कश्मीर की कली की सीलतोड़ चुदाई करके फूल बनाया

कश्मीरी सेक्स कहानी मेरे पड़ोस में रहने वाली एक कमसिन लड़की की बुर चुदाई की है. वो और मैं एक ही टीचर से ट्यूशन पढ़ते थे. उससे मेरी सेटिंग कैसे हुई?

दोस्तो, कैसे हो आप सब!
मेरा नाम शहजाद है. मैं अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूँ. मैं पहली बार सेक्स कहानी लिख रहा हूँ, कुछ ग़लती हो जाए तो माफ़ कर दीजिएगा.

मैं आपको अपने बारे में बता देता हूँ. मेरी उम्र 22 साल की है और मेरी हाइट 5 फुट 7 इंच की है. मेरा लंड 6.5 इंच लंबा है और 2.5 इंच मोटा है.

ये बात उस समय की है जब मैंने जवानी की दहलीज पर कदम रखा था.
मैं किसी गर्लफ्रेंड की तलाश में था.

कुछ दिन तक मुझे कोई लड़की नहीं मिली थी इसलिए में सिर्फ़ हस्तमैथुन करके काम चला लेता था.

एक दिन की बात है, मैं अपनी छत पर खड़ा था तो सामने के मकान की छत पर एक लड़की दिखाई दी.
उसकी हाइट लगभग 5 फुट 5 इंच की रही होगी.
उम्र 19 साल के लगभग, गोल चेहरा, गुलाबी होंठ.
उसके गाल कश्मीरी सेब की तरह लाल थे और उसका फिगर लगभग 34-28-36 का रहा होगा.

उसके बाल थोड़े थोड़े सुनहरे थे या उसने अपने बालों पर कलर किया हुआ था. उसे देख कर मेरा दिल कर रहा था कि अभी जाकर उसके मुँह में लंड डाल दूँ.

वो मुझे ही देख रही थी और मैं उसकी तरफ देख रहा था. फिर मैं नीचे उतर कर गली में आ गया. मुझे पता चला कि ये लोग यहां रेंट पर रहने आए हैं. ये सब कश्मीर के रहने वाले हैं.

मुझे जानकर बहुत खुशी हुई. वैसे भी इतनी हॉट लड़की कश्मीर की ही हो सकती थी.

रात को मैं उसके नाम की मुठ मार कर सो गया.

अगले दिन वो मुझे स्कूल जाती हुई दिखाई दी पर उससे कुछ बात ना हो पाई.

शाम को मैं ट्यूशन गया तो मैंने देखा वो भी वहीं पर ट्यूशन ज़ाती है.
मैंने उसे हैलो बोला तो वो भी हाय बोली.

मगर वो ज़्यादा बात नहीं करती थी इसलिए उससे कुछ और बात न हो सकी.

उसके चक्कर में मैं भी रोज ट्यूशन ज़ाने लगा.

एक दिन मुझे मौक़ा मिल गया और मैंने उसकी बुक पर अपना फोन नंबर लिख दिया.
मैंने रात 2 बज़े तक उसके फोन का इंतजार किया लेकिन उसका फोन नहीं आया.

मैं रोज़ की तरह उसके नाम की मुठ मारके सो गया.

तीन दिन बाद उसका फोन आया.
मैंने फोन उठाया तो वहां से कोई आवाज़ नहीं आई.
मुझे नहीं पता था कि ये किसका फोन था. चूंकि कॉल नए नंबर से थी तो मुझे लगा कि शायद उसी ने किया हो. मैंने वो नम्बर सेव कर लिया.

अगले दिन ट्यूशन में उसने मुझे बताया कि मैंने रात कॉल की थी.
यह सुनकर मेरी तो जैसे लॉटरी निकल आयी थी.

अब मैंने उस कश्मीरी लड़की से मैसेज पर बात की, तो उसने कहा- फोन लगाओ.

मैंने उसे फोन लगा दिया.
हमारी फोन पर बात होने लगी.

अब मैं आपको उसका नाम बता दूँ. उस का नाम शाइना था.

धीरे धीरे हम दोनों फोन पर देर देर तक बातें करने लगे.
हमारी दोस्ती गहराने लगी थी.
उसे मैं पसंद आ गया था.

फिर एक दिन हम दोनों एक मूवी देखने गए. मैं अपनी सीट पर बैठा था उसने अपना सिर मेरे कंधे पर रख दिया.

