लैंड बुर की चुदाई कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपनी क्लास की देसी लड़की को अपनी प्रेमिका बनाया और फिर उसे चूत चुदाई के लिए तैयार करके चोदा.
दोस्तो, मैं प्रवीण एक बार फिर से आपके सामने अपनी प्रेमिका प्रभा के साथ लैंड बुर की चुदाई कहानी को आगे लिख रहा हूँ.
पहले भाग
क्लास की लड़की पर दिल आ गया
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं प्रभा को चोदने के लिए अपने खाली घर में ले आया था और उसे अपने कमरे में ले गया था.
अब आगे लैंड बुर की चुदाई कहानी:
कमरे में आकर मैंने सीधे उसको अपने बिस्तर में पर पटक दिया और मैं उसके ऊपर चढ़ गया.
वो अभी संभल पाती कि मैंने उसको चुंबन करना शुरू कर दिया.
ऐसे ही हम दोनों को अब एक दूसरे को चुम्बन करते करते 15 मिनट हो गए.
हम दोनों पूरी तरह से गर्म हो गए थे. मैं अभी प्रभा को और तड़पाना चाह रहा था.
प्रभा ने उस दिन गुलाबी कलर का सलवार सूट पहन रखा था.
मैंने देर ना करते हुए उसका सलवार सूट उतार दिया. मेरे सामने वो केवल पैंटी और ब्रा में ही रह गई थी.
उसका जिस्म भी गुलाब के फूल की तरह है, एकदम मक्खन मुलायम, कसा हुआ टाइट फिगर और सेक्सी जिस्म की मलिका थी वो. प्रभा आज मेरे ऊपर कहर ढा रही थी.
क्या बताऊं यार उसके बारे में … एकदम दूध की तरह सफेद और बेदाग़ जिस्म की पटाखा माल सी लग रही थी वो!
मैंने उससे कहा- क्या कमाल चीज हो यार!
उसने इठला कर बोला- ओ हीरो … मैं कोई चीज नहीं हूं … मैं भी तुम्हारी तरह इंसान ही हूं … और तुम्हारी होने वाली बीवी भी हूँ. इसलिए तुम मेरे साथ तुम अपनी बीवी की तरह व्यवहार करना.
मैंने हंस कर बोला- ठीक है मेरी जान.
मैंने उसकी गर्दन में चुंबन करना शुरू कर दिया; साथ ही साथ उसके औसत साइज के मम्मों को ब्रा के ऊपर से ही दबाना शुरू कर दिया.
उसको दूध दबवाने में दर्द हो रहा था, इसलिए वह बोली- यार, जोर से मत दबाओ ना … दर्द हो रहा है.
मैंने जोर से दूध दबाना बंद कर दिया और सीधे उसके स्तनों को ब्रा से अलग कर दिए.
प्रभा के भरे हुए दो दूधिया रंग के मम्मे मेरे सामने बड़ी ऐंठ से तने हुए थे. उन रस भरी चूचियों के ऊपर दो भूरे रंग के कड़क निप्पलों को देखकर मैं पागल सा हो गया.
मुझसे रहा ही न गया और मैं तुरंत ही उसके मम्मों पर टूट पड़ा.
प्रभा ने मुझे सहलाते हुए कहा- इतने बेसब्र मत बनो यार … तुम्हारा ही है सब कुछ. आराम से मजा लो न!
मैंने धीरे धीरे से उसके दोनों स्तनों को बारी बारी से अपने मुँह में लेकर बड़े स्वाद के साथ चूसना शुरू कर दिया.
उसके साथ ही मैं अपने एक हाथ को उसकी चूत के पास ले गया. मैंने पैंटी के ऊपर से ही उसकी बुर को रगड़ना शुरू कर दिया.
इससे प्रभा मदहोश हुई जा रही थी और उसके मुँह से मादक सिसकारियां निकलने लगी थीं.
मैंने उसके मम्मों को चूसना और पैंटी के ऊपर से बुर को रगड़ना बंद कर दिया तो वो मचल गई और बोली- क्यों रुक गए?
तो मैंने उसको कहा- पहले तुम मेरे पूरे कपड़े अपने हाथों से खोलो, तब आगे खेल होगा.
उसने एक एक करके मेरे सारे कपड़े खोल दिए, बस मेरी चड्डी को छोड़ दिया.
अब मैं और प्रभा केवल पैंटी और चड्डी में ही रह गए थे.
मैंने प्रभा को देखते हुए कहा- अब इनको भी खोल दो.
उसने कहा- पहले लाइट बन्द कर दो मुझे शर्म आ रही है.
मैंने फट से लाइट बंद कर दी और उसके बाद उसने मेरी चड्डी को खोल कर अलग कर दिया.
वो मुझे नंगा करके बिस्तर में लेट गई और बोली- आ जाओ.
मैं लंड हिलाते हुए बोला- यार, इसको थोड़ा सा चूस कर खड़ा तो कर दो.
वो एकदम ग़ुस्सा हो गई और बोलने लगी कि मैं कोई ब्लू फिल्मों की कोई ऐक्ट्रेस नहीं हूँ, जो तुम्हारे लंड को चूसकर खड़ा कर दूं. मैं ये लंड चूसने वाला काम नहीं करने वाली!
