लिफ्ट लेने वाली की सहेली को भी चोदा

दोस्तो! पिछली कहानी
लिफ्ट लेकर दिल्ली के रास्ते में चुदी
में आपने पढ़ा कि कैसे मैंने सिमरन नाम की एक लड़की, जो शादीशुदा थी, को दिल्ली जाते हुए अपनी कार में लिफ्ट दी और उसे पटा कर रास्ते में एक होटल में मजे से चोदा. वह अपने पति से झगड़ कर अपनी दिल्ली में रहने वाली सहेली रश्मि के घर जाने के लिए निकली थी. अब उससे आगे:-

हमने खाना खाया और होटल से निकल कर रश्मि के घर 5 बजे रोहिणी पहुँच गए.
रश्मि ने सिमरन से बड़े रूठे अंदाज में कहा- चंडीगढ़ से 7 बजे की निकली हुई तुम अब पहुंची हो?
फिर मेरी तरफ देख कर बोली- गाड़ी पंचर हो गई थी क्या?
सिमरन कहने लगी- तू अन्दर तो आने दे, सारा हिसाब दे दूंगी.

रश्मि गजब की सुन्दर 34-35 साल की पैसे वाली लेडी थी, जो गोरी और थोड़ी ‘चबी’ यानि गदराये बदन की थी. उसके गाल, मम्मे, चूतड़ और गाण्ड सब कुछ सेक्स से सराबोर था. उसकी गोल गर्दन और मस्त पट देख कर वह हस्तिनी औरत लग रही थी, जो मर्द को देखते ही खा जाए और आदमी भी उसे देखते ही चोद दे.

सिमरन ने उसे फ़ोन पर सुबह ही बता दिया था कि वह एक बड़ी कंपनी के अफ़सर के साथ गाड़ी में लिफ्ट लेकर आ रही है. रश्मि ने उसी वक्त ब्यूटिशियन को बुला कर अपना फेशियल, बिकनी वैक्सिंग वगैरह करवाया और दरवाजे पर ही चुदने को तैयार खड़ी थी.

मैं ड्राइंगरूम में बैठ गया और रश्मि उसे अन्दर ले गई. काफी देर बातें करने के बाद वे बाहर आई और रश्मि मेरी तरफ देख कर स्माइल देती रही.
वे दोनों हम सबके लिये चाय लेकर आई, हमने बैठ कर चाय पी.

मैंने कहा- अब मैं चलता हूँ!
तो रश्मि ने कहा- यह कैसे हो सकता है? यहाँ मैं सुबह से आप लोगों की इन्तजार कर रही हूँ और आप अभी जाने की बातें कर रहे हो? आप आये अपनी मर्जी से हैं, जाएंगे मेरी मर्जी से!
मैंने कहा- मेरी एक क्लाइंट से आज सायं को मीटिंग है, अतः मैं कल आऊंगा.
रश्मि ने मुझसे हाथ मिला कर वायदा किया और मैं वहां से कंपनी के गेस्ट हाउस में चला गया.

अगले दिन लगभग 4 बजे शाम को मैंने सिमरन को फ़ोन किया और बताया कि मैं फ्री हो गया हूँ.
सिमरन ने कहा- आ जाओ.
मैं उसी वक्त रश्मि के घर के लिए निकल लिया. मेरा प्लान रश्मि को चोदने का था.

घर पहुँचते ही मेरा लण्ड रश्मि को देखते ही खड़ा हो गया था. उन्होंने मुझे ड्राइंग रूम में बैठाया, रश्मि लण्ड लेने के लिए बेताब थी.
सिमरन ने मुझसे कहा कि मैं बैडरूम में आराम कर लूँ.
मैं बेडरूम में चला गया. बेडरूम काफी बड़ा और करीने से सजा हुआ था.

सिमरन दूसरे कमरे में रश्मि की लड़की के साथ चली गई. मेरे बैडरूम में जाते ही रश्मि अन्दर आ गई और बोली- राज साहब! मेरे और सिमरन के बीच कुछ भी छिपा नहीं है, उसने सब कुछ बता दिया है, तो क्या आप मुझे सूखा ही रखेंगे?
यह सुनते ही मैंने रश्मि को बाँहों में ले लिया और उसके होठों को चूसने लगा.
वह बड़ी मस्त माल थी. उसकी हर चीज मांसल थी. उसने बड़ी टाइट स्कर्ट और टॉप पहन रखा था.

