लागी लंड की लगन, मैं चुदी सभी के संग-31

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सभी ने जोर दार तालियां उनके लिये बजाई और फिर अमित ने सुहाना से पूछा कि उसे कैसा लगा।

सुहाना अश्वनी की तरफ देखते हुए बोली- बहुत मजा आया!
फिर बोली- मैं अश्वनी से उम्मीद करती हूँ कि वो आकांक्षा को भी इतना ही मजा दे।

टोनी ने पूछा कि वो अभी और चुदना चाहती है या थक गई है तो वो मुस्कुराते हुए बोली- टोनी साहब मेरा तो मन नहीं भरा है, मैं चाहती हूँ कि एक बार मैं चूदूं पर अभी दूसरों की भी बारी आनी है। अगर मैं दुबारा चुदने लगी तो आप सभी ही हमें गाली देना शुरू कर देंगे।

अब अश्वनी की बारी थी, वो बोला- सुहाना इस चुदाई में तुम्हें किस बात की कमी खली?
सुहाना बोली- हाँ, एक कमी तो थी ही!
‘क्या?’ अश्वनी ने पूछा तो बोली- मैं सोच रही थी कि रितेश मेरी गांड को भी अच्छे से चाटेगा और उसकी भी चुदाई करेगा।
रितेश तुरन्त ही बोला- सॉरी सुहाना जी, पर दो पूरी रात और दिन पड़ा है और अबकी मौका लगेगा तो यह बन्दा आपके गांड की सेवा भी पूरी तरह करेगा!

कहने के साथ ही सुहाना और रितेश हमारी तरफ आये, रितेश ने मुझे चूमा और सुहाना अश्वनी से लिपट गई।

अश्वनी भी सुहाना को जम कर चूमने लगा और बोला- सुहाना, तुम्हारा शुक्रिया कैसे अदा करूँ कि इतनी जानदार पार्टी में तुम मुझे लेकर आई हो। जहाँ तुम्हारी भी सब इच्छा पूरी होगी और मेरी भी।

उसके बाद रितेश और सुहाना दोनों बारी-बारी सभी से गले मिले और फिर अलग अलग जाकर बैठ गये।

अब बारी आई नमिता और टोनी की… टोनी ने नमिता को गोद में उठाया और उसको बेड पर ले जाकर लेटा दिया। टोनी नमिता के बगल में लेट कर उसके बालों से खेलते हुए उसकी पेशानी को चूमता हुआ नमिता के होंठों पर अपनी उंगली फेर रहा था।
धीरे धीरे वो नमिता की आँखों को चूमने लगा, उसके बाद उसके दोनों के गालों को बारी बारी चूमता हुआ नमिता के अधर पर अपने होंठ टिका दिए और उनको चूमने लगा।

नमिता टोनी के बालों को सहलाते हुए उसका साथ उसके होंठ चूमने में देने लगी।
टोनी ने थोड़ी देर तक नमिता के होंठों को चूमा और फिर वो नमिता के पैरों के पास आ गया और उसके पैरों के अंगूठे को चूमने लगा।
जब टोनी इस तरह कर रहा था कि अमित बोल उठा- वाह भाई टोनी, तुमने तो मेरी सुहागरात याद दिला दी। उस दिन मेरी पत्नी को मैं इसी तरह प्यार कर रहा था और नमिता खूब शर्मा रही थी।

टोनी बोला- भाई जो चुदक्कड़ होती है वो नहीं शर्माती, पर जो लड़कियाँ पहली बार सुहागरात की सेज पर बैठती हैं, उनकी तो ऐसे ही गांड फटी रहती है कि क्या होगा उनकी चूत का!

