जवान भतीजी की चुदाई

दोस्तों ये बात पिछले तीन साल पहले की है , मेरी उम्र इस समय ३८ साल है ,मेरी साली की एक लड़की है जिसकी उम्र इस समय लगभग 18 साल है ,मेरी साली दीपावली की छुट्टियों से पहले मेरे घर रहने आयी और साथ में उसकी बेटी थी ,उसका नाम प्रिया है ,मेरी साली ने मुझे कहा की जीजा जी ऐसा है सुनो मैं और दीदी तो कल जा रहे हैं शॉपिंग करने , लंच के तुरंत बाद निकलेंगें ,और हाँ अगर आप हो सके तो हाफ डे ले लेना अगर मिला तो वर्ना प्रिया घर पर ही रहेगी ,उस दिन रात को मैं प्लानिंग करता रहा कि प्रिया की चूत कैसे मारी जाये क्योंकि बहुत रिस्क था ,प्रिय का बदन भरा हुआ तो था पर फिर भी एक जवान मर्द के लिए तो वो छोटी ही थी ,मैं पिछले छह महीने से उसे छुप छुप कर देखता था साली के कन्धों तक लहराते काले बाल ,गुलाबी होंठ ,चिकने गोरे गाल ,गोल चेहरा नशीली आँखें ,गोरी कलाई ,घर में वो अकसर टॉप और स्कर्ट में रहती थी कभी कभार जीन्स पहनती थी ,
जब वो हमारे घर आती थी तो डायनिंग टेबल पर खाना परोस कर जाती थी तो उसके आने से ही एक मस्त खुशबु का झोंका मेरी सांसों को तर कर जाता था। तब मेरा मन करता था की साली को कली से फूल बना दूँ पर ये सब इतना आसान नहीं था ,

उसी रात मैंने उसे मौका दख कर कहा प्रिय तू भी अपने लिए जीन्स मंगवा ले अपनी मम्मी से पर मेरा नाम मत लेना ,खैर सुबह हो गयी मैं ओफ्फिस चला गया और दिन में घर आ गया ,

घर पर सिर्फ मेरी साली की लड़की रह गयी थी और मैं ,वो बहुत गुस्सा थी क्योंकि उसकी मम्मी ने उसे जीन्स लेने के लिए मना कर दिया था उस समय दिन के दो बजे थे ,मेरी साली और मेरी घरवाली दोनों उसे रोता हुआ छोड़ कर चले गए थे ,मेरे मन में उसे देख कर ख्याल आया की अगर इसे विश्वास में लिया जाये तो आज इसकी चिकनी चूत मारने का मौका मिल सकता है पर मुझे अपने लण्ड की मोटाई से डर लगता था कि प्रिया की उम्र अभी सिर्फ 14 साल और 8 महीने ही है ऐसे में क्या मेरा लण्ड ले पायेगी ? मेरे लण्ड का साइज तनने के बाद साढ़े पांच इंच था और मोटाई इतनी थी की अंगूठे और साथ वाली ऊँगली के बिच में करीब एक सेंटीमीटर की जगह छूट जाती थी ,ऐसे में मुझे बहुत रोमांच हो रहा था ,

उससे पहले मुझे जब भी मौका मिलता था तो मैं प्रिय को सोते हुए देखता था उसके भोले चेहरे पर एक अजीब सी नादानी रहती थी जब वो इससे पहले हमारे घर आयी हुई थी तो एक दिन मैंने उसके कमरे में जा कर देखा कि वो करवट ले कर लेती हुई थी उसकी स्कर्ट थोड़ी ऊपर उठी हुई थी ,मेरी नजर उसकी चिकनी जांघों पर गयी तो मेरा लौड़ा हरकत में आ गया मेरी बीबी और साली छत पर बतिया रही थी जब मेरे से रहा नहीं गया तो मैंने धीरे से उसकी स्कर्ट ऊपर उठायी तो मुझे उसके मोटे मोटे गोरे चुत्तड़ दिखाई दिए ,उसकी गांड करीब 28 इंच ही रही होगी ,प्रिया उस समय नौवीं क्लास में पढ़ रही थी ,मैंने धीरे से उसकी कच्छी की स्ट्रिप और थोड़ी सी खिंच कर साइड करके उठायी ,आह। … उसकी गांड के छेद पर जैसे ही नजर पड़ी मेरे लौड़े ने