जवान सहकर्मी के साथ चुदाई के हसीन पल

सेक्सी ऑफिस गर्ल सेक्स कहानी मेरे दफ्तर में आई एक नयी लड़की के साथ रोमांस और उसके बाद चुदाई की है. मेरे साथ रोमांटिक दोस्ती की पहल उसी ने की थी.

सभी मित्रों को मेरा नमस्कार.
अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है, यदि कुछ गलती हो जाये तो क्षमा करें!

मैं पहले अपने बारे में बता देता हूं.
मेरा नाम बिट्टू है, मेरी आयु 26 वर्ष है. मैं उत्तराखण्ड से हूँ.
मेरा कद 5’7″ है. मेरे लन्ड का साइज करीब 6 इंच है और साधारण दिखने वाला लड़का हूँ.
मैं एक छोटी सी कम्पनी में जॉब करता हूं.

सेक्सी ऑफिस गर्ल सेक्स कहानी आज से करीब 2 साल पहले की है.
हमारी कम्पनी में आफिस का पेपर वर्क करने के लिए एक लड़की रखी गयी.
उसका नाम शुमोना (काल्पनिक नाम) था.

दिखने में लड़की सुंदर थी।
30″ की कमर, पतले पतले ओंठ, प्यारी सी मुस्कुराहट चेहरे पर लिए, मटक कर ऐसे चलती जैसे कोई नागिन बल खाती हो!
लड़की के चूचे थोड़े हल्के थे … वरना उसकी बराबरी करना, किसी लड़की के लिए भी मुश्किल होता।

खैर वो मेरी जूनियर थी और आफिस का काम हम दोनों देखते थे.

कम्पनी मालिक ने सारी जिम्मेदारी मुझे दी हुई थी और वो महीने में एक बार कम्पनी में आते थे.
ऑफिस में हम दोनों ही होते थे.

धीरे धीरे हमारी बातचीत शुरू हुई.
मैं सीनियर होने के बावजूद कभी भी अपने जूनियर्स के साथ सख्ती नहीं दिखाता हूँ।

उसका फल ये मिला कि उस लड़की को मुझसे लगाव हो गया और एक दिन बातों बातों में वो मुझसे पूछने लगी- सर आप मेरे साथ घूमने चलेंगे?
तो मैंने कहा- घूमने जाने पर मुझे क्या मिलेगा?

मैंने इस तरह इसलिए बोला क्योंकि सहकर्मी होने के कारण हमारे बीच मस्ती मज़ाक चलता रहता था।
तो वो भोलेपन से बोली- क्या चाहिए आपको?
मैंने द्विअर्थी शब्दों का प्रयोग करते हुए बोला- इंडिया गेट।

वो ज़ोर ज़ोर से हँसने लगी।
ऐसे ही मस्ती मज़ाक काफ़ी दिन तक चलता रहा।

एक दिन आफिस में सिर्फ हम दो लोग थे, काम करने वाली लेबर लंच पे गई हुई थी, दफ्तर एकदम सुनसान था.

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लंच में उसने मुझसे कहा- आप मुझे बहुत अच्छे लगते हैं।
ये कहते ही वो मेरे गले लग गई और कब हमारे ओंठ आपस में मिल गये, हमें पता ही न चला.

15 मिनट चुम्बन के बाद हमें तब होश आया जब लेबर के आने की आवाज़ सुनाई दी।

फिर तो हमारा रोज़ का काम हो गया.
लंच होते ही हम एक दूसरे की ओंठों की प्यास बुझाते।

इस तरह कई दिन निकलने के बाद मैंने आगे बढ़ने की इच्छा जताई.

तो उसने मेरी आँखों देखकर कहा- आपको मुझसे शादी करनी पड़ेगी।
मैंने कहा- ये तो असम्भव है.
क्योंकि अभी काफी समय तक शादी वगैरह के चक्कर नहीं चाहता था और न ही कमिटमेंट के लिए तैयार था।

वो कुछ नाराज़ हुई और हफ्तों तक मुझसे बात नहीं की.

