खेतों में कुंवारी देसी चुत की चुदाई का मजा

यह मेरी पहली चुदाई की कहानी है.. उम्मीद है कि आप सभी को पसंद आएगी, कुछ गलतियाँ दिखें तो माफ कीजिएगा।

प्यार दोस्तो, आपको मेरा नमस्कार, मेरा नाम महेन्द्र है तथा गाँव में अपने परिवार के साथ रहता हूँ। मैं अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूँ, मैंने अन्तर्वासना की कई कहानियाँ पढ़ी हैं।
यह कहानी मेरे ममेरे भाई की है, वो भी गाँव में रहता है.. उसके अनुरोध पर यह कहानी लिख रहा हूँ। अब कहानी उसी के शब्दों में पढ़िए।

हैलो.. मेरा नाम प्रह्लाद है, अभी मेरी उम्र 22 वर्ष है। मेरे परिवार में पापा-मम्मी, बहन है।

अपने बारे में बहुत अधिक तो नहीं लिखना चाहता हूँ.. पर एक बात जरूर लिखूंगा मित्रो कि सभी कहानियों में लंड का नाप लिखा होता है, लेकिन मैंने कभी अपना लंड को फीते से नापा नहीं है.. पर मेरा लंड इतना है कि किसी भी औरत व लड़की को सन्तुष्ट कर सकता है।

यह कहानी मेरी और हमारे खेत में काम करने वाले की लड़की की कहानी है। उसका नाम सुमन है, उसका फिगर 32-25-28 का है, वह एकदम मस्त माल थी। सुमन अपने परिवार के साथ हमारे यहाँ खेती का काम करती है।

एक दिन घर पर कोई नहीं था, मैं भी मेरे दोस्त की शादी में जाने की तैयारी कर रहा था। उसी वक्त घर पर सुमन आई, तो मैंने घर में अकेले होने का फायदा उठाकर उसकी चूचियों पर हाथ रख दिया।

वह मुझ पर गुस्सा करने लगी और कहने लगी- मैं ऐसे काम नहीं करती हूँ और आज के बाद मुझ से ऐसा गंदा काम मत करना..!
यह कहकर वह मुझे धमकाते हुए चली गई।

मैं दो दिन के बाद उसके पास गया, तो वह मुझ से बात भी नहीं कर रही थी।
मैं वापस घर आ गया और उसे चोदने के तरीके सोचने लगा। मैंने सोच लिया था कि इस साली को तो मैं चोदकर ही रहूँगा।

एक दिन मेरे नसीब ने मेरा साथ दिया। उस दिन घर के सभी लोग शादी में गए थे। वह घर पर टीवी देखने आ गई। मैंने उसे टीवी के कमरे में ही पकड़ लिया और उसे किस करने लगा। उसने विरोध किया, पर मैंने उसकी एक नहीं सुनी क्योंकि मेरे ऊपर चुदाई का भूत सवार था।

More Sexy Stories  कुंवारी लड़की की चुदाई सगे छोटे भाई के लंड से

मैं उसे लगातार किस करता गया.. तो वह भी गर्म हो गई और मेरा साथ देने लगी। मैं समझ गया कि ये साली चुदने ही आई थी, नहीं तो अब तक चिल्लाने लगती।

मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी, अन्दर उसने काली ब्रा पहनी थी। काली ब्रा में उसका गोरा जिस्म बड़ा ही नशीला लग रहा था। इस समय वह एकदम कामदेवी लग रही थी। मैंने उसकी ब्रा निकाल दी.. उसकी चुची दूध के समान सफेद थीं और उन पर गुलाबी निप्पल बहुत ही सुन्दर लग रहे थे।

मैं उसकी एक चुची को चूसने लगा और एक हाथ से दूसरी चुची को दबा रहा था।

मैं हँस कर पूछा- मजा आ रहा है?
तो मेरे लंड को पकड़ते हुए बोली- मजा लेने ही तो आई हूँ मेरी जान.. अब तड़फा मत, अपना लंड मेरी कुंवारी चुत में डाल दे.. वर्ना मैं मर जाऊँगी।

