दोस्तो, मैं आलोक, एक न्यू इंडियन गर्म स्टोरी के साथ आपके सामने फिर से हाजिर हूँ. दोस्तो, यह कहानी बड़ी ही रोचक है. इस कहानी में मैं आपको बताऊँगा कि कैसे मुझे अन्तर्वासना के माध्यम से मुझे नई चूत चोदने को मिली.
गरम कहानी शुरू करने से पहले मैं अपने नए पाठकों को अपने बारे में बता दूँ. मैं दिल्ली से हूँ, मेरी उम्र 25 साल है. मेरे लंड का साइज़ 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है. इससे पहले मेरी एक अन्य कहानी भी अन्तर्वासना पर प्रकाशित हुई थी-
पड़ोसन भाबी सेक्स के लिए तैयार थी
जिसे आप सभी ने बहुत पसंद किया था. इसका लिंक भी भेज रहा हूँ, जिन्होंने नहीं पढ़ी हो, वे प्लीज़ एक बार इस कहानी का मजा जरूर लें.
यह बात कुछ समय पहले की ही है, जब अन्तर्वासना पर मेरी न्यू स्टोरी आई थी. उस कहानी के बाद मुझे बहुत ही अच्छा रेस्पॉन्स मिला काफ़ी सारे मेल भी आए. उन्हीं मेल में से एक मेल आरती नाम की एक महिला की भी आई, जिसमें उसने मेरी कहानी की तारीफ करते हुए मुझे लिखा कि आपकी कहानी बहुत अच्छी है. आपकी स्टोरी पढ़ कर मुझे बहुत अच्छा लगा यहाँ तक की मेरी पेंटी 3 बार गीली भी हो गई.
जब मैंने उसका ये मेल पढ़ा तो मैंने उनको धन्यवाद बोल कर जवाब दिया और मेल से लॉग आउट हो गया.
जब अगले दिन मैंने अपनी मेल खोली तो आरती की 2 मेल और आई हुई थीं, जिसमें उसने लिखा था कि हैलो आलोक क्या आप अपनी ‘पड़ोसन भाबी सेक्स के लिए तैयार थी’ की तरह मेरी भी मदद कर सकते हो.. और दूसरी मेल में उसने अपने बारे में बताया था कि मेरा नाम आरती (बदला हुआ नाम) है, मैं ग़ाज़ियाबाद से हूँ और मैं शादीशुदा महिला हूँ.. अगर आप मेरी मदद कर सकते हैं तो आप मुझे इस नंबर पर कॉल कर लेना.
उसने अपना नंबर मेरी मेल पर छोड़ दिया था. मुझे लगा कि कोई मेरे साथ मजे ले रहा है.. और मैंने भी मजे मजे में उस नंबर पर कॉल कर दी. कुछ देर रिंग बजने के बाद किसी ने फोन उठाया दोस्तो, वहां से एक मीठी सी आवाज़ आई- हैलो कौन…
उसकी मीठी आवाज़ सुनकर मेरा मन मचल गया, मन ही मन मैं बहुत खुश हुआ.
मैंने भी जवाब दिया कि मैं आलोक पड़ोस वाली भाबी से.. आपने मेरी मेल पर अपना नंबर दिया था.
वो भी मेरा नाम सुन कर खुश हो गई और धीमे स्वर में बोली- हां हां आलोक जी, क्या हाल हैं.. मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा है कि आपने मुझे कॉल की है. मुझे लगा कि आप मुझे कॉल ही नहीं करोगे.
मैं भी हंस कर बोला कि ऐसी कोई बात नहीं है. खैर अभी मैं आपसे सीधी बात करता हूँ. आप बताइए कि आपको मुझसे कैसी मदद चाहिए?
उसने कहा- आप इतने समझदार हो, आपको इतना तो पता ही होगा कि मुझे आपकी किस तरह की मदद चाहिए.
दोस्तो, मैं समझ तो सब कुछ गया था. फिर भी एक बार उसके मुँह से सुनना चाहता था. मैंने कहा- हां, मैं समझ तो रहा हूँ, लेकिन फिर भी आपके मुँह से सुनना चाहता हूँ.
