प्यार के लिए लड़की बनकर गांड मराई- 2

लेडीबॉय सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरी गर्लफ्रेंड के भाई ने अपनी बहन के बदले मुझे लेडीबॉय बनने पर मजबूर कर दिया. उसने मेरी गांड कैसे मारी और मुझे उससे कैसा लगा?

हैलो फ्रेंड्स, मैं निखिल एक बार फिर से अपनी चुदाई कहानी में आपका मनोरंजन करने के लिए हाजिर हूँ.
कहानी के पहले भाग
प्यार में मैंने क्या क्या ना किया
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैंने अपनी गर्लफ्रेंड फातिमा की खातिर उसके चचेरे भाई आसिफ से गांड मरवाना स्वीकार कर लिया था और उसके साथ एक रंडीखाने में जाकर लड़की का मेकअप करवा कर आईने में देखने लगा था.

मैं खुद को एकदम लड़की जैसा ही महसूस कर रहा था. मेरे सीने पर दो मस्त उठे हुए दूध तने थे.

अब आगे लेडीबॉय सेक्स कहानी:

नेहा ने मुझे पिंक कलर की ब्रा पैंटी पहनाई और ऊपर से सेक्सी ड्रेस पहना कर कहा- ले, अब तू चुदने के लिए तैयार हो गयी है.

अभी तक तो मैं फातिमा से ही प्यार करता था पर अब लग रहा था कि यार मैं भी कितनी सुंदर हूँ. काश खुद को ही चोद पाती.
खैर … मैडम फिर से अन्दर आ गयी और बोली- माशाल्ला … इतनी सुंदर लग रही हो, तुम्हें तो लड़की ही होना चाहिए था.

इसके बाद मैडम ने मुझे एक गिलास में लाल सा शर्बत पीने को दिया.
मैंने पूछा- ये क्या है?
उसने कहा- ये शर्बत पी ले, इससे तेरा गला थोड़ी देर के लिए नर्म सा हो जाएगा और आवाज लड़कियों जैसी हो जाएगी.

मैंने अब कोई विरोध नहीं किया और चुपचाप वो शर्बत पी लिया.

फिर वो बोली- चल, अब तेरा ग्राहक बुला रहा है.
रास्ते में बेगम ने मुझसे कहा- अब तेरा नाम फातिमा है समझी!

मैं समझ गया कि आसिफ मुझे फातिमा बना कर चोदेगा.

बेगम ने मुझे आसिफ का कमरे के दरवाजे पर ला कर कहा- जाओ फातिमा … अन्दर तुम्हारे एक रात के शौहर इंतज़ार कर रहे हैं.

मैं थोड़ा कंपकपाते पैरों से अन्दर जाने लगी.
मुझे अब थोड़ी शर्म भी आ रही थी और थोड़ा अच्छा सा भी लग रहा था.
पता नहीं क्यों ऐसा कई लग रहा था कि मैं वास्तव में लड़की हो गई हूँ. शायद उस शर्बत में कुछ और भी था.

मैं अन्दर पहुंचा तो आसिफ बेड पर बैठा फोन चला रहा था.
मैंने कहा- ये लो मैं आ गया.
अपनी बोली पर मैं हैरान रह गई थी क्योंकि मेरी आवाज बिल्कुल लड़कियों जैसी निकल रही थी और शायद शर्बत के असर से मैं खुद को लड़की समझ कर ही बोलने लगी थी.

आसिफ मुझे देख कर बोला- आ गया … नहीं, आ गयी, लड़की तो बन ही गई है. अब बात भी वैसे ही कर.
मैंने कहा- जी आसिफ जी.

अब आसिफ मुस्कुराया और बोला- आओ फातिमा, मेरी जान मेरे पास आओ.
मैं धीरे धीरे उसके पास पहुंची और बेड के किनारे पर बैठ गई.

आसिफ बोला- बहुत सुंदर लग रही हो फातिमा.
मैंने भी कहा- शुक्रिया जी.

