मेरा नाम आदित्य है, मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ. मेरे लिंग की लंबाई पौने छः और छः इंच के बीच है. मैं एक सिंपल सा दिखने वाला लड़का हूँ. ये सेक्स स्टोरी मेरी पहले सेक्स के बारे में है. उस समय मेरी उम्र 19 साल की थी. उस वक्त मैं सेक्स के बारे में बहुत सोचता था.. पर मुझे कभी करने का मौका नहीं मिला था.
एक दिन की बात है.. मैं इंटरनेट पर पर लड़की खोज रहा था. कई दिनों के बाद मेरी बात एक लड़की से हुई. उसका नाम अंजलि था. मैंने उसके बारे में पूछा तो उसने बताया कि वो अहमदाबाद की रहने वाली है. हमारे बीच पहले यूं ही औपचारिक बात होनी शुरू हुई. फिर हमने एक दूसरे को फ़ेसबुक पर फ़्रेंड बना लिया. अब हमारी बात रोज होने लगी. धीरे धीरे हम एक दूसरे के करीब आने लगे. पहले हम अपन पसंद और नापसंद के बारे में बात करते थे, फिर हमने एक दूसरे की पर्सनल लाइफ के बारे में जानना शुरू किया.
मैंने उसके बॉयफ्रेंड के बारे में पूछा.. तो उसने कोई जबाव नहीं दिया. लेकिन उस दिन के बाद उसके बात करने के तरीके में चेंज आना शुरू हो गया.
अब उसने मेरे साथ डबल मीनिंग की बातें करना शुरू कर दीं. इसी तरह कुछ सेक्स चैट करते हुए दिन बीत गए.
फिर उसने मुझे अपने पास मिलने को बुलाया. ये हमारी साधारण मुलाकात भर थी, मैंने अहमदाबाद जाने का अपना रिजर्वेशन कराया. मैं बहुत उत्सुक था कि आगे क्या होगा. अहमदाबाद पहुँचने के बाद मैंने एक होटल में डबल बेड का एक रूम बुक किया, फिर उसे मिलने के लिए एक कॉफ़ी शॉप में बुलाया.
मिलने से पहले मैंने उसके लिए थोड़ी शॉपिंग की. उसे चॉकलेट बहुत पसंद थी तो मैंने उसके लिए दो तीन किस्म की चॉकलेट और एक बुके ले लिया.
पहले तो हम दोनों ही मिलने के लिए बहुत एक्साइटेड थे, लेकिन जब रियल में मुलाकात हुई तो किसी के पास कोई शब्द ही नहीं थे. वो दिखने में बहुत अच्छी थी, उसकी उम्र 18 साल की थी. वो थोड़ी पतली सी थी, लेकिन उसका फिगर मेंटेन था. वो दिखने में बहुत सेक्सी थी, उसका फिगर 28-26-28 का रहा होगा.
उसको देख कर मैं सब कुछ भूल गया कि मुझे क्या बात करनी है. वो दिखने में बहुत ही सुंदर और सेक्सी लग रही थी, आज उसने मेकअप भी बहुत अच्छा सा किया था, तो मैं उसको देखता ही रह गया.
फिर उसने मुझे आवाज़ लगाई- आदित्य..
तब मैं थोड़ा होश में आया और उसे बुके और गिफ्ट दिया.
वो उस टाइम बहुत खुश दिखाई दे रही थी. मैंने उसके हाथों को हल्का सा टच किया. मैं अलग ही दुनिया में खोता जा रहा था. हमने थोड़ी देर तक बातें की, फिर मैंने उसे मूवी चलने का ऑफर किया. पहले तो उसने मना किया, फिर वो मान गयी.
पास के थियेटर में हम गए वहां पर ‘लिपस्टिक ऑन माई बुर्क़ा..’ लगी थी. हमें इस फिल्म के बारे में कुछ पता नहीं था. हमने फिल्म देखना स्टार्ट किया, कुछ ही देर में फिल्म में हॉट सीन स्टार्ट हो गए. हमने एक दूसरे की तरफ देखा, किसी ने कुछ नहीं बोला.. पर दोनों के अन्दर एक आग सी जलनी शुरू हो गयी थी.
मैंने धीरे से उसके हाथ पर अपना हाथ रख दिया और सहलाने लगा. उसको भी मज़ा आने लगा और मेरी हिम्मत बढ़ने लगी. मैंने उसके हाथों पे किस कर दिया, वो थोड़ा सोच में पड़ गयी कि ये सब क्या हो रहा है. लेकिन फिल्म के हॉट सीन अपना कमाल दिखा रहे थे. वो अन्दर से गर्म हो रही थी और कुछ नहीं बोली.
