभी दूसरी तरफ उमेठता। उसके दोनों गुलाबी निप्पलों को उंगलियों के बीच में दबा कर मींजते हुए मैंने उसके कान और गर्दन के ऊपर चूमना शुरू कर दिया।
ये अंग लड़कियों के विशेष संवेदनशील अंग होते हैं।

फिर उसको किस करते-करते मैं उसकी नाभि तक पहुँच गया और उसकी नाभि को अपनी जीभ से स्पर्श करने लगा। वो मर रही थी.. लगातार सिसकारियाँ निकाल रही थी।

उत्तेजना में आकर उसने मुझे अपने ऊपर से हटा दिया और एकदम भूखी शेरनी की तरह झपट्टा मार कर वो मेरे ऊपर आ गई।
अब उसने मेरे होंठ से लेकर छाती अपनी लिपस्टिक तक ना जाने कितने ठप्पे लगा दिए।

बाप रे.. सोनिया का ये अवतार मैंने सपने में भी नहीं देखा था।

वो मुझे बेसब्र और चुदासी लड़की की तरह चूमे और काटे जा रही थी।

मैंने उसकी ये दशा देखी तो उसी वक़्त मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी जाँघों और चूत के आस-पास दोनों टाँगों के बीच.. उसकी जीन्स के ऊपर से ही मसाज करने लगा।

इस खेल में उसका सहयोग देख कर मैं पक्का हो चला था कि आज इसका चुदने का मन है.. और मैंने उसकी जीन्स को उतारना शुरू कर दिया।

साथियो, मेरी इस हिंदी सेक्स स्टोरी पर आपके विचारों ले लिये आपके मेल की प्रतीक्षा करूँगा।
कहानी जारी है।
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