गांद चुदाई का चस्का

Indian Sex Story Gaand Chodne Ka Chaska हेलो दोस्तो मैं दीपक हूँ. मेरी उमर 20 साल है और मैं कॉलेज मे बि.ए की स्टडी कर रहा हूँ. मुझे लड़कियो मे कम और आंटी और खास कर भाभियो मे ज़्यादा इंटेरेस्ट है. मुझे भाभियो की गॅंड और बूब्स बहोत आछे लगते है.

आप को तो पता ही है इस उमर मे आकर लड़को का क्या हाल होता है रात को तो वो बिना अपने लंड का पानी निकाले सोते ही नही है. और सोएँ भी कैसे उन्हे नींद ही नही आती बिना लंड को सुलाए.

दोस्तो मेरा भी कुछ ऐसा ही हाल है मेरे मोहल्ले मे अभी अभी पिछले साल एक साल मे करीब 7-8 भाभीया आ चुकी है. और मेरा उन सब से बहोत अछी बोल चाल है. अगर उन्हे कोई काम करवाना होता है तो सब से पहले वो अपने दीपक देवर को ही याद करती है. अभी 4 महीने पहले ही मेरे पड़ोस मे मेरे एक भैया की नयी नयी शादी हुई है. और अभी अभी वो अपने हनिमून से वापिस आए है.

दोस्तो मेरी वो भाभी तो पूरी कयामत है मैं उसकी गॅंड का दीवाना बन चुका हूँ. पहले दिन से उसके और मेरे बीच नैन मटका चल चुका था. और पहले दिन से ही मेरी नज़र उसकी गॅंड पर थी. मैने अपनी लाइफ का एम सेट कर लिया था की अब इस दुनिया मे आया हूँ तो कोमल भाभी की गॅंड मार कर ही जाउन्गा. दर-असल दोस्तो उसका नाम कोमल है.

एक रात मैं अपने कमरे मे सोने की कोशिश कर रहा था पर मुझे नींद नही आ रही थी. उस रात मेरा नेट पॅक भी ख़तम हो चुका था वरना मैं तो कोई अछी सी ब्लू मूवी देख कर अपने लंड का पानी निकाल कर सो जाता पर नेट ना होने की वजह से ऐसा ना हो पाया.

इस लिए मैं अपने कमरे से बाहर हवा खाने के लिए निकल गया. रात के करीब 12 बज चुके थे. मैं जैसे ही अपने घर के आँगन मे आया तो मैने सामने अपने भैया के कमरे मे लाइट जली हुई देखी. मेरे मन मे ना जाने क्या आया मैं उनके घर की तरफ चला गया और उनके कमरे की विंडो जहा से लाइट आ रही थी उसके पास चला गया.

मेरे दिमाग़ मे था की भैया अपने ऑफीस का काम कर रहे होंगे. मैने चुपके से विंडो मे देखा तो मेरे होश उड़ गये. मेरी आँखो के सामने कोमल भाभी उलटी लेटी हुई थी और भैया उनके पुठो के उपर बैठ कर उनकी कमर की मालिश कर रहे थे. क्या कमाल का सीन चल रहा था. मेरा लंड भाभी के नंगे जिस्म को देखते ही खड़ा हो गया. भाभी की गोरी और चिकनी गॅंड उपर को उठी हुई थी. भैया उनकी गॅंड की मालिश कर रहे थे और तभी उन्होने अपनी एक उंगली भाभी की गॅंड मे उतार दी और भाभी बोली – आहह ककककक आहह ज़रा धीरे डालो प्लीज़ दर्द होता है.

भाभी को दर्द हो रहा था पर उनके चहरे से ऐसा लग रहा था मानो उनको इसमे खुशी मिल रही है. फिर भैया थोड़े से नीचे आए और भाभी की गॅंड को अपनी जीब से चाटने लग गये. गॅंड पर भैया की जीब महसूस होते ही भाभी के मूह से मस्ती से भरी आवाज़ें आने लग गई. फिर भैया ने भाभी की टाँगे खोल दी और भाभी की गुलाबी चूत को भी चाटने लग गये. अब चूत को गिल्ला कर के चाटने का प्रोग्राम शुरू हो गया था. ये सब देखकर तो मेरे पैजामे मे तंबू बन चुका था.

