कमसिन पड़ोसन की सील तोड़ चुदाई

दोस्तो, मेरा नाम संजय गुप्ता है मेरी उम्र कोई 21 साल है. मेरे माता पिता सामान्य वर्ग से संबंध रखते हैं और हमारी फैमिली एक साधारण फैमिली है. मेरे माता पिता ने मुझे बहुत ही अच्छी शिक्षा दिलवाई. मैं बचपन से ही शहर में रहता था जबकि मेरे बाकी के मित्र गांव में रहते थे.

मैं जब नौकरी कर रहा था, यह तब की कहानी है. ये एकदम सच्ची घटना है.

अमायरा मेरी पड़ोसन थी, वो मेरे गांव में मेरे घर के पास ही रहा करती थी. उसके पापा एक कंपनी में मैनेजर थे, जो कि हमेशा बाहर ही रहते थे. अमायरा के घर में उसकी दादी और माँ के अलावा उसका छोटा भाई भी था, जो नादान था और जवानी की अठखेलियों के बारे में कुछ भी नहीं समझता था.

अमायरा मेरे से कुछ ही छोटी थी. उसका फिगर इतना शानदार था कि कोई भी शख्स उसकी नशीली जवानी की तपिश के आगे पिघल जाए. उसका कामुक फिगर 36-24-36 का था. उसके भरे हुए मम्मे उसकी बाली उम्र में ही उसकी सेक्सी जवानी को बिखेरते थे.

उन्हीं दिनों दीवाली का त्यौहार आया, तो मैं अपने माता पिता से मिलने गांव आया था. मैंने कंपनी से 10 दिन की छुट्टी ली थी, ताकि मैं गांव में थोड़े दिन आराम कर सकूँ.

एक दिन शाम के समय अमायरा और उसकी मम्मी मेरे यहाँ दीवाली पर मेरी मम्मी से मिलने आए. मेरी मम्मी और उसकी मम्मी दोनों मेरे घर के बाहर गार्डन में बैठ कर बातें करने लगे.
अमायरा मेरी मम्मी की बहुत ही लाड़ली थी और वो मेरे घर कभी भी कहीं भी आ जा सकती थी.

मैं मेरे कमरे में सो रहा था.
उसने अन्दर आकर मुझे जगाया और बोली- अरे भाई … आप कब आए?
वो मुझे भाई बुलाया करती थी.

मैंने उसे 6 साल बाद देखा था. अब वो पूरी माल बन चुकी थी. मैं जाग गया और उसकी मस्त जवानी का रस अपनी आंखों से पीने लगा. अमायरा अपनी 18 साल की उम्र में सेक्स के बारे में सब जानने लगी थी.

वो मेरी नजरों को शायद भांप गई थी. तब भी उसने कुछ प्रतिक्रिया नहीं की. वो मुझसे बातें करने लगी. उसने मेरे काम के बारे में पूछा और काफी दूसरी बातें भी की. थोड़ी देर बाद वो चली गयी.
मैंने उसकी चाल देखी, तो मुझसे रहा नहीं गया. मैंने अपने मन में ठान लिया था कि अमायरा को कैसे भी करके चोदना ही है. मैंने बाथरूम में जाकर एक बार उसके नाम की मुठ मार ली.

दूसरे दिन शाम को मैं उसके घर चला गया ताकि उसको पटा सकूं. चूंकि मैंने पूरा मन बना लिया था कि अमायरा को चोदना ही है तो मैं उसको पटाने के लिए उसके घर गया था.
उस वक्त वो अपने घर का काम कर रही थी. उसने आज उसने खुले गले वाली एक पुरानी टी-शर्ट पहन रखी थी, जिसमें से अगर वो थोड़ी भी झुके, तो उसकी चूचियां साफ नज़र आने लगती थीं.

मैंने आज उसके मम्मों का कई बार दर्शन किया और उसी के घर बाथरूम में जाकर उसी के नाम की मुठ मार ली.

कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा. वो मुझसे बड़े खुल कर मिलती थी.

मेरी छुट्टियां ख़त्म होने को थीं, तो मैं वापस शहर आ गया. उसको चोदने का ख्याल फिलहाल अधूरा ही रह गया था. लेकिन मेरे मन में उसकी चुदाई की एक कसक बन कर घर कर चुकी थी.

फिर कुछ दिनों बाद कंपनी ने मुझे मेरे गांव के पास ही एक गांव में एक नया प्रॉजेक्ट दिया. मैं इस काम से बहुत खुश था क्योंकि मुझे अब घर से दूर नहीं रहना पड़ता. मैं अपने घर रह कर मेरी अमायरा डार्लिंग को पटाने के काम को भी कर सकता था.

मुझे कंपनी ने वर्क ऑर्डर्स दिए और मैं गांव के लिए निकल गया.