अंगड़ाई ली ,छेद का रंग भूरा था और काफी झुर्रियां एक छोटे से गड्ढे में समा रही थी मन तो हुआ की साली की गांड में ऊँगली घुसेड़ दूँ पर मन मारना पड़ा लिया फिर मुझे उसकी जांघों के बीच में एक मांस की काफी मोटी उभरी हुई फांक दिखाई दी ,जिसके बीच में एक चीरा सा लगा हुआ था ,और उस फांक पर छोटे छोटे भूरे रेशे उगे हुए थे। यानि की अभी उसकी झाँटें नहीं उगी थी ,मैंने जल्दी से फ़ोन से उसकी वीडियो बनायीं ,फिर मैंने अपना चेहरा उसकी गांड के करीब किया और एक लम्बी साँस ली ,आह क्या गजब की सेक्सी खुशबु थी कुछ माँस की ,कुछ पसीने की और कुछ पेशाब की ,कुल मिला कर मन हो रहा था कि अपने मोटे लण्ड से प्रिया की चूत फाड् दूँ ,पर ये टाइम ऐसा नहीं था बस उसकी गांड और चूत की खुश्बू से दिमाग तर हो गया ,उसकी माँस की लम्बी फांक के काफी नीचे एक माँस की गांठ दिख रही थी जो काबुली चने बराबर रही होगी ,बाकि कुछ नहीं दिख रहा था। मुझे यही डर था की कहीं मेरी साली और बीबी न आ जाये ? मैंने तुरंत ही न चाहते हुए भी उसके कपडे वैसे ही कर दिए और चुपचाप अपने बैडरूम में लेट गया ,मैंने वीडियो अपनी मेल से अटैच कर दी।

पर इतने दिनों बाद मुझे फिर मौका मिल गया था ,मैंने तुरंत फैसला लिया और प्रिय के कमरे की तरफ जाने से पहले मेन गेट पर ताला जड़ दिया मैं उस समय सिर्फ बनियान और अंडरवियर में था ,मैं जैसे ही प्रिया के कमरे में गया वो सुबक रही थी मैंने प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरा उसने मुझे कहा मौसा जी मेरी बात कोई नहीं सुनता मुझे छोड़ दो ,मैंने उसके गाल थपथपाये और कहा अरे इतनी छोटी सी बात नहीं मानी तेरी मम्मी ने ? बहुत गन्दी है चलो छोड़ मैं लूंगा तेरे लिए जीन्स। बस चुप हो जा अब ,मैंने बैड के किनारे बैठ कर उसे अपनी जांघ पर खींच लिया पहले तो वो सकपकायी फिर नार्मल हो गयी ,

मैंने उसे बहुत आत्मविश्वास के साथ कहा प्रिया तुझे जो भी चहियेगा मुझे चुपचाप बता दिया कर उसने कहा सच मौसा जी ? मम्मी को तो नहीं बताओगे न ? मैंने कहा पगली क्यों बताऊंगा उसे ? हम दोनों को मार पड़ेगी।
मैं धीरे धीरे उसके हाथों और बाँहों पर हाथ फेरने लगा ,और फिर मैं धीरे से झुका और उसके होंठ चूम लिए ,वो अजीब नजरों से मुझे देखनी लगी लेकिन मैंने तुरंत ही कहा अरे प्रिया बता तुझे कितने रूपए वाली जीन्स चाहिए ? तब उसने कहा मौसा जी मुझे बस बहुत अच्छी जीन्स चाहिए
उसके इतना कहते ही मैंने कहा की सुन जो भी बात हमारे बीच में होगी वो बाहर नहीं जानी चाहिए उसने कहा मौसा जी अगर जीन्स दोगे तो सच में किसी को भी नहीं कहूँगी बस ये मेरे लिए इतना काफी था और तभी मैंने धीरे से उसकी दायीं दुद्दी पर हलके से हथेली रख दी ,और सहालयी उसकी दुद्दी बहुत मुलायम थी और लगभग क्रिकेट की बाल थोड़ी सी बड़ी थी उसने समीज भी नहीं पहनी थी उसने मेरा हाथ नहीं हटाया ,फिर मैंने उसकी दूसरी दुद्दी दबायी तो उसने हलके से अपनी कमर हिलायी उसने आँखें बंद कर के कहा मौसा जी जीन्स तो लोगे न मेरे लिए ?