फिल्म रोमांटिक थी इसलिए किसिंग सीन चल रहे थे.
मैंने उससे किस करने को कहा तो उसने मना कर दिया.
उसने कहा- मैंने कभी किस नहीं की है.

सच तो ये था कि मैंने भी कभी किस नहीं की थी और ना ही किसी लड़की को टच किया था.

इसलिए मैं भी नर्वस था लेकिन मेरे जोर देने से वो मान गयी.

मैंने अपने हाथों से उसका मुँह अपनी तरफ घुमाया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए.
मैं उसके होंठों का रस पीने लगा.

पहली बार किस करने से मेरे अन्दर करंट आ गया था. मैं उसके होंठों को बेदर्दी से चूसने लगा, काटने लगा.

मैंने अपना हाथ उसकी टांगों के बीच में घुसाया, लेकिन हाथ चुत पर नहीं लगा.
उसने पहले ही मुझे रोक दिया.

मैंने उसके मुँह में अपनी ज़ुबान डाल दी.
फिर उसने भी अपनी ज़ुबान मेरे मुँह में डाल दी.

मैंने उसकी ज़ुबान दो मिनट तक मस्ती से चूसी. हम दोनों गर्मा गए थे.

फिल्म देखने के बाद हम दोनों ने ऑटो पकड़ा और ऑटो में भी दो बार लम्बा किस किया.

ज़िंदगी जीने का मज़ा क्या होता है, मुझे अब पता चला था.

मैंने उसे उसके घर के पास छोड़ा और अपने घर आ गया.

फिर मैं रात होने का इंतज़ार करने लगा क्योंकि रात में हम दोनों फोन पर बात करते थे.

रात को उसका फोन आया, मैंने उससे सेक्स के बारे में पूछा.

उसने कहा- मैं अभी वर्जिन हूँ लेकिन मैंने अपनी स्कूल की फ्रेंड के साथ लेस्बियन सेक्स किया है.
मैंने उससे पूछा- तुम अपनी फ्रेंड के साथ लेस्बियन में क्या क्या करती थीं?

उसने बताया- हम दोनों किस करती थी और एक दूसरे के बूब्स चूसती थी, चुत चाटती थी.
मैं ये सब सुनकर एकदम हैरान रह गया.

उसने आगे ये भी बताया कि उसे चुत चाटना अच्छा लगता है, लेकिन उसने कभी किसी लड़के के साथ सेक्स नहीं किया है.

उसकी इस तरह की बातों से मेरा बुरा हाल हो गया था.
लंड मानने को राजी नहीं था. मुझे दो बार मुठ मारनी पड़ी, तब जाकर लंड ढीला हुआ.

अब मैं जल्द से जल्द उसे चोदना चाहता था. उसकी चुत का रस पीना चाहता था. उसकी चुचियों को मसलना चाहता था, चूसना चाहता था.

मैंने उससे उसकी चुत की मांग की, लेकिन उसने ये कह कर मना कर दिया कि मुझे डर लगता है.

मैंने उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन उसने कहा- कुछ दिन बाद करेंगे.

इधर मेरा लंड उसके नाम की सलामी दे रहा था, मेरी समझ में ही नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं.

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अगले दिन वो ट्यूशन भी नहीं आई.

मैंने रात को उससे फोन पर पूछा, तो उसने बताया कि उसे एमसी हो रही है.

मेरे दिमाग़ में सिर्फ़ उसकी चूचियों की गोलाई और उसकी चुत ही घुसी रहती थी.
मैं उसकी जवानी से खेलना चाहता था.

एक हफ्ते बाद वो ट्यूशन आई.
उस टाइम ट्यूशन क्लास में सिर्फ़ चार ही लोग थे. मैं, वो और दो छोटी क्लास के बच्चे थे, जो हमारी गली में ही रहते थे.

मैंने उसकी तरफ आंख मारी और मौका देखते ही उसकी चूची दबा दी.
उसकी चूची आम जितनी बड़ी थी और बहुत ही टाईट थी. चूची दबाने पर उसने कुछ नहीं कहा, बल्कि मुस्कुरा दी.

मुझे सिग्नल मिल गया.
मैंने उसकी चुत पर हाथ लगाना चाहा लेकिन मुझे कुछ लोगों के आने की आवाज़ आई तो मैं बुक खोलकर रीडिंग करने लगा.

वो होंठ दबा कर हंस दी.