ये सुनते ही मैंने उसे पूरा नंगा कर दिया, उसकी चुत पर काले घने बाल थे। मैं उसकी टांगों के बीच अपना मुँह ले जाकर उसकी गुलाबी चुत चाटने लगा। मैं काफी देर तक उसकी चुत चाटता रहा।

इसके बाद मैंने अपना लंड जो अब तक पूरा खड़ा व लोहे की रॉड के समान हो गया था.. उसके सामने लहराया।

वो मुस्कुरा दी, तो मैं अपना लंड उसकी चुत पर रखकर धक्का लगाने लगा, पर लंड तो चुत में अन्दर जा ही नहीं रहा था।
उसने कहा- कुछ तेल लगा लो.. क्या सूखा ही पेलोगे?

फिर मैंने अपने लंड पर तेल लगाकर दुबारा चुत पर टिकाया। इस बार थोड़ा सा धक्का लगाने पर लंड थोड़ा अन्दर घुस गया।
मोटे लंड के सुपारे के घुसते ही दर्द के मारे उसके मुँह से चीख निकल गई ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’

मैं अपने होंठ उसके होंठों पर रखकर चूमने लगा, ताकि शोर न हो। थोड़ी देर बाद उसका दर्द कम होने पर, मैंने एक और झटका लगाया और आधा लंड उसकी चुत में चला गया।

More Sexy Stories  पिचकारी घुसी पिछवाड़े में

दर्द के मारे उसका बुरा हाल हो गया था.. लेकिन उसके होंठों पर मेरे होंठ चिपके हुए थे, इसलिए वह चीख नहीं पाई।
मैं उसके मम्मों को दबाने लगा.. वह मस्त हो उठी और कामुक सिसकारियां भरने लगी।

अब मैंने दुबारा एक धक्का लगाया, तो मेरा पूरा लंड उसकी चुत में चला गया। उसे फिर से दर्द होने लगा.. वह कहने लगी कि अपना लंड बाहर निकालो.. वरना मैं मर जाऊँगी।

मैं थोड़ी देर रुका रहा, जब उसका दर्द कुछ कम हुआ तो मैं उसे चोदने लगा। अब वह भी मस्ती में अपनी गांड उठा-उठा कर अपनी चुत चुदवाने लगी थी।

कुछ ही धक्कों में उसे बहुत मजा आने लगा था और वह पूरे जोश में आकर कहने लगी- मेरी चुत को चोद कर फाड़ दो.. इस चुत का भोसड़ा बना दो.. अह.. और जोर से चोदो।

मैं भी जोश में उसे चोदने लगा.. वह इस दौरान एक बार झड़ चुकी थी, पर मेरा छूटना अभी भी बाकी था।

फिर मैं जोर-जोर से चोदने के बाद उसकी चुत में ही झड़ गया और मैं निढाल होकर उसके ऊपर ही गिर गया।

बाद में जब मैं खड़ा हुआ तो देखा कि बिस्तर पर उसकी चुत से निकले खून के दाग लगे थे, तो मैंने चादर को साफ किया।

जब सुमन बिस्तर से उठी, तो दर्द के कारण उससे ठीक तरह से चला भी नहीं जा रहा था। मैंने उसको एक दर्द की टेबलेट दी.. उसके कुछ देर बाद मैं उसे उठाकर बाथरूम में ले गया, वहाँ हम दोनों साथ में नहाए.. बाद में वह चली गई।

इसके हम दोनों ने कई बार उसके पापा-मम्मी से नजर बचाकर रात को गेहूँ की खड़ी फसल के बीच में जाकर चुदाई का मजा लिया।

दोस्तो, यह थी मेरी और सुमन की चुदाई की कहानी.. आप अपने विचार जरूर भेजिएगा।
[email protected]

What did you think of this story??