कुवारी जवान बुर की चुदाई की लालसा-1

नमस्कार दोस्तो,
आपकी कोमल मिश्रा अपनी अगली कहानी के साथ एक बार फिर से आपके सामने हाज़िर है।

मेरी पिछली कहानी
मकान मालिक ने चुत की प्यास बुझाई-1
को आप लोगों ने काफी पसंद किया उसके लिए धन्यवाद।
मुझे काफी मेल प्राप्त हुए, मगर माफ़ी चाहती हूँ मैं सब को जवाब नहीं दे सकती।

जैसा कि मैंने पहले ही कहा था कि मेरी हर कहानी एक सत्य घटना पर ही आधारित रहेगी. मेरी कई सहेलियों ने अपने जीवन की घटना बतलाई है जिनको मैं आप लोगों के सामने प्रस्तुत करती रहूँगी।
आज मैं अपनी सबसे अच्छी सहेली रचिता की कहानी प्रस्तुत कर रही हूँ।

रचिता मेरे घर के पास ही रहती है और बचपन से ही हम दोनों अच्छे दोस्त हैं। आज वो 26 साल की है और शादीशुदा है।

यह सेक्सी कहानी तब की है जब वो 19 साल की थी और उसने किस तरह अपनी चुदाई करवाई, यह आज आप पढ़ेंगे।

तो शुरू करते हैं ये कहानी रचिता की ही जुबानी।
मेरे प्यारे दोस्तो, मेरा नाम रचिता है। मेरा फिगर 34-30-34 का है, शुरू से ही मेरा बदन भरा हुआ था। इसलिए मैं अपनी उम्र से ज्यादा ही लगा करती थी। मेरे उभरे हुए दूध और गांड को देख के अच्छे अच्छे जवान और प्रौढ़ आह भरते थे।

सेक्स के प्रति हमेशा से ही मेरी लगन थी. मैं अपनी सहेलियों से और फोन से सेक्स के बारे में काफी कुछ सीख चुकी थी. मगर कभी मौका मिला नहीं कि किसी के साथ ऐसा करूं। क्योंकि घर वाले काफी ध्यान दिया करते थे मुझ पर … अकेली कहीं भी नहीं जाने देते थे. भाई लोग और माँ सभी मेरे ऊपर काफी ध्यान दिया करते थे जिसके कारण मैं कभी खुल के किसी से बात भी नहीं कर सकती थी।

मगर फिर भी घर में छुप छुपा कर हमेशा फ़ोन में गन्दी फिल्में देखा करती और अपनी चूत में उंगली किया करती थी।

बहुत सारे लड़के मुझे लाइन मारते थे मगर घर वालों के डर से मैंने कभी किसी को पास नहीं भटकने दिया. मगर मन बहुत करता था कि मुझे भी कोई चोदे।
इसी तरह मेरे दिन कट रहे थे।

फिर एक बार मेरी मौसी जो मेरे घर से 150 किलोमीटर दूर एक छोटे से कस्बे में रहती है, वो हमारे यहाँ घूमने आई हुई थी। उनके कोई बच्चे नहीं थे इसलिए मुझे बहुत प्यार करती थी।

गर्मियों की छुट्टियां चल रही थी तो वो मुझे अपने यहाँ चलने को कहने लगी. मैं तो तैयार थी मगर पापा नहीं मान रहे थे।

किसी तरह से पापा मान गए। मैं और मौसी अगले ही दिन बस से चल दिये. मैं वहाँ पहली बार गई थी।
मौसी के यहाँ बस 2 ही लोग थे मौसी और मौसा। घर में 4 कमरे थे। मुझे सामने वाला कमरा सोने के लिए मिला.

उनके बगल वाले घर में एक परिवार रहता था जिसमें पति पत्नी और उनकी एक छोटी सी बच्ची रहते थे। मौसी से उन लोगों से काफी अच्छी बनती थी बिल्कुल घर जैसा ही था।
मैं भी उन सब में अच्छे से घुल मिल गई थी।

धीरे धीरे मुझे अब एक हफ्ता हो गया था वहाँ रहते हुए।

मैं अक्सर दोपहर में उनके यहाँ चली जाती और उनके बेटी के साथ खेला करती थी।
बच्ची का नाम तनु था आंटी का नाम शबाना और अंकल का नाम जसप्रीत। शबाना आंटी तो मुझे अपनी बेटी जैसी मानती थी मगर अंकल ज्यादा बात नहीं करते थे।

रोज की ही तरह मैं एक दोपहर में उनके यहाँ गई थी। वैसे तो रोज अंकल शाम को ही आते थे मगर उस दिन वो घर पे ही थे। मैं सामने वाले कमरे में तनु के साथ खेल रही थी और वहीं सोफे पे अंकल बैठ कर टीवी देख रहे थे.