मेरी हिम्मत बढ़ने लगी और मेरा हाथ उसकी चुचियों तक पहुँच गया. अब वो थोड़ा उत्तेजित भी थी और शर्मा रही थी. लेकिन साथ में मज़े ले रही थी. उसकी तरफ से कोई विरोध ना पाकर मैं उसके बूब्स दबाने लगा. इस हरकत ने उसके अन्दर की आग भड़का दी और हमें एक दूसरे के पास ला दिया. मैंने देर ना करते हुए उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए. उसने अपनी आँखें बंद कर लीं और हम एक दूसरे में खोने लगे. उधर मैं उसके मम्मों को दबा रहा था, उसको कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा था. बीच बीच में फिल्म के सेक्स सीन ने उसे बहुत उत्तेजित कर दिया.
थोड़ी देर बाद ब्रेक हो गया और हम एक दूसरे से अलग हो गए. इस तरह से हमारे अन्दर आग लग चुकी थी. फिल्म खत्म होने के बाद हम बाहर आए.
हम दोनों ने डिनर का सोचा. मैंने उसे अपने होटल चलने का ऑफर किया तो उसने मना कर दिया. लेकिन एक दो बार कहने के बाद वो मान गयी.
फिर मैं उसे लेकर होटल आ गया. हम दोनों की आंखों में एक हवस सी थी, पर कोई जाहिर नहीं कर रहा था. मैंने आने के बाद कुछ स्टार्टर ऑर्डर किए और वॉशरूम चला गया. मैं अन्दर ही अन्दर उत्तेजित हो रहा था.
जब मैं बाहर निकला तो मेरा लंड उभरा हुआ दिखाई दे रहा था. तब तक स्टार्टर आ चुका था. हमने स्टार्टर खाया और फिल्म की बातें शुरू कर दीं.
पहले तो हम नॉर्मल बातें ही कर रहे थे. फिर मैंने उसके सिर को पकड़ा और किस करने लगा. वो उसके लिए तैयार नहीं थी. लेकिन धीरे धीरे उसे मज़ा आने लगा और वो साथ देने लगी. उसने जीन्स और टी-शर्ट पहन रखी थी. मेरा हाथ उसके मम्मों को सहलाने लगा और वो कोई विरोध नहीं कर रही थी.
मैंने उसकी टी-शर्ट को निकाल दिया. उसने अन्दर काले रंग की ब्रा पहन रखी थी. उसके छोटे छोटे बूब्स बहुत सुंदर लग रहे थे. मैं उनको देखने के बाद अपने ऊपर कंट्रोल नहीं कर पा रहा था.
मैंने ब्रा के ऊपर से ही उसकी लिटिल लिटिल चूचियों को किस करना शुरू कर दिया. वो भी अब मज़े ले रही थी. उसने मेरी शर्ट और पैंट निकालने को कहा.
मैंने अपने कपड़े एक ही झटके में उतार दिए, अंजलि अभी भी जीन्स में थी. उसने मेरी गर्दन और छाती पर किस करना शुरू किया, मैं और भी उत्तेजित होने लगा. मैंने उसके मम्मों को तेज़ी से दबाने शुरू कर दिए तो उसके मुँह से सिसकारियां निकलने लगीं.
मैंने उसकी जीन्स भी उतार दी और उसे बेड पे लिटा दिया. वो बहुत ही सेक्सी नज़र आ रही थी.
अब वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी और मैं सिर्फ़ अंडरवियर में था. काले रंग की ब्रा पेंटी में वो बहुत ही आकर्षक लग रही थी.
मैंने उसकी ब्रा को निकाल फेंका और उसके मम्मों को चूसना शुरू किया. उसके हिलते चूचे देख कर मुझे लग रहा था कि मैं किसी जन्नत में हूँ.
उसके मम्मों को चूसने के साथ मैं उसकी पेंटी पे हाथ फेर रहा था. अब उसे कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा था. उसने मेरे पीठ पे नाख़ून गाड़ना शुरू कर दिया. इससे मैं और भी उत्तेजित होने लगा. मैंने उसके पेंटी और अपनी अंडरवियर निकाल फेंकी.
अब हम दोनों पूरे नंगे थे. मेरा लंड पूरा खड़ा था और उसकी चिकनी चूत देख कर झटके लगा रहा था. मैंने अंजलि का हाथ पकड़ कर अपने लंड पे रख दिया. वो थोड़ा घबराई, शायद वो पहली बार किसी का लंड छू रही थी.
मैंने उसके मम्मों को दबाना जारी रखा. उसकी चूत से पानी निकल रहा था. मैं अब धीरे धीरे नीच बढ़ने लगा. उसकी नाभि पे किस करने लगा. वो बहुत ही उत्तेजित हो रही थी, उसके मुँह से चुदास से भरी सिसकारियां निकल रही थीं. अब मुझसे भी कंट्रोल नहीं हो रहा था. वो मेरे लंड को पकड़ कर सहला रही थी. मैं उसकी चूत के पास पहुँचा और उस पर किस कर दिया.