जैसा मैंने ऊपर आपको बताया था कि वो हमारे घर के सामने ही रहती थी.

एक दिन वो किसी काम से हमारे घर आ गई थी.
मैंने उससे उसकी नोटबुक मांगी, तो वो बुक देने फिर से आ गई थी.

घर पर सभी के होने की वजह से में कुछ कर तो नहीं पाया लेकिन मुझे पता था कि शाम को घर पर कोई नहीं होगा, सब शादी में जाएंगे.
इसलिए मैंने उससे कह दिया कि शाम को अपनी बुक वापिस ले जाना.

अब मैं शाम होने का इंतजार करने लगा.
जब नहीं रहा गया तो आख़िर में मैंने उसके नाम की मुठ मार ली और लंड का पानी निकाल दिया.

अब वो शाम भी आ गयी, जिसका मुझे बेसब्री से इंतजार था.
मैंने अपने लंड के बाल भी साफ कर लिए थे.

मैं पूरे इंतज़ाम से बैठा था कि शाइना आएगी और मैं उसके मुँह में लंड दे दूँगा. फिर मैं उसकी चुत भी चाटूँगा.

मुझे पता नहीं क्यों बार बार लग रहा था कि उसकी चुत पिंक ही होगी.

ठंड का समय था, मैं कंबल में उसका इंतजार कर रहा था.
घर के दरवाजे की बेल बजी.
मैंने झट से गेट खोला तो देखा वो रेड टी-शर्ट और ब्लू कैपरी पहन कर आई थी.
उसके बाल खुले हुए थे. होंठों पर लिपस्टिक लगी हुई थी.

मैं उसे रूम में ले आया. मैं ज़्यादा जल्दी नहीं चाहता था ताकि उसको बुरा ना लग जाए.

मैंने अपने आप पर काबू रखा, थोड़ी देर तक उससे नॉर्मल बात की.

फिर मैं सेक्स के टॉपिक पर आ गया.

उसने कहा- मुझे सेक्स करने में डर लगता है. मैंने सिर्फ़ दो बार ही लेस्बियन किया है.
मैंने उसे समझाया, प्यार से बात की.

बात करते करते मैं उसके कान के ऊपर हाथ फेरने लगा और कभी उसकी गर्दन सहलाने लगा.
मैंने उसकी गर्दन पर किस करना शुरू कर दिया और जीभ से चाटने लगा.

अब वो भी गर्म होने लगी और हम किस करने लगे. कभी गाल पर कभी होंठों पर, कभी गर्दन पर. मैंने उसके मुँह में जीभ डाल दी, तो वो मेरी जीभ चूसने लगी.

अब मैंने उसे कसके जकड़ लिया.
मैं उसके पूरे बदन पर हाथ चलाने लगा.

आख़िर मैंने उसकी मखमली चिकनी चुत पर हाथ लगा ही दिया. चुत पर हाथ लगते ही उसे एकदम करंट सा लगा.
वो पहली बार किसी मर्द का हाथ अपनी चुत पर लगवा रही थी.

उसी समय उसके मुँह से ‘आ … आ … एम्म … एमेम … इसस्स …’ की सिसकारी निकलने लगी.

उसकी आवाज़ से मेरे अन्दर जोश आ गया.

मैं एक हाथ से उसकी चुत सहला रहा था और एक हाथ उसकी टी-शर्ट के अन्दर बाहर कर रहा था.

वो ब्रा पैंटी नहीं पहनी थी, उसके जिस्म की खुश्बू मुझे मदहोश कर रही थी.

फिर मैंने उसकी कैप्री का बटन खोल दिया और कैप्री थोड़ी नीचे कर दी; चुत को सही से सहलाने लगा.

उसे मज़ा आ रहा था.
जैसा मैंने सोचा था बिल्कुल वैसा ही था. उसकी चुत भी बिल्कुल गुलाबी थी. आख़िर लड़की कश्मीर की जो थी.

मैं उसकी चुत का दाना मसलने लगा और उसके पूरे बदन को चाट रहा था. उसकी चुत पानी छोड़ रही थी.

मेरे हाथ की उंगलियां चुत रस से गीली हो चुकी थीं.
वो रस से सनी उंगली मैंने उसके मुँह में डाल दी. वो अपनी चुत का रस चाटने लगी.

फिर मैंने उसकी कैप्री उतार दी और उसकी गांड को जोर जोर से दबाने लगा, मसलने लगा. उसकी गांड दबाने की वजह से लाल हो गयी.