मैंने गांव जाने से पहले मेरी साइट पर विज़िट किया और घर चला गया. अब मैं रोज जब काम पर जाता, तो अमायरा से मिल कर जाता. धीरे धीरे अमायरा मेरे से घुलने मिलने लगी थी. वो मुझे अब मेरी कंपनी की लड़कियों के बारे में पूछती थी और मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में भी पूछती थी.

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मैं शनिवार रविवार घर पर ही रहता था. सो उन दो दिनों में मेरी अमायरा से काफी देर देर तक की मुलाकात हो जाती थी. कई बार मैं उससे मज़ाक करते समय उसके गालों पर … और कभी कभी जानबूझ कर उसके मम्मों पर हाथ लगा देता था. वो मेरी इस हरकत पर कुछ भी नहीं कहती थी. इससे मेरी हिम्मत बढ़ने लगी थी.

एक बार शाम को में उसके घर गया, तो वो बर्तन धो रही थी. मैं इस समय उसके झुक कर बर्तन मांजने की वजह से उसके दूधिया मम्मों को बड़े आराम से देख सकता था. मैंने काफ़ी देर तक उसके मम्मों को देखा.

फिर जब उसकी माँ आ गईं … तो मैं उसके पास बैठ कर पढ़ाई की बातें करने लगा. पढ़ाई की बातें करनी किसे थीं, मुझे तो अमायरा को चोदना था.

उससे बातें करते समय मेरे किसी मित्र का फोन आया, तो मैं उससे बात करने लगा. थोड़ी देर बाद फोन रखने के बाद मैं अपने फोन में फ़ेसबुक चलाने लगा. थोड़ी देर फ़ोन डिस्चार्ज हो गया, तो मैंने अमायरा से मेरा फोन चार्ज पर लगाने को बोला.

वो मेरा फोन ले गयी और उसने फोन चार्ज होने के लिए लगा दिया. वो मेरा फोन देखने लगी. मेरे फोन में उसने काफ़ी देर तक गाने सुने और फिर रख दिया.

मुझे लगा कि उसकी दूसरों के फोन देखने की आदत से कुछ किया जा सकता है. मैंने दूसरे दिन मेरे फोन खूब सारे सेक्सी वीडियो डाल दिए और फोन पर से लॉक हटा दिया.

अब मैं अगले रविवार का इंतजार करने लगा. रविवार की दोपहर को मैं उसके घर चला गया. आज उसके घर पर उसकी दादी के अलावा कोई नहीं था. मैंने सोचा अच्छा मौका है.
मैंने अमायरा से पूछा- तुम्हारे घर के और लोग किधर गए हैं?
उसने बताया- वो सब मेरी ननिहाल गए हैं … और घर पर मैं अकेली ही हूँ.

थोड़ी देर बाद मैं उसकी दादी के पास बैठ गया और उसको बोला- तुम मेरा फोन चार्ज पर लगा दो.

उसने मेरा फोन चार्ज में लगाने के लिए ले लिया और रोज की तरह आज भी वो मेरा फोन देखने लगी. उसने जैसे ही गैलरी खोली, उसमें खूब सारे सेक्स के वीडियो और फोटो सामने आ गए. वो उन सबको देखने में मस्त हो गई … और मज़े लेने लगी.

मैं भी थोड़ी थोड़ी देर से चैक कर रहा था कि कहीं कोई गड़बड़ ना हो जाए. पर मेरा तीर एकदम निशाने पर लगा था. वो तो फ़ोन छोड़ने का नाम ही नहीं ले रही थी.

दादी से बातें करते करते जब दादी सो गईं, तो मैं उसके कमरे में आ गया. वो एक सेक्स वीडियो देख रही थी. साथ ही अपने एक हाथ से अपनी चूत को सहला रही थी. मैंने देखा कि उसकी चूत से पानी निकल रहा था, जिससे उसकी चड्डी पूरी गीली हो गई थी.

मैंने धीरे से उसके पीछे से जाकर उसके मम्मों को दबा दिया. वो एकदम से डर गई और बोली कि क्क्या … कर रहे हो … य..ये तेरे फोन में ये क्या चीज़ है?
मैंने उससे बोला- नाटक मत कर तुझे सब पता है … तभी तू अपनी चूत में उंगली कर रही थी.

इस बात पर वो नज़रें झुका कर खड़ी रही. उससे मेरी बात का कोई जबाव देते ही नहीं बन रहा था.

मैंने उसको धीरे से किस किया और उसके मम्मे दबाने लगा. थोड़ी देर बाद वो भी मेरा साथ देने लगी. अब मैं उसे ज़ोर ज़ोर से किस कर रहा था और उसके मम्मों को दबा भी रहा था. वो भी कामुक आवाजें निकालने लगी थी.

हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े भी कब उतार दिए, हमको पता भी नहीं लगा. मैंने अमायरा को पलंग पर लिटाया और उसकी चूत को चाटने की तैयारी करने लगा. मैंने उसके घर के फ्रिज से थोड़ा सा दही लेकर उसकी चूत पर लगा दिया और चूत चाटने लगा. वो मेरे चूत चाटने को सहन ही नहीं कर पा रही थी और तरह तरह की कामुक आवाजें निकाल रही थी.