उसका पूरा शरीर कांप उठा. मैंने धीरे धीरे उसकी चूत को सहलाना शुरू किया.. चुत बहुत टाइट थी. मैंने अपने अंगूठे से चुत की चारों तरफ सहलाना शुरू किया. उसने अपनी आँखें बंद कर लीं. उसे मज़ा आ रहा था. उसकी चूत बहुत गीली हो चुकी थी.
अब मैंने एक उंगली धीरे से उसकी चूत में घुसाना चाहा, वो बहुत कसी हुई बुर थी. वो मेरी उंगली के घुसने के कारण एकदम से चिहुंक गयी.
मैंने फिर से उसके चुचे दबाने शुरू कर दिए और थोड़ी देर के बाद फिर से उंगली डालने की कोशिश की. अबकी बार चूत गीली होने की वजह से और उसके मानसिक रूप से तैयार होने की वजह से मेरी उंगली थोड़ी सी अन्दर चली गयी. मैं उंगली को अन्दर हल्के हल्के अन्दर बाहर और चारों तरफ घुमाने लगा. उसे भी अच्छा लग रहा था. उसकी चूत पावरोटी की तरह फूल गयी थी.
अब मैंने उसे चित लिटा कर उसकी टांगें फैला दीं और अपना लंड उसकी चूत के ऊपर रगड़ने लगा. हम दोनों काफ़ी उत्तेजित हो गए थे. थोड़ी देर लंड चुत पर रगड़ने के बाद मैंने अपने लंड को उसकी चूत में घुसेड़ना शुरू किया. उसकी चुत बहुत टाइट थी इसलिए मेरा लंड फिसल गया.
दोबारा मैंने कोशिश की तो अंजलि ने साथ दिया उसने अपनी टाँगों को थोड़ा उठाते हुए फैलाया. मेरा लंड एक इंच अन्दर घुस गया और उसके मुँह से एक तेज चीख निकल गई. मैंने तुरंत ही उसका मुँह अपने हाथों से बंद कर दिया. वो बिल्कुल कुँवारी थी. ये मेरा भी पहली बार था, मुझे भी दर्द महसूस हुआ. लेकिन अन्दर चूत की गर्मी से ये कम होने लगा.
हम दोनों दो मिनट तक ऐसे ही पड़े रहे. मैंने उसके मम्मों को चूसना शुरू कर दिया. अब वो दोबारा उत्तेजित होने लगी. मैंने उसकी कमर के नीचे अपना एक हाथ लगाया और लंड को धीरे धीरे हिलाने लगा. उसे अब ज़्यादा तकलीफ़ नहीं हो रही थी. थोड़ी ही देर में वो मेरा साथ देने लगी.
अब मेरा सारा शरीर मस्ती से चुदाई कर रहा था. मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से चूस रहा था और एक हाथ से उसके मम्मों को दबा रहा था और मेरी कमर अपना काम कर रही थी. मेरी स्पीड बढ़ने लगी और अंजलि अपने चूतड़ को नीचे से उछालने लगी.
हम दोनों एक अलग ही दुनिया में थे. जैसे लग रहा था कि भगवान ने ये पल सबसे आनन्दित पल बनाया है. उसकी अन्दर की गर्मी मेरे ऊपर हावी होने लगी मेरी स्पीड बढ़ती जा रही थी और नीचे से अंजलि पूरा साथ दे रही थी.
अब मैं अपनी चरम सीमा पर था और तभी मेरे अन्दर का लावा फूट पड़ा. मैं झटके देने लगा. मेरे वीर्य की गर्मी पाकर अंजलि भी मुझे अपने अन्दर समेटने लगी. उसकी चुत ज़ोर से सिकुड़ने लगी. मुझे ऐसा लग रहा था कि ये पल यहीं ठहर जाए. हम दोनों अपनी चरम सीमा पर पहुँच चुके थे. मैं और अंजलि दोनों बहुत खुश थे. मैंने उसे किस किया वो बहुत खुश थी. हम एक दूसरे को अपनी बांहों में लिये वैसे ही लेटे रहे और हमारी आँख लग गयी.
एक घंटे बाद फिर हम जागे तो अंजलि मेरी छाती पे किस कर रही थी. फिर हमने एक बार और इस सुख का मजा लिया. इस बार वो मेरे ऊपर आकर मुझे अपने आगोश में लिया. हमने दोनों ही बार बहुत एंजाय किया.
अब रात होने वाली थी. मैंने उसे आई-पिल और एक पेन किलर ला कर दिया. और उसे घर छोड़ कर आया.
वो बहुत खुश थी. इसके बाद हम एक दो बार और मिले, पर कभी समय नहीं मिल पाया कि उसके संग और चुदाई की जा सके.
आप चाहें तो मुझे मेरी कहानी पर अपने विचार भेज सकते हैं.
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