अचानक से उसने कहा कि मैं अभी सेक्स नहीं कर सकती हूँ, ये सब ग़लत है, ये सब शादी के बाद करते हैं.

वो मुझसे अपने आपको छुटाने लगी, मगर मैं कहां छोड़ने वाला था. मैंने उसे कसके पकड़ लिया.

मैंने कहा- मैं तुम्हारी चुत चूसना चाहता हूँ.
वो कुछ नहीं बोली और अपनी कैप्री पहन कर चली गयी.

लेकिन ऊपर वाले के घर देर है, अंधेर नहीं.

मैंने उससे फोन पर बात करनी बंद कर दी.
दो दिन बाद उसका फोन आया.

उसने कहा- आज मेरे मम्मी पापा बाहर गए हैं. आज तुमको जो भी करना है, कर लेना. मैं रात को फोन करूंगी, आ जाना.
उसकी बात सुन कर मेरी खुशी का ठिकाना ही ना रहा.

रात को मैं तैयार होकर बैठा था.

जब उसका फोन आया तो उसने कहा कि घर का गेट खुला है और घर में कोई नहीं है. तुम बिना दस्तक के अन्दर आ जाओ.

मैं खुशी खुशी उसके घर आ गया.

उसने एक काली नेट वाली बेबीडॉल पहन रखी थी और सेंट लगा रखा था. अपने होंठों पर रेड लिपस्टिक और आंखों में काजल लगा हुई वो जन्नत की हूर सी लग रही थी.

मैं जाकर उससे लिपट गया और होंठों पर होंठ रख कर चूसने लगा, उसकी गर्दन पर किस करने लगा, उसकी चूची मसलने लगा.

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मैंने उसके कपड़े उतार दिए. उसने ब्रा पैंटी पहनी हुई थी.

फिर से मैं उसे किस करने लगा. उसकी नाभि पर जीभ घुमाने लगा.

मैं शाइना के निप्पल चूसने लगा, तो वो मादक सिसकारी भरने लगी- एम्म्म … आअहह … असेस!

घुटनों के बल बैठकर मैं उसके पेट पर किस करने लगा, उसकी गांड को जोर जोर से दबाने लगा.

फिर मैं अपनी एक उंगली उसकी चुत की दरार पर फेरने लगा और पैंटी के ऊपर से ही चुत का दाना सहलाने लगा.

वो सिहर उठी और उसी समय मैं उसकी चुत का दाना पकड़ कर मसलने लगा. वो तो जैसे पागल हो गयी.

मैं पैंटी के ऊपर से ही उसकी चुत पर अपनी ज़ुबान फेरने लगा और चुत पर काटने लगा.
वो अपनी चुत मेरे मुँह में दबाने लगी.

कुछ देर बाद मैं उसकी कमर पर किस करने लगा और उसकी जांघों को चाटने लगा.
मेरा लंड अकड़ने की वजह से दर्द कर रहा था. मुझसे रुका नहीं जा रहा था.

फिर मैं मेन काम पर आया और मैंने एक ही झटके में उसकी ब्रा पैंटी उतार कर अलग दी.

आह … वो किसी पोर्न स्टार से कम नहीं लग रही थी. मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसकी दोनों टांगें फैला दीं.

अब मेरे सामने उसकी गुलाबी चुत खुल कर खिलखिला रही थी.
चुत का दाना ऐसे उभरा हुआ था, जैसे अनार का लाल दाना हो.

मैंने उसकी चुत को सहलाया और दाने को कुछ मिनट मसला.

उसका पानी निकलना शुरू हो गया था.

मैंने देर ना करते हुए उसकी चुत पर अपनी ज़ुबान लगा दी और चुत का पानी चाटने लगा.

मेरी जीभ अहसास पाते ही वो एकदम ऐसे हिली, जैसे उसे करंट लग गया हो.

मैंने उसकी चुत चाट चाट कर लाल कर दी थी.

वो फिर से गर्मा गई थी और उसने मुझे अपनी टांगों में फंसा लिया था.

वो गांड उठाती हुई कहने लगी- आंह चाट जाओ मेरी चुत को पूरा … आह और जोर से चाटो चूसो … आह इसका सारा रस चूस लो … इसने मुझे बहुत परेशान कर रखा है. मेरी चुत का दाना भी चूसो इसे चबा जाओ, चुत में अपनी पूरी जीभ डाल दो … इस्स्स्स … एम्म्म …

वो बिन जल मछली के जैसे मचल रही थी और अपने बूब्स दबा रही थी.
उसकी चुत की मादक खुशबू से मैं मदहोश हो गया था.