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पूरा कमरा ‘उम्म्म्म … उम्म्ह… अहह… हय… याह… ज़ोर से … और ज़ोर से उम्म्म्म … आआहह..’ की आवाजों से गूंज रहा था.

मैं बदस्तूर चुत चाटता रहा. वो एक बार झड़ चुकी थी और मुझे हटने को बोल रही थी. पर मैं उसकी चूत को किसी पागल कुत्ते की तरह चाटे जा रहा था.
उसने मुझसे कहा- अब डालोगे या चाट कर ही मारोगे?
मैंने कहा- डाल कर ही मानूँगा … जरा सब्र तो करो मेरी जान!

अमायरा कुछ देर बाद पूरी तरह से थक चुकी थी. उसने कहा कि प्लीज़ थोड़ी देर रूक जाओ.
मैंने कहा- नहीं … अब रुकने का नहीं, चुदाई का वक्त है.

मैंने अपना लंड उसके मुँह में देने के लिए आगे किया. उसने पहले तो लंड चूसने से मना किया, पर मेरे कहने पर उसने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और चाटने लगी. वो लंड ऐसे चाट रही थी, जैसे कोई एक्सपर्ट रंडी हो. उसने भी पूरे जोश के साथ मेरे लंड का तीन बार पानी निकाला.

फिर हम थोड़ी देर उसके बिस्तर पर सो गए. हमने सिर्फ़ चाटने चाटने के कार्यक्रम में डेढ़ घंटा निकाल दिया.

थोड़ी देर बाद मैंने फिर से मेरा लंड अमायरा के मुँह में दिया, तो लंड सलामी देने लगा.

अब मैंने अमायरा को बिस्तर पर लिटाया और उसकी गांड के नीचे तकिया लगा दिया. मैं अपने लंड को उसकी चूत पर फिराने लगा ताकि वो वापस गर्म हो जाए.

लेकिन अमायरा तो पहले से ही गर्म थी. उसने गांड उठाते हुए मुझसे कहा- अब तड़पाओ मत … जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल दो.

मैं थोड़ी देर लंड उसकी चूत पर घुमाने के बाद धीरे धीरे लंड को उसकी चूत में डालने लगा. पर चूत अभी कुंवारी थी. मेरा मोटा लंड चूत के अन्दर नहीं जा रहा था.

मैंने सुपारा फंसाया और एक ज़ोर का धक्का लगा दिया. इससे मेरा आधा लंड अमायरा की चूत में चला गया.

इस पर अमायरा ज़ोर से चिल्लाने लगी. मैंने उसके मुँह पर किस करके उसकी आवाज़ बंद की और एक और झटका लगा दिया. अब मेरा पूरा लंड अमायरा की चूत में चला गया था.

अमायरा रोने लगी और मुझसे कहने लगी कि इसे बाहर निकालो.
पर मैंने कहा- थोड़ी देर ही दर्द होगा … अन्दर ही रहने दो.

फिर मैंने थोड़ी देर लंड को वैसे ही अमायरा की चूत में रहने दिया और उसको सहलाने चूमने लगा. थोड़ी देर बाद अमायरा का दर्द कम हुआ, तो वो खुद ही अपनी गांड हिलाने लगी. इससे मुझे पता चल गया कि अब इसे भी मज़े आने लग गए हैं.

फिर मैंने उसकी चूत में धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू किए. वो मेरा बहुत मज़े के साथ ही सहयोग कर रही थी, साथ ही बहुत सी कामुक आवाजें निकाल रही थी.
उसके मुँह से ‘उम्म्म्म आआहह … और ज़ोर से प्लीज़ … और ज़ोर से … फाड़ दे मेरी चूत को मेरे राजा … उम्म्म्म … ऊह..’ आवाजें निकल रही थीं.

आधे घंटे की जोरदार चुदाई के बाद हम दोनों झड़ गए और एक दूसरे की बांहों में लेट गए. फिर हमने कपड़े पहन लिए और मैं घर आ गया.

चुदाई हो जाने के बाद वो मुझसे बोली- जिस दिन तुम मुझे पहली बार दिखे थे, मेरा दिल तुम पर आ गया था. पर मुझे लगा कि शायद तुम शहर में अपनी किसी गर्लफ्रेंड के साथ मस्ती करते होगे. इसलिए मैंने तुमसे अपनी बात नहीं कही.
मैंने भी उसे बता दिया- जिस दिन मैंने पहली बार तुमको देखा था, उसी दिन मैंने तुमको चोदने का मन बना लिया था. आई लव यू अमायरा मेरी जान!
अमायरा ने मुझसे ‘आई लव यू टू’ कहा और मुझसे लिपट गई.

अब जब भी मौका मिलता है, मैं उसकी चुदाई करता रहता हूँ.

आपको कुमारी लड़की की चुदाई की कहानी कैसी लगी, प्लीज़ मुझे मेल करके जरूर बताना.
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