शादी में गर्म माल की चुत गांड चुदाई का मजा

इंडियन हॉट सेक्सी गर्ल सेक्स कहानी मेरे दोस्त की बहन की सहेली की चुदाई की है. मैं दोस्त की शादी में गया था. वहां उसकी बहन की सहेली से मुलाक़ात हुई.

दोस्तो, मैं डेविल एक बार फिर आप सब लोगों के सामने हाजिर हूँ. ये मेरी दूसरी सेक्स कहानी है.

मेरी पहली कहानी
किस्मत से मिली चुदाई की जॉब
दो साल पहले आयी थी, जिसे आप लोगों ने बहुत प्यार दिया था. उसका अनेक अनेक शुक्रिया. मैं आशा करता हूँ कि ये सेक्स कहानी भी आपको पसंद आएगी.

जिनको मेरे बारे में पता नहीं है, मैं उनको बता दूँ कि मैं हरियाणा में रहता हूं.
मुझमें न जाने ऐसा क्या है कि लड़कियों को मुझसे फंस जाने में जरा भी देर नहीं लगती है.

भाईयो मुझसे कुछ गलती हो जाए, तो माफ करना … क्योंकि मैं कोई प्रोफेशनल लेखक नहीं हूँ. बस जो मेरे साथ हुआ, वो लिख रहा हूँ. ये एक सच्ची इंडियन हॉट सेक्सी गर्ल सेक्स कहानी है.

पिछली बार सर्दी के दिनों में मेरे दोस्त की शादी थी और इस सेक्स कहानी की नायिका मुझे वहीं मिली थी.
उसका नाम अवनि रख लेते हैं.

अवनि एक तराशे हुए बदन की मल्लिका थी.
उसके गुलाबी होंठ, पतली कमर, बड़े बड़े बूब्स और उठी हुई गांड ऐसी थी कि जो भी उसे नजर भर कर देख ले, तो बस उसी पल उसे चोदना चाहे.

मैं जब अपने दोस्त की शादी में गया तो वहां मुझे सभी लोग काफी दिनों बाद मिले थे.
आंटी को नमस्ते करके मैं अंकल के पास आया और अंकल से मिला.

फिर दोस्त की उस बहन रिंकी से मिला, जिसे मैं पूव में चोद चुका हूं.

दोस्त की बहन रिंकी की चुदाई की कहानी मैं बाद में बताऊंगा.
पहले इस मल्लिका अवनि की चुदाई का मजा ले लेते हैं.

मैं दोस्त की बहन से मिला ही था कि तभी ये मल्लिका दिख गई.
रिंकी से पूछने पर पता चला कि ये मेरे दोस्त के मामा की लड़की है.

उधर शादी के माहौल में सब बिजी थे.

शाम को ठंडक गहरा गई थी.

कुछ देर बाद लड़की वालों की तरफ से लगन पत्रिका आयी.
उसको खोलने की विधि आरम्भ हो गई.

कुछ देर बाद बाजू में संगीत बजने लगा और डीजे पर नाच गाना शुरू हो गया.
हम सब मिल कर डीजे की धुनों पर डांस करने लगे.

इमरान हाशमी का सांग बजने लगा था.

‘तू ही मेरी सब है … सुबह है, तू ही मेरी दुनिया …’

इस गाने पर मैं मस्त होकर डांस किया.

डांस के बाद ठंड लगने लगी, तो मैं दोस्त की बहन रिंकी, अवनि, एक आंटी और मेरा दोस्त, हम सभी लोग बैठ कर मजा लेने लगे.

उस समय हम सभी तंदूर की भट्टी के पास बैठे थे.

हम सब कुछ इस तरह से बैठे थे कि रिंकी ओर अवनि मेरे अगल बगल थीं.
दोस्त और आंटी सामने थे.

हम ऐसे ही इधर-उधर की बातें कर रहे थे.

तभी अवनि का पैर मेरे पैर से आ टकराया. चूंकि पास में बैठे ही थे, तो ये मुझे स्वाभाविक सा लगा.

पहले मैंने ध्यान नहीं दिया क्योंकि सामने आंटी और दोस्त बैठे थे तो मेरी कुछ फट भी रही थी.

