कुंवारी लड़की की सेक्सी कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरे जीजू की गर्लफ्रेंड से मेरी सेटिंग हो गयी. अब हम दोनों सेक्स के लिए उतावले थे. हमने एक होटल में चुदाई की. कैसे?
हैलो फ्रेंड्स, मैं आपको अपनी जीजू की सैट की हुई एक कुंवारी लौंडिया की चुत चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कुंवारी लड़की की सेक्सी कहानी के पहले भाग
फोन पर ही लड़की पट गयी
में अब तक आपने पढ़ा था कि आशा नाम की लड़की अब जीजू की जगह मेरे साथ सेक्स चैट करने लगी थी.
अब आगे कुंवारी लड़की की सेक्सी कहानी:
हम दोनों सेक्स चैट अब लगभग रोज ही करने लगे थे. मैं उससे रोज कहता कि मैं तुमसे मिलना चाहता हूं … तो वह कहती कि बहुत जल्दी मिलेंगे.
एक दिन मौका मिल गया. वो ठंड का मौसम था और उस दिन काफी सर्दी थी.
उसने मुझसे कहा- दो दिन बाद मैं तुमसे मिलना चाहती हूं.
मैं मन ही मन खुश हुआ और मैंने पूछा- कहां मिलोगी?
उसने मुझे जगह के बारे में बताते हुए कहा कि मैं तुमसे वहां मिलूंगी.
वो जगह मेरे घर से 100 किलोमीटर दूर थी. मैं उसकी चूत के लिए कहीं भी जा सकता था क्योंकि अभी इस समय सिर्फ यही मेरी गर्लफ्रेंड थी.
मैं बहुत खुश हुआ. वह दिन आ गया मैं सुबह 6:00 बजे बाइक पर सवार होकर उससे मिलने के लिए निकल पड़ा.
लगभग 2 घंटे बाइक चलाने के बाद में उस स्थान पर आ पहुंचा, जहां पर उसने मुझे बुलाया था.
मैं वहां जाकर उसको कॉल करने लगा तो कोई जवाब नहीं आया.
मैं बार-बार उसको कॉल करने लगा.
फिर मुझे लगा कि उसमें मुझे उल्लू बनाया है.
पर कुछ देर बाद उसका फोन वापिस आया.
मैंने उसका कॉल अटेंड किया और कहने लगा- जान कहां पर हो … मैं यहां पर तुम्हारा इंतजार कर रहा हूं.
उसने मुझसे सॉरी बोलते हुए कहा कि मैं थोड़ी लेट हो गई हूं. तुम वहीं रुको, मैं बस अभी आती हूं. मैं वहां पहुंच कर कॉल करती हूं.
मैंने उसको बताया कि मैंने ब्लू पैंट और टी-शर्ट पहन रखी है.
उसने ओके कहा और फोन काट दिया.
अब मैं वहीं बैठ कर उसका इंतजार करने लगा. मैं उसको चोदने के बारे में सोचने लगा था. साथ ही मैं अपने मन में काफी खुश होकर सोच रहा था कि आज उसकी चुत का भोसड़ा बनाना है.
कुछ देर इंतजार करने के बाद उसका फोन आया- मैं वहां पहुंच गई हूं. तुम किधर हो?
मैं इधर-उधर देखने लगा.
थोड़ी सी देर बाद सामने एक लड़की खड़ी दिखी.
उस लड़की ने वाइट कलर का टॉप और ब्लू कलर की जींस पहन रखी थी.
उसके हाथ में फोन था.
मुझे लगा कि यह वही है.
मैंने उसको फिर से कॉल किया. उसने फोन उठाया, तो मैं उसके पास आ गया.
आशा दिखने में औसत लम्बाई की ही थी. उसकी हाइट लगभग मुझसे तीन-चार इंच ही छोटी थी. उसका फिगर 28-26-28 का था और रंग गेहुंआ था.
उसकी आंखें बहुत मस्त थीं. चूंकि वह पतली दुबली लड़की थी इसलिए उसकी गांड थोड़ी सी ही बाहर को निकली हुई थी.
