चाचा की जवान बेटी के साथ सोया

हॉट सेक्स विद कज़िन सिस्टर का मजा मैंने पूरी रात लिया जब मैं चाचा के घर सोया. मैं अपनी चचेरी बहन को पहले ही चोद चुका था. इस बार मैंने उसे पूरी रात खुल कर चोदा.

दोस्तो, आपने पिछले भाग में पढ़ा था कि कैसे मैंने अपनी चचेरी बहन की पहली सील तोड़ चुदाई की थी.

लॉकडाउन अभी भी जारी था और हम दोनों 3-4 दिन में एक बार चुदाई कर ही लेते थे पर हर बार जल्दबाजी और डर में चुदाई करते थे कि कहीं कोई देख न ले.
इस वजह से हॉट सेक्स विद कज़िन सिस्टर में वो मजा नहीं आता था.

मेरी बहन चित्रा को भी कुछ ऐसा लगता था कि चुदाई खुल कर होनी चाहिए.

एक दिन मैंने उससे इस बात को लेकर चर्चा की तो वो बोली- हां भाई, मुझे एक लुक छिप कर चुदाई करवाने में मजा नहीं आता है. चुदाई हो तो ऐसी हो कि मेरी चूत की आग ठंडी हो जाए.
मैंने कहा- हां यार चित्रा … मुझे भी तेरी चूत को भोसड़ा बना देने वाली चुदाई का मजा लेना है.

वो हंसने लगी.
मैंने पूछा- हंस क्यों रही है रंडी?
वो हंस कर बोली- हां अभी तूने जो रंडी कहा है न भैन के लौड़े … मुझे भी ऐसे ही गाली देकर चुदवाने का मजा लेना है.

मैंने कहा- वो तो ठीक है मेरी कामुक कुतिया … मगर तू चूत का भोसड़ा बना देने वाली बात पर क्यों हंसी थी?
चित्रा बोली- हां वो इसलिए हंसी थी कि जब तू मेरी चूत का भोसड़ा बना देगा तो तुझे मेरी चूत चोदने में मजा आना बंद हो जाएगा.

मैंने कहा- हां ये तो है मगर तुझे भी तो मजा आना बंद हो जाएगा. फिर तू क्या करेगी?
चित्रा खिलखिलाती हुई बोली- फिर मुझे अपने लिए गधे का लंड खोजना पड़ेगा. या तू ही मेरे लिए गधे जैसे लंड वाले को ढूँढ कर ले आना. बोल लाएगा न?

मैंने कहा- हां मेरी रंडी बहना, मैं तेरे लिए गधे का लंड ढूँढ कर लाऊंगा.
तभी चित्रा ने मेरी पैंट में फूलते हुए लंड को देखा और हंसने लगी.

मैंने कहा- क्या हुआ भैन की लौड़ी … साली हंस क्यों रही है?
वो बोली- अपने हथियार को सम्भालो भाई … पैंट फाड़ कर बाहर आने को बेकाबू हो रहा है.

मैंने अपने लंड पर हाथ फेरा तो वास्तव में लंड फूल कर कुप्पा हो गया था.

मैंने कहा- अब इसकी मुठ मारनी पड़ेगी तभी ये शांत होगा.
वो बोली- मैं मार दूँ?

मुझे उसकी बात सुनकर बड़ा मजा आया और मेरे दिमाग में एक आइडिया आ गया.
मैंने कहा- चल बाथरूम में चलते हैं. तू लंड चूस कर झाड़ दे.

उसने इधर उधर देखा और मुझसे बोली- तू बाथरूम में जा. मैं अभी अन्दर का हाल देख कर आती हूँ.
मैं उसकी तरफ वासना से देखता हुआ बाथरूम में चला गया और वो अपनी गांड मटकाती हुई अन्दर चली गई.

कुछ देर बाद उसके बाथरूम की तरफ आने की आवाज आई.

वो गाना गुनगुनाती हुई आ रही थी- मेरे मन के मीत अब तो आ जा. मेरी प्यास बुझा जा.

मैंने बाथरूम का दरवाजा जरा सा खोला और उसके आते ही मैंने उसे अन्दर खींच लिया.
चित्रा ने अन्दर आते ही पलट कर कुंडी लगा दी और मुझे कमोड पर बिठा दिया.

मैंने अपनी पैंट को चड्डी समेत नीचे किया और खड़ा लंड अपनी बहन के सामने लहरा दिया.
वो घुटनों के बल बैठी और उसने मेरा लंड चाटना शुरू कर दिया.

मैं आंख बंद करके अपनी बहन से अपने लंड को चुसवाने का मजा लेने लगा.

वो कुछ ही देर में वहशी रांड बन गई थी और मेरे लंड को अपने गले तक लेने लगी थी.
कोई पांच मिनट में ही मेरा काम तमाम होने की कगार पर आ गया था.

मैंने उसके दूध दबा कर उससे कहा- मेरा आने वाला है.
उसने बिना लंड मुँह से निकाले अपने हाथ से इशारा किया कि