सेक्सी मम्मा से वासना भरा प्यार- 4

किंकी सेक्स फंतासी स्टोरी में पढ़ें कि काल्पनिक टाइम मशीन से मैंने भूत काल में जाकर अपनी मम्मी की जवानी का मजा लिया.

दोस्तो, मैं अंकित एक बार फिर से आपके सामने हाजिर हूँ. मैं अपनी सेक्स कहानी
मम्मी को उनका आशिक बनकर चोदा
का अगला भाग पेश कर रहा हूँ.

मेरी किंकी सेक्स फंतासी स्टोरी के पिछले भागों में आपने पढ़ा कि कैसे मैंने अपनी फंतासी के चलते अपनी मम्मा से शादी की. फिर एक काल्पनिक टाइम ट्रैवल मशीन के जरिये मैं भूतकाल में भी उन्हें चोदने गया और 8 सालों तक जमकर चोदा.
फिर मैंने अपनी मम्मा को अपनी प्रेमिका बना कर उनकी जवानी में भी चोदा.
इसके बाद मैंने अपनी मम्मा के कहने पर उनकी सुहागरात से पहले चोदने का प्लान बना लिया.
वो सब कैसे हुआ … आपको इस भाग में पढ़ कर मजा आएगा.

अब आगे किंकी सेक्स फंतासी स्टोरी:

जब सौम्या मुझसे मिली और उसने मुझसे बोला कि वो मेरे साथ भाग कर शादी करना चाहती है.
तो मैंने सौम्या डार्लिंग को बताया कि मैं उसी का बेटा हूं … अब अगर वो मेरे पापा से शादी नहीं करेगी, तो मैं पैदा कैसे होऊंगा.

पहले तो वो मेरी बात को मजाक समझती रही. फिर उसने सोचा कि मैं उसके साथ शादी नहीं करना चाहता हूँ … इसीलिए ऐसी बातें कर रहा हूं.

मुझे सौम्या को फिर से कन्विंस करना पड़ा. मैंने सौम्या डार्लिंग के सभी सीक्रेट्स उसको बताए जैसे कि उसकी चूत पर 5 तिल हैं, उसको बारिश में नंगी होकर नहाने का मन करता है. उसको पीरियड्स नहीं होते. उसे अपनी चूत के बाल पूरे साफ करना पसंद नहीं है.

इतनी सब बातें जानकार सौम्या को मेरा विश्वास हुआ.

मैंने सौम्या से कहा- मेरी जान, तुम शादी के लिए राजी हो जाओ. मैं वादा करता हूं तुम्हें शादी के बाद भी दबा कर चोदूंगा और तुमसे ही सबसे ज्यादा प्यार करूंगा.
सौम्या- ठीक है, मैं तुम्हारे पापा से शादी करूंगी … लेकिन सिर्फ तुम्हारे पैदा होने के लिए. पर मेरी भी एक शर्त है.

मैं- कैसी शर्त?
सौम्या- मुझे मेरी सुहागरात में तुम पहले चोदोगे.

मैं- अरे ऐसे कैसे यार!
मेरी जान सौम्या बोली- वो मैं कुछ नहीं जानती, मुझको सुहागरात से पहले तुम ही चोदोगे और मेरी चूत में अपनी मलाई भी छोड़ोगे. मैं चाहती हूं कि जब मैं फेरे ले रही होऊं, तब मेरी चूत तुम्हारे स्पर्म से भरी हुई हो. मुझे कम से कम ऐसा तो लगेगा कि मैं तुम्हारे बच्चे की मां बनी हूं.

मैं- यार, चोदने का तो ठीक है, लेकिन यार चुत में मलाई भरी रहना तो रिस्क भी पैदा कर सकती है.
सौम्या- मैं कुछ नहीं जानती, अगर तुम मेरी शर्त नहीं मानोगे, तो मैं ये शादी नहीं करूंगी.

मैं- ठीक है मेरी जान, मैं तुमको चोदूंगा और तुम्हारी चूत में अपनी मलाई भी छोड़ूँगा.

इसके बाद सौम्या की शादी तय हुई.
दो महीने बाद सौम्या की शादी वाला दिन था.

वो शादी रात की थी, मैं भी सौम्या की शादी में गया था, जाता कैसे नहीं … सौम्या को दिया हुआ वादा भी तो पूरा करना था.

अब मैं पहुंच तो गया था लेकिन सौम्या को चोदने का सीन कैसे करूं, ये समझ ही नहीं आ रहा था.