मैं पहली बार किसी लड़की की चुत चाट रहा था.
उसकी बात सुन कर मेरे अन्दर और जोश भर गया.
मेरे लंड का बुरा हाल हो रहा था.

तभी उसने मेरा सिर पकड़ा और चुत पर दबाने लगी.

वो खुद अपनी गांड को जोर जोर से हिलाने लगी. उसने अपनी चुत का पानी फिर से छोड़ दिया था.

मैं सारा पानी चाट गया. वो निढाल पड़ी लंबी लंबी सांसें ले रही थी और मुझे देख रही थी.

मैंने अपनी जीन्स उतारी और लंड उसके हाथ में दे दिया.

वो हाथ से लंड सहलाने लगी.
फिर मेरे कहते ही उसने तुरंत ही लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी.

वो कभी मेरा लंड अन्दर लेकर चूस रही थी तो कभी सुपारे पर अपने होंठों को फेर रही थी.

अब मेरी सिसकारी निकलने लगी- आह … ससस्स … म्म्म्म मम … आआस्शह … चूस रंडी चूस मेरा लंड!
वो भी मस्ती से लौड़ा चूसने में लगी रही.

कुछ देर बाद मैंने उसे बेड पर सीधा लिटाया और अपना लंड उसकी चुत के मुँह पर रख दिया.

वो आंह आंह करके लंड चुत में लेने को मचलने लगी.

मैंने हल्का सा जोर लगाया तो अभी सुपारा ही चुत की फांकों को चीर कर अन्दर गया था कि उसकी चीख निकल गई- आ … मर गयी मम्मी!

उसके होंठों पर मैंने होंठ रखे और एक ही झटके में लंड उसकी चुत में डाल दिया.

वो छटपटाई और मेरी कमर पर नौंचने लगी, चिल्लाने की कोशिश करने लगी.

मैंने उसकी छटपटाहट देख कर अपने होंठ हटा लिए.
वो मुझसे रोती हुई कहने लगी- मुझे बहुत दर्द हो रहा है. तुम अपना लंड बाहर निकालो, मेरी चुत फट गयी.

लेकिन मैंने उसकी एक ना सुनी और धीरे धीरे लंड अन्दर बाहर करने लगा.

कुछ देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा. वो कमर हिला हिला कर चुदने लगी.

अब उसकी आवाजें बदल गई थीं- आह … और चोदो मुझे … और तेज चोदो … आह फाड़ दो मेरी चुत, मेरी गांड भी फाड़ दो … आह और अन्दर तक लंड डालो … पूरा अन्दर डाल दो … जल्दी जल्दी चोदो.

कुछ देर तक धकापेल चुदाई चली, फिर वो अकड़ने लगी.
मैं समझ गया कि उसका पानी निकलने वाला है इसलिए मैं उसे और जोर जोर से चोदने लगा.

फिर उसका पानी निकल गया और उसने मुझे भींच लिया.
मैं रुक गया और उसको शांत हो जाने दिया.

थोड़ी देर बाद मैं उसे फिर से पेलने लगा.
वो भी मजा लेने लगी.

दस मिनट बाद मेरा पानी निकलने वाला था.
वो कहने लगी- मेरी चुत में अपना पानी मत निकालना.

मैंने लंड चुत से खींचा और उसके मुँह की तरफ कर दिया.
वो मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी और मेरे लंड का पानी उसके मुँह में निकल गया.

वो मेरा सारा पानी पी गयी.

फिर हम दोनों वॉशरूम में गए. उसकी चुत पर खून के निशान थे.

हम दोनों नहाए और मैंने उसकी चुत पर किस किया.
उसने मेरे लंड पर किस किया.

फिर मैं अपने घर आ गया.

दोस्तो, पहली बार कश्मीरी सेक्स करने में मज़ा आ गया था. मैंने इसके बाद उसे कई बार चोदा.

मैं अगली सेक्स कहानी में आपको बताऊंगा कि कैसे मैंने उसे और उसकी चाचा की लड़की को एक साथ चोदा था.

दोस्तो … कैसी लगी मेरी सेक्स कहानी. आप मुझे ज़रूर बताइएगा.
मुझे आपके ईमेल का इंतज़ार रहेगा.
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