इतना कहने के साथ ही टोनी ने एक बार फिर नमिता के पैरों को चूमना शुरू कर दिया और चूमते चूमते उसकी जांघों के बीच आ गया और जांघें चूमते हुए टोनी ने जब नमिता की फूली हुई चूत पर चुम्बन लेना चाहा तो नमिता अपने दोनों हाथों से उस जगह को छिपाने लगी।

टोनी ने उसका हाथ हटाया और फिर जैसे ही चूमने गया, वैसे ही नमिता ने अपनी दोनों टांगों को सिकोड़ लिया।
टोनी बड़े आश्चर्य में था कि हो क्या रहा है, फिर भी उसने नमिता का हाथ छोड़ा और उसके पैरों को फैलाया और फिर जैसे ही चूमने के लिये अपने होंठों को उसकी चूत के ऊपर ले ही जा रहा था कि नमिता ने फिर अपने दोनों हाथों से अपनी चूत को ढक लिया।

इस तरह से थोड़ी देर तक टोनी नमिता की चूत को चूमने जाता तो नमिता किसी न किसी तरीके से अपनी चूत को छिपा लेती!
हम जितने लोग भी वहां बैठे थे सभी बड़ी उत्सुकता से देख रहे थे कि टोनी फेल हो रहा था।

अन्त में वो गुस्से में आ गया और बोला- मुझे ऐसी लड़की के साथ मजा नहीं चाहिए जो थोड़ा भी कॉपरेट नहीं कर रही हो।
टोनी के गुस्से को देखते हुए खुद नमिता बोली- टोनी जी, आपके किस्से तो मैंने बहुत सुने थे कि आप औरतों से हार नहीं मानते और यह क्या?
कह कर चुप हो गई।

सभी नमिता को देख रहे थे, नमिता फिर बोली- मैं तो टोनी को सुहागरात का मजा दे रही थी कि जब पहली बार औरत सुहागरात मनाती है तो वो कैसे झिझकती है।

टोनी सुनकर बोला- ओह सॉरी डार्लिंग!
कहते हुए एक बार फिर टोनी नमिता के बगल में बैठ कर उसकी चूत को सहलाने लगा और उसके निप्पल को चूसने लगा।
अब नमिता टोनी को जो चाह रहा था करने दे रही थी।

इधर अश्वनी मेरी नाभि में अपनी उंगली कर रहा था, सच बताऊँ तो मैं खलास होने के करीब आ चुकी थी और शायद यही हाल मीना का भी था, इशारों में पता लग चुका था कि वो भी झड़ने के करीब आ चुकी है।

मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि जब मैं और मीना दोनों झड़ने के करीब थी तो दोनों मर्दों का क्या हाल हो रहा होगा।
मैंने अश्वनी के कान में धीरे से अपनी वेदना बताई तो बोला- आकांक्षा जी, मेरा हाल तो आपसे और ज्यादा बुरा है, मेरा लंड बुरी तरह से खुजिया रहा है, अगर जल्दी मेरा लंड आपकी चूत में न गया तो हम बाजी हार जायेंगे।

इधर नमिता की चूत पर टोनी अपने जलवे दिखा रहा था, उसने नमिता की चूत की फांकों को खोला और उसके ऊपर थूकता हुआ अपनी उंगली से उस थूक को नमिता की चूत के अन्दर करने लगा और फिर वही उंगली अपने मुंह में ले जाकर चाट लेता!
टोनी नमिता की कभी चूत चाटता तो कभी उसकी चूची को अपने मुंह में लेता तो कभी उसके होंठ चूमता।

उसके बाद टोनी नमिता के ऊपर आकर 69 की अवस्था में आ गया, नमिता के मुंह में टोनी का लंड था और टोनी के होंठ और दांत नमिता के क्लिट और कण्ट को अपना कमाल दिखा रहे थे, टोनी कभी उसके भगनासा को काटता तो कभी उसके भग द्वारों को, जिससे नमिता की आउच सुनाई पड़ती, और उसी का बदला लेते हुए नमिता टोनी के गोटियों को अच्छे से दबा देती और फिर टोनी की आवाज सुनाई पड़ती।

उन दोनों के बीच उत्तेजना की सिसकारियाँ ज्यादा थी। काफी देर तक चूसा चुसाई का गेम चल रहा था कि टोनी ने नमिता को उल्टा कर दिया, उसकी पीठ पर चढ़कर बैठ गया और उसकी पीठ को चूमता हुआ नीचे की तरफ बढ़ने लगा।
नमिता की जांघों के बीच बैठकर टोनी अपने लंड को नमिता के कूल्हे के बीच फंसा कर अपने लंड को रगड़ने लगा, नमिता ने अपने चूतड़ों को फैला लिया लेकिन टोनी नमिता के हाथ को हटाकर उसके चूतड़ दबाने लगा, ऐसा लग रहा था कि वो कूल्हे को चूची समझ रहा है।