सौम्या एक कमरे में बहुत सारी औरतों से घिरी हुई थी.
मुझे इतनी सारी औरतों को सौम्या के कमरे निकालना था, वो भी इस तरह से कि हम दोनों ही कमरे में बचे रहें और किसी को भी हम पर शक ना हो.

मैं बहुत ही ज्यादा दिमाग लगाता रहा था लेकिन कुछ भी रास्ता नहीं मिला.

सौम्या ने मुझे खुद ही बुला लिया और कहा- मेरे लिए जूस ला दो प्लीज़!
मैं सौम्या के लिए जूस लेकर गया.

उसी समय मैंने चुपके से सौम्या को एक चिट पर अपनी समस्या को लिख कर दे दिया.

सौम्या ने कुछ देर बाद मुझे बुलाया और बहाने से एक चिट दी, जिसमें उसने मुझसे मिलने का प्लान बताया.

सौम्या ने लिखा- जब फेरे होने के लिए बारात आएगी तो मैं पेट में दर्द के नाम पर ऊपर वाले रूम के वॉशरूम में जाऊंगी. तुम पहले से ही उस रूम में रहना. उसके बाद तो हम स्वर्ग की सैर पर होंगे.

मैंने ऐसा ही किया.

बारात चढ़ने का टाइम 8 बजे था. लगभग 7:00 मैं ऊपर वाले रूम में जाकर छुप गया. उसके बाद कुछ देर बाद सौम्या पेट दर्द के बहाने से ऊपर से वाले रूम में आ गयी.

सौम्या के साथ उसकी दो सहेलियां भी थीं और वो दोनों भी अन्दर आना चाहती थीं लेकिन सौम्या ने बहाना किया कि उसको पूरी नंगी होना होगा और उसको शर्म आती है.

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इस तरह से सिर्फ सौम्या ही अन्दर आयी और आते ही हम दोनों ने प्यार का खेल खेलना शुरू कर दिया.

सौम्या की दोनों सहेलियां बाहर थीं, वो दोनों हमारे लिए गुलाब में कांटे की तरह थीं. इसीलिए सौम्या ने उन दोनों से बोला कि उसका पेट ज्यादा खराब है, तुम दोनों नीचे चली जाओ, मैं आ जाऊंगी.

वो दोनों बोलीं- ठीक है … लेकिन जल्दी आना.
सौम्या अन्दर से ही बोली- हां, जैसे ही मेरा पेट दर्द खत्म होगा, मैं आ जाऊंगी.

उनको क्या पता था कि सौम्या को दूसरा ही पेट दर्द था.

सौम्या अब आते ही मुझसे चिपक गई.
हम दोनों ने लिप किस करना शुरू कर दिया.

सौम्या मेरे होंठों को नहीं छोड़ना चाहती थी लेकिन मुझे उसके नीचे वाले रसीले होंठों को किस करना था तो मैं उसके लहंगे में घुस गया और सीधा सौम्या की चूत पर हमला कर दिया.

मैंने अपने होंठ उसकी चूत के दाने पर जीभ लगा दिए.

सौम्या को गुदगुदी हो रही थी तो वो हंसती हुई बोली- क्या कर रहे हो अंकित … मुझे गुदगुदी हो रही है.

मगर मैं अब उसकी कुछ भी सुनने वाला नहीं था. मैंने उसकी चूत को चाटना जारी रखा.

मेरी सौम्या डार्लिंग को थोड़ी देर में इतना मजा आने लगा कि वो बहुत लंबी लंबी सांसें और सिसकारियां भरने लगी.

सौम्या डार्लिंग की चूत के लिए चटवाने का शायद ये पहला अहसास था इसीलिए वो लगभग दस मिनट में ही झड़ गई.

सौम्या का लहंगा भीग गया होता, अगर मैंने उसकी चूत का पूरा रस ना पिया होता.
मैंने उसकी चूत का पूरा रस पी लिया.

सौम्या डार्लिंग थोड़ी सी गुस्सा हो गई और बोली- तुम्हें चुत चाटने के लिए किसने कहा था. अब मेरी चूत फिर से गर्म होने में कितना टाइम ले लेगी, पता भी है?
मैंने बोला- तो आज नहीं करते है ना … किसी और दिन सही.

“ओये कमीने … साले अपनी मम्मा को धोखा देगा. याद रख मैं तेरी मम्मा हूं. मुझे धोखा देने की सोचना भी मत और रही बात आज नहीं करने की, तो उसको तो भूल जा … मैं तुझसे चुदूंगी तो आज ही. फिर मुझे चाहे तेरे बाप के सामने ही क्यों ना चुदना पड़े. अगर मेरा मन है कि फेरों के टाइम मेरी चूत में तेरी मलाई से भरी हो, तो फिर मेरी चूत तेरी मलाई से ही भरी होगी.”
सौम्या ये सब गुस्से में बोली थी.