उस समय मैं एक काली रंग की कुर्ती और लैगी पहने हुई थी. मैं तो खेल में मस्त थी और मुझे अहसास नहीं हुआ कि मेरे दूध की गोलाइयाँ कुर्ती से बाहर निकल रही हैं.

More Sexy Stories  मेरे तीन आशिक

अचानक से मेरी नजर अंकल की तरफ गई. वो मेरे गोरे दूध को घूरे जा रहे थे, वैसे भी काली कुर्ती में गोरे दूध काफी आकर्षक लगते हैं।
मैंने तुरंत ही अपने आपको ठीक किया और उनकी बेटी को अन्दर ले गई।

इस बीच में मेरा फ़ोन वही टेबल पर ही रह गया. मुझे बिल्कुल भी ध्यान नहीं आया कि मेरा फ़ोन वहीं रह गया है।

जब मैं काफी देर बाद घर जाने को बाहर निकली तो देखी कि मेरा फ़ोन अंकल के पास है और वो उस पर मौजूद वीडियो देख रहे थे।
ये देख तो मानो मेरे काटो तो खून नहीं। मैंने तुरंत ही उनसे फ़ोन लिया और घर की तरफ भाग गई।

उस घटना के बाद से मैं तब ही वहां जाती थी जब अंकल घर पर नहीं होते थे।

मगर दोस्तो, कहते हैं न … किस्मत में लिखा कोई बदल नहीं सकता।
ऐसा ही हुआ मेरे साथ!
कुछ दिन बाद ही शबाना आंटी अपने मायके गई किसी काम से, अब मेरा तो वहां जाना बंद ही हो गया। मैं मौसी के घर पर ही रहती थी।

एक सुबह मौसा जी को कहीं से फ़ोन आया उसके बाद वो काफी परेशान हो गए. बाद में पता चला कि उनके परिवार में किसी का देहांत हो गया है।
मौसी और मौसा जी दोनों ही जाने की तैयारी करने लगे।

तभी जसप्रीत अंकल वहां आ गए उनको वहां देख मुझे फ़ोन वाली बात याद आ गई और मैं अन्दर कमरे जैसे चली गई।
मेरे मौसा जी ने उनको सारी बातें बताई.
वो कहने लगे- आप लोग तो जा रहे हैं मगर रचिता वहां जा कर क्या करेगी? आप ऐसा करिये कि उसे हमारे यहाँ छोड़ सकते हैं. आज शाम तक शबाना भी आ रही है, दोनों साथ में रह लेंगी।

यह बात मेरे मौसा जी को अच्छी लगी और वो तैयार भी हो गए।
और फिर मौसी चले गए
कुछ ही देर में मैंने अपने कुछ कपड़े अलग किये और मैं जसप्रीत अंकल के साथ वहां चली गई।

मौसी मौसा को तीन चार दिन का समय लगने वाला था. तब तक मुझे वहीं रहना था, मेरे दिल में तसल्ली इस बात की थी कि शबाना आंटी शाम को आने वाली थी।

उस दिन अंकल अपने काम में भी नहीं गए.
मैंने वहां पर जसप्रीत अंकल और अपने लिए दोपहर का खाना बनाया।
हम दोनों ने दोपहर का खाना खाया और अंकल अपने कमरे में सोने चले गये।

मैं भी अलग कमरे में लेटी थी और फ़ोन में गेम खेलने लगी।
काफी देर तक गेम खेलने से बोर हो गई तो मैंने उसमें गन्दी वीडियो देखना शुरू कर दिया।

वीडियो देखते हुए मेरा एक हाथ मेरी चड्डी के अन्दर चला गया और मैं अपनी कुवारी चूत को सहलाने लगी।
उस वक्त सच में अपने आप को सम्भाल पाना मुश्किल होता है, मेरे मन में उस वक्त अंकल का डर भी नहीं आ रहा था।

दोस्तो, जब तक मेरा पानी नहीं निकल गया तब तक अपनी चूत को सहलाती रही और उंगली करती रही।
जब मेरा पानी निकला तब भी मैं वैसी ही लेटी रही, और कब मेरी आँख लग गयी एक भी पता नहीं चला।

और जब मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि अंकल मेरे बगल में ही बैठे हुए थे। मैं झटपट उठी और देखा तो मेरी लैगी मेरे घुटनों तक नीचे थी।
मैं सब समझ गई कि ये अंकल ने ही किया है क्योंकि मैंने तो लैगी नीचे की नहीं थी।

मैंने तुरन्त लैगी ऊपर सरकाई और बोली- अंकल आ अ आ आप यहाँ?
अंकल तुरंत बोले- ये तुम क्या करती रहती हो?

मैं तो बिल्कुल सन्न रह गई, पक्का अंकल ने मुझे सब कुछ करते देख लिया था। मेरे मुँह से एक भी आवाज नहीं निकल रही थी.