अब आसिफ ने मेरे कंधे पर हाथ रख लिया और ऊपर नीचे हाथ फिराने लगा.
पता नहीं क्यों, पर मुझे पहली बार किसी मर्द का स्पर्श अच्छा लगने लगा था.

आसिफ मेरे कंधे पर सिर रख कर मेरे लंबे बालों से खेलने लगा.
मैं भी इस पल का भरपूर आनन्द ले रही थी.

ऐसे ही रोमांस करते हुए उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और मेरी उंगलियों में अपनी उंगलिया डाल दीं.

धीरे धीरे उसने अपने होंठ मेरी ओर बढ़ा दिए और हम एक दूसरे को धीरे धीरे चूमने लगे.
मैं भी उस चुंबन में बिल्कुल खो गयी थी और बड़ी शिद्दत से आसिफ के होंठों को चूमने लगी थी.

मैंने अपने हाथों से आसिफ का सिर पकड़ रखा था और हमारा चुम्बन आगे बढ़ता जा रहा था.

इधर आसिफ का हाथ मेरी छाती पर आ गया और वो मेरे नकली के रबर के स्तनों को दबाते हुए कहने लगा- आह फातिमा आह … क्या जिस्म है तुम्हारा!
मैं भी ‘उन्हह … न्न्हह …’ करके मादक सिसकारियां लेने लगी और मचलने लगी.

अब तक आसिफ का लौड़ा पूरा खड़ा हो चुका था.

उसने रुक कर कहा- चल मेरी जान, अपने कपड़े उतार, जरा देखूं तो उन्होंने तुझे कैसी तैयार किया है.
मैंने एक एक करके अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए और उसके सामने पूरी नंगी हो गयी.

आसिफ बोला- कमाल है, पैसे खर्च करो तो क्या नहीं हो सकता. यहां तो एक लड़के को बिल्कुल लड़की बना दिया. साला लंड भी काट कर फैंक दिया क्या?

ये कह कर उसने भी अपने कपड़े उतार दिए.
उसका काला मोटा लौड़ा बिल्कुल सख्त हो गया था.

आसिफ बोला- चल जानेमन चूस मेरा लौड़ा.
मैंने कहा- ये क्या बकवास है, नहीं, मैं मुँह में नहीं ले सकती.
उसने बोला- साली ड्रामा मत कर … चुपचाप गन्ना समझ कर लंड चूस ले भैन की लौड़ी, वरना मुझे जबर करनी भी आती है.

इतना कह कर उसने मुझे फिर से दबोच लिया और कंधों से दबा कर नीचे बैठा दिया.
उसने मेरा सिर अपने हाथों से पकड़ लिया.

अब तो मुझे पता चल ही गया था कि आज अपनी मोहब्बत की खातिर मुझे इस चूतिये का लौड़ा चूसना ही पड़ेगा.

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आसिफ ने जबरदस्ती अपना लौड़ा मेरे मुँह में घुसा दिया और मैं ना चाहते हुए भी घपाघप उसे चूसने लगी.
उसका लौड़ा इतना बड़ा था कि मेरे मुँह में पूरा भी नहीं समा रहा था.
मेरे लंड से उसका काफी बड़ा था.

खैर … लौड़ा चूसना खत्म हुआ.

फिर आसिफ बोला- चलो जान चुदने के लिए तैयार हो जाओ.

मैंने सोचा कि अब तो मुझे कोई नहीं बचा सकता.
आज मेरी गांड फटना तय है.

मैंने कहा- ठीक है जान, मैं तैयार हूँ तुम्हारे लौड़े से अपनी गांड चुदवाने के लिए रेडी हूँ.
आसिफ ने कहा- चल फिर सीधी होकर लेट जा. पहले मैं तेरी चूत मारूंगा, फिर तेरी गांड.
मैंने वैसे ही किया और बेड पर टांगें खोल कर लेट गयी.