प्रिया को शायद अच्छा लग रहा था मैंने उसे कहा की हाँ तेरे लिए बहुत कुछ लूंगा पर नाप तो दे दे मुझे जीन्स के लिए ,उसने कहा की ठीक है आप नाप ले लो ,मैंने उसे कहा की चल अब खड़ी हो जा वो खड़ी हो गयी और मैंने अलमारी से एक इंच टेप निकाल लिया।
मैंने उसे कहा प्रिया अपना मुँह आगे की तरफ कर ले और तभी मैं इंच टेप लेकर नीचे उकडू बैठ गया मैंने प्रिया को कहा की प्रिया अपनी फ्रॉक उठा तभी तो नाप ले सकूंगा मेरे इतना कहते ही उसने अपनी फ्रॉक जैसे ही ऊपर करी उसकी गोरी जांघें देख कर मेरा हलक सुख गया। ..आह क्या गोरी टाँगें थी ,मैंने दो तीन बार टेप आगे पीछे घुमाया और फिर कहा अरे यार। .. ऐसे तो सही नाप नहीं आ रहा है उसने कहा मौसा जी जल्दी ले लो न कँही मम्मी न आ जाये ? मैंने उसे कहा अरे एक काम कर अपनी कच्छी नीचे कर जल्दी ,वो कुछ सकुचाई और कहा मौसा जी कितनी नीचे करूँ ?
बस उसके इतना कहते ही मैंने उसकी कच्छी की एलास्टिक पकड़ी और उसके चूतड़ों से नीचे खींच दी ,आह साले क्या गजब गोरे गोरे चुत्तड़ थे साली के ?मजा आ गया मैंने इंच टेप से नापने के बहाने उसके चूतड़ों पर हाथ रख दिया और कहा हाँ अब आया मजा और उसके चुत्तड़ दबा दिए वो थोड़ा असहज दिख रही थी ,मैंने उसे कहा प्रिया थोड़ा सा आगे को झुक और बैड पर हाथ टिका ले ,उसके ऐसा करते ही मांस की एक मोटी लम्बी उभरी फांक दिखाई दी ,उस पर कोमल भूरे भूरे रेशे उगे हुए थे ,मेरे सामने निहायत ही जवान चूत तन कर खड़ी थी मेरा लौड़ा सनसनाने लगा था ,मन तो हुआ की साली कि चूत अपने मुंह में भर लूँ पर मैंने बेहद संयम से काम लेते हुए हुए कहा अरे प्रिया ये क्या है तेरी जांघों के बीच में ? उसने कहा मौसा जी मैं यहीं से तो पेशाब करती हूँ आपके भी तो होगी ? मैंने कहा नहीं मेरी नहीं है पर मेरी कैसी है तुझे अभी बताऊंगा जब नाप ले लूंगा तेरी।
मुझे पता था की जवान होती हुई लड़की को अगर एक बार लौड़ा दिखा दो तो वो फिर सब कुछ भूल जाती है। इसलिए मैंने उसे कहा प्रिया एक काम कर पीछे से तो तेरी नाप ले ली अब सीधी खड़ी हो जा और मेरी तरफ घूम जा उसने ऐसा ही किया मैंने झूठ मुठ नाटक किया और फीता उसकी नाभि से लेकर जांघों तक 5 -6 बार ऊपर नीचे किया यहाँ तक कि उसकी एक जांघ तक नापने का बहाना किया और इसी बहाने उसकी गोरी मोटी चूत पर हाथ फेर दिया प्रिया ने अपना एक हाथ मेरे सिर पर टिका दिया था और तभी मैंने देखा की उसकी चूत से बिलकुल पानी की तरह की दो मोटी से बून्द लटकी हुई हैं ,प्रिया गरम हो गयी थी और उसकी बुर पानी छोड़ने लगी थी ,
मेरा लौड़ा भी फूलने लगा था हालाँकि मेरा लौड़ा सिर्फ साढ़े पांच इंच लम्बा था लेकिन काफी मोटा था ,अब टाइम आ गया था की मैं उसे अपना लौड़ा दिखा दूँ क्योंकि उसने ही कहा था की मौसा जी आपकी भी तो होगी न ?