मैं उसके पास गया और उसको हाय कहा. उसने मेरी तरफ देखा और हल्के से मुस्कुरा दी.
मैंने जल्दी से उसको बाइक पर बैठने को बोला. वह जल्दी से बाइक पर बैठ गई.
मैं उसको लेकर वहां से चल दिया और उधर से 20 किलोमीटर दूर मेरे फ्रेंड के होटल पर आ गया.
इधर मैंने पहले से ही रूम बुक कर रखा था.
मैंने उससे कहा- तुम अन्दर जाओ और रूम नम्बर 112 की चाभी लेकर कमरे में जाओ, मैं आता हूं.
वो ओके कह कर अन्दर चल दी.
मैंने बाइक पार्क की और अन्दर काउंटर पर जाकर पानी की बोतल और कुछ खाने का ऑर्डर देकर सीधा रूम में चला गया.
रूम में जाते ही सबसे पहले मैंने उसको गले से लगा लिया.
वो भी मुझसे चिपक गई और मैं उसके होंठों को चूमने लगा.
कुछ देर उसके होंठों को चूमने के बाद हम दोनों अलग हुए और मैंने उसको अपनी गोद में लेकर पलंग पर बैठ गया और उसको चूमने लगा.
वो भी मेरा साथ देने लगी.
मैं उसकी तारीफ करने लगा- तुम तो बहुत ही खूबसूरत हो और बहुत मस्त हो. तुम्हारी आंखें बहुत प्यारी है, होंठ बहुत रसीले हैं.
वो मेरी तरफ देखे जा रही थी और खुश दिख रही थी.
इतने में दरवाजे पर किसी ने ठक ठक किया.
मैंने उठकर दरवाजा खोला तो वहां पर होटल का रूम ब्वॉय हाथ में पानी की बोतल और कुछ खाने का सामान लिए खड़ा था.
मैंने उससे वो सब सामान ले लिया और उसे थैंक्स बोला.
वह सलाम ठोक कर चला गया.
मैंने गेट बंद किया और खाने की चीजें और पानी की बोतल को टेबल पर रख दिया.
फिर मैंने चिप्स का पैकेट खोला और एक चिप्स उसकी तरफ बढ़ा दिया.
मैंने उसको चिप्स का एक बाईट खिलाया, तो बाकी टुकड़ा उसने मुझे खिलाया.
हम दोनों एक दूसरे को देखने लगे. हम दोनों ने खाने का सारा सामान खोला और मीठी मीठी बात करते हुए खाया.
इससे हम दोनों की पहली मुलाक़ात में जो हिचकिचाहट थी, वो एकदम से खत्म हो गई.
हम दोनों हाथ धोने के लिए उठ कर बाथरूम में जाने लगे.
बाथरूम से वापस आते समय मैंने उसको वहीं पर अपनी गोद में उठा लिया और उसको लेकर सीधा पलंग पर आ गया.
वो मस्त होने लगी थी. मैंने उसको पलंग पर लेटा दिया और मैं भी उसके ऊपर चढ़ कर उसको चूमने लगा.
वो भी मेरा साथ देने लगी.
मैं एक हाथ से उसके बूब्स को मसल देता और अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ देता.
दस मिनट तक हम ऐसे ही करते रहे मैंने उसका टॉप उतारा तो वह शर्माने लगी.
उसने कहा- आज तक मैंने पहले कभी सेक्स नहीं किया है.
मैंने उसको कहा- तुम फोन पर तो बहुत कुछ बोल रही थी कि मेरे तो कपड़े तुम ही उतारना, आज शर्म क्यों कर रही हो.
फिर धीरे धीरे उसकी शर्म दूर हो गई. मैंने उसकी जींस उतार दी और उसने भी मेरी टी-शर्ट और पैंट उतार दी.
वह मेरे सामने लाल कलर की ब्रा और ब्लैक कलर की पैंटी में थी.
मैं उसका यह रूप देखकर मदहोश हुए जा रहा था और उसको चूमता जा रहा था.