आसिफ मेरे ऊपर आया और झुक कर मेरी आंखों में देखते हुए बोला- यार निखिल, तू लड़की के रूप में ही बहुत अच्छा लगता है, बहुत सुंदर लग रहा है.
मैंने कहा- सही कह रहा है आसिफ! मुझे तो खुद इस लेडीबॉय रूप में अपने आपसे प्यार हो रहा है.

आसिफ ने बोला- तू अपने आपसे बाद में प्यार कर लियो, आज तेरे साथ मैं प्यार करूंगा. बता पहले कहां डालूं … तेरी चूत में या गांड में?
मैंने कहा- पहले मेरी चूत मार लो जान.

फिर आसिफ ने अपना लौड़ा मेरी टांगों के बीच नकली चूत पर रखा और धीरे धीरे धकेलना शुरू कर दिया और पूरा लौड़ा डाल कर वो मेरे ऊपर लेट गया.

ये नकली चूत कुछ इस तरह की थी कि मर्द का लंड चूत में घुसता तो था पर अन्दर जाने की जगह तो थी नहीं!
तो वो नीचे गांड की तरफ बनी एक टाईट सी जेब में घुसता चला जाता था.

आसिफ कर लंड मेरी नकली चूत में घुसा तो मुझे अपने लंड और गांड के बीच में रगड़ता सा महसूस हुआ, जिससे मुझे गुदगुदी सी होने लगी.
उसकी छाती मेरे नकली स्तनों को दबा रही थी.

आसिफ मेरे जिस्म पर पड़ा हुआ अपना लौड़ा अन्दर बाहर कर रहा था.
उसका लौड़ा इतना सख्त था कि मेरे छोटे से लंड और गांड के बीचों-बीच टक्कर मार रहा था और अब मुझे मीठी मीठी सी गुदगुदी होने लगी थी. गांड में सुरसुरी का मजा भी आने लगा था.

ऐसे ही आसिफ मुझे कुछ देर चोदता रहा और बीच बीच में मेरे होंठों को भी चूमता रहा.
हम एक दूसरे के होंठों को बड़ी ताकत से चूम रहे थे.

कुछ देर बाद आसिफ ने झटके तेज़ कर दिए और मेरी चूत की जेब में ही झड़ गया.

एक बार झड़ कर वो मेरे ऊपर से हट गया और बाथरूम चला गया.
उसका वीर्य मेरी नकली चूत से बह रहा था.

मैंने पहली बार सेक्स किया था, वो भी एक लड़के के साथ ही.
पर सच बताऊं तो मुझे काफी मजा आया था.
मुझे ऐसा लगा था कि मैं चूत चोदने के लिए नहीं बल्कि चुदवाने के लिए बना हूँ.

तकरीबन आधा घंटा बाद आसिफ फिर से कमरे में तान्या को लेकर आया और बोला- इसका मेकअप फिर से ठीक कर दे. इस बार इसकी गांड चिकनी करने के लिए कुछ रख देना.

तान्या ने दुबारा से मेरा मेकअप सही कर दिया और इसके बाद वो एक तेल की बोतल रख कर कमरे से चली गयी.
आसिफ बोला- चल मेरी जान, फिर से चुदवाने को तैयार हो जा.

मैंने मस्ती से कहा- अब कहां चोदोगे भाईजान?
आसिफ बोला- मेरी बहना, अब तेरी गांड मारने की बारी है. चल घोड़ी बन कर झुक जा.

मैंने वैसे ही किया और आसिफ ने तेल की बोतल उठा कर मेरी चिकनी गांड पर गिराने लगा.
फिर उंगली और अंगूठे से मेरी गांड का छेद हल्का सा खोल कर उसमें तेल उड़ेल दिया.

वो ठंडा ठंडा सा तेल मेरी गांड में भर गया और गांड एकदम चिकनी हो गयी.
आसिफ मेरे पीछे आया और बोला- चल निखिल, अब प्यार का इम्तिहान देने की बारी आ गई है.
मैंने कहा- फातिमा के लिए कुछ भी कर ले. चल मार ले मेरी गांड … मैं राजी हूँ.

ये कह कर मैंने अपनी गोरी गांड उसके हवाले कर दी.