मैंने तभी वो बून्द ऊँगली पर ली और उसके सामने ही ऊँगली अपने मुंह में डाल दी उसने मुझे देखा और कहा अरे मौसा जी ये तो गन्दी बात है मैंने कहा नहीं नहीं अरे मैं तो तेरा मौसा हूँ इसलिए तू गन्दी थोड़े ही है ,और इतना कह कर मैं खड़ा हुआ मेरे कच्छे के किनारे पर गिला पन साफ़ दिखाई दे रहा था ,प्रिया ने कहा अरे मौसा जी आपके कच्छे पर भी तो पानी है मैंने उसकी बात का ध्यान नहीं दिया और अपने अंडरवियर को जांघों तक उतार दिया मेरा आधा तना हुआ मोटा लौड़ा देखते ही उसके मुंह से आह निकल गयी और उसने तुरंत कहा मौसा जी मुझे नहीं देखना कोई आ जायेगा ,
वो देखना भी चाह रही थी और डर भी रही थी मैंने उसका हाथ पकड़ा और कहा ले देख जी भर कर मैंने गेट पर ताला मार दिया है घबरा मत।
और ये कह कर उसके हाथ में लण्ड दे दिया ,वो उसे अपलक निहारने लगी मेरा लौड़ा उसकी मुट्ठी में नहीं समां रहा था ,
मैंने उसका हाथ पकड़ा और कहा कि प्रिय घबरा मत और न ही शरमा ले इसे अच्छी तरह से पकड़ और आगे पीछे कर ,वो मेरे काफी नजदीक आ गयी थी ,उसकी उठती हुई छाती बता रही थी की साली गरम हो गयी है उसकी मुट्ठी की पकड़ बढ़ती जा रही थी ,वो लगातार मेरी आँखों में देख रही थी और मैं उसकी आँखों में ,मेरे मुंह से भी आनंद के मारे सिसकारियां निकलने लगी ,मेरे लौड़े की खाल पीछे जा चुकी थी ,

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जब मुझे पक्का यकीं हो गया की इसे लौड़ा पकड़ने में मजा आ रहा है तब मैंने धीरे से अपनी हथेली उसकी जांघों के बीच में डाल दी और उसकी बुर धीरे से दबायी वो चिहुंक उठी उसने धीरे से आह। .कहा ,उसकी पकड़ मेरे लौड़े पर और सख्त हो गयी थी मेरा लौड़ा कड़क और मोटा हो गया था मेरे लौड़े का अगला गुलाबी हिस्सा बाहर आ कर खिल गया था ,
अब तक सवा दो बज चुके थे मैंने प्रिय को अपनी छाती से चिपका लिया और उसकी बुर सहलाने लगा उसने तभी कहा मौसा जी मम्मी को पता तो नहीं लगेगा न ? मैंने कहा पगली हम दोनों के सिवाय यहाँ कौन है और वैसे भी तेरी मम्मी और मौसी शाम को छह बजे से पहले नहीं आएँगी।
तू चिंता मत कर।
और ये कह कर मैंने अपना अंडर वियर पूरा उतार कर बैड पर फेंक दिया और प्रिया को अपने कंधे पर उठा कर उसे एक बंद पड़े स्टोर की तरफ ले गया उसने कहा मौसा जी मुझ डर लग रहा है मैंने कहा पगली मैं हूँ न और तुझे जीन्स भी तो दूंगा न ?