दोबारा से जब अवनि ने फिर से अपना पैर लगाया तो मैंने उसकी तरफ देखा … वो मुस्करा दी.

उसकी उस मुस्कान से मैं घायल हो गया. उसकी वो कातिल मुस्कान मुझे आज भी याद है.

उस पल मुझे ऐसा लगा कि बस अब और कुछ पाना बाकी नहीं है.
अन्दर तक मन हरा-भरा हो गया.

ऐसा लगा कि जैसे किसी ने बाग में मुरझाये फ़ूल को पानी दे दिया हो, बिना मौसम बरसात हो गयी हो.

अगर उस पल ‘एक लड़की को देखा, तो ऐसा लगा …’ वाला गाना सुनने को मिल जाता, तो जो होता … समझो मेरी वही दशा हो गई थी.

शायद आप मेरी फीलिंग को समझ सकेंगे.
सच में मैं ब्यान ही नहीं कर सकता कि वो पल मुझे कैसा सुखद लगा था.
बस मन किया कि यहीं पटक लूं इसे … और इसके मुँह में अपना लंड पेल दूँ. लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं.

मैं सोचने लगा कि अवनि को शायद रिंकी ने मेरे बारे में बताया होगा कि बंदा बिस्तर में बड़ी काबलियत से चुत गांड फाड़ता है.

फिर रात को जब सब सोने जा रहे थे तो अवनि ने मुझे एक पर्ची पकड़ा दी, जिसमें उसका नंबर और 20 मिनट बाद कॉल करने के लिए लिखा था.

मैंने 20 मिनट बाद उसे कॉल किया, तो वो कॉल उठा कर बिना हैलो बोले सीधे बोली- ऊपर वाले स्टोर रूम में आ जाओ … और देख कर आना, कोई देख न ले.

ये सुनकर मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा.

रात को 12 बजे सब थके हुए थे तो सो रहे थे.

बस हम दोनों जागे हुए थे क्योंकि हमको चुदाई की वजह से नींद नहीं आ रही थी.
उसे लंड चाहिए था और मुझे चूत … तो दोनों वासना के वशीभूत होकर सुधबुध खोए हुए उस पल का इन्तजार कर रहे थे.

मैं इधर उधर देखते हुए सीढ़ियों से ऊपर गया कि कोई देख ना ले.

वहां एक स्टोर रूम था, जो बिल्कुल खाली था और वो अकेली थी. वो उधर मेरा ही इंतजार कर रही थी.

ऊपर जाते ही उसने गेट बंद किया और हम दोनों बैठ गए.

अब किसी के आने का डर तो था नहीं, न ही चुदाई की जल्दी थी क्योंकि दोनों को पता था कि चुदाई तो होगी ही.
तो जल्दबाजी में हम दोनों मजा खराब करना नहीं चाहते थे.

पहले हम दोनों में बातचीत होना शुरू हुई. नाम क्या है, क्या करते हो, कहां से हो यही सब नार्मल बातें होने लगीं.

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फिर उसने बताया कि मैं इमरान हाशमी की बहुत बड़ी फैन हूँ. जब तुम इमरान के गाने पर डांस कर रहे थे, तभी से मैं तुमसे मिलना चाह रही थी.

ऐसे ही बात करते हुए उसने अचानक से मुझे किस किया और दूर हो गई.

अब उसने शुरुआत कर दी थी, तो आगे की गाड़ी मुझे ही चलानी थी.

मैंने एक हाथ से उसके दोनों गाल पकड़ लिए और अपनी तरफ खींच कर उसे लिप किस करना शुरू कर दिया.

मैं उसके नीचे के होंठ को अपने होंठों में लेकर चूसने लगा.
वो भी साथ दे रही थी लेकिन खुद से नहीं चूम रही थी.

कभी मैं उसके नीचे का होंठ चूसता … तो कभी ऊपर का. किस करते हुए मैं उसके बूब्स को सूट के ऊपर से ही दबाने लगा.

कुछ देर बाद हम दोनों थोड़ा अलग हुए और हम दोनों ने ही अपने अपने कपड़े उतार दिए.

