लड़का लड़का सेक्स लव कहानी में पढ़ें कि मैं नॉर्मल लड़का ही हूं, लेकिन मुझे लड़कों में बहुत इंटरेस्ट था. मेरी दोस्ती एक चिकने लड़के से हुई और हमने गे सेक्स किया.
हैलो फ्रेंड्स, उम्मीद है आप सब लोग ठीक होंगे.
सबसे पहले मैं अपने बारे में बता देता हूं. मेरा नाम समीर है और मेरी उम्र अट्ठाइस साल है. शारीरिक रूप से मैं स्लिम फिट हूं.
वैसे तो मैं नॉर्मल लड़कों की तरह ही हूं, लेकिन पता नहीं मुझे लड़कों में बहुत इंटरेस्ट था.
मैं सारा दिन हैंडसम लड़कों और आसपास घूमते फिरते लोगों में देखता कि किसकी बॉडी अच्छी है.
मुझे केवल सच्चे लोग ही पसंद आते हैं जिन्हें प्यार दोस्ती और रिलेशनशिप का सही मायने में ज्ञान हो और जो इन सब रिश्तों की कद्र करना जानते हों.
दोस्ती और प्यार मेरी ज़िंदगी में बहुत मायने रखते हैं.
यह लड़का लड़का सेक्स कहानी उस समय की है, जब मैं जॉब करने दिल्ली आया था.
काफ़ी मशक्कत के बाद मुझे एक अच्छी जॉब मिल गयी और रहने का भी सब सैट कर लिया था.
जॉब मिलने से मैं बहुत खुश था.
अब ज़रूरत थी तो बस एक फ़्रेंड की, जो मुझे दिल से प्यार करे और साथ में एंजाय भी कर सके.
दिल्ली में इतने ज़्यादा गे लोग होंगे, मुझे बिल्कुल भी नहीं अंदाज था.
मुझे यहां आए दो महीने हो गए थे.
फिर यहीं से मिले एक बंदे से ईमेल के ज़रिए संपर्क किया, तो उसका फोन नंबर मिला.
उससे बात हुई और हमारी दोस्ती हो गयी.
एक दिन उसने मुझसे पूछा कि यार तू दिल्ली में है … तो तुझे बहुत गे मिल जाते होंगे.
मैंने कहा- नहीं यार, मुझे नहीं पता कि ये गे कैसे मिलते हैं.
हमारे बीच इसी तरह की बातें होने लगीं.
उसने मुझसे मेरी फ़ेसबुक की फेक अकाउंट के बारे में पूछा.
मैंने बताया कि इस बारे में मैं कुछ नहीं जानता हूँ.
उसने बताया की फ़ेसबुक पर फेक अकाउंट बनाने के लिए बताया.
मुझे उसका आईडिया अच्छा लगा तो मैंने वैसा ही किया.
अब मैंने खुल कर लोगों से बात करना शुरू की, तो पता चला कि दिल्ली में तो गे लोगों की भरमार है.
इसके बाद मैं फ़ेसबुक पर रिलेशनशिप के लिए खुली खुली पोस्ट डालने लगा.
एक दिन एक लड़के से फ़ेसबुक पर ही बात हुई, जो बहुत ही स्मार्ट और हैंडसम था.
उसने मेरे साथ दोस्ती करनी चाही.
मैं मान गया.
उस लड़के में अच्छी बात ये थी कि वो मेरी पसंद के मुताबिक एक वर्जिन गे था. वो करीब 23 साल का था. मुझे वो बहुत अच्छा लगा.
उसका नाम प्रखर था.
देखते ही देखते ही देखते हम एक दूसरे को दिल से बहुत प्यार करने लगे.
हमारा प्यार इस कदर परवान चढ़ा कि अब हम जब तक एक दूसरे से बात ना कर लें, तब तक, ना ही हमारी रात होती और ना ही दिन.
हम दोनों जॉब करते थे तो दिन में बात नहीं हो पाती थी.
रात में जब हम बिल्कुल फ्री होते, तो देर रात तक हम बातें करने लगते … हमारा फोन रखने का मन ही नहीं करता था.