मैंने उसे शिकार की तरह दायें कंधे पर उठाया उसकी मोटी मोटी गोरी जांघें मेरे दायें हाथ के घेरे में कैद हो गयी थी वो अपनी टाँगें हिलाते हुए कहने लगी मौसा जी मुझे कहाँ ले जा रहे हो आप ?और मैंने उसकी बात का जवाब दिए बिना ही स्टोर का लैच बाएं हाथ से खोला और अंदर पड़े सिंगल बैड पर लिटा दिया ,फिर मैं भी बैड पर उसके साथ लेट गया और उसे अपनी बाँहों चूमने लगा मैंने उसके सुंदर गुलाबी कुंवारे होंठ चूमने शुरू कर दिए.मैंने प्रिया का टॉप बिलकुल ऊपर कर दिया और अपनी बनियान भी उठा दी ,मैंने उसकी गोरी गोरी दुद्धियाँ हलके से अपने मुँह में ली और चूसी ,और फिर अपनी हथेलियों में लेकर धीरे धीरे सहलाई और दबायी आह। . उसकी दुद्धियाँ काफी सख्त हो गयी थीं ,और उनके निप्पल तन गए थे ,फिर मैंने उसके कानों के पीछे चूमा और अपनी छाती का पूरा भर उसके सीने पर डाल दिया ,उसकी छातियों की गर्मी मेरे सीने में समा रही थी उसकी दुद्धियाँ थोड़ी सी फ्लैट हो गयी थी ,

इसके बाद मैंने ज्यादा देर करना उचित नहीं समझा और उसकी कच्छी उतार दी। मैं उसकी जांघों के बीच में उकडू बैठ गया और उसके दोनों चुत्तड़ उठा दिए मैंने अपना मुंह उसकी बुर पर टिका दिया और चुम्मी ली उसने अपने दोनों कोमल हाथ मेरी जांघों पर टिका दिए मैं उसकी चूत कुत्ते की तरह चाटने लगा ,वो लम्बे लम्बे साँस लेने लगी। मैंने उसकी बुर को दोनों अंगूठों से चौड़ा करा आह ,…… साली का खुला हुआ हिस्सा सिर्फ पौन इंच रहा होगा उसका मूत का छेद साफ दिख रहा था और नीचे एक छोटा सा माँस का बटन जो की करीब तीन मिलीमीटर व्यास का रहा होगा। ऐसी सुन्दर कुंवारी चूत देख कर मेरा लौड़ा फुफकारने लगा ,उसकी चूत चिकने पानी से लबालब भर गयी थी ,
मैं अपनी जीभ को उसके दाने से लेकर नीचे उसकी गांड के छेद तक फेरने लगा उसने अपनी फ़्राक उठा दी और खुद ही अपनी चूचियां भींचने लगी,मैंने जल्दी से उसके चुत्तड़ बैड से बाहर की तरफ निकाले और तेजी से तीन उँगलियों से उसकी कोमल और तनी हुई बुर को हिलाया ,ऐसा मैं तब किया करता था जब मुझे शादी से पहले मेरी माँ कहती थी कि राहुल जा गाय का गौंत ठेक कर ला ,और मैं गाय की पूँछ के नीचे तेजी से हिलाता था तो गाय गौंत देती थी ,उसका मांस का दाना फूल गया था वो आह आह कर रही थी और तभी प्रिया ने मूत की मोटी गरम मेरे चेहरे पर मार दी ,लेकिन मैंने उसकी बुर को मसलना नहीं छोड़ा ,और अपना मुंह खोल दिया ,प्रिया ने रुक रुक कर दो धारें और मारी जिन्हें मैं गटक गया ,यही उसकी कमसिन जवानी का प्रसाद था ,उसे मैंने बहुत उत्तेजित कर दिया था इसलिए वो अपना मूत नहीं रोक सकी ,अब मैंने अपनी गीली बनियान भी निकाल दी।

मैंने उसके चेहरे की तरफ देखा उसके गालों पर शर्म की लाली आ गयी थी ,क्योंकि मैंने उसकी वो हरकत देख ली थी जो लड़कियाँ अकेले में करती हैं सबकी नजरों से बच कर पेशाब करना ,