आसिफ बोला- पहले मेरा लौड़ा चूस कर खड़ा कर.
मैंने कोई विरोध नहीं किया और धीरे धीरे उसका लौड़ा मुँह में लेकर आगे पीछे चूसने लगी.

सच कहूँ तो अब मुझे भी मर्द के साथ सेक्स करने की सोच कर उत्तेजना हो रही थी.
कुछ ही देर में वो फिर से सख्त खड़ा हो गया.

अब आसिफ ने लौड़ा निकाला और और घूम कर मेरे पीछे आ गया.
उसने अपने दोनों हाथों से मेरे चूतड़ों को पकड़ा और अपना लौड़ा मेरी गोरी गांड पर ऊपर नीचे घिसने लगा.

मेरा दिल जोर से धक धक करने लगा.
गांड चिकनी होने के कारण उसका लौड़ा बार बार फिसल रहा था.

आखिर उसने अपने हाथ से लौड़ा मेरी गांड के छेद पर लगाया और जोर लगाने लगा.
अचानक से मेरी गांड पर दबाव पड़ने लगा तो गांड का मुँह थोड़ा थोड़ा खुलने लगा और लौड़ा अन्दर सरकने लगा.

शुरू में तो मुझे कुछ ज्यादा महसूस नहीं हुआ पर जैसे ही उसके लौड़ा का सुपारा अन्दर गया, मुझे हल्का हल्का दर्द होने लगा.
मेरे मुँह से ‘सी … सी …’ की आवाज निकलने लगी.

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आसिफ बोला- साली रंडी … अभी तो आधा लंड भी अन्दर नहीं गया, भैन की लौड़ी अभी से ‘सी …’ निकल गयी तेरी.

ये कह कर वो और जोर लगाने लगा और उसका लौड़ा मेरी चिकनी गांड के छेद में समाने लगा.
अब मुझे और भी ज्यादा दर्द होने लगा पर लौड़ा इस बता को कहां समझ रहा था, वो तो मेरी गांड चिकनी होने के कारण अन्दर जाने लगा.

जब आधा लौड़ा रह गया, तो आसिफ ने एक झटके में पूरा लौड़ा मेरी गांड में उतार दिया.
मेरे मुँह से जोर से ‘आहह … मर गया … भेनचोद …’ की चीख निकल गयी.

उधर आसिफ के मुँह से मजे के स्वर में ‘आहह …’ निकाल रहा था.

कुछ पल रुकने के बाद आसिफ धीरे धीरे लौड़ा अन्दर बाहर करने लगा और मैं ‘आह … आहह …’ करते हुए गांड मरवाने लगा.

शुरू में तो मुझे गांड मरवाने में बहुत दर्द हो रहा था पर फिर भी आसिफ पट्ट पट्ट तेज़ तेज़ मेरी गांड चोदे जा रहा था.

कुछ देर बाद धीरे धीरे मुझे भी गांड में बहुत मजा आने लगा तो मैं भी जोर जोर से ‘आहह … आह …’ चिल्लाते हुए मजे लेने लगी.

ऐसे ही दस मिनट तक आसिफ मेरी गांड मारता रहा और मेरा लौड़ा भी अन्दर ही अन्दर फड़कता रहा.

मेरा लंड टेप से चिपके होने के कारण ढंग से खड़ा तो नहीं हो पा रहा था पर उसमें सुरसुरी हो रही थी और लंड झड़ने को होने लगा था.

मुझे गांड में मीठी-मीठी गुदगुदी और हल्के हल्के दर्द के साथ मजा आ रहा था.

आखिर मेरा लौड़ा एकदम से फड़फड़ाते हुए थोड़ा सा झड़ गया.
उसके बाद आसिफ भी मेरी गांड में झड़ गया और मुझे आगे गिरा कर मेरी पीठ पर ही लेट गया.