हम दोनों को ऐसा लगने लगा था, जैसे हम दोनों एक दूसरे के लिए ही बने हैं.
अब हम दोनों एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते थे और ऐसा हो भी क्यों ना … हम एक दूसरे पर इस कदर मरने जो लगे थे.
तब हमने मिलने का प्लान बनाया और एक होटल में रूम बुक कर दिया.
हम दोनों तय समय पर मिलने के लिए होटल पहुंचे.
उसे देख कर तो मैं चौंक ही गया क्योंकि वो मुझसे काफ़ी स्मार्ट और हैंडसम था.
हमने बस एक दूसरे की पिक देखी थी, मगर जितना मैंने सोचा था वो उससे कहीं ज्यादा स्मार्ट था.
उसका रंग एकदम दूध सा गोरा था, स्लिम फिट बॉडी थी.
वो मुझसे कुछ ज़्यादा लंबा था.
उसे देखते ही मैं ठगा सा रह गया.
कुछ देर तक तो मैं बस उसे ही निहारता रहा कि इतना हैंडसम बंदा मेरी लाइफ में आ गया था.
मैं दिल ही दिल में ऊपर वाले को धन्यवाद बोलने लगा कि इसे मेरी लाइफ में भेजने के लिए आपका शुक्रिया मालिक.
मैंने उसे हैलो बोला, उसने भी हाय बोला.
फिर हमारी बातें शुरू हो गईं.
हम दोनों होटल के कमरे में आ गए और फ्रेश होकर आराम से बैठ गए. हम दोनों एक दूसरे से बातें करने लगे.
फिर पता नहीं उसकी आंखों में देखते ही मुझे क्या हो गया था कि मुझसे रुका ही नहीं जा रहा था.
मैंने उसे इशारा किया तो वो मेरे करीब सरक आया.
जब वह मेरे पास आया, तो मेरी हृदय की गति अचानक से बढ़ने लगी.
वो कंटीली मुस्कान देने लगा.
उसकी किलर स्माइल से मेरा दिल खुश हो गया था और मन में अजीब सी सनसनाहट पैदा हो गयी थी.
हमने एक दूसरे को गले से लगाया और एक दूसरे को मिलने के लिए थैंक्स बोला.
हम दोनों को ऐसा लगा, जैसे सब कुछ मिल गया हो. फिर हम दोनों बेड पर लेट गए और एक दूसरे को बस देखते ही रहे.
मैंने उसके पिंक लिप्स पर एक प्यार भरी किस की तो उसे बहुत अच्छा लगा.
मैंने पहली बार इस तरह किसी को लिप्स पर किस किया था.
अगले ही हम दोनों एक दूसरे से मानो जुड़ गए थे. हमारी चूमाचाटी लगातार होने लगी.
किस करते करते हमें बीस मिनट हो गए.
फिर मैं उससे अलग हो गया.
हम दोनों ने कभी सेक्स नहीं किया था तो हम सेक्स के लिए कुछ हिचकिचा रहे थे.
फिर धीरे धीरे उसने ही मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए और मैंने उसके उतारे.
अब हम बिना कपड़ों के एक ही बेड पर थे.
वो बेहद शर्मा रहा था.
मैंने उसे अपनी बांहों में आने का संकेत दिया तो वो बिंदास मेरी बांहों में आ गया.
हम दोनों के अंग एक दूसरे से रगड़ खाने लगे और दोनों में ही सनसनी भरने लगी.
हम दोनों ने बिना रुके जी भर के एक दूसरे को बांहों में लेकर प्यार किया.
उस वक्त हम दोनों मानो जन्नत की सैर कर रहे थे.
उसकी काया बहुत गोरी और चिकनी थी.
हालांकि मैं भी गोरा चिकना हूँ लेकिन वो मुझसे ज़्यादा चिकना था.
फिर उसने मेरे कान में सेक्स के लिए बोला तो मैंने उससे बोला- दर्द होगा … सह लोगे?