बस यही उचित समय था जब उसके लण्ड घुसेड़ना था ,प्रिया ने अपना एक हाथ अपनी बुर पर रख लिया था और छोटे से दाने को सहलाने लगी उसने अपना दूसरा हाथ से मेरे सिर के बाल कास कर पकड़ लिए थे ,ऐसा लड़की तब करती है जब उसकी लण्ड लेने की बेहद इच्छा हो।

मैंने धीरे से उसे बैड पर टिकाया और अपना मोटा लण्ड उसकी चूत पर घिसने लगा जब मुझे पूरा यकीं हो गया की लण्ड का सूपड़ा एक दम सही जगह है तो ५-6 बार घिसने के बाद मैंने एक हाथ में लौड़ा पकड़ा और दूसरे से उसकी जांघ चौड़ी करी और फिर जैसे ही अपने चुत्तड़ भींच कर कस के धक्का मारा प्रिया की चीख निकल गयी।उसकी आँखों से आँसूं टपक पड़े ,उसके मुंह से बस ये ही शब्द निकले आह मौसा जी मर गयी मैं। …….. पर ये समय उस पर दया करने का नहीं था
सुपाड़ा उसकी बुर में धंस गया था ,उसके चेहरे पर दर्द साफ दिख रहा था पर मैंने जल्दी से उसके गाल थपथपाये। मैंने झुक कर उसकी दनादन चार पांच चुम्मिया ली और कहा बस बस अब दर्द नहीं होगा और फिर धीरे से दुबारा धक्का मारा उसके मुंह से फिर आह निकली बस फिर मैंने रुकना ठीक नहीं समझा बस यही मौका था जब उसके लौड़ा धंसता चला गया।
मैंने उसे पूछा कैसा लग रहा है अब ?
उसने कह मौसा जी अच्छा तो लग रहा है पर आपका बहुत मोटा है। प्लीज धीरे धीरे करो ,और मैंने उसकी बात मानते हुए धीरे धीरे अपने चुत्तड़ हिलाने शुरू कर दिए बस अब कमरे में हम दोनों की ही आवाजें थी मैंने अपने लौड़े पर एक नजर डाली उस पर खून लगा हुआ था प्रिय ने भी देख लिया था उसने मुझे कहा मौसा जी खून निकल रहा है मेरे मैंने कहा अरे घबरा नहीं कुछ नहीं होगा बस मजा ले पहले और फिर हम दोनों के मांस की रगड़ने की आवाज आने लगी जैसे किसी गीले फर्श पर चप्पल रपटती है करीब मेरा लौड़ा दो इंच ही घुसा था मुझे लगा की आगे कोई सख्त गाँठ है मैंने उस पर जोर से धक्का मारा ,प्रिया की आवाज आयी उईई मम्मी ……. असल में उसकी बच्चेदानी के मुँह पर धक्का लगा था ऐसे में लड़की हो या औरत उसे बहुत मजा आता है ,क्योंकि बच्चेदानी अच्छी छितायी मांगती है ,बस फिर तो मैंने उसकी बुर को अपने मोटे कड़क लण्ड से रोंदना शुरू कर दिया ,
मैं अपने मोटे लण्ड को पूरी ताकत से घुसाने में लगा था उसकी चूत के छल्ले खुलते चले जा रहे थे मेरा लौड़ा जबरदस्त मार कर रहा था लौड़ा करीब ५ इंच समा गया था और आधा इंच जो बाहर बचा हुआ था वो और ज्यादा मोटा हो गया था उस पर नसें उभर कर आ गयी थी ,
उसकी चूत मेरा पांच इंच लौड़ा निगल चुकी थी मेरे आंड काफी सख्त हो गए थे और गोलियां ऊपर चढ़ गयी थी ,