वह भी मुझे चूम रही थी.
मैंने उसकी ब्रा उतार दी और अपने दोनों हाथों से उसके मम्मों को दबाने लगा. साथ ही उसके होंठों को चूमने लगा.
कभी मैं उसके मम्मों को चूसता और अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ देता.
तो कभी उसकी चुत पर अपना हाथ फेर देता.
वो बोली- उसे भी हटा दो न!
मैंने बिना समय गंवाए उसकी पैंटी भी उतार दी.
आशा अब मेरे सामने बिल्कुल नंगी पड़ी थी. उसने अपने दोनों हाथों से अपनी चूत को छिपा लिया.
मैंने अपने हाथों से उसके हाथ पकड़ कर दूर किए और उसकी चूत को देखने लगा.
फिर मैं उसके हाथों को छोड़कर अपने एक हाथ को उसकी चूत पर फेरने लगा.
उसने अपनी दोनों आंखें बन्द कर लीं.
मैंने बिना समय गंवाए अपनी अंडरवियर उतार दी और उसके ऊपर चढ़ कर उसको चूमने लगा.
वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.
मैं उसको सर से चूमता हुआ धीरे-धीरे नीचे आया और उसकी जांघों को चूमने के बाद मैं वहीं पर रुक गया.
उसकी चूत में से मादक महक आ रही थी. मैं पागल हुए जा रहा था.
तभी एकदम से मैंने अपना मुँह उसकी चूत पर लगा दिया और चुत चाटने लगा.
जैसे ही मैंने उसकी चूत पर अपनी जुबान लगाकर चुत चाटना शुरू किया, वैसे ही उसके मुँह से मदभरी सिसकारी निकल गई.
उसने अपने दोनों हाथों से मेरे सिर को चुत पर दबा दिया. मैं उसकी चुत को चूसने लगा.
उसके मुँह से अजीब अजीब सी आवाजें निकलने लगीं.
वह कह रही थी- आह … अब मत सताओ … प्लीज जल्दी से डाल दो, मुझसे रहा नहीं जा रहा.
मैं उसकी बात को नजरअंदाज करते हुए अब भी उसकी चूत को चाटे जा रहा था.
उसके मुँह से अजीब अजीब सी आवाजें निकलने लगीं.
वह बड़बड़ाने लगी- आह अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है … प्लीज डाल दो मत तड़पाओ प्लीज डाल … दो डाल दो ना जान … मत तड़पाओ … इतने समय से तड़पा रहे हो … प्लीज डाल दो.
वो ये कहते हुए अपना जिस्म ऐंठने लगी और उसी वक्त उसने कमर ऊपर उठाते हुए अपनी चुत से पानी छोड़ दिया.
मैं उसका सारा पानी में चाट गया.
वो निढाल पड़ी लम्बी लम्बी सांसें ले रही थी.
एक मिनट बाद उसने आंख खोली तो मेरा लंड टनटना रहा था.
मैंने उससे कहा- मेरा लंड चूसो.
उसने मना कर दिया- अभी नहीं, अभी तुम अन्दर डाल दो … मुझे जाना भी है.
मैंने उससे कहा- अच्छा एक बार जरा सा चूस दो.
मेरे कहने पर उसने मेरा लंड थोड़ा सा मुँह में लिया और निकाल दिया.
मैंने उसकी बात को समझ लिया कि अब ये सीधे चुदना चाहती है.
मैं बाथरूम में जाकर होटल से मिलने वाली तेल की शीशी ले आया. थोड़ा सा तेल मैंने उसकी चूत में डाल दिया और अपने लंड पर बहुत सारा मल लिया.
मैंने उसके ऊपर चढ़ कर चुदाई की पोजीशन बनाई और उससे कहा- तुम मेरा लंड अपनी चूत पर सैट करो.
उसने अपने हाथ से लंड पकड़ कर अपनी चूत पर सैट कर दिया.
मैंने धीरे से झटका लगाया, तो मेरा लंड फिसल गया. मैंने उससे कहा कि फिर से सैट करो.