प्रभा आगे बोली- और न ही तुम्हें मैं अपनी बुर चूसने को बोलूंगी. मैं तुम्हारा सम्मान करती हूं और तुम भी मेरा सम्मान करो.
वो बोलती रही- रही बात इस समय के सेक्स की, तो तुमको याद होगा कि मैं और तुम आने वाले समय में पति-पत्नी होंगे. इसी कारण से मैं तुमको अपना पति समझ कर तुमसे चुदने के लिए तैयार हुई हूं. नहीं तो तुम्हें कुछ नहीं मिलता.
साला इतना लेक्चर सुनने के बाद मेरा लंड मुरझा गया.
वो आगे बोली- तुम अपना लंड हिला कर खड़ा कर लो और आ जाओ बिस्तर में … मैं चुदने को तैयार हूं.
मैं कुछ कर भी नहीं सकता था.
साली सामने नंगी बुर चुदने को तैयार पड़ी थी तो मैं भी लंड खड़ा करने के लिए उसके ऊपर चढ़ गया; उसके पूरे शरीर में चुम्बन किए और उसके मम्मे दबाने लगा.
वो भी मुझे चूम रही थी और मादक आवाजें भर रही थी.
इससे मेरा लंड धीरे-धीरे युद्ध के लिए तैयार होने लगा था.
साथ ही साथ अब प्रभा भी पूरी तरह से गर्म हो गई थी.
कुछ मिनट चुम्बन करने के बाद प्रभा बोलने लगी- मुझे अब अन्दर लेना है. अब मुझे और मत तड़पाओ, अपना लंड मेरी बुर में डाल दो.
मेरा भी 7 इंच का लंड पूरी तरह से तैयार हो गया था और मुझे भी जल्दीबाजी थी.
मैंने प्रभा की पैंटी को झट से उतार दिया.
उसकी पैंटी उतारते ही मैंने देखा कि बन्द लाइट में भी प्रभा की चूत बिल्कुल चांद की तरह चमक रही थी.
मेरी होने वाली बीवी की चूत एकदम गुलाबी थी.
मेरा मन कर रहा था कि इसको भी बड़ी बेरहमी से चूम-चाट कर पूरी तरह से लाल रंग का कर दूं.
लेकिन प्रभा तो मुझे ये करने नहीं देती, इसलिए देख कर ही रह गया.
मैं अपने मुँह से प्रभा की बुर का स्वाद नहीं ले पाया था. लेकिन खुशी इस बात की थी कि मैं अपना लंड इस खूबसूरत गुलाबी बुर में डालने जा रहा था.
अब गुलाबी चूत को गुलाबी से लाल रंग करने की बात थी, तो मैं उसे अपने लंड से चोद चोदकर कर दूंगा.
मैंने देर न करते हुए अपना लंड प्रभा की चूत की दरार पर रखा और लंड बुर में पेलने से पहले एक बार उससे पूछ लेना ठीक समझा.
मैं उससे पूछा- तैयार हो न मेरी जानेमन?
प्रभा- हां यार, मैं तो कबसे तैयार हो गयी … आप ही देर करके मुझे तड़पाये जा रहे हो.
मैं- बारहवीं कक्षा से अब तक तो तू और तेरा खूबसूरत बदन मुझे भी तो तड़पाये जा रहा था. मगर मेरी जान आज इंतजार ख़त्म हो गया है.
प्रभा- अच्छा ठीक है … अब बातें कम करो … और जो काम करना चाह रहे हो, वो करो.
मैं- अच्छा … क्या सिर्फ मेरा ही मन कर रहा था … तुम्हारा भी तो कर रहा है ना?
प्रभा- हां बाबा … मेरा भी कर रहा है अब तो बहुत ही जोरों से कर रहा है. जल्दी से लंड बुर में डालो न!
मैं- हां मेरी जान … अभी लो.
मैंने लंड में जल्दी से थोड़ा सा थूक लगाया और पूरे जोश के साथ, जोरदार तरीके से लंड को प्रभा की चूत में पेल दिया.
प्रभा- आह मम्मी मर गई, प्लीज अपना लंड बाहर निकालो.
मैं- प्रभा बस अभी से मम्मी मम्मी करने लगी … अभी तो कुछ गया भी नहीं है, केवल लंड का सुपारा ही घुसा है.
प्रभा- नहीं, मुझे नहीं करना है, प्लीज इसे बाहर निकालो.
मैंने प्रभा को समझाते हुए कहा- यार तुमसे तो मेरा लंड ही नहीं सहा जा रहा है … और तुम बोलती हो कि आने वाले समय में हम दोनों शादी करेंगे, तुम अभी ही मेरा जरूरत पूरी नहीं कर पा रही हो. अगर तुम इसी तरह से मना करती रहोगी, तो मुझे पापा भी नहीं बना पाओगी.
प्रभा- मैं उस समय तुम्हारा दर्द सह लूंगी … और तुम्हें अपने बच्चे का पापा भी बना दूँगी. पर अभी बाहर निकालो.