रश्मि ने बताया कि उसने रात बड़ी मुश्किल से करवटें बदल बदल कर काटी है, उसने कई बार उंगली से चूत को चोदा परंतु तसल्ली नहीं हुई.
मैंने कहा- अब आप मेरे सामने थोड़ी अदा से नंगी होकर अपना हुस्न दिखाएँ तो मजा दुगना हो जाएगा.
उसे मेरा प्रस्ताव पसन्द आया. वह मेरे लिए एक व्हिस्की का लार्ज पेग बना कर लाई और उसने म्यूजिक सिस्टम पर ‘जॉनी मेरा नाम’ फ़िल्म का गाना ‘हुस्न के लाखों रंग, का कौन सा रंग देखोगे’ लगाया जिस पर फ़िल्म में पद्मा खन्ना डांस करती है और अपने शरीर से एक एक कपड़ा उतारती है.

उसने दरवाजा बंद किया और डांस करना शुरू किया. वह उस डांस में माहिर थी. सबसे पहले डांस करते हुए उसने अपना टॉप निकाला. टॉप निकाल कर वह ब्रा में अपने मम्मों को हिलाने लगी. फिर उसने अपनी गाण्ड मटकाते हुए अपनी स्कर्ट उतारी. मैं पूरा उत्तेजित हो चुका था. वह केवल ब्रा और पैंटी में रह गई और डांस करती रही और एक टांग को उठा उठा कर पद्मा खन्ना की तरह घुमाती रही.

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मैंने भी अपनी शर्ट उतार दी. डांस करते हुए रश्मि ने अपनी ब्रा भी धीरे धीरे थोड़े थोड़े मम्मे दिखाते हुए उतार कर फैंक दी और अपनी दोनों बड़ी बड़ी खड़ी चूचियों को अपने हाथों से हिलाने लगी. मैंने भी अपनी पैंट उतार दी और मेरा लण्ड मेरे अंडरवियर में तन कर खड़ा हो गया.

म्यूजिक चलता रहा और रश्मि ने धीरे धीरे अपनी पैंटी उतारनी शुरू की. उसने बड़ी अदा से कभी थोड़ा ऊपर करके और कभी थोड़ा नीचे करके अपने बदन से पैन्टी भी उतार फैंकी और कमरे में मेरे सामने चूत को अपने दोनों हाथों से ढक कर डांस करने लगी.
बहुत ही सेक्सी माहौल बन चुका था. उसके भारी भारी गोल चूतड़ और मम्मे तेजी से हिल रहे थे.

जैसे ही मैंने अपना अंडरवियर निकाला और उसने मेरा 8 इंची लौड़ा देखा, उसने भागकर बेड पर छलांग लगा दी. मैं भी उसके ऊपर झपट पड़ा. वह फिर भाग कर नीचे उतर गई, मैंने उसे पकड़ लिया.
वह झट से लण्ड को पकड़ कर उल्टी घूम गई और उसे अपनी गाण्ड पर रगड़ने लगी. दो तीन बार रगड़ने के बाद उसने अपना मुँह मेरी तरफ किया और मेरे लण्ड को अपनी गोरी, चिकनी और पाव रोटी सी फूली चूत में रगड़ने लगी और कमर मटकाती रही.
मैं उसके मम्मे और सारा शरीर चूमता और हाथों से मसलता रहा.

मेरा सब्र जवाब दे चुका था. मैंने झट से उसे बाँहों में उठाया और बेड पर पटक कर, उसकी टांगें चौड़ी करके एक ही झटके में पूरा लण्ड चूत में ठोक दिया. उसकी मजे में चीख निकल गई, जो मैंने उसके होठों पर होंठ रख कर दबा ली और जबरदस्त चुदाई शुरू कर दी. उसने चूत को भी ब्यूटिशियन से फेस पैक लगवा कर बिलकुल गोरी और चिकनी बनवा रखा था.