चूंकि इस समय हम लोग जिधर थे वो एक स्टोर रूम था. हमें डर भी था कि हमारे कपड़े खराब न हो जाएं.

कुछ ही पलों में हम दोनों ऊपर के कपड़े उतार कर अधनंगे हो गए थे. हमारे बदन पर सिर्फ अंडरगारमेंट्स बचे थे.

मैंने उसकी ब्रा पैंटी भी उतार दी और खुद भी नंगा हो गया.

अब मैं उसे बालों से पकड़ कर किस करने लगा और एक हाथ से उसके मम्मों को दबाने लगा.

किस करते हुए मैं उसके होंठों को हल्का हल्का काट रहा था और जीभ को मुँह में लेकर चूसने लगा था.

उसके बाद मैंने अवनि की गर्दन पर किस किया, तो वो इस्स इस्स करने लगी. फिर मैं उसके एक दूध को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और निप्पल खींच कर काटने लगा.

वो मस्त होने लगी और उसके मुँह से गर्म आवाजें निकलने लगीं- आआह … और जोर से चूसो … आह और जोर से मसलो!

जब वो ऐसा कहने लगी तो मैं और भी ज्यादा जंगली हो गया.
कुछ ही समय में उसके दोनों मम्मे अनार से लाल हो गए थे.

मैं आपको बता दूँ आप अपने पार्टनर को जितना फोरप्ले में गर्म कर सकते हो, उतना ही आपको सेक्स में मजा आएगा.

उसके दोनों मम्मों को मैं जोर जोर से काटते हुए चूसने लगा और मसलने लगा.
वो बस ‘आह ऊम्म्म …’ करने में लगी थी.

उसके मम्मों की मां चोदने के बाद मैं नीचे आ गया और उसके पेट पर किस करने लगा.

अवनि की गहरी नाभि में मैंने अपनी एक उंगली घुमाई और जीभ की नोक से नाभि को चाटा तो वो सिहर गयी.

मैं कुछ देर तक उसकी नाभि से खेलता रहा और मेरा हाथ चुत पर आ गया.

अपने एक हाथ से मैं उसकी चूत के दाने को रगड़ने लगा.

अपनी चुत पर प्रहार होते ही वो नागिन की तरह बल खाने लगी और छटपटाने लगी.

वो लेट गई तो मैंने उसके दोनों पैर ऊपर कर दिए और हाथ से चूत को दबा लिया. वो छटपटा उठी और मैंने एक उंगली उसकी चूत में डाल दी.

उसने अपने पैर खोल दिए और मैं उंगली को चुत के अन्दर बाहर करने लगा.

कुछ ही देर में उसकी आंखें वासना से तप्त हो गईं और मुझे समझ आ गया कि लौंडिया लंड मांग रही है. मगर अभी तो खेल शुरू हुआ था.

अब मैंने उसे अपने ऊपर इस तरह से बिठाया कि उसकी चुत मेरे मुँह पर आ गई थी और खुद को आगे की तरफ झुका कर अपना लंड उसके मुँह में लगा दिया था.

वो मजे से लंड चूस रही थी और मैं उसकी चूत के अन्दर जीभ डाल कर चुत चूसने लगा.

लंड चूसते हुए वो ‘उम्म मम्म उम्मम्म …’ करने लगी और अपनी चूत को उसने मेरे मुँह पर एकदम से जमा सा दिया.
उसकी इस हरकत से एक बार को तो मेरी सांस ही बंद हो गयी.

हम दोनों 10 मिनट तक एक दूसरे के लंड चूसते चाटते रहे.
इसके बाद दोनों का पानी निकल गया और दोनों ने चूस कर एक दूसरे को साफ कर दिया.

दोस्तो, सेक्स करते टाइम कभी जल्दीबाजी न दिखाओ, जितना आराम से और जितना रिलैक्स करके आप सेक्स करोगे, उतना ही आपको मजा आएगा और आपको टाइम ज्यादा मिलेगा.

कुछ देर बाद लंड महाराज फिर से जागने लगे तो मैंने फिर से अवनि को किस करना शुरू कर दिया.
वो भी मेरा बराबर से साथ दे रही थी.

उसकी चूत भी गीली हो गयी और वो चुदने को तैयार हो गयी.