मैं- नहीं, मैं अभी करना चाह रहा हूं. मुझे अभी देखना है कि तुम कितना दर्द सह सकती हो.
फिर कुछ देर तक प्यार से समझाने और मनाने पर प्रभा जैसे तैसे मान गई.
मैं उसको सहलाते हुए, प्यार करते-करते उसको सुख देने की कोशिश कर रहा था.
अभी तक मेरे लंड का केवल सुपारा ही प्रभा की चूत में घुस सका था. मेरे प्यार करने से वो फिर से गर्म हो गई थी.
मैंने उससे कहा- तुम अपनी आंख बंद करो मेरी जान. अभी जादू होगा.
उसने जादू के नाम पर अपनी आंखें बंद कर लीं.
मैंने फिर से एक जोरदार और पूरे जोश के साथ प्रभा की बुर में धक्का दे मारा.
प्रभा- आह … आह … मर गई मम्मी … मैं तो आज मर ही जाऊंगी आह प्लीज प्रवीण आराम से करो … आह मेरी फट गई!
मैं- आराम से ही कर रहा हूँ यार, जितना दर्द तुम्हें हो रहा है, उतना तुमको दर्द में देखकर मुझे भी हो रहा है.
प्रभा सिर्फ मेरे लिए दर्द सह रही थी. इसलिए मैं उसके दर्द का अहसास कर रहा था.
मैंने प्रभा से कहा- सिर्फ एक बार और सहन कर लेना यार.
आप लोगों को मैं बता दूं कि इस समय हम दोनों की उम्र केवल 19 साल की थी और हम दोनों अपनी-अपनी जिंदगी में पहली बार सेक्स कर रहे थे. दोनों को संभोग के बारे में ज्यादा कुछ जानकारी नहीं थी.
मेरा लंड प्रभा की बुर में आधा तो समा ही गया था.
मैंने एक बार फिर से प्रभा के होंठों पर अपने होंठ रखकर जोश के साथ उसकी बुर में धक्का दे मारा.
प्रभा उछल पड़ी और चिल्लाने को हुई … लेकिन इस बार मैंने पहले से ही उसका मुँह अपने मुँह से बन्द कर दिया था.
उसकी आंख से आंसू बहने लगे.
मैंने उसके मुँह से उसके होंठों में एक जोरदार चुंबन करके अपना मुँह हटा दिया.
मुँह हटाते ही प्रभा जोर जोर से रोने लग गई.
मैं- बस हो गया प्रभा … माफ करना यार … मेरी वजह से तुमको इतना दर्द सहना पड़ रहा है.
यह बात सुनते ही वह और जोर जोर से रोने लग गई.
मैंने उसको समझाया- बस करो यार … हो गया.
कुछ देर तक प्रभा को समझाने पर वह शान्त हो गई.
मैं धीरे-धीरे उसको चुम्बन करते हुए अपना लंड अन्दर-बाहर करने लगा.
कुछ देर में प्रभा को भी अच्छा लगने लगा.
जब वो खुद अपनी गांड ऊपर उठाने लगी तप मैंने मज़ाक करते हुए पूछा- कैसा लग रहा है अब … ठीक तो लग रहा है ना?
प्रभा दर्द भरी आवाज में बोली- हां, अब अच्छा लग रहा है.
मैं धीरे-धीरे अपनी गति को बढ़ाता जा रहा था और प्रभा ने भी नीचे से पूरा साथ देना शुरू कर दिया था.
हम दोनों केवल एक ही पोजीशन में संभोग कर रहे थे. इस तरह से मैं उसके ऊपर और वो मेरे नीचे रह कर एक दूसरे को पूरी संतुष्टि दे रहे थे.
हम दोनों का संभोग करीब 15 मिनट तक चला और इस तरह हम दोनों एक दूसरे को संतुष्ट करके झड़ गए.
मैं प्रभा की बुर में ही झड़ गया.
हम दोनों ने एक दूसरे को संभोग से संतुष्टि देने के लिए धन्यवाद बोला और कुछ देर के लिए चिपक कर लेट गए.
कुछ देर बाद मैं उसे उसके घर छोड़ आया.
इसके बाद से हम दोनों कई बार संभोग कर चुके हैं … और अब भी करते आ रहे हैं. मेरी जिंदगी उसी के साथ संभोग में बीतेगी.
सच बात तो यह है दोस्तो … कि हम दोनों बारहवीं कक्षा से लेकर आज तक एक दूसरे से बेइंतेहा प्यार करते आए हैं.
आज भी हम दोनों की शादी नहीं हो पाई है.
इस साल हम दोनों एक दूसरे के हो जाते … लेकिन लॉकडाउन ने सब मटियामेट कर दिया था.
हम दोनों का प्यार सबसे अलग है. वो मेरे … और मैं उसके बिना नहीं रह सकता था.
यह लैंड बुर की चुदाई कहानी मेरी और मेरी प्रेमिका प्रभा की सच्ची सेक्स कहानी है.
आपको सेक्स कहानी अच्छी लगी होगी. मुझे मेल जरूर करें.
[email protected]
धन्यवाद दोस्तो.