क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि मेरे प्यार को किसी तरह की कोई तकलीफ़ हो.
लेकिन उसने बोला- जब हम दोनों प्यार करते हैं … तो दर्द से क्या डरना.
उसकी इस बात से मैं सेक्स के लिए रेडी हो गया.
उसने मुझे खूब किस किया. मेरी पूरी बॉडी पर वो चूमने लगा. मेरे दोनों निप्पलों को उसने खूब चूसा और चाटा.
मैं तो उसकी छुअन से जैसे जन्नत में विचरने लगा था.
इतना सब करने के बाद मैंने उससे पोज़िशन बनाने के लिए बोला.
वो पीठ के बल लेट गया और दोनों टांगें हवा में उठा कर अपने हाथों से पकड़ लीं.
इस तरह से लेट कर उसने अपनी गोरी चिकनी गांड मेरे सामने कर दी.
मैंने तेल उठाया और अपने लंड पर लगाने लगा.
मेरा लंड एकदम कड़ा हो गया था और वो उस नाजनीन लौंडे की गांड में जाने को बेताब हो गया था.
मैंने उसकी गांड में भी अपनी उंगली डाल दी.
अपनी गांड में उंगली लेते ही वो सिहर गया.
मैंने कुछ ही देर में अपनी दो उंगलियों से उसकी गांड में अन्दर तक तेल लगा दिया.
मेरी उंगलियों से उसकी गांड चमक उठी थी और लुपलुप करने लगी थी.
फिर मैंने पोजीशन सैट की और लंड का सुपारा उसकी गांड के छेद पर टिका दिया.
उसके ऊपर चढ़ कर मैंने उसके होंठों पर एक प्यारी सी किस दी और उसी पल मैंने अपने लंड के टोपे को उसकी गांड पर रगड़ दिया.
उसने भी अपनी गांड को ढीला किया और मैंने हल्का सा धक्का दे दिया.
मेरे मोटे लंड का सुपारा उसकी गांड में घुस गया.
मोटे सुपारे के घुसने से उसकी दर्द से भरी चीख निकलने को हो ही रही थी कि उसने खुद ही अपने मुँह पर हाथ रख लिया.
मैं डर गया कि मेरी जान को ज्यादा दर्द हुआ. मैं उसी पल रुक गया और उससे उसके दर्द के बारे में पूछा.
उसने मुझसे रुकने के लिए बोला तो मैं रुक गया.
आख़िर उसे दर्द क्यों नहीं होता, मेरा लंड लम्बा और काफी मोटा जो था.
वो मुझसे इस कदर प्यार करने लगा था कि मेरा लम्बा लंड देख कर बिल्कुल भी नहीं डरा और उसने अपनी गांड फड़वा ली.
अब जब उसका दर्द कम होने लगा, तो मैंने फिर से लंड को बाहर खींचा और उसे किस करने लगा.
मैं उसे दर्द नहीं देना चाहता था.
कुछ पल बाद उसने फिर से लंड डालने के लिए बोला तो मैंने उसी पोज़िशन में फिर से लंड को और ज्यादा तेल लगाया ताकि उसे दर्द कम हो.
मैं फिर से अपना लंड उसकी गांड में डालने लगा.
इस बार उसकी गांड कुछ खुल सी गई थी तो पहले धक्के में आधा लंड उसकी गांड में अन्दर चला गया.
अबकी बार उसे कम दर्द हुआ.
मैंने ये देख कर एक और धक्का लगा दिया.
अब मेरा पूरा लंड उसकी गांड में अन्दर जड़ तक जा पहुंचा.
वो मीठे दर्द से कराह उठा, तो मैंने उसे लबों पर किस कर दी और रुक गया.
जब उसका दर्द कम हुआ तो वो मुस्कुराने लगा.
अब मेरा रास्ता साफ हो गया था और उसकी गांड का रास्ता खुल चुका था.
मैंने अपने लंड को अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया और स्पीड को बढ़ा दिया.