जब आसिफ ने अपना लौड़ा निकाला तो मैंने देखा कि उसका लंड मेरी गांड के खून में सना हुआ था.
मैंने कहा- ये क्या आसिफ, तूने तो सच में मेरी गांड फाड़ दी.
आसिफ बोला- सॉरी यार, तेरी चिकनी गोरी गांड देख कर मैं खुद को रोक नहीं पाया. तू टेंशन क्यों ले रहा है, सच्ची मोहब्बत में ही तो फटी है गांड, अच्छे अच्छों की फट जाती है, तेरी तो सच में ही फट गयी.

इतना कह कर वो हंसने लगा.
फिर मुझे भी हंसी आ गयी कि फातिमा के प्यार में तो सच में मेरी गांड फट गयी.

अब हम दोनों ने करवट ले ली और आसिफ एक हाथ से मेरा हाथ पकड़ कर और दूसरे से मेरा एक स्तन पकड़ कर आराम करने लगा.

ऐसे पड़े पड़े थोड़ी देर बाद हम दोनों सो गए. जब मेरी आंख खुली तो मैं तब भी आसिफ की बांहों में थी.

मेरे हिलने से वो भी उठ गया.

उसने पूछा- जान मजा आया न रात को!
मैंने कहा- हां यार बहुत मजा आया, पर गांड बहुत दर्द कर रही है.

आसिफ बोला- कोई बात नहीं, पहली बार मरवाने पर दर्द करती ही है, बाद में मजा आया करेगा.

मैं समझ गया कि आगे भविष्य में मुझे पता नहीं कितनी बार गांड मरवानी पड़ेगी. पर अब मुझे ये सब सोच के अच्छा भी लग रहा था. अब तक मेरी आवाज सामान्य लड़कों के जैसी हो चुकी थी.

मैं उससे अलग हुआ और कहा- अब मुझे वापस लड़का तो बनवा दो, कॉलेज कैसे जाऊंगा.
आसिफ मजे लेते हुए बोला- ऐसे ही चला जा कॉलेज, सब तेरी गांड मार लेंगे.

मैंने कहा- नहीं यार, सिर्फ तेरे लिए लड़की बन सकता हूँ. कल तूने मेरी मारी … अब मैं तेरी बहन को चोदूंगा.
आसिफ बोला- जा चोद लियो, पर जब भी मेरा मन होगा तुझे चोदने का, तो तुझे लड़की बन कर मुझसे चुदवाना पड़ेगा.

मैंने कहा- बिल्कुल यार, अब तो मुझे खुद को लड़की के रूप में देखना बहुत अच्छा लगने लगा है.
फिर उसने तान्या को आवाज लगा दी.

कुछ देर बाद तान्या कमरे में आ गयी और मुझे अपने साथ ले गयी.
वहां उसने गर्म पानी से मेरे नकली के स्तन और चूत को उतार दिया.

फिर मेकअप भी उतार दिया और बालों की विग और नकली नाखून और नेलपॉलिश भी उतार दी.

मेरे शरीर पर अब मुझे मेरी प्यारी से लुल्ली भी दिखने लगी.
मैंने अपने पुराने वाले कपड़े पहने और ध्यान से देखा कि कहीं कोई सबूत न बचा हो कि मैंने कल यहां पर क्या किया.

फिर मैं आसिफ के साथ कॉलेज वापस आ गया.
लेडीबॉय बन कर मैंने अपने प्यार की कीमत चुका दी थी.

पर जब भी आसिफ का मन होता था, तो मैं लड़की बन कर उससे चुदवाने चला जाता था … या कभी कभी ऐसे ही लड़की बन कर उसके साथ घूमने चला जाता था.

एक तरफ मैं सामान्य लड़का था, जिसकी गर्लफ्रेंड फातिमा थी और दूसरी तरफ मैं खुद फातिमा बन कर उसके भाई की गर्लफ्रेंड था.

दोस्तो, मेरी ये लेडीबॉय सेक्स कहानी आपको कैसी लगी, आप सब मुझे कमेंट और मेल करके जरूर बताइएगा.
धन्यवाद.
आपका प्यारा नॉटी निखिल
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