,मेरा लौड़ा आधे से ज्यादा घुस चूका था और मैंने भी पूरी ताकत से लौड़ा पेलना शुरू कर दिया था अब प्रिय की आँखें लगभग बंद थी और उसका मुंह हर धक्के में खुल रहा था वो कभी अपने होंठ काट रही थी कभी मेरे बाल जोर से पकड़ रही थी और कभी मेरे सर पर हाथ फेर रही थी। उसकी टाइट चूत की पकड़ इतनी मजबूत थी की मैं बता नहीं सकता। हम दोनों जानवरों की तरह चुदाई करने में लगे थे उसने अपनी टाँगें हवा में ऊपर उठा ली थी उसकी ये अदा देख कर मजा गया और मैंने उसकी दोनों टाँगें पकड़ ली और चुदाई करते करते हुए उसके तलुवे चाटने लगा ,उसकी भूरी गांड का छेद खुलने लगा था और सिकुड़ने लगा ,करीब 12 मिनट हो गए था मेरे लौड़े पर मलाई के चीथड़े जैसे कुछ इकठ्ठा होने लगा था ,और फिर मुझे लगा की बस। …अब नहीं मेरे लौड़ा फिर से फूलने लगा और फिर….फिर…मेरे लौड़े ने अपना मुंह खोल ही दिया ,
मेरे लौड़े ने करीब नौ दस बार उसकी बुर में धारें मारी मेरे चुत्तड़ अभी भी हिल रहे थे पर मेरे लौड़े ने मेरा साथ छोड़ दिया था वो ढीला पड़ गया था। मैं भी थक गया था ,मेरा लौड़ा बुर के दबाव से बाहर आने लगा था क्योंकि अब मेरे लौड़े में कड़क पन नहीं रह गया था पर सुपाड़ा अभी भी बुर के अंदर ही फंसा था मेरा सुपाड़ा सिंघाड़े की तरह था इसलिए मैंने थोड़ा जोर लगाया और घुप्प से जैसे अंदर गया था ऐसे ही बाहर आ गया ,
मैं थक कर पप्रिया के ऊपर लेट गया ,करीब एक मिनट तक हम दोनों अपनी सांसे कण्ट्रोल करते रहे फिर अचानक प्रिया ने मुझे धक्का दिया और कहा मौसा जी अब जल्दी से कपडे पहन लो मम्मी आने वाली होगी ,
मेरी भी जैसे एकदम से नींद खुली मैंने तुरंत उसकी चुम्मियाँ ली और उसे प्यार किया ,मैं जैसे ही उठा उसने कहा मौसा जी खून साफ कर लो पहले मैंने स्टोर के ख़राब कपड़ों में से एक मोटा रुमाल जैसा उठाया और पहले अपना लौड़ा साफ करा फिर उसकी चूत साफ करी।
मैंने उसकी चूतड़ों के नीचे वो ही कपडा लगाया और उसे कहा की जोर लगा उसने जैसे से ही जोर लगाए मेरा गाढ़ा सफ़ेद सफ़ेद मॉल बाहर आने लगा ,उसके साथ कड़ कड़ की आवाज के साथ गाढ़ा वीर्य बाहर निकल रहा था मैंने उसे बताया की ये कुछ नहीं बस मेरा प्यार था जो बाहर आ गया है ,मैंने उसे कहा की प्रिया मूत कर आ जल्दी क्योंकि मैं नहीं चाहता था की उसके पेट में मेरा बच्चा ठहर जाये ,वो पेशाब के लिए जैसे ही सीट के ऊपर बैठी मई भी अपने झूलते हुए लौड़े को लेकर पहुँच गया ,वो मूतने लगी उसकी मोटी धार देख कर मेरा मन खुश हो गया की मेरे लौड़े ने उसका फांकें चौड़ी कर दी हैं ,मूतने के बाद प्रिय उठी और मैं भी उसके पीछे पीछे बैड रूम में ा गया मैंने उसे कच्छी पहनाने से पहलेउसके सुन्दर गोरे चूतड़ों पर एक बार फिर हाथ फेरा तब कच्छी पहनाई ,
मेरा लौड़ा थोड़ा सा सिकुड़ गया था पर मोटाई लगभग वही थी ,और उसकी खाल सुपाड़े के पास आकर अटक गयी थी ,
प्रिय ने मेरे झूलते हुए लौड़े को एक बार फिर देखा और अपनी दोनों आँखें हथेलियों से ढक कर कहा ,छी : आप तो बहुत गंदे हो। मैंने उसे कहा अरे प्रिय क्या हुआ ? वो मेरे सीने से लिपट गयी और बोली ,नाप लेने के बहाने आपने मेरे अंदर पानी छोड़ा न ? असल में वो इतरा रही थी क्योंकि उसकी आग ठंडी जो हो गयी थी मैंने उसके गाल चुम कर प्यार से कहा साली जब तेरी चुदाई हो रही थी तो तब मुझे मना क्यों नहीं किया तूने ?