बस फिर क्या था, मैंने भी जरूरत नहीं समझी बात करने की।
क्योंकि शादी मैं कर नहीं सकता था और इसके अलावा कोई रास्ता नहीं था।

पर कहते हैं न कि दाने दाने पे लिखा है खाने वाले का नाम।

देखिए किसी भी सम्बन्ध में आपकी कद काठी, सुंदरता मायने रखती हो या न रखती हो, पर आपका व्यवहार मायने जरूर रखता है।

अब हुआ यह कि मेरा व्यवहार अच्छा था! उसके दिल में मेरे लिए जगह थी और सेक्स की इच्छा थी.
इन तीन महत्वपूर्ण स्तम्भों के कारण ये वो ज्यादा दिन दूर न रह सकी!
हमारी प्रेम गाड़ी फिर चल निकली।

वो धीरे धीरे आगे बढ़ने के लिए मान गयी!
मतलब चुम्मा चाटी से आगे दो जिस्म एक जान होने के लिए!

अब बस ऐसे ही दिन गुज़र रहे थे, हमें मौका नहीं मिल रहा था क्योंकि कम्पनी 7 दिन चलती थी और कम्पनी के बाहर समय नहीं था क्योंकि वैसे काम के कारण छुट्टी देर से होती थी।

पर कहते हैं न कि जहां चाह वहाँ राह।
एक दिन किसी निजी कारण से मालिक ने कहा- सभी लेबर की छुट्टी कर दो आज की! पर तुम दोनों रुक जाओ! ऑफिस का काम पूरा करके जाना!

हम दोनों ने मिलकर जल्दी जल्दी ऑफिस का काम निपटाया और अपने लिए 2 घण्टे बचा लिए।

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ऑफिस में एक बड़ी सी टेबल पड़ी थी, उस पर मैंने उसे लेटाया और भरपूर प्यार किया.

फिर सेक्स फिल्मों की हिरोइन की तरह उसे नंगी करके मेज पर लेटा दिया और लन्ड उसके मुंह में दे दिया।

क्या जबरदस्त चूस रही थी … बिल्कुल गले तक ले जाकर!

उसके बाद मैंने उसकी चूत चाटनी शुरू की।
उसकी चिकनी चूत याद करके आज भी दिल मचल उठता है।

मैं उसकी चूत चाटने लगा और वो बिन पानी मछली जैसे तड़पने लगी।
जैसे ही उसकी चूत में उंगली डाली वो उछल पड़ी, बोली- दर्द होता है।

तब मुझे समझ आ गया कि वो कुँवारी थी।
मैं खुश हो गया कि आज तो मुनिया की सील तोड़ने को मिलेगी।

आज भी मुझे सब कुछ याद है।

मैंने टेबल से उसे अपनी ओर खींचा और उसने अपने पैरों को मेरी कमर से लपेट लिया.
वो नहीं जानती थी कि उसे दर्द भी सहना होगा।

और जैसे ही मेरा लन्ड 2 इंच अंदर गया, वो रोने लगी।
पर मैं जानता था कि एक बार हो जाये तो वो खुद चिपक चिपक कर धक्के मारेगी.

मैंने बेरहमी से पूरा 6 इंच अंदर उतार दिया और अपने ओंठों से उसके ओंठ जकड़ लिए।
वरना उसकी चीख न जाने कहां तक जाती।

बस कुछ देर उसको जकड़ कर रखा थोड़ी देर बाद जब वो शांत हुई तो धक्के लगाने शुरू किए।

15 मिनट तक ये ऑफिस गर्ल सेक्स का खेल चलता रहा. वो एक बार झड़ चुकी थी।
वो बोली- आपका हो क्यों नहीं रहा है?
पर मैं जवाब दिए बिना चुपचाप लगा रहा.

15 मिनट बाद मैंने अपना माल उसकी चूत में ही छोड़ दिया और हम दोनों अलग हुए.
उस दिन हमने 3 बार सेक्स किया।

कुछ दिनों बाद मैंने उसकी गांड भी मारी थी.

आप जरूर बताएं आपको मेरी सेक्सी ऑफिस गर्ल सेक्स कहानी कैसी लगी.
अगर रिस्पांस अच्छा रहा तो मैं इस कहानी का बाकी अगला भाग भी लिखूंगा कि उस लड़की की गांड चुदाई मैंने कैसे की।

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