मेरे धक्कों से वो भी मस्त हो उठा और अपनी गांड उठा उठा कर अपनी गांड चुदाई में मेरा साथ देने लगा.
हम दोनों प्यार की मस्ती में खोने लगे.
लगभग बीस मिनट तक धकापेल चुदाई के बाद मैं उसकी गांड में ही झड़ गया.
वो भी मुझसे चिपक गया और हम दोनों चूमने लगे.
कुछ पल बाद हम अलग हो गए और रेस्ट करने लगे.
मेरी प्यार भरी चुदाई उसे बहुत पसंद आई थी.
उसको मुझसे अब और भी ज्यादा गहरा प्यार हो गया था.
पहले राउंड के बाद हम एक दूसरे को बांहों में लेकर पड़े रहे.
हम दोनों को बहुत सूकून मिला था.
कुछ देर बाद हम एक दूसरे को बांहों में लिए हुए ही फिर से किस करने लगे और इस तरह दूसरी बार भी सेक्स हुआ.
अब तक चार घंटे हो गए थे.
मैंने उससे चलने को बोला तो उसने बोला कि अभी रूको.
उसे मैंने देखा तो वो अपने हिसाब से सेक्स करने को बोलने लगा.
मैंने उससे बोला कि पहली मुलाक़ात में ही तीन बार सेक्स से तुम्हें ज़्यादा दर्द होगा.
वो बोला- कोई बात नहीं, मुझे मजा लेना है.
अब सेक्स के जो बचे हुए स्टाइल और टिप्स थे, उसने वो अपनाए.
वो मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.
लंड चुसाई से तो में जैसे स्वर्ग में आ गया था.
फिर उसने मुझे नीचे लिटाया और खुद ही मेरे ऊपर आ गया.
उसने मेरे लंड पर अपने हाथों से तेल लगाया और लंड पर बैठ कर उसे अपनी गांड के अन्दर ले लिया.
पूरा लंड गांड में लेकर उसने काफ़ी देर तक मज़े लिए.
फिर मैं उसकी गांड में ही झड़ गया, तब वो अलग हुआ.
अब वो मुझे पहले से भी ज्यादा प्यार करने लगा था.
मैं भी उसे सब कुछ समझने लगा. मुझे इतना यकीन हो गया था कि वो मेरे अलावा किसी और से प्यार नहीं कर सकता था.
मैंने भी उसे हद से ज़्यादा प्यार दिया था.
यूं ही गांड चुदाई का सिलसिला चलता रहा. हम दोनों महीने में दो से चार बार मिलते थे और अपनी मन की कर लेते थे.
हमारे रिलेशनशिप को दो साल हो गए थे. इस दौरान हमारी कभी कोई लड़ाई नहीं हुई … ना ही कभी हम एक दूसरे से कभी नाराज़ हुए.
बस एक दूसरे को प्यार ही किया.
इस दौरान मेरा कभी किसी और लड़के से मिलना तो दूर, मैंने किसी दूसरे के बारे में सोचना तक छोड़ दिया था.
मुझे लगने लगा था कि अब हम लाइफ टाइम इसी तरह रिलेशनशिप में बने रहेंगे.
फिर एक दिन उसने अपनी शादी के बारे में बताया कि उसकी शादी होने वाली है.
मैं उससे नाराज़ हो गया और रोने लगा.
उस दिन मेरा जन्मदिन था तो उसने मुझे यकीन दिलाया कि हम दोनों की शादी के बाद हमारा रिलेशनशिप इसी तरह चलता रहेगा. इस पर कोई असर नहीं आएगा.
मैं मान गया.
उसने अपनी शादी में मुझे बुलाया.
मैंने मना किया तो उसने आने के लिए ज़िद की.
मैं उसकी शादी में गया.
शादी हो जाने के बाद में वापस आया, तो मन में उसे खो देने का डर सताने लगा.
शादी के तीन दिन बाद मैंने उसे फोन किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.
मुझे चिंता हुई तो मैंने फिर से कॉल किया. उसने कॉल नहीं उठाया.
अब मुझे और चिंता होने लगी.