रश्मि हर धक्के पर चूत उछाल उछाल कर मेरा लण्ड अन्दर ले रही थी. कमरे में फचा फ़च की आवाजें आने लगी और रश्मि तरह तरह की आह… आई… ओह… उई… चोदो… चोदो… जोर लगाकर चोदो… फाड़ दो… आदि चिल्ला रही थी. मैं उसको जगह जगह से चूस रहा था, कभी गाल, कभी मम्मे तो कभी उसकी गर्दन.

लंड को अन्दर लिए लिए मैंने उसे अपने ऊपर कर लिया, वह मेरे ऊपर चढ़ कर जोर जोर से लंड को अन्दर बाहर करने लगी. उसके मम्मे मेरी छाती पर बार बार लग रहे थे. वह जोर जोर से उम्म्ह… अहह… हय… याह… करते हुए मेरे 8 इंची लंड पर उछलती रही. कभी कभी लंड को बाहर निकाल कर उसे चूचियों के बीच दोनों हाथों से भींच कर अन्दर बाहर करने लग जाती.

अचानक रश्मि उठी और घोड़ी बन गई, घोड़ी बनते ही बोली- चोदो मुझे, फाड़ दो मेरी चूत और गाण्ड. आज इनका भुर्ता बना दो.
उसकी गांड गजब के चिकने और गोल चूतड़ों के बीच थी जो चुदाई से गीली हो गई थी. मैंने उसकी गाण्ड पर लंड रखा तो वह बोली- जरा धीरे डालना.
परंतु दोस्तो, मुझे जो मजा औरत की सुन्दर चूत मारने में आता है वह किसी और छेद में नहीं आता.

गांड पर लण्ड का टोपा घिसते घिसते मैंने अचानक लंड को उसकी चूत में ही ठोक दिया, वह मजे से अन्दर ले गई. रश्मि पूरी खेली खाई हुई लेडी थी. उसने अपनी टांगों को और चौड़ा करके चूत को बिल्कुल लंड सामने ठोकने के लिए अड़ा दिया. कमरे में वासना का तांडव होने लगा. मैंने रश्मि को हर तरह से चोदा. कभी एक टांग को ऊपर उठाकर तो कभी साईड से करवट लेकर उसकी चूत को पेलता रहा.
मैंने उसके गोरे चूतड़ों को अपने हाथों से पीट पीट कर नीला बना दिया.

रश्मि ने कहा- मुझे उठा कर चोद सकते हो?
मैं बेड से नीचे खड़ा हो गया और लंड को चूत में डाल कर, उसकी टांगों के नीचे हाथ डाल लिए और उसे अपने हाथों को मेरी गर्दन में डालने के लिए बोला. उसने वैसे ही किया. मैंने लंड चूत में फंसाये फंसाये उसे अपने लंड पर टंगा लिया और उसका झूला बना कर चोदने लगा.
उसने बताया कि यह पोज उसके हस्बैंड ने कभी नहीं किया क्योंकि वह मुझसे पतला और हल्का है.

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मैं उसके चूतड़ों को अपने लंड पर पटक पटक कर मारता रहा. वह चुदते हुए हांफने लगी, एकदम उसका शरीर अकड़ने लगा और अचानक उसने मुझे भींच लिया और चूत को लंड पर चिपका कर बोली- राज! मेरा हो गया!
और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया. उसने अपनी टाँगें नीचे लटका दी और बेड पर उल्टी पसर गई.

उसकी गांड इतनी चिकनी और चूतड़ इतने गोल थे कि मैंने बेड पर चढ़ कर उसकी टांगों को खोला और उसकी जांघों में हाथ फंसा कर थोड़ा गांड के छेद पर लंड रखा. वह गांड मरवाने में भी इंटरेस्टेड थी. मैंने उसकी गाण्ड के गुलाबी गोल छेद पर सुपारा रख कर एक जोरदार शॉट मारा तो उसकी चीख निकल गई और मेरा आधा लंड उसकी गांड में बैठ गया.