वो तुरंत मेरी बाँहों से निकल कर किचन की तरफ भाग गयी लेकिन मैंने उसे जाकर पीछे से पकड़ लिया। मैंने उसे कहा प्रिय तू मुझे बहुत अच्छी लगती है उसने भी कहा मौसा जी आप भी मुझे बहुत अच्छे लगते हो। मैंने उसे कहा तू चिंता मत कर मैं तेरे लिए जीन्स जरूर लूंगा कल शाम को उसने कहा अभी मत लेना जब मैं कहूँगी तब लेना ,मैंने उसे कहा अच्छा ठीक है लेकिन आज हम दोनों के बीच जो कुछ भी हुआ किसी को भूल कर भी मत बताना। उसने कहा आप चिंता मत करो मम्मी को या किसी को भी कुछ नहीं बताउंगी ,उसने पूछा की आप मौसी के साथ भी करते हो मैंने कहा उसके साथ मुझे मजा नहीं आता अब ,उसने फिर पूछा की आपने मेरी मम्मी के साथ तो नहीं किया न ऐसा कुछ ? मैंने कहा अरे पगली नहीं ऐस कुछ नहीं किया तेरी मम्मी के साथ।

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मैंने उसे कहा प्रिया अब कब करवाएगी ? उसने कहा मौसा जी अभी रुको अभी तो मैं हूँ यहाँ आपके घर तीन दिन और अगर मम्मी फिर कहीं गयी तो तब करेंगे उसकी बातें सुनकर मेरा लौड़ा फिर से तमतमाने लगा था ,मैंने उसे कहा प्रिय क्यों न एक बार फिर कर लें उसने कहा मौसा जी नहीं मेरा पेट अभी थोड़ा थोड़ा दुःख रहा है ,आज दुबारा नहीं बस। मैंने कहा की ऐसा मैंने क्या करा जो तेरा पेट दुःख रहा है उसने कहा छी : भाई आप तो बहुत ही बेशर्म हो ,मेरा सारा बदन तोड़ कर रख दिया और पूछ रहे हो की दर्द क्यों हो रहा है ?

असल में मेरा लौड़ा चोदते समय एकदम लक्कड़ जैसा सख्त हो जाता है फिर भी मैंने उसे कहा देखूं तेरे कहाँ दर्द हो रहा है इतना कह कर मैंने उसकी कच्छी में हथेली घुसेड़ दी ,वाकई उसकी चूत फूल रखी थी साली की चूत की छितायी जो ढंग से हो गयी थी ,मैंने उसकी बुर में कुर ऊँगली घुसेड़ दी ऊँगली अभी भी थोड़ी टाइट थी पर उसका छेद मैंने हमेशा के लिए खोल दिया था ,उसने कहा आह। .. नहीं मौसाजी अंदर नाख़ून लग जायेगा ,मुझे उस पर दया भी आयी पर अगर लड़कियों पर ऐसे ही दया करते रहेंगे तो वो माँ कैसे बनेंगी ?बस मुझे यही एक डर था की कहीं उसकी बुर का छेद अगर लौड़े के बराबर नहीं खुला तो साली की फट जाएगी और फिर मुझे लेने के देने पड़ जायेंगे पर ऊपर वाले की दया से ऐसा कुछ नहीं हुआ ,
मैंने उसे चाय बनाने के लिए बोला उसने चाय बनायीं और फिर मैंने पेण्ट कमीज पहनी उसने पूछा की मौसा जी आप कहाँ जा रहे हो मैंने उसे कहा की वो दोनों चुड़ैलें आ रही होंगी तो उन्हें देख कर शक होगा की ये ऑफिस क्यों नहीं गया लंच के बाद इसलिए मैं अपने दोस्त के घर जा रहा हूँ ,
प्रिय ने कहा मौसा जी आप बहुत चालाक हो ठीक हो आप जाओ और मैं भी सो जाती हूँ ,मैंने उसे कहा की जब मैं आऊं तो बिलकुल पहले की तरह ही नार्मल रहना। और ये कह कर मैं चला गया और फिर शाम को पांच बजे ऑफिस से आ गया,
देखा तोसब कुछ नार्मल था और उन दोनों को बिलकुल भी भनक नहीं लगी।
अगली बार मैंने कब उसकी चूत में लौड़ा पेल कर अपनी हवस शांत की आगे बताऊंगा।
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