उसने फिर से लंड चुत पर सैट किया. इस बार लंड कुंवारी लड़की की सेक्सी चुत की फांकों में सैट हो गया था और उसके हाथ मुझे रोकते हुए कोशिश कर रहे थे.
दरअसल वो डर रही थी और मेरी कमर को पकड़े हुए थी.
मैंने उसके दोनों हाथों को पकड़ा और थोड़ा जोर से झटका मारा. इस बार मेरा लंड चुत के अन्दर चला गया.
वह छटपटाने लगी और अपने आपको छुड़ाने लगी.
मैंने उसको कस करके पकड़ रखा था. एक दो पल तक उसको थोड़ा सहलाया और शांत किया.
वो चुप हुई तो मैंने इस बार थोड़ा जोर से झटका मारा.
मेरा आधा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अन्दर घुस गया.
वह और जोर से छटपटाने लगी. मैंने उसको कसके पकड़ रखा था.
मैं एक मिनट रुका रहा ताकि उसका दर्द कम हो जाए और वह नॉर्मल हो जाए.
वह जल्दी ही नॉर्मल हो गई.
फिर मैंने एक और जोर से झटका मारा, तो इस बार मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुसता चला गया.
उसी समय मैंने अपने होंठ उसके होंठ पर रख दिए और ऐसे ही उसके ऊपर लेटा रहा ताकि वह मुझसे छुड़ा ना सके.
कुछ देर ऐसे ही रहने के बाद वह नॉर्मल हो गई.
मैं उसके होंठों को चूमने लगा. उसका दर्द कम हो गया और मैं अपने लंड को उसकी चूत में आगे पीछे करने लगा.
कुछ देर बाद आशा भी मेरा साथ देने लगी.
उसकी उठती गांड देख कर मैंने अपनी रफ्तार बढ़ा दी और उसको जोर जोर से चोदने लगा.
वह भी अपनी चूत को उठा उठा कर चुदवाने लगी.
वो कहने लगी- आह … आज मुझे सारा सुख दे दो … बड़ा मजा आ रहा है … मुझे पूरी दम से चोद दो.
मैं भी उसको जोर जोर से चोदने लगा.
करीब 15 मिनट तक चोदने के बाद उसका शरीर अकड़ने लगा, तो मैं समझ गया कि इसकी चुत ने पानी छोड़ दिया है.
कुछ देर बाद मैंने भी उसको कहा- मेरा निकलने वाला है.
उसने कहा- पानी अन्दर ही छोड़ दो.
मैंने अपनी स्पीड तेज कर दी.
मेरे लंड से तेज धार के साथ पानी निकलता हुआ उसकी चूत में गिरने लगा.
मैंने अपना सारा पानी उसकी चूत में छोड़ दिया.
लंड के पानी लेते ही उसने मुझे कसके पकड़ लिया. मेरा पूरा पानी उसकी चूत में समा गया.
मैं उसके ऊपर ही लेट गया.
कुछ देर बाद हम दोनों उठे, कुछ देर बातें करने लगे.
मैंने उससे पूछा कि तुम मुझे बुलाने में देर क्यों कर रही थी?
उसने हंस कर कहा- मैं सेफ दिन के इंतजार में थी.
मैं समझ गया कि ये पहली चुदाई में लंड का रस अपनी चुत में ही लेना चाहती थी, इसलिए इसने अपने पीरियड को ध्यान में रख कर मुझे चोदने बुलाया था.
बातें करते-करते ही हम दोनों नहाने चले गए, साथ में नहाए और कपड़े पहनने लगे.
फिर मैं उसको छोड़ने के लिए निकल गया.
वह मुझसे चुदकर बहुत खुश थी.
दोस्तो, आपको कुंवारी लड़की की सेक्सी कहानी कैसी लगी, प्लीज मुझे मेल करें. अगर आपको मेरी सेक्स कहानी पसंद आती है, तो मैं दूसरी चुदाई की कहानी बहुत ही जल्दी लिखूंगा.
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