उसने कहा कि जैसे आपने अपनी पड़ोस वाली भाभी का साथ उनके बिस्तर पर दिया था, तो क्या आप मेरा भी मेरे बिस्तर पर साथ दे सकते हो?
दोस्तो, सच पूछो मेरी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं था.. मेरा तो मन कर रहा था कि काश इस समय वो मेरे सामने होती तो अपना पूरा लंड उसकी चूत में उतार देता और सारी रात उसकी चूत की गर्माहट महसूस करता.
उस समय मैंने खुद को संभालते हुए कहा- जी अगर आप राजी हैं तो मुझे कोई दिक्कत नहीं है.
वो हंस कर बोली- मेरे प्यारे बुद्धू.. अगर मैं रेडी नहीं होती तो अपना नंबर आपको क्यों देती.
उसके बिंदास और रसीले स्वर को सुनकर मैं भी हंस पड़ा और मैंने भी उसको हाँ में जवाब दे दिया.
उसके बाद हमने एक दूसरे के बारे में पूछा और फ़ोन पर ही काफी देर तक सेक्स चैट किया. उस चैट के दौरान वो 2 बार झड़ गई थी.
उसके बाद हम रोज फोन पर बातें करते थे, रोज हम फ़ोन पर ही सेक्स चैट किया करते थे. ऐसा लगभग एक महीने तक चलता रहा.
एक दिन हमने मिलने का प्लान बनाया. उसे अपनी किसी रिश्तेदारी में शादी के लिए दिल्ली आना था. उसने दिल्ली में ही एक होटल में रूम बुक कर लिया, जहाँ हम मिलने वाले थे. उससे मिलने के लिए मैं बड़ा ही एक्साइटेड था. मैं मन ही मन में सोच रहा था कि वो दिखने में ऐसी होगी, वैसी होगी.
आख़िर मेरा इंतज़ार खत्म हुआ, उसका कॉल आया. उसने मुझे होटल का नाम बताया और रूम नम्बर 5 में आने को कहा. मैं भी घर से पूरा रेडी होकर निकल गया और होटल पहुंच कर रूम नंबर 5 का दरवाज़ा खटखटाया.
जैसे ही दरवाजा, खुला मैं चौंक गया. जैसा मैंने सोचा था, वो तो उसे कहीं ज़्यादा सुंदर निकली.. एकदम दूध जैसी गोरी चिट्टी, रेड कलर की साड़ी में वो बहुत सुंदर लग रही थी. मैं तो उसे देखता ही रह गया. उसके 36 इंच के चुचे 28 इंच की कमर.. आह.. और 38 की बड़ी सी उठी हुई गांड… उसके आगे तो भरी जवानी वाली 21 से 25 साल की लड़कियां भी कुछ नहीं थीं.
उसे देख कर लग रहा था शायद भगवान ने उसे फुरसत से बनाया है. मैं मन ही मन सोच रहा था कि शायद ये एक सपना है.
तभी वो बड़ी मीठी सी आवाज़ में बोली- बाहर से खड़े होकर ही देखते रहोगे या अन्दर भी आओगे?
मैंने हल्की सी स्माइल की और अन्दर आ गया. अन्दर आते ही उसने रूम का दरवाजा बंद कर लिया और उसने मुझे बैठने के लिए कहा.
वो बोली- क्या लोगे?
मैंने भी उसकी चूत की तरफ इशारा कर दिया.
वो हंस पड़ी और बोली- ये तो आज आपकी ही है. अभी मेरा मतलब है आप क्या पियोगे.. ठंडा या गरम?
मैंने फिर उसके मम्मों की तरफ इशारा किया. वो फिर से हंस पड़ी और बोली- बहुत बेचैन हो.. लगता है आज तो तुम मुझे खा ही जाओगे.
यह बोल कर वो खड़ी हुई और बोली- मैं अभी आती हूँ, आप इधर ही बैठो.
मैं उसके बेड पर बैठ गया और उसके बाथरूम से बाहर आने का इंतज़ार करने लगा.
थोड़ी देर बाद वो रूम में आई… उसे देख कर तो मैं पूरा पागल हो गया. वो नहा कर आई थी, उसके बाल गीले थे और रेड कलर की ब्रा ओर पेंटी में मेरे सामने आकर खड़ी हो गई. उसके शरीर पर पानी की बूंदें उसे और भी सेक्सी बना रही थीं. मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था.
