दोस्तो! मेरा नाम राज शर्मा है। आज मैं आपके साथ मेरा एक और अनुभव शेयर कर रहा हूँ.
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होटल की ट्रेनी रिसेप्शनिस्ट को चोदा-1
होटल की ट्रेनी रिसेप्शनिस्ट को चोदा-2
में मैंने बताया था कि एक एमएनसी में काम करते हुए मुझे बहुत अधिक टूर पर रहना पड़ता है. यह बात लगभग 2 साल पहले की है जब मुझे कंपनी के काम से चेन्नई जाने का मौका मिला. चेन्नई होटल में बुकिंग की मेनेजर अभिलाषा ने मुझे अपने होटल का परमानेंट ग्राहक बनाने के लिए जूली नामकी एक ट्रेनी रिसेप्शनिस्ट लड़की को मेरे कहने पर रात भर चोदने के लिए भेजा.
अगले दिन, जब मैं अपने काम से दोपहर को वापिस होटल आया तो देखा कि जूली रिसेप्शन पर नहीं थी. मुझे पता चला कि वो आज छुट्टी पर है, आएगी नहीं, रात भर मुझसे चुदने के बाद जूली अगले दिन होटल नहीं आ पाई थी।
मैं बुकिंग मेनेजर अभिलाषा के कमरे में गया तो वहां अभिलाषा भी नहीं थी.
मैंने उसके नम्बर पर फ़ोन किया तो वह बोली- मैं अभी जी. एम. साहब के कमरे में हूँ, अभी कुछ देर में आती हूँ.
मैंने उससे कहा- अबिलाशा जी, आप मेरे कमरे में ही आ जाना.
उसने कहा- जी, ठीक है.
मैं अपने कमरे में चला गया और वहां जाकर अभिलाषा का इंतजार करने लगा. लगभग आधे घंटे बाद अभिलाषा मेरे कमरे में आई. उसने वही होटल की यूनिफार्म पहन रखी थी. आज उसने जो पैंट पहनी थी वह इतनी टाइट थी कि उसमें से उसकी जांघों के बीच उसकी चूत साफ उभरी हुई दिखाई दे रही थी.
अभिलाषा जैसे ही कमरे में आई, कमरा उसके परफ्यूम की खुशबू से भर गया. वह गजब की सुंदर लग रही थी.
मैं अभिलाषा के बारे में आपको बता दूँ. अभिलाषा बहुत ही गोरे रंग की 32-33 साल की युवती थी. वह श्रीनगर कश्मीर की रहने वाली थी, उसके पति चेन्नई में नौकरी करते थे, श्रीनगर में भी वह होटल इंडस्ट्री में ही काम करती थी और जब उसके पति की ट्रांसफर चेन्नई में हुई तो उसने यहां भी होटल ज्वाइन कर लिया.
अभिलाषा के मम्मे, उसकी गांड और उसका सारा फिगर ऐसा था कि होटल की वह सबसे सुंदर और स्मार्ट लेडी थी. उसका बात करने का स्टाइल और लहजा बड़ा ही प्यारा और सेक्सी था. उसका फिगर मामूली सा हैवी साइज़ था, गदराया हुआ बदन जैसा कि बच्चा होने के बाद लड़की का हो जाता है, और उसका वही साइज़ मुझे सेक्सी लग रहा था.
चूँकि मैं अभिलाषा से पूरी तरह से खुल चुका था, अतः मैंने अभिलाषा से पूछा- आज मेरा सामान कहां है?
अभिलाषा ने कहा- सर, लगता है जूली को आपने पूरी रात सोने नहीं दिया, आज सुबह ही उसका मेरे पास फोन आया था, वह कह रही थी कि मैंने आपके गेस्ट को खुश कर दिया है और मैं इतनी थक चुकी हूँ कि आज मैं होटल नहीं आ सकती तो मैंने भी उसे छुट्टी दे दी.
मैंने अभिलाषा से कहा- तो फिर आज मेरा क्या होगा? मेरा काम कैसे चलेगा?
अभिलाषा कहने लगी- देखिए मिस्टर राज! जब कोई एम्प्लाई छुट्टी मांगता है तो, छुट्टी तो देनी ही पड़ती है. जूली थकी हुई होगी तो वो ड्यूटी पर आने की हालत में नहीं होगी.
मैंने कहा- तो ठीक है, मुझे तो आप जूली से भी ज्यादा सेक्सी लग रही हो.
अभिलाषा मुस्कराई और मुझसे पूछने लगी- आपका जूली के साथ एक्सपीरियंस कैसा रहा कल रात?
मैंने कहा- जितना मैंने सोचा था, उससे बढ़िया रहा.
फिर मैंने कहा- मेरा आज का क्या होगा?