मैं सौम्या का ये रूप पहले भी देख चुका था क्योंकि वो आखिर मेरी मम्मा ही तो है.
जब भी मम्मा को कुछ करना होता है और कोई किसी भी वजह से उसे रोकने की कोशिश भी करता है तो वो इसी रूप में आ जाती हैं.

इसीलिए मुझे ना सौम्या डार्लिंग को चोदने की बात माननी ही पड़ी.

सौम्या झड़ गई थी लेकिन उसे आज उत्तेजित होने के लिए ज्यादा समय नहीं लगा. वो खुद चुदने को मचल रही थी.

मैंने सौम्या डार्लिंग को चोदने के लिए पूरी नंगी कर दिया.
सौम्या ने भी मेरे कपड़े उतार कर एक साइड में ऐसे फैंक दिए जैसे उनका दोबारा कोई काम ही नहीं पड़ेगा.

हम दोनों फिर से किस करने लगे, हमारे होंठ एक दूसरे के होंठों में दबे हुए थे.
मैं हाथों से उसके मम्मों को मसल रहा था.

लगभग 5 मिनट किस और थोड़ी देर लिपटने से माहौल गर्माने लगा. सौम्या के बूब्स को सहलाने से वो पूरी तरह से उत्तेजित हो गई.

अब मैंने सौम्या को घोड़ी बनाया, इससे उसके लटकते हुए मम्मे मुझे लगाम जैसे लगे. मैंने उसके दोनों मम्मों को अपने हाथों में ले लिया और उस पर लगभग सवार हो गया.

अब मैंने सौम्या को लंड रूपी ऐड़ लगाई और हम दोनों काम वासना के मैदान में हॉर्स राइडिंग करने लगे.

हर एक झटके के साथ घोड़ी और सवार दोनों की ही स्पीड बढ़ती ही जा रही थी.

जल्द ही हम दोनों की सांसें चढ़ने लगीं, कमरे में मादक सिसकारियों की आवाज गूंजने लगी.

मैं सौम्या बीच बीच में आराम देने के लिए उसकी पीठ, गर्दन और उसके गालों पर किस करता रहता.

आधा घंटा अच्छे से चुदाई के बाद जब मैं झड़ने को हो गया तो मैंने सौम्या से एक बार और कन्फर्म किया कि सौम्या सच में चूत में मलाई चाहती है या नहीं.

सौम्या ने मुझसे कहा- हां चूत में ही अन्दर … बिल्कुल बच्चेदानी में.
मैंने बोला- ठीक है.

कुछ और झटकों के बाद मैंने एक अंतिम झटके के साथ पूरा लिंग सौम्या की चूत में डाल दिया.
लंड से माल की जो पिचकारी निकली, उससे सौम्या की चूत पूरी भर गई.

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कुछ और देर तक हम दोनों इसी पोज में रहे. फिर हम एक दूसरे से अलग हो गए.

अब मैंने सौम्या को कपड़े पहनाए, सौम्या ने पैंटी छोड़ कर सभी कपड़े पहन लिए.

वो पैंटी को मेरे हाथ में देकर बोली- मेरी तरफ से तुम्हारे लिए पहला गिफ्ट, इसे हमेशा सम्हाल के रखना.

सौम्या मुझे वहीं छोड़ कर नीचे आ गई.

मैंने भी जल्दी से कपड़े पहने और नीचे आ गया.

थोड़ी देर बाद फेरे हुए, सौम्या ने सच में मेरी मलाई से भरी चूत के साथ ही फेरे लिए … वो भी बिना पैंटी के.

बाद में सौम्या मेरे पापा के साथ सुहागरात मनाने गई.

पता नहीं मुझे क्या सूझी कि मैंने दूध के ग्लास में नींद की दवाई मिला दी और जैसे ही पापा ने दूध पिया, तो वो बेहोश हो गए.

इससे पहले कि सौम्या कुछ समझ पाती मैं बेड के नीचे से निकल आया और सौम्या को देख कर बोला- सरप्राइज़.
सौम्या बोली- पागल, ये क्या किया?

मैं बोला- अभी मन भरा नहीं था इसीलिए तुम्हारी दोबारा चुदाई करने चला आया.
सौम्या- अरे अगर तेरा बाप मेरी चुदाई नहीं करेगा, तो तू पैदा कैसे होगा?