वह तड़पने लगी. गांड मरवाना उसकी फंतासी थी, परंतु उसे दर्द का अंदाजा नहीं था. वह ‘निकालो… निकालो…’ बोलने लगी. परंतु मैंने उसके कंधे पकड़ कर पूरा 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड अन्दर जड़ तक ठोक दिया.
उसकी आँखों में आंसू आ गए, उसने कहा- बहुत दर्द हो रहा है.
मैंने धीरे धीरे लंड अन्दर बाहर करना शुरू किया लेकिन वह घोड़ी बनने का बहाना करके एकदम मेरे नीचे से निकल गई और अपनी गांड को हाथों से भींच कर बैठ गई.

थोड़ी देर बाद उसने कहा- राज! आपका तो बहुत मोटा है, नीचे वाली में ही ठीक है.

अब की बार मैं एक बिना आर्म वाली चेयर पर बैठ गया. वह अपनी गोरी, मोटी और चिकनी टांगों को फैला कर मेरी और मुंह कर के मेरी गोद में, मेरे लंड को अपनी चूत में लेकर बैठ गई. इस पोजीशन में उसका सब कुछ मेरे हाथों में था. वह लंड लिए बैठी रही. मैं कभी उसकी चूची को चूसता तो कभी उसके गोल चूतड़ों को अपने हाथों से भींचता. साथ ही साथ उसके होठों और गालों को चूसता रहा.
वह फिर से झर गई और उसकी चूत ने फिर पानी छोड़ दिया. चूत में अब पच पच होने लगी थी.

वह फर्श पर बैठ कर मेरे लंड को चाटकर साफ़ करने लगी. मुझे भी अच्छा लगा, उसे 69 पोजीशन में ला कर उसकी चूत को चाट कर साफ़ किया. जब भी मैं उसके दाने को चूसता तो वह टांगों को और चौड़ा करके आई… आई… करके चिल्लाने लग जाती थी.
उसने कहा- राज, अब आप अपना कर लो, मेरी तसल्ली हो गई है.

मैंने अपनी सबसे पसंदीदा पोजीशन ली. मैंने उसकी केले के तने जैसी टांगों को अपने हाथों में उठा कर कन्धों पर रखा और लंड को चूत के छेद पर टिका कर धीरे धीरे टाइट चूत में उतार दिया. उसने चोदने का इशारा किया. मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और खचाखच उसकी चूत में लंड को अन्दर बाहर करने लगा.

उसको मैंने लगभग मोड़ कर इकठ्ठा कर दिया था और सीधी लंड की ठोक उसकी बच्चेदानी तक मारने लगा. वह बार बार पानी छोड़े जा रही थी. हम दोनों पसीना पसीना हो गए थे. अंत में मेरे लंड से भी वीर्य की पिचकारियाँ निकलने लगी और रश्मि की चूत में गर्म गर्म लावा छूटने लगा. मैंने उसकी टाँगों को थोड़ा नीचे किया तो उसने थोड़ी राहत की सांस ली.
मैं काफी देर तक उसके ऊपर लेटा रहा और चूत और लंड एक दूसरे का मद रस सोखते रहे.

रश्मि की चूत, मम्मे, गाल, चूतड़ चुदाई और मेरे चूसने से नीले हो गए थे. वह पूरी तरह से संतुष्ट थी. चुदाई में पूरे दो घंटे लग गए थे. हम कमरे से बाहर आकर बैठ गए. सिमरन और रश्मि मुझ जैसा दोस्त पाकर खुश थी.

उसके बाद मैं अपने गेस्ट हाउस आ गया.

अगले दिन मैं सिमरन को लेकर वापिस चंडीगढ़ आने लगा तो रश्मि ने कहा- जब भी दिल्ली आओ तो पहले मेरे पास आना है.
मैंने कहा- जी जरूर!

करनाल के उसी होटल में मैंने और सिमरन ने वापसी में फिर एक जोरदार चुदाई का दौर लगाया और चंडीगढ़ आ गए.

अब भी हमारे तन के मिलन का सिलसिला जारी है.

मेरे प्यारे पाठको, आपको मेरी सेक्स कहानी कैसी लगी, कृपया मुझे मेल से सूचित करें.
राज शर्मा