More Sexy Stories  विलेज के मुखिया का बेटा और शहरी छोरी-2

वो बार बार पूछ रहे थे- बोलो, कुछ तो कहो?
मगर मेरे तो होंठ ही सिल गए थे जैसे … मैं क्या कहूँ … मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था।
बार बार ये डर लग रहा था कि ये बात कहीं मेरी मौसी तक न पहुंच जाये। क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो मेरे घर में भी बात चली जाएगी।

मन ही मन ये बात सोच रही थी तभी मेरे मन में एक बात आई कि इन्होंने मेरी लैगी नीचे क्यों की होगी, क्या ये कुछ करना तो नहीं चाह रहे।
ये बात सोच के मेरे अन्दर एक हल्की सी सनसनी फैल गई।

वो बार बार मुझसे यही सब बात पूछ रहे थे, मगर मेरी तरफ से उनको कोई जवाब नहीं मिल रहा था।
फिर मैंने अपने हाथ जोड़ कर उनसे कहा- प्लीज अंकल, आप ये बात किसी को मत बोलियेगा।

तो उन्होंने मेरा हाथ अपने हाथ में लिया और बोले- तुम चिन्ता मत करो, मैं ऐसा कुछ भी नहीं करूंगा, तुम मुझ पर विश्वास करो। तुम अभी उस उम्र में हो कि ये सब करने की जरूरत होती ही है।
तुम अब जवान हो गई हो तुमको किसी साथी की जरूरत है। ये सब करना कोई गलत नहीं है. पर जो भी किया करो, किसी को पता नहीं चलना चाहिए।

“तुम्हारा कोई दोस्त है?”
मैंने कहा- नहीं!
“मतलब अभी तक तुमने किसी से ये सब नहीं किया है?”
मैंने अपना सर हिला कर न कह दिया।

फिर वो बोले- तुमसे एक बात बोलनी थी, अगर तुम्हें बुरा लगे तो माफ़ करना।

“मैं तुमको कई दिनों से देख रहा हूँ, तुम्हारे फ़ोन पर नंगी वीडियो भी देखी, तब से ही मैं समझ चुका था कि तुम सेक्स पसंद करती हो। और आज जब तुम्हारी मौसी बोली तो तुरंत तुम्हें अपने घर में रहने के लिए उन्हें कह दिया। आज तुम्हारी आन्टी नहीं आने वाली … मैंने झूट कहा था।”

उन्होंने मेरे हाथों को अपने हाथ में लिया और बोले- रचिता, अगर तुम चाहो तो हम दोनों इस मौके का फायदा ले सकते हैं।
“मतलब??”
उन्होंने बिल्कुल खुल के कहा- मतलब लो हम दोनों जब तक अकेले हैं तो सेक्स का मजा ले सकते हैं. अगर तुम तैयार हो तो?

ये सुनकर मेरे होश उड़ गए। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या कहूँ। वो मुझसे 20-25 साल बड़े थे अगर किसी को पता लग गया तो क्या होगा यही सब सोच रही थी।

उन्होंने फिर पूछा- बोलो क्या चाहती हो?
मेरे मुँह से निकल गया- नहीं अंकल, किसी को पता चला तो बुरा होगा।
बस मेरे इसी जवाब का उन्होंने फायदा ले लिया। मेरे चेहरे को थामते हुए बोले- किसको पता लगेगा? मैं और तुम दोनों किसी को नहीं बताने वाले।

हम दोनों वैसे ही एक दूसरे की आँखो में देखते रहे।

अब वो पूरी तरह से मेरी सहमति पा चुके थे। उन्होंने अपनी उगली से मेरे गालो को सहलाते हुए अपने होंठों से मेरे होंठ चूमने लगे।

धीरे धीरे अंकल ने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और काफी देर तक मेरे होंठों को चूमते रहे। पहली बार किसी मर्द का इस तरह मुझे चूमना … इसने मुझे काफी उत्तेजित कर दिया था।
करीब 15 मिनट तक हम दोनों ऐसे ही लपटे रहे और होंठ से होंठ चूमते रहे।

फिर अंकल ने मुझे छोड़ दिया और बोले- अभी ये सब करने का सही समय नहीं है। आज रात में मैं तुम्हें जिंदगी का असली सुख दूँगा।

हम दोनों ही घर में ही थे। रात हुई और करीब 9 बजे हम दोनों ने खाना खा लिया।

दोस्तो, मेरी सेक्स स्टोरी का दूसरा भाग आप जरूर पढ़ें. जिसमें, मेरी पहली चुदाई कैसे हुई, आपको पता चलेगी।
[email protected]

कहानी का अगला भाग: कुवारी जवान बुर की चुदाई की लालसा-2

 

What did you think of this story??