‘अरे यार, पैदा ना होने में एक रात रुक जाऊंगा तो क्या हो जाएगा. लेकिन तुम्हें चोदने के लिए एक पल भी नहीं रुक सकता.

सौम्या ने कहा- अच्छा मेरे राजा … तो फिर देर किस बात की, आ जा चोद दे मुझे!
मैंने बोला- ऐसे नहीं जानू.
वो बोली- फिर कैसे?
‘तुम अपना घूंघट डालो और मेरा इंतज़ार करो कि कब मैं तुम्हारा घूंघट उठाऊंगा और कब सुहागरात मनाऊंगा.’

‘अच्छा जी, ठीक है.
ऐसा बोलकर सौम्या बेड पर दुल्हन बनकर घूंघट निकाल कर बैठ गई.

मैं बिल्कुल एक दूल्हे की तरह उसके पास गया, उसका घूंघट उठाया और उसको किस करना शुरू किया.

सौम्या बोली- मुँह दिखाई?
“अच्छा … मुँह दिखाई भी चाहिए, क्या चाहिए मुँह दिखाई में?”

सौम्या ने कहा- कुछ ऐसा स्पेशल, जो मुझे अभी तक ना दिया हो.
मैंने तुरन्त अपना लंड निकाला और सौम्या के मुँह में दे दिया.

सौम्या ने बड़ी तेज़ी से मुँह पीछे खींचा और गुस्से से बोली- क्या है ये बदतमीजी!
मैंने बोला- यही तो मुँह दिखाई है … वो क्या है कि मैंने अभी तक तुम्हारे मुँह में लंड नहीं दिया था ना कभी.

सौम्या मुस्करा कर बोली- तुम कितने कमीने हो … अपने बाप की सुहागरात में अपनी मम्मा को चोदने आए हो और अपनी मम्मा के मुँह में लंड दे दिया. चलो कोई बात नहीं, लाओ आज मैं इसका स्वाद भी ले ही लेती हूं कि कैसा लगता है. मेरी बहुत सारी शादीशुदा फ्रेंड्स मुझसे बोलती हैं कि लंड चूसने में लड़कियों को बहुत मजा आता है. मैं भी तो देखूं क्या मजा आता है.

ऐसा बोलकर सौम्या ने मेरा लंड अपने कोमल हाथों में पकड़ा और उससे भी ज्यादा कोमल गुलाब की पंखुड़ियों जैसे अपने होंठों के बीच समेटने की कोशिश करने लगी.

सौम्या मुँह को आगे पीछे करने के साथ साथ कभी भी मेरे लंड के सुपाड़े पर भी जीभ फिराती रही.
हर्षातिरेक में मैंने आंखें बन्द करके उस क्षण का मज़ा लेना शुरू कर दिया.

आह क्या मजा था … वो मैं बता नहीं सकता.

मैं इतने मजे में था कि कुछ ही मिनट में ही मैं सौम्या के मुँह में झड़ गया.
सौम्या इस बात पर गुस्सा हुई लेकिन उसने मेरी सारी मलाई पी ली.

मैं और सौम्या पूरी रात चुदाई करते रहे.
सुहागरात मेरे पापा की थी, मनाई मैंने.

पूरी रात चोद कर मैं सौम्या को पापा के हवाले छोड़ गया.
बस कुछ ही दिनों के लिए.

क्योंकि जैसे ही पापा सौम्या यानि मेरी प्यारी मम्मा के साथ दिल्ली शिफ्ट हुए, मैं दिल्ली पहुंच गया और उनके पास ही किराए पर रहने लगा.
अब मैं सौम्या को दिन में रोज चोदता रहता.

कुछ समय बाद सौम्या प्रेग्नेंट हो गई मुझे इस संसार में लाने के लिए.
एक साल तक मुझे सौम्या से दूर रहना पड़ा.

फिर वो दिन आ गया, जिस दिन पापा मम्मा की नसबंदी के लिए ले जाने लगे तो मैंने मम्मा से पूरी बात बताई और मना करा दिया.

बाद में मैं वापिस वर्तमान में आया तो देखा कि सौम्या मेरे दो दो बच्चों की मां बन गई थी.

अब सौम्या पूरी तरह से खुश थी क्योंकि उसके पास मेरे जैसा प्यार करने वाला चोदू पति था, साथ ही एक नौकरी थी और दो दो प्यारे प्यारे बच्चे भी थे.

दोस्तो, मेरी किंकी सेक्स फंतासी स्टोरी को लेकर आपका क्या कहना है … प्लीज मुझे मेल करें.
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