इसके बाद टोनी ने एक बार फिर नमिता के गांड की छेद में थूक उड़ेल दिया और अपनी जीभ की टिप को वहाँ ले जाकर चाटने लगा। नमिता की गांड को चाटता देखकर अश्वनी ने मुझसे बोला- आकांक्षा तुम भी मेरी गांड चाटना, मुझे बहुत मजा आयेगा।

मैंने उसकी तरफ देखा और फिर मुस्कुरा कर ओ॰के॰ कह दिया।

इधर टोनी नमिता की गांड चाटने के बाद उठा और अपने लंड को नमिता की गांड के अन्दर झटके से पेल दिया।
नमिता आह करके ही रह गई।

आठ-दस धक्के टोनी ने जोर-जोर से लगाये और उसके बाद नमिता के कमर को पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया, इससे नमिता का सीना और घुटने एक सीध में हो गये।

नमिता ने जब अपना सर उठाना चाहा तो टोनी ने उसके सिर को तकिया से सटा दिया और फिर उसके पीछे घुटने के बल खड़ा होकर अपने लंड को नमिता की चूत के अन्दर पेलता गया और जोर-जोर से धक्के लगाता गया।

टोनी नमिता के दोनों छेदो का बराबर ध्यान रख रहा था, वह बदल-बदल कर कभी नमिता की चूत चोदता तो कभी उसकी गांड में अपना लंड पेल देता और चुदाई शुरू कर देता।
नमिता आह… ओह… आह… ओह… की आवाज निकाल रही थी, टोनी की स्पीड बढ़ती जा रही थी, उसने नमिता के बालों को इस तरह पकड़ा जैसे उसने किसी घोड़े की लगाम को पकड़ा हो और जोर जोर से धक्के लगाता ही चला जा रहा था।

अचानक टोनी हाँफने लगा और उसने कसकर नमिता की कमर को पकड़ा और उसके ऊपर लेट गया।
दो मिनट बाद जब वो नमिता के ऊपर से उठा तो नमिता ही बोल पड़ी- तुमने अपना माल मेरे अन्दर क्यों गिराया?
टोनी बोला- मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं अपनी बीवी को चोद रहा हूँ और इसी लिये तुम्हारे चूत के अन्दर मैंने अपना माल गिरा दिया।
सुहाना बोल उठी- नमिता, तुम्हें टोनी की चुदाई कैसे लगी।
नमिता- ये जंगली की तरह मुझे चोद रहा था, ऐसा लग रहा था कि मेरी चूत उसे दुबारा नहीं मिलेगी।
मीना बोल पड़ी- ये बताओ नमिता, तुम्हें टोनी की सबसे खास बात क्या लगी?
नमिता अमित की तरफ देखते हुए बोली- वो औरत के एक-एक अंग को प्यार करता है और स्टेमिना भी अच्छा है।

अब मेरी बारी थी पूछने की, तो मैंने पूछा- नमिता, टोनी में क्या कमी नजर आई?
नमिता तुरन्त बोली- कमी तो बस यही है कि धैर्य नहीं है, वो चाहता है कि वो जो कुछ करे औरत उसका साथ दे और अगर उसका पार्टनर थोड़ा इधर उधर की हरकत करे तो बहुत ही जल्दी गुस्सा हो जाता है।

अब सबने अमित से नमिता से कुछ पूछने के लिये कहा तो अमित पूछा- नमिता, आज का दिन तुम्हें कैसा लगा?
नमिता अमित की तरफ गई उसके गर्दन पर अपनी बांहों का हार डाला और बोली- आज ऐसा लगा कि मेरा आदमी अपनी बीवी को किसी गैर मर्द से चुदती हुई देख रहा है लेकिन बुरा नहीं मान रहा है।

कहते हुए नमिता ने अमित के होंठो को चूम लिया और फिर आगे बोली- आज की रात मैं कभी भी नहीं भूलूंगी।

फिर वो जाकर सुहाना के बगल में बैठ गई और टोनी रितेश के बगल में बैठ गया।

कहानी जारी रहेगी।
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