मैंने उसका हाथ पकड़ कर उसे बेड पर गिरा लिया और उसे उसकी गर्दन के पीछे से पकड़ कर अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए. अब मैं उसके नरम गुलाबी होंठों को चूसने लगा. वो भी मेरा साथ देते हुए मेरे होंठों को चूस रही थी. हम दोनों एक दूसरे में खो रहे थे. वो मुझे और मैं उसे पागलों की तरह चूस रहे थे.
तभी वो मुझे किस करते करते मेरे कपड़े उतारने लगी.. मैं भी पीछे नहीं रहना चाहता था. मैं भी अपने हाथ उसकी कमर के पीछे ले जाते हुए उसकी ब्रा खोल दी. अब वो सिर्फ़ मेरे सामने पेंटी में थी. उसके बड़े बड़े गोरे गोरे चूचे मेरे सामने उछल रहे थे. मैंने भी देर ना करते हुए अपने सारे कपड़े उतार दिए.
मैंने उसे किस करना स्टार्ट किया. उसे किस करते करते अपने हाथ उसके चुचों पर ले गया और उनको सहला सहला कर दबाने लगा. उसके चुचे बड़े ही मुलायम मुलायम थे. उसको भी बहुत मज़ा आ रहा था. वो भी मुझे जोर से जकड़ कर मेरा साथ देने लगी.
किस करते करते धीरे धीरे मैं अपना एक हाथ उसकी पेंटी के ऊपर ले गया और पेंटी के ऊपर से ही उसकी इंडियन चुत को सहलाने लगा. अब तो वो पागल सी हो गई.. उसने मुझे और जोर से जकड़ा और उसके मुँह से मस्त मस्त आवाजें निकलने लगीं.
‘म्मम्मूऊ.. आआआह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… सस्स्स्सिईइ.. आराम से करो प्लीज.. मैं मर जाउंगी.. आह..’
अब मैंने अपना हाथ उसकी पेंटी की अन्दर ही डाल दिया. दोस्तो सच बताऊँ तो उसकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी, शायद उसका पानी निकल गया था. मैं भी बड़ा जोश में था, तो अपनी एक उंगली उसकी चूत के दाने पर रगड़ने लगा.
इससे उसको अब इतना जोश चढ़ गया था कि वो मेरे होंठों पर काटने लगी थी.. और मस्त मस्त आवाजें निकालने लगी- म्म्म्म.. म्मूऊआ आह.. इसस्स्स्स्स्.. मैं मर ही जाऊँगी.. अब तो कुछ करो.. डाल भी दो अन्दर.. अपना लंड मेरी चूत में पेल दो.. प्लीज़..
यह कहते कहते उसने मुझे जोर से पकड़ लिया और उसकी चूत ने खूब सारा पानी छोड़ दिया, जो उसकी पूरी पेंटी को पूरा गीला कर चुका था.
अब रहा तो मुझसे भी नहीं जा रहा था लेकिन क्या करूँ, मुझको तो आदत है तड़पा तड़पा कर चूत चोदने की.. खैर अब मैंने उसकी पेंटी भी उतार दी और अब वो और मैं बिल्कुल नंगे थे.
जब उसकी नज़र मेरे 7 इंच लंबे और 3 इंच मोटे लंड पर पड़ी, तो वो बड़ी हैरानी से देखते हुए लंड पकड़ा और उसे सहलाते हुए बोली- क्या ये रियल है??
मैं भी हंस कर बोला- आपके सामने है टेस्ट करके देख लो.
उसने भी देर ना करते हुए मेरे लंड का टोपा खोला और उसे अपने मुँह में ले लिया. मैंने भी उसके बाल पकड़े और जोर का झटका लगाया तो मेरा लंड उसके गले तक उतर गया.. और अपना पूरा लंड उसके मुँह में देकर उसके मुँह की चुदाई करने लगा.
दस मिनट बाद मैं उसके मुँह में ही झड़ गया. वो भी मेरा पानी पी गई, जैसे न जाने कितने दिनों से प्यासी थी.