मैंने उसे चित लेटाया और उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रख कर चूत की फांकों को लंड से रगड़ने लगा.

जब उससे सहन न हुआ तो वो खुद लंड को पकड़ कर अपनी चुत में घुसाने लगी.

मैंने भी दाब दे दी, तो एक बार में ही मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया.

उसके मुँह से आवाज निकलती, उससे पहले मैंने उसका मुँह हाथ से बंद कर दिया और लंड को चुत के अन्दर बाहर करने लगा.

वो बेहद कसमसा रही थी मगर कुछ कर नहीं पा रही थी.

जब वो थोड़ी देर बाद रिलैक्स हुई, तो मैंने हाथ को हटा दिया और उसे चोदने लगा.

वो ‘ऊऊम्म्म आह इस्स उहह …’ करने लगी.

धीरे धीरे मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और धकापेल चोदने लगा.
कोई 20 मिनट तक अवनि की चुत चोदने के बाद मैंने लंड को बाहर निकाला और उसके मुँह में दे दिया.

वो भी सड़कछाप कुतिया की तरह लंड चचोरने लगी और मैंने अपने लंड का सारा माल उसके मुँह में निकाल दिया.

झड़ने के बाद हम दोनों लेट गए.

मैंने पूछा- कैसा लगा?
उसने मुझे बताया कि बहुत मजा आया. तुम बहुत हार्ड हो. तुम्हारे साथ सेक्स में मैं दो बार झड़ गयी थी.

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मैं हंस दिया और एक दूसरे से लिपट कर हम प्यार करने लगे.

कुछ देर बाद हम दोनों ने एक राउंड और लगाया.
इस बार मुझे उसकी गांड को भी चोदना था.

अब समस्या ये थी वो पहली बार गांड चुदवा रही थी और वहां कोई तेल आदि भी नहीं था.

मैंने उसको किस करके, बूब्स दबा कर, चूस कर गर्म किया और उसकी गीली चूत से पानी लेकर गांड के छेद पर लगा दिया.
उसी थूक से मैंने अपने लंड को और गांड को काफी चिकना कर दिया.

फिर वो चीख न सके इसलिए मैंने उसकी पैंटी को उसके मुँह में ठूंस दिया.
वो समझ गई थी कि गांड में लंड जाने वाला है.
मजे की बात ये थी कि खुद से अपनी गांड मरवाना चाहती थी.

मैंने उसे डॉगी बनाया और पीछे से उसकी गांड के छेद पर लंड रख दिया.

मैंने उससे कहा- अपनी गांड ढीली छोड़ दो, जिससे दर्द कम हो.
उसने मेरी बात मानी और मैं लग गया.

धीरे धीरे करके मैं अवनि की गांड में लंड पेलने लगा.
मुँह बन्द होने से वो गों गों करने लगी और उसकी आवाज मुँह में ही दब कर रह गयी.

मैंने बार बार थूक लगा कर पूरा लंड गांड में डाल दिया.
वो कसमसा कर और उछल कर कुछ आगे को हो गयी.
इससे लंड गांड से निकल गया.

मैंने फिर से उसे पकड़ा और उसके हाथ पीछे करके उसी की पीठ पर रखते हुए पकड़ लिए ताकि वो आगे को न हो सके.

अब मैंने लंड को गांड में अन्दर तक पेल दिया.
इस बार लंड उसकी गांड को चीरता हुआ अन्दर चला गया और उसकी आंखों में आंसू आ गए.

मैंने एक मिनट रुक कर एक हाथ से उसके मम्मों को दबाया और मसला.

जब उसे दर्द कम हुआ तो वो खुद से अपनी गांड को पीछे करने लगी.
मैंने भी धीरे धीरे गांड में लंड को आगे पीछे करना शुरू कर दिया.

जब उसे फुल मजा आने लगा तो मैंने स्पीड बढ़ा दी और पन्द्रह मिनट बाद उसकी गांड में पानी छोड़ दिया.
मैं गांड मारने के दौरान उसकी चुत में उंगली कर रहा था तो उसका भी पानी निकल गया.

इस तरह उस रात हम दोनों ने 4 बार चुदाई की.