ये पहला टाइम था, जब हम दोनों तीन दिन बिना बात किए रह गए थे.
शादी के बाद मैंने उसे कम से कम पचास बार कॉल किया, मगर उसने कोई जवाब नहीं दिया.
मैं उदास होकर समझ गया कि अब मैं उसे खो चुका हूँ.
धीरे धीरे मैं भी उसे भूलने की कोशिश करने लगा लेकिन उसे भूलना मेरे लिए इतना आसान नहीं था.
फिर भी ये सोचा कि उसकी ज़रूर कोई मजबूरी रही होगी, बिना वजह कोई बेवफ़ा नहीं होता.
मैं उदास रहने लगा.
फिर अचानक दो महीने बाद उसका कॉल आया.
मैं ऑफिस में था. मैं चौंक गया.
मैंने उससे बात ना करने की वजह पूछी.
तो उसने बताया कि वो शादी के बाद रिलेशनशिप में वो नहीं रहना चाहता था. क्योंकि ऐसा करने से उसे लगता था कि वो अपनी वाइफ को धोखा देने जैसा काम करेगा था.
उसने ये भी बताया कि वो मुझसे अब भी प्यार करता था.
मैंने उसे समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन उसकी समझ में कुछ नहीं आया.
अब मैं उसे वापस पाने के लिए ऊपर वाले से गुज़ारिश करने लगा लेकिन शायद हमारे प्यार को किसी की नज़र सी लग गयी थी.
आज भी वो मुझसे मिलने के लिए मुझे बुलाता है.
शादी के बाद मैं उससे दो बार इस उम्मीद से मिला भी कि शायद वो मान जाए.
मगर वो अब बस सेक्स ही चाहता था और मैं उसका वही पुराना प्यार पाना चाहता था.
मेरे लिए सेक्स उतना मायने नहीं रखता था जितना सच्चा प्यार.
धीरे धीरे अब मैंने दिल पर पत्थर रख कर ये मान लिया कि अब वो मुझसे दूर जा चुका है.
मगर उसे भूलना आज भी मेरे बस में नहीं है.
जब भी मैं उसे याद करता हूँ … उसके साथ वो बीते पल सोचता हूँ, तो जैसे सब सपना सा लगता है.
समझ ही नहीं आता कि मैं कहां किससे क्या बोलूं कि मेरा क्या खो गया है, मेरी ज़िंदगी वीरान सी हो गयी है.
जब उसे याद करता हूँ तो मेरी आंखों में आंसू आ जाते हैं.
आज मुझे बस ये हैरानी होती है कि जिसे हद से ज़्यादा प्यार करो, दिल से चाहो, वो मिलता क्यों नहीं है.
मैंने तो उसके प्यार के लिए कभी कोई कमी नहीं की, कोई शिकायत का मौका भी नहीं दिया, फिर भी मैं अकेला रह गया.
आज मुझे उसी तरह प्यार करने वाले इंसान की तलाश है, जो दिल से प्यार करे … और मेरे जज़्बातों को समझे.
तो दोस्तो, यह थी मेरी पहली और आखिरी लव एंड सेक्स स्टोरी.
ये लड़का लड़का सेक्स कहानी बिल्कुल सच है, इसमें टेस्ट के लिए अलग से कुछ भी नहीं डाला गया है.
जो कुछ भी हुआ है, वो सिर्फ सच्चाई है.
मैं आपसे गुजारिश करता हूं कि अगर आप भी किसी से सच्चा प्यार करते हैं, तो उसको कभी भी शिकायत का मौका ना दें और धोखा ना दें.
क्योंकि जिससे आप प्यार करते हो, क्या पता आप ही उसकी दुनिया हो.
प्यार दोस्ती ये सब बहुत ही पाक रिश्ते होते हैं, इनकी कदर करें, सच्चा प्यार और दिल से चाहने वाला लाइफ में एक बार ही मिलता है.
मेरी लड़का लड़का सेक्स गे स्टोरी कैसी लगी, प्लीज मेल कीजिएगा. धन्यवाद.
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