अब भैया ने भाभी को सीधा कर लिया और भाभी की दोनो टाँगे फैला कर उनकी चूत मे अपनी जीब डालने लग गये भाभी की हालत देखने वाली थी उनके मूह से आहह आहह उफ्फ्फ की आवाज़ें आना बंद नही हो रही थी. भैया भाभी की चूत के उपर झाट के बालो को अपने होंठो मे ले कर खींच रहे थे.

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इससे भाभी और भी मस्त होती जा रही थी. फिर भैया ने अपनी टाँगे भाभी के मूह की तरफ कर ली और अपना लंड भाभी के होंठो पर रख दिया. भाभी ने झट से भैया का लंड अपने मूह मे ले लिया और चूसने लग गई सच मे बहोत ही कमाल का सीन चल रहा था मेरा लंड फटने को हो रहा था. नीचे भैया अपनी जीब से भाभी की चूत को चोद रहे थे और उपर अपने लंड से भाभी का मूह.

अब मेरा लंड ने थोड़ा थोड़ा अपना पानी निकालना शुरू कर दिया था. मेरा दिल तो ये कर रहा था की अभी अंदर जाउ और भैया को साइड कर के भाभी को मैं ही चोद दू. भाभी अब पूरी मदहोश सी होती जा रही थी और नशे मे लग रही थी और ज़ोर ज़ोर से अपना सिर उपर नीचे कर के भैया का लंड अपने गले तक ले रही थी. अब कमरे मे गुऊु गुउुउ की आवाज़ें आ रही थी. भाभी ने अब भैया का लंड पूरा खड़ा कर दिया था इस लिए अब भैया ने अपना लंड बाहर निकाल लिया और भाभी की दोनो टाँगो के बीच आकर बैठ गये.

भैया ने अपने लंड को भाभी की चूत पर सेट किया और ज़ोर ज़ोर से भाभी को चोदने लग गये. करीब 10 मिनिट चूत चुदवाने के बाद भाभी बोली – क्या अब चूत ही मारते रहोगे गॅंड भी मार लो अब, उस टाइम तो बहोत चाट रहे थे.
भाभी की बात सुनते ही भैया ने अपना लंड चूत मे से निकाला और भाभी की टाँगे उपर कर उनकी गॅंड पर सेट कर दिया. भैया ने ज़ोर से धक्का मारा और लंड उनके जोरदार धक्के के साथ ही अंदर चला गया और भाभी एक दम चिल्ला उठी. भैया ने सिर्फ़ 5-4 मिनिट ही भाभी की मस्त गॅंड मारी और फिर अपना लंड बाहर निकाल कर अपने लंड का सारा पानी भाभी के पेट पर गिरा दिया.

अब मैने वाहा खड़े हो कर क्या करना था इस लिए मैं जैसा वाहा गया था वैसेही वापिस आ गया. पर मेरी आँखों के सामने भाभी की मस्त गॅंड घूम रही थी जिस वजह से उस रात मैं सो ही नही पाया मैने सारी रात जागकर ही निकाली.

अब मुझे बस भाभी की गॅंड मारने का मौका चाहिए था मैं उसकी गॅंड मारने के लिए कुछ भी कर सकता था. आख़िर भगवान ने मेरी सुन ली उस दिन मैने सुबह सुबह उसके घर के सारे मेंबर को तैय्यार होकर जाते हुए देखा पर उसमे कोमल भाभी नही थी.

मैं समझ गया की आज भाभी घर पर अकेली थी. मैं जल्दी से अपने घर गया और नहा धोकर मैने अपने लंड के बाल भी सारे सॉफ कर लिए और आछे से तैय्यार होकर मैं भाभी के घर चला गया. मैं सीधा घर मे घुस गया और भाभी के बेडरूम मे चला गया. क्योकि मुझे पता था की आज घर पर कोई नही है इस लिए मुझे डरने की कोई ज़रूरत नही है.

मैं जैसे ही कमरे के अंदर घुसा तो मेरे सामने भाभी नहाकर आई थी उन्होने सिर्फ़ अपने जिस्म पर एक टॉवेल पहना हुआ था. मेरा मूह उन्हे इस रूप मे देखते ही खुला का खुला रह गया. भाभी पहले दिन से ही जानती थी की मेरी नज़र उनपर टिकी हुई है.

भाभी मेरे लंड की तरफ देखकर मुस्कुराते हुए बोली – आज घर पर कोई नही सब के सब शादी मे गये हुए हैं वो सब रात को ही आएँगे मैं घर मे अकेली हूँ.

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मैं – हान भाभी मैं जानता हूँ और आज तो आप बॉम्ब लग रही हो.