थोड़ी देर हम दोनों एक दूसरे से लिपट कर लेटे रहे किसिंग करते रहे. वो मेरे लंड को लगातार छेड़ रही थी और अब मैं दोबारा फुल जोश में था, मुझसे रहा नहीं जा रहा था. मैं अब उसकी दोनों टाँगें चौड़ी करके उसके ऊपर आ गया.
एक हाथ से अपना लंड पकड़ कर उसकी चूत के बीच में चूत के दाने पर रगड़ने लगा. वो भी मस्ती में पागलों की तरह मुझे किस कर रही थी और मैं उसे चूमे जा रहा था. हम दोनों एक दूसरे में पूरी तरह खो चुके थे.
अब मैं उसकी चुदाई करने के लिए पूरी तरह से तैयार था. उसी बीच में लंड को चूत पर रगड़ते रगड़ते मैंने एक जोर का झटका लगाया तो मेरा आधा लंड उसकी चूत में उतर गया.
लंड घुसते ही उसकी आँखें चौड़ी हो गईं और मुँह से एक जोर की आवाज़ निकल पड़ी- आआआअ म्म्म्मम.. अम्मा रे.. मररर गई.. निकालो इसे.. आआह..
मैंने भी थोड़ा संभलते हुए रुकना ठीक समझा और उसके होंठों पर आराम से किस करने लगा.
धीरे धीरे जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने एक झटका और लगाया. इस बार मेरा पूरा लंड उसकी चूत में उतर गया था. दर्द के मारे उसकी आँखों से आंसू निकल गए. थोड़ी देर मैं ऐसे ही उसके ऊपर पड़ा रहा और उसके पूरे जिस्म को सहलाता सहलाता, उसके होंठों पर किस करने लगा.
थोड़ी देर बाद मैंने आराम आराम से झटके लगाना स्टार्ट किया. थोड़ी ही देर वो भी पूरी गरम हो चुकी थी. वो भी अपनी गांड उछाल उछाल कर मेरा साथ देने लगी. हम दोनों के मुँह से बड़ी ही मस्त मस्त आवाजें निकल रही थीं- आआह… आअह… इसस्स्स… यस यस्स…
पूरे कमरे में हमारी चुदाई की मधुर आवाजें गूँज रही थीं- फच फच.. फच फच… इसस्स्स्सि.. उईईईई.. आआह..
ऐसा हम कम से कम 20 मिनट तक करते रहे, उसी बीच में उसने अपनी स्पीड ओर तेज कर ली.. शायद झड़ने वाली थी. मैं भी ज्यादा देर खुद को नहीं रोक पाया. मैंने उससे कहा- मैं झड़ने वाला हूँ, बोलो कहाँ निकालूँ?
वो बोली- अन्दर ही डाल दो प्लीज!
कुछ ही देर बाद मैं उसकी इंडियन चुत में ही झड़ गया और उसके ऊपर ही गिर गया.
हम ऐसे ही एक दूसरे से लिपट कर एक दूसरे को किस करते रहे. थोड़ी देर बाद हम अलग हुए और फ्रेश होकर वापस अपने अपने घर जाने के लिए तैयार हो गए.
जब मैं वापस जा रहा था तब वो रूम के गेट तक मुझे छोड़ने आई. गेट खोलने से पहले मैंने उसे कस कर पकड़ा और लम्बी वाली लिपकिस की और ऊपर से ही उसकी चूत को रगड़ डाला. हमारा मन एक दूसरे को छोड़ कर जाने का नहीं हो रहा था लेकिन हम मजबूर थे.
मुझे भी बहुत टाइम हो गया था और उसका भी जाने का वक्त हो गया था. हम दोनों ने एक दूसरे के होंठों पर किस किया और होटल से बाहर आकर मैंने अपना रास्ता पकड़ लिया.
उसके बाद हम कई बार मिले और खूब चुदाई की.
आपको मेरी गरम कहानी अच्छी लगी या नहीं, मुझे मेल ज़रूर करें ताकि मैं अपनी अगली गर्म कहानी भी आपके सामने ला सकूं.
मेरी ईमेल आईडी है.
[email protected]
मैं अन्तर्वासना का शुक्रगुजार हूँ कि अन्तर्वासना की मदद से मुझे इंडियन चुत मिली.
धन्यवाद.
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