अभिलाषा कहने लगी- राज जी, आज आपको रेस्ट करना होगा.
मैंने कहा- नहीं मैडम, ऐसा नहीं हो सकता, कल आपने वायदा किया था और कहा था कि मेरे बारे में बाद में सोचेंगे, इसलिए मैं अब आपको यहां से सूखा नहीं जाने दूंगा.
अभिलाषा मुस्कुराने लगी. मैं अभिलाषा के पास पहुंचा और खड़ा होकर उसके दोनों हाथों को अपने हाथों में पकड़ लिया. उसके हाथ और उंगलियां इतनी नर्म और मुलायम थी कि उनको छूते ही मेरे बदन में सरसराहट होने लगी. अभिलाषा के आने से पहले मैं अपने कपड़े चेंज कर चुका था. मैंने लोवर और टी-शर्ट पहन रखी थी. मैं लोवर के नीचे कभी भी अंडरवियर नहीं पहनता हूँ.
जैसे ही मैंने अभिलाषा के नाजुक और नर्म उँगलियों वाले हाथ पकड़े, मेरा 8 इंच का लंड मेरे लोअर में तन कर खड़ा हो गया.
अभिलाषा कहने लगी- मिस्टर राज! मैं ड्यूटी पर हूँ, आप यह क्या कर रहे हैं? प्लीज मेरे हाथ छोड़ दीजिए.
मैंने अभिलाषा से कहा- देखिए अभिलाषा जी, अब हमारे अंदर एक दोस्ती का संबंध बन चुका है और मुझे पता है आप भी मुझे समझ चुकी हैं.
अभिलाषा कहने लगी- अभी आप मुझे छोड़िए, मैं बाद में आऊंगी.
मैंने कहा- आप अभी आई हैं तो थोड़ा बहुत तो प्रसाद लेकर ही जाएं.
यह कहकर मैंने उसे अपनी बांहों में भर लिया और अपने होंठ उसके होठों से लगा दिए. अभिलाषा वैसे तो 2 बच्चों की मां थी, लेकिन बहुत दिनों से उसे भी पति का संसर्ग नहीं मिला था, जल्दी ही उसने मेरे सामने आत्मसमर्पण कर दिया. मैंने अभिलाषा के कोट को उतारा और उसके मम्मों को अपने हाथों से दबाने लगा. अभिलाषा ने लोअर के अंदर खड़े मेरे मोटे लंड को देखा.
मैंने अभिलाषा को अपने सीने से लगा लिया, मेरा लंड उसकी चूत से टकराने लगा. धीरे से मैंने अपने लोअर को नीचे किया और अपना मोटा तगड़ा लंड अभिलाषा के सामने खोलकर उसके हाथ में पकड़ा दिया.
मेरा लंड देखकर अभिलाषा की आंखें फटी की फटी रह गई, वह मुझसे बोली- राज! जूली के साथ आपने रात भर इसी हथियार के साथ किया है?
मैंने उसे बताया कि सारी रात जूली इस लंड से अपनी चूत मजे से चुदवाती रही और उसने उफ़ तक नहीं किया.
अभिलाषा कहने लगी- मुझे विश्वास नहीं होता कि इतनी छोटी लड़की, इतने बड़े लंड के साथ आराम से चुदी होगी.
मैंने कहा- अभिलाषा! छोड़ो अब यह बात.
मैंने अभिलाषा के सामने के शर्ट के बटन खोल दिए और उसके मम्मे बाहर निकाल दिए. अभिलाषा का बदन थोड़ा मोटा और गदराया हुआ था. उस की मांसल देह किसी भी आदमी को सेक्स के लिए पागल बना देने के लिए काफी थी.
मैंने अभिलाषा की पैंट के ऊपर से ही उसकी चूत को दबाना सहलाना शुरू किया. उसकी सांसें तेज होने लगी. अभिलाषा ने एक बार फिर मुझसे कहा- मिस्टर राज! मैं अभी ड्यूटी पर हूँ, यह सब बाद में कर लेना.
परंतु मैं जानता था कि वह गर्म हो चुकी है और ऊपरवाले मन से ही मना कर रही है.
तभी उसका फोन बजने लगा, फोन रिसेप्शन से था, उसने कहा- मैं अभी कहीं बिजी हूँ, मुझे डिस्टर्ब मत करो, मैं थोड़ी देर बाद आपको फोन करती हूँ.
इतना सुनकर मैंने अभिलाषा से कहा- आप अपने फोन को थोड़ी देर के लिए स्विच ऑफ कर दो.
अभिलाषा ने फोन तो स्विच ऑफ नहीं किया लेकिन वह मेरे लंड को अपने हाथ से ऊपर नीचे करने लगी.
मैं भी उसकी चूत और चुचियों को मसलता रहा और उसके होठों को चूसता रहा. वह सिसकारियाँ लेने लगी और मेरे लंड को जल्दी जल्दी आगे पीछे करने लगी. मैंने उसे लंड चूसने को कहा तो अभिलाषा एकदम नीचे झुककर मेरे लंड को चूसने लगी. मोटे लंड को चूसने में उसे परेशानी हो रही थी.
अभिलाषा ने लंड को छोड़ा और कहने लगी- राज थोड़ा जल्दी करो.
मैंने उसी वक्त अभिलाषा के फटाफट कपड़े निकाल दिए और उसको बिल्कुल नंगी कर दिया. मैंने देखा कि उसका शरीर संगमरमर की तरह दमक रहा था. आपस में सटे हुए बड़े बड़े चुचे मेरे सामने तने हुए थे.
मैं बारी बारी से दोनों मम्मों को मसलता रहा. मैंने अपने भी दोनों कपड़े निकाले और अपना खड़ा लंड अभिलाषा की टांगों के बीच अड़ा कर उसकी फूली हुई चूत के ऊपर लगा दिया. अभिलाषा सिसकारियां लेने लगी. मैं बेड के ऊपर बैठ गया, अभिलाषा बेड से नीचे खड़ी थी. मैंने अभिलाषा की चूचियों को अपने मुंह में पीना और धीरे धीरे उसकी चूत के दाने को अपनी उंगलियों से मसलना शुरू किया.
अभिलाषा की जांघें, बाल रहित चिकनी चूत और चूतड़ बहुत ही मस्त और सेक्सी थे.
अभिलाषा ने कहा- मुझसे अब रहा नहीं जाता, अब देर मत करो, जो कुछ करना है, फटाफट करो.
मैंने अभिलाषा को बेड पर लिटाया और उसकी टांगों के बीच आकर अपने लंड को उसके चूत के चिकने छेद पर रखा.
अभिलाषा बहुत दिनों की प्यासी थी, मैंने पूछा- तुम्हें सेक्स किए कितने दिन हो चुके हैं?
वह कहने लगी- कई महीने हो चुके हैं.
मैंने ज्यादा देर न करते हुए अपने लंड को उसकी चूत के अंदर डाला और फटाफट चुदाई शुरू कर दी. अभिलाषा आनंद के सातवें आसमान पर झूल रही थी, वह आह… उई… याह… ओह… आदि शब्द बोले जा रही थी और अपना सिर इधर उधर मार रही थी.
कुछ देर बाद मैंने बेड पर उसे घोड़ी बनने को कहा तो वह घोड़ी बन गई. मैंने देखा उसकी गांड और चूतड़ एकदम चिकने और गोल थे. मैंने उसके चूतड़ों पर हाथ फिराया और पीछे से उसकी चूत के अंदर अपना लंड डालने के लिए उसके पिछले पटों में से बाहर निकली चूत को उँगलियों से अलग किया. चूत की मोटी फांकों में अपना मूसल सा लंड रखा और उसकी जांघों को पकड़कर जबरदस्त चुदाई शुरू कर दी.
इस चुदाई के दौरान अभिलाषा की चूत दो बार पानी छोड़ चुकी थी. फिर भी वह अपने चूतड़ों को पटक पटक कर मेरे लंड पर मार रही थी. मैंने भी यह सोच कर कि कभी भी अभिलाषा का फोन आ सकता है, अपना काम फटाफट किया और 15-20 मिनट के बाद उसकी चूत में अपने वीर्य की पिचकारियां मारने लगा. अपना सारा माल उसकी प्यासी चूत में भर कर मैंने उसे छोड़ दिया.
अभिलाषा जब खड़ी हुई तो वह टाँगें चौड़ी करके बाथरूम जाने लगी, वीर्य उसकी टांगों व पटों पर से होता हुआ बाथरूम तक फर्श पर टपकता हुआ गया.
बाथरूम में अपनी चूत धोकर अभिलाषा बाहर आई और अपनी यूनिफार्म पहनकर मुझसे हाथ मिला कर जाने लगी.
मैंने जब उसे पैसे देने चाहे तो अभिलाषा कहने लगी- राज! मुझे आज इस थोड़े से वक्त में चुदाई का जो मजा आया, वही मेरा इनाम है, प्लीज इसे रहने दो.
मैंने उसे गले से लगाया और अगले दिन वापिस आने से पहले अभिलाषा के साथ एक और शानदार चुदाई का सेशन लगाया.
उसके बाद कई बार चेन्नई जाना हुआ, जब भी जाता तो अभिलाषा खुद तो मेरा लंड लेती ही थी, मेरी पसंद की दो तीन लड़कियों की चूत और दिलवाई.
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