भाभी फिर से मुस्कुराती हुई बोली – क्या आज इतनी तारीफ, आज ऐसा क्या देख लिया मुझ मे तूने.

तभी मैने मौका देखते हुए कह दिया – भाभी वो सब छोड़ो बस आज आप अपने देवर की एक छोटी सी दिली तमन्ना पूरी कर दो बस.

भाभी – ऐसी कोन सी तमन्ना है बताओ ?

मैं बोला – भाभी मुझे आप की पीछे वाली गोल गोल जो बाहर को निकली हुई है और जब आप चलती हो तो वो सब से ज़्यादा ख़तरनाक लगती है. मुझे वो चाहिए उसके अंदर मुझे अपना लंड डालना है बस. अगर मैं सॉफ सॉफ कहूँ तो मुझे आप की गॅंड चाहिए भाभी. प्लीज़ भाभी बस एक बार दे दो मैं अपनी पूरी जिंदगी आप की गुलामी करने को तैय्यार हूँ.

ये कहते ही ना जाने मुझे क्या हुआ मैने आगे जा कर भाभी को अपनी बाहों मे भर लिया और उठाकर बेड पर गिरा दिया जिससे उनका टॉवेल खुल गया और ज़मीन पर गिर गया. अब भाभी मेरे सामने ब्रा और पैंटी मे थी. मैने ज़्यादा देर ना करते हुए भाभी की कमर मे हाथ डालते हुए उनकी ब्रा खोल दी. और अब मेरे सामने भाभी गोरे मख्खन जैसे मुलायम बूब्स मे थी जिसे मैं पागलो की तरह चूस रहा था. साथ ही मैने बीच बीच मे मैं उनके लिप्स भी चूस रहा, उनके बूब्स और लिप्स दोनो पूरे गुलाबी थे जिसमे मानो रस भरा हो और जिसे मैं चूस चूस कर पीने मे लगा हुआ था.

तभी भाभी मुझे रोकती हुई बोली – देवर मेरे, अब इन्हे छोड़ो मेरी पैंटी उतारकर मेरी चूत को चाटो तुम.

भाभी की बात सुनते ही मैने भाभी की पैंटी उतार दी और खूब आछे से उनकी चूत को चाटना शुरू कर दिया. मेरी मूह की थूक से उनकी चूत पूरी भर चुकी थी फिर मैने उनकी गॅंड के नीचे एक पिल्लो रखा और फिर उसकी ब्राउन गॅंड को चाटना शुरू कर दिया. मेरे गॅंड चाटने से भाभी के जिस्म मे करेंट सा धौड़ने लग गया. उनके मूह से ज़ोर ज़ोर से आ आ की आवाज़े आनी शुरू हो गई.

अब मैने भाभी की दोनो टाँगे उपर उठा दी जिससे मेरा लंड आराम से अंदर घुस जाए. मेरा लंड पूरा खड़ा हो चुका था इस लिए मैने अपना लंड उनकी गॅंड के छेदपर सेट किया और जोरदार धक्का मार कर अपना लंड पूरा एक बार मे उनकी गॅंड की जड़ तक पहोचा दिया और भाभी को शुरू मे बहोत दर्द हुआ पर फिर कुछ देर मे ही वो भी बड़े मज़े मे अपनी गॅंड की चुदाई करवाने लग गई. अब मैने अपनी दो उंगलिया उनकी चूत मे डाल दी जिससे भाभी को अब दोगुना मज़ा आना शुरू हो गया. और अब वो उछल उछल कर मुझसे अपनी गॅंड चुदवाने लग गई.

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करीब 30 – 35 मिनिट मैने उनकी गॅंड को चोदा और आख़िर मे मैने अपने लंड का सारा पानी उनकी गॅंड मे भर दिया. अब हम दोनो थक चुके थे मैं उनके उपर ही लेट गया और फिर हम दोनो रात के 9 बजे तक चुदाई का प्रोग्राम जारी रखा. और आज हालात ये है की अगर हफ्ते मे भाभी मुझसे एक बार अपनी गॅंड ना चुदवा ले तब तक उन्हे शांति नही मिलती.

तो दोस्तो ये थी मेरी पहली गॅंड चुदाई जिसमे मैने अपनी पड़ोस की भाभी को चोद डाला. मुझे उम्मीद है आप को मेरी ये कहानी पसंद आई होगी, अपना फीडबॅक ज़रूर देना मेरी मैल आईडी है