सुबह 5 बजे बाहर आकर चुपचाप सोने चले गए.

दिन में जब 10 बजे मैं जागा तो सब लोग बाहर जा चुके थे.

मैं अवनि को ढूंढ रहा था. वो मुझे उसी तंदूर के पास चाय पीती दिखी और दूर से देखते ही उसने मेरी तरफ हाथ हिला दिया.

हमने एक दूसरे को स्माइल दी.

दूसरे दिन कुछ रस्में होना शेष थीं और हम दोनों अकेले में मिलने को तरस रहे थे.

जहां भी मौका मिलता, हम दोनों किस कर लेते और मैं उसके बूब्स दबा देता.
लेकिन चुदाई का मौका नहीं मिल रहा था.

मैंने अवनि से कहा- यार, मुझसे रहा नहीं जा रहा है. अब मुझे तेरी चूत फिर से चोदनी है.
उसने कहा- हां यार, मेरा मन भी है … लेकिन ऐसे में कैसे हो पाएगा?

मैंने उससे कहा- तू बाहर खेतों में चल, उधर कुछ देखते हैं.
उस टाइम सरसों का सीजन था.

उसने कहा- बाहर कोई देख लेगा, रिस्क नहीं ले सकते. रात होने दो, स्टोर रूम ही हमें मिलाएगा.

लेकिन रात होने में 4-5 घंटे थे. आपको पता होगा कि चूत जब सामने हो, तो इतना इंतजार कैसे हो सकता है.

मैंने कहा- एक काम करते हैं. तू बाथरूम में चली जा और दरवाज़ा खुला रखना.
उसने कहा- पागल हो क्या … सबके सामने मरवाओगे.

मैंने कहा- तू जा तो सही … कुछ नहीं होगा.
मैंने किसी तरह उसे मना कर बाथरूम में भेज दिया.

ये बाथरूम एक कोने में था.

उसके जाने के बाद सबसे नजर बचा कर मैं भी बाथरूम में घुस गया और अन्दर से बंद कर लिया. अवनि को पकड़ कर उसके होंठों को चूसने लगा और बूब्स दबाने लगा.

वो बोली- अभी ज्यादा टाइम नहीं है, जल्दी करो.

मैंने उसकी सलवार और पैंटी एक साथ नीचे कर दी और उसे दीवार के सहारे खड़ा कर दिया.
अवनि का एक पैर ऊपर करके जैसे ही मैं लंड को चूत में डाल रहा था कि किसी ने दरवाजा बजा दिया.

मेरी और अवनि दोनों की गांड फट गयी.

मैंने पूछा- कौन?
तो बाहर से एक लेडी की आवाज आई- कितनी देर लगेगी?
मैंने कहा- आंटी नहा रहा हूँ … तो 15-20 मिनट लगेंगे.

उसके बाद वो चली गयी.

मैंने जल्दी से अवनि की चूत में लंड पेला और चोदना आरम्भ कर दिया.

मेरी गांड फट रही थी और मजा भी आ रहा था.
ऐसी सिचुएशन को आप समझ सकते हो.

जल्दी जल्दी में 10 मिनट में ही हम दोनों झड़ गए.

मैंने पहले दरवाजे की झिरी से बाहर देखा. कोई नहीं था, तो मैंने अवनि को चुपचाप बाहर निकाला.
उसे किसी ने नहीं देखा और वो चली गई.

उसके बाद मैं नहा कर बाहर आ गया.

बाहर अवनि एक अलग ही मुस्कान दे रही थी.

शायद उसे भी सबके बीच में इस तरह से बाथरूम सेक्स में मजा आ गया था.

रात को एक बजे हम दोनों फिर से मिले और उस रात मैंने अवनि की 3 बार चुदाई की.

तो दोस्तो ये थी मेरी रियल सेक्स कहानी, इसमें एक रत्ती भर भी झूठ नहीं है … हां थोड़ा मिर्च मसाला भरा है.

आपको इंडियन हॉट सेक्सी गर्ल सेक्स कहानी कैसी लगी, आप मेल से अपनी राय दे सकते हैं.
मुझे आपके प्यार का इंतजार रहेगा.
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