हॉट वीमेन सेक्स कहानी में पढ़ें कि एक बांके जवान को बिल्डिंग की भाभियाँ सेक्स के लिए बुला रही थी. दो भाभियों ने उसे कैसे अपने जाल में फंसाकर अपना गुलाम बनाया.
कहानी के दूसरे भाग
नौकर मालकिन की जोरदार चुदाई
में आपने पढ़ा कि रात भर मालकिन की चुदाई के बाद नौकर अपने कमरे पर आकर सो गया.
अब आगे हॉट वीमेन सेक्स कहानी:
साढ़े आठ बजे मोनिका के फोन से आशु की आँख खुली।
उसने कहा कि आता हूँ।
शेव करके और नहाकर वो मोनिका के फ्लैट पर पहुँचा।
उसे थकान थी, पर नहाकर उसने कॉफी पी तो फ्रेश हो गया।
मोनिका भी एक लॉन्ग फ्रॉक पहने थी।
वो रेखा जैसी स्मार्ट तो नहीं थी, शरीर से भी हल्की सी भारी थी।
पर हाव-भाव और बातचीत में वो बहुत सेक्सी थी।
उसकी आँखें खूब मटकती थीं और अपने फूहड़ और अश्लील मज़ाक़ों के लिए वो सोसाइटी में बदनाम थी।
आशु समझ ही नहीं पा रहा था कि उसे मोनिका ने बुलाया क्यों है, जबकि उसका फ्लैट तो चमक रहा था।
उसके दो बच्चे हैं, दोनों छोटे पर समझदार!
पति भी खूब लाड़-लड़ाने वाला, पर अक्सर बाहर रहता।
ऐसा उसने मेमसाब लोगों के मज़ाक़ों में सुना है कि बिना चुदवाए मोनिका को नींद ही नहीं आती और उसका पति भी उसे बिना चोदे सोता नहीं है।
पर सबसे खास बात ये कि मोनिका की चुदाई की भूख हर समय रहती। उसके हर मज़ाक में चुदाई शब्द जरूर आता।
खैर, मोनिका ने उसे बड़े प्यार से बिठाया और कहा कि उसे पर्दे धोने हैं तो आशु उन्हें उतार कर वाशिंग मशीन में डाल दे।
मोनिका ने उसे कॉफी और बर्गर दिया।
आशु ने मना भी किया तो मोनिका बोली- घर का बना है, खा लो।
मोनिका ने उसे वहीं डाइनिंग टेबल पर ही बैठा लिया और लगी रेखा की बातें कुरेदने।
आशु चुपचाप उसकी सुनता रहा।
मोनिका ने रेखा के पति के किस्से खूब मसाला लगा कर सुनाये, पर आशु कुछ नहीं बोला।
अब मोनिका ने आखिरी वार किया, बोली ज्यादा भोले मत बनो, तुम दोनों की आवाज़ें बाहर तक आ रही थीं, पर मुझे क्या। जब तुम बात ही नहीं करना चाह रहे तो छोड़ो।
अब आशु ने सोचा कि ज्यादा पंगा लेना ठीक नहीं, वो बोला- छोड़िए मेमसाब इन बातों को, आप बताइये मेरे लिए हुक्म?
पर्दे उतारते हुए आशु ने फिर दोहराया- मैं कहीं ऐसे जाता नहीं, बस आप एक दो लोग इतना प्यार से कहते हो तो मैं मदद कर देता हूँ।
मोनिका पूरी घाघ थी। उसे कल से पेट में दर्द था, वो तो पूरा मामला जानना चाहती थी।
उसने एक चाल और फेंकी, बोली- पर्दे तो मैं खुद कर लेती पर परसों ज्यादा जवानी चढ़ गयी थी तेरे साब पर … तो मेरी कमर में नचका सा गया। जांघों में भी दर्द है।
मोनिका की ये बातें आम थीं, वो लिफ्ट में आते जाते भी अपनी सहेलियों को छेड़ लेती।
अगर कोई कहती कि आज मुंह कड़वा सा हो रहा है शायद बुखार आएगा।
तो मोनिका पूछ लेती कि क्यों क्या मुंह में कर लिया था रात को।
अगर किसी को पेर में दर्द की वजह से चलने में दिक्कत हो रही हो तो देख कर मोनिका पूछ लेती कि क्यों क्या आज गांड मरवाई थी?
तो मोनिका के लिए ये आम भाषा थी।
सुनकर आशु मुस्कुराया।
मोनिका आगे बोली- वो 201 वाली बता रही थी कि उसकी बेटी के पैर में बैडमिंटन खेलते नचका आ गया था तो तुमने मालिश कर के ठीक किया। क्या तुम मेरा दर्द भी ठीक कर सकते हो?
आशु चुप रहा।
मोनिका बोली- अरे मुफ्त में नहीं कराऊँगी, तुम मेरा दर्द ठीक कर दो, मैं तुम्हें खुश कर दूँगी।
अब मोनिका की बात के मतलब तो मोनिका ही जाने!
पर आशु को देखकर वो जैसे मुस्कुरा रही थी, आशु को आज अपनी इज़्ज़्त लुटती नज़र आई।
वो बोला- उनकी बेटी तो बच्ची थी और पैर की मोच ठीक करना तो उसे जिम ट्रेनिंग में सिखाया जाता है।
पर मोनिका बोली- मैं भी तो बच्ची ही हूँ। चल पर्दे से निबट कर कोशिश करके देख ले।
पर्दों और कार्पेट के लोड लगाने के बाद आशु ने निकलना चाहा पर मोनिका पीछे पड़ गयी- मैं किसी से नहीं कहूँगी, पर मेरी मालिश कर दो।
मोनिका ने उसके लिए खाना भी बना रखा था और अभी बच्चों के आने में दो तीन घंटे थे।
तब मोनिका ने कपड़े चेंज किए और शॉर्ट्स और टीशर्ट डाल ली।
आशु बोला- मैं जींस पहने हूँ, इन कपड़ों में मालिश कैसे करूँ, कल कर दूँगा।
पर मोनिका ने उसे अपने पति का बरमुडा दे दिया और कहा- यह पहन कर कर दो, यहाँ कौन आ रहा है।
अब आशु कैसे कहे कि मेरी टीशर्ट खराब हो जाएगी।
वो कुछ सकुचा रहा था तो मोनिका ने उससे कहा- तुम्हारे पास पेटीएम है क्या?
आशु बोला- है, पर क्यों?
मोनिका बोली- कुछ नहीं।
आशु जींस उतारकर बरमुडा पहन रहा था कि उसका मोबाइल बज उठा।
मोनिका ने उसके खाते में दो हज़ार ट्रान्सफर किए थे।
आशु ने बाहर आकर पूछा- इतनी पैसा क्यों?
मोनिका मुस्कुराई- काम भी तो बड़ा है … अब चलो शुरू हो जाओ. और हाँ अगर टी शर्ट खराब होने का डर हो तो उतार दो, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता!
कहकर मोनिका नीचे बिछी चादर पर उल्टे पेट लेट गयी।
उसका फिगर सेक्सी होने के साथ साथ बहुत नर्म और ग्लो कर रहा था।
शॉर्ट्स और टीशर्ट में उसे देख कर आशु समझ सकता था कि उसका पति उसका दीवाना क्यों है।
वो कामकला की साक्षात देवी लग रही थी।
लंबे रेड पेंटेड नेल्स, महकता बदन, गोरी मखमली काया; बस शरीर थोड़ा मांसल था, पर उतने ही मासल मम्मे भी तो थे।
मोनिका बोली- शुरू करो … कहाँ खो गए?
आशु का तो तम्बू बनना शुरू हो गया था।
वो सोच रहा था कि पता नहीं मोनिका मेमसाब के मन में क्या है. पर उसे तो कल से सिर्फ हर औरत में सेक्सी जिस्म ही दिख रहा था।
खैर उसने मोनिका की जांघों पर तेल बिखेरकर उसकी शॉर्ट्स के नीचे से घुटनों तक मालिश करनी शुरू की।
थोड़ा तेल उसने मोनिका की टी शर्ट को हल्के से सरका कर उसकी कमर पर भी लगाया।
मोनिका खेली खाई थी, उसने आशु को हाथ का दबाब बढ़ाने को कहा तो आशु को मजबूरी में अपनी टांगें फैलाकर उसके ऊपर बैठ कर मालिश शुरू करनी पड़ी।
वो बहुत संभाल कर अपने घुटनों पर बैठा था और उसे ये भी डर था कि तेल से मोनिका के कपड़े खराब न हो जाएँ।
मोनिका ने पूछ ही लिया कि उसकी शॉर्ट्स और टी शर्ट अगर रुकावट हो तो वो अपने हिसाब से उसे ऊपर नीचे कर ले।
पर आशु अभी खुला नहीं था तो वो टी शर्ट के अंदर ही उँगलियाँ डाल कर मालिश करता रहा।
मोनिका हल्की सी उठी और अपनी शॉर्ट्स और टी शर्ट दोनों थोड़ी-थोड़ी ऊपर कर लीं।
अब उसकी टी शर्ट उसकी आधी पीठ से भी ऊपर थी और शॉर्ट्स से तो उसके चिकनी जांघें साफ नजर आ रही थीं।
अब आशु ये नहीं समझा कि कमर में दर्द है तो इतनी ऊपर टी शर्ट क्यों उठाई मेम साब ने।
खैर अब उसके हाथ बेफिक्री से मचलने लगे और उसके हाथों के साथ मोनिका का दिल भी मचलने लगा, चूत तो उसकी पहले ही पानी छोड़ चुकी थी।
अब तो दोनों को ही इंतज़ार था उस पल का जब ये शर्म का बांध टूट जाये।
मोनिका की जांघों से घुटने तक तेल फैला कर आशु ने रगड़ना शुरू किया तो मोनिका ने अपनी दोनों टांगें फैला दीं।
आशु को भी अब मजा आ रहा था, किसी ताज़ा तरीन जवानी की मालिश करने में।
मोनिका का मांसल शरीर था और उसका खुला निमंत्रण था कहीं भी हाथ लगाने को।
आशु के हाथ अब उसके जांघों की गोलाइयों से होते हुए उसकी गांड के दरार की टच कर रहे थे।
उसने अपने ऊपर काबू रखते हुए अब उसकी पीठ पर मालिश शुरू की तो मोनिका कसमसा गयी।
वो अचानक सीधी हो गयी और आशु से बोली- मेरे पेट और बगल की भी मालिश कर दो.
कहते कहते उसने अपना टॉप थोड़ा और ऊपर कर दिया।
अब बस उसके मम्मे ढक ही रहे थे।
आशु के हाथ उसके नर्म पेट, नाभि से होते हुए ऊपर जा तो रहे थे पर आशु को संकोच हो रहा था।
मोनिका ने आँखें बंद कर रखी थीं, वो मालिश का आनंद लेते हुए धीमे धीमे मुस्कुरा रही थी।
अचानक उसने आँखें खोलीं और आशु के हाथ पकड़कर अपनी टी शर्ट के अंदर अपने पुष्ट और मांसल मम्मों पर रख दिये।
अब लावा फूट चुका था।
आशु के हाथों की पकड़ उसके नर्म-नर्म मम्मों पर मजबूत होती गयी।
मोनिका की सीत्कार निकलने लगी।
उसने एक झटके में अपनी टी शर्ट उतार फेंकी और आशु का चेहरा अपनी ओर खींच लिया और होंठों से होंठ भिड़ा दिये।
आशु भी नंगे बदन था, उसकी चौड़ी और मजबूत छाती ने मोनिका के मम्मों पर दबाव बना लिया था।
अब आशु का लंड बहुत मजबूती के साथ मोनिका की चूत पर दबाव बना रहा था।
मोनिका ने अपने एक हाथ को खाली किया और सीधे आशु के लंड को पकड़ कर मसला।
अब आशु भी संभला और खड़ा हो गया और बोला- मेमसाब ये गलत है, मुझे जाना चाहिए।
मोनिका शेरनी की तरह बिफर कर उठी और बोली- मदरचोद, आग लगा कर कहता है कि ये गलत है। अब चुपचाप मेरी आग बुझा … वरना गलत तो अब हो जाएगा।
आशु सन्न रह गया।
मोनिका अब नर्म पड़ कर उससे चिपट गयी और बोली- आशु, कुछ गलत नहीं है, बस अपनी अपनी प्यास बुझानी है। अब रुको मत, मुझे ज्यादा मत तड़फाओ। आओ मस्ती करते हैं।
कह कर उसने आशु का बरमुडा नीचे खींच दिया और नीचे बैठ कर उसका लंड लोलिपोप बना कर चूसने लगी।
मोनिका किसी पॉर्न स्टार की तरह बार बार नजर ऊपर उठाती फिर पूरे मनोयोग से लंड पर पिल जाती।
वो हर मिनट उसके लंड को थूक से चिकना करके हाथों से भी मसल देती।
सुपारे को तो उसने अपनी अदा से चूस कर बेहाल कर दिया था।
अब मोनिका खड़ी हुई और आशु को लेकर बेड पर आ गयी।
आशु ने मोनिका को बेड पर लिटाया और उसकी टांगें चौड़ा कर अपनी जीभ अंदर कर दी।
मोनिका ने अपने दोनों हाथों से अपनी चूत की फाँकों को चौड़ा लिया ताकि आशु की जीभ गहराई तक उसे मजा दे सके।
अब मोनिका आशु के लंड को अंदर लेने को बेताब थी।
उसने आशु से खुशामद करके कहा- एक बार मेरी आग बुझा दो, दोबारा में जैसे मर्ज़ी आए कर लेना।
आशु चढ़ गया उसके ऊपर और अपना लंड मोनिका के हवाले कर दिया।
मोनिका ने बड़ी अदा से उसे चूमा और फिर अपनी चूत के मुहाने पर रख दिया।
आशु ने एक जोरदार शॉट मारा और बॉल सीधी गोल में!
फनफनता लंड सारी दीवारों को तोड़ता सीधे उसकी बच्चेदानी से जा टकराया।
मोनिका की चीख निकली, बोली- फाड़ोगे क्या?
पर फिर आशु ने जो धकापेल मचाई तो मोनिका भी रेलमपेल में शामिल हो गयी।
आज आशु का मोनिका और रेखा की चुदाई में फर्क मालूम पड़ा।
मोनिका चुदाई की हर कला में पारंगत थी। उसका चूसना और चुदते समय अपनी चूत सिकोड़ लेना, आशु को हैरत में डाल गया।
चुदाई का जो मज़ा आज आशु को आ रहा था, वो मज़ा कल रेखा की चुदाई में नहीं था।
मोनिका की चूत इतनी चुदने के बाद भी कसी हुई थी।
बाद में मोनिका ने उसे बताया कि ये सब के लिए वो स्पेशल योगा करती है।
अब मोनिका ने उसे नीचे धकेला और 69 होकर अपनी चूत तो आशु के मुंह में दे दी और खुद उसका लंड पूरा गले तक लेने लगी।
उसकी चुसाई वो जबरदस्त थी कि आशु उसे झेल नहीं पाया और बार-बार बाहर निकालने की खुशामद करने लगा।
पर मोनिका ने उसे नहीं छोड़ा।
आशु ने मोनिका के मुंह में ही फव्वारा छोड़ दिया।
मोनिका उसके वीर्य को आखिरी बूंद तक गटक गयी।
तभी डोरबेल बजी।
दोनों सकते में आ गए।
घड़ी देखी तो बच्चों के आने में तो अभी आधा पौना घंटा था।
आशु ने अपने कपड़े संभाले और बाथरूम में घुस गया।
मोनिका ने शॉर्ट्स और टी शर्ट पहनीं, कमरे की बिखरी चादर को ठीक किया।
घंटी दोबारा बजी, तो मोनिका ने गेट खोला।
सामने रेखा खड़ी थी।
मोनिका ने अपने को संभालते हुए कहा कि बस आँख लग गयी थी, इसीलिए खोलने में देर हो गयी।
रेखा जबरदस्ती अंदर आ गयी और बोली- मैं पूछ थोड़े ही रही हूँ कि क्यों देर लगी। चल चाय पिला।
मोनिका घबरा गयी।
नीचे मैट पड़ा था, उसके पास बॉडी ऑयल।
सब हालात बयां हो रहे थे।
मोनिका बोली- अभी तू चल … अभी मैं तेरे को थोड़ी देर में फोन करती हूँ, चाय के साथ पकोड़े भी खिलाऊँगी।
रेखा हंस कर बोली- क्यों? अभी क्या अकेली चुदवाएगी?
मोनिका हकला कर बोली- क्या बकवास कर रही है तू?
रेखा ने हंस कर आशु को आवाज़ दी और कहा- बाहर आ जा … वरना अभी सेक्युरिटी को बुला लूँगी।
आशु झेंपता हुआ बाहर आ गया।
रेखा ज़ोर से हंस पड़ी।
उसने मोनिका से पूछा- कैसी रही चुदाई
मोनिका चुप रही तो रेखा बोली- कल इसने मेरी चुदाई की है, आज तेरी कर रहा है। ये तो बड़ा चुदक्कड़ हो गया। पर है माल जबरदस्त इसके पास! चल अब हम दोनों की प्यास बुझा एक साथ।
आशु ने बहुतेरे हाथ-पाँव जोड़े कि आज तो माफ कर दो, थक गया हूँ.
पर रेखा ने आँख तरेरी और कहा- बेटा नसीब अपना देख कि एक साथ दो दो मिल रही हैं।
अब मोनिका भी खुल गयी और तीनों वापिस बेड पर पहुँच गए।
तीनों के कपड़े वापिस उतर गए।
अब चुसवाने की बारी रेखा की थी। उसके मम्मे तो मोनिका ने लपके और चूत में जीभ घुसाई आशु ने!
रेखा सब कुछ सोच कर आई थी।
चुसवाने के थोड़ी देर में रेखा ने मोनिका से कहा कि वो उसे अपनी चूत चूसने को दे और आशु से उसने अपनी चूत चूसने को कहा.
आशु का लंड मोनिका के मुंह में आ गया।
अब तीनों एक गोला बनाकर एक दूसरे को चूस रहे थे।
रेखा ने मोनिका से कहा- आशु का लंड जैसी ही तन जाये तो इसे मेरी चूत में कर देना। अगर ये बाहर ख़लास हो गया तो मेरी चूत का क्या होगा, वैसे ही सुबह से मोमबत्ती से कर रही हूँ।
आशु को मालूम था कि रेखा बिना चुदवाए जाने नहीं देगी तो उसने मोनिका से अपना लंड छुड़ाकर रेखा की टांगें फैलाईं और बोला- लाओ मेमसाब पहले तुम्हारी चूत की आग ठंडी कर देता हूँ।
रेखा भी अपनी टांगें चौड़ा कर तैयार हुई तो आशु ने पेल दिया अपना मूसल रेखा की चिकनी चूत में!
वो चीखी, बोली- कमीने, मोनिका ने क्या खिला दिया, तेरा मूसल तो कल से भी ज्यादा मोटा हो गया, अब पेल ज़ोर लगा कर!
आशु के धक्के बढ़े तो रेखा की आवाज़ें बढ़ती गईं।
अब मोनिका भी आहिस्ता से रेखा के मुंह पर बैठ गयी।
रेखा ने अपनी जीभ मोनिका की चूत में कर दी।
मोनिका ने आगे झुककर रेखा के मम्मे मसलने शुरू कर दिये।
कमरे का माहौल एकबार फिर गर्मा गया।
रेखा की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मोनिका ने आशु को अपनी ओर खींचा और उसका लंड अपनी चूत में कर लिया।
मोनिका की दोनों टांगें ऊपर उठी हुई थीं पर मोनिका ने उन्हें चौड़ाया नहीं था, इससे उसकी चूत सिकुड़ गयी और आशु को चुदाई में मज़ा दोगुना हो गया।
रेखा मोनिका के मम्मों पर पिल गयी, बोली- मोटी, तेरे आदमी ने तो तेरे मम्मे खूब मजेदार कर दिये हैं, चूस चूस कर! कभी कभी मेरे भी चुसवा दिया कर!
अब आशु का होने वाला था, उसने मोनिका से पूछा- कहाँ निकालूँ?
तो मोनिका बोली- मैंने कॉपर टी लगवा रखी है, तुम अंदर ही निकाल दो।
आशु ने अपने माल से मोनिका की चूत भराई की रस्म पूरी कर दी।
तीनों निढाल होकर वहीं पड़ गए।
मोनिका की निगाह घड़ी पर पड़ी, उसने हड़बड़ी से सबको उठाया- फटाफट निकलो, बच्चे आते होंगे।
तीनों ने अपने अपने को ठीक किया, मोनिका ने रूम ठीक किया।
तभी रेखा ने एक बम फोड़ा।
उसने आशु से कहा- सुन आशु या तो नोएडा छोड़ के चला जा या सिर्फ हम दोनों तक ही सीमित रहना. वरना कल और आज का ये सेशन मेरे मोबाइल में कैद है और तू अविनाश को जानता है, वो तुझे मिनट में बर्बाद करवा देगा। आगे तेरी मर्ज़ी!
आशु ने उनके बहुत हाथ जोड़े- मैं बर्बाद हो जाऊंगा.
तो रेखा हंस कर बोली- बहनचोद … जिस समय तू मुझे चोद रहा था तब तूने नहीं सोचा कि हम ये रिस्क कैसे ले रही हैं. और सुन, मेरे आने का प्लान तो सुबह ही मैंने और मोनिका ने मिल कर बना लिया था। हमें तुझ से कोई शिकायत नहीं बस तेरे पर कतरने थे, सो क़तर दिये। अब तू भी मजे ले, पैसे ले और हमें भी मजे दे। पर अगर अपना दायरा बढ़ाया तो जेल के अंदर ही दिखेगा।
आशु ने उसने ये वादा किया कि उन्हें उससे कोई शिकायत नहीं होगी।
अब तो रेखा और मोनिका का गुलाम हो गया था आशु!
जब वो दोनों हॉट वीमेन सेक्स चाहती तब सोलो या थ्रीसम करती।
आशु भी अब खुश था कि चुदाई के साथ पैसे भी मिलते हैं।
दोस्तो, कैसी लगी ये हॉट वीमेन सेक्स कहानी, लिखिएगा मेरी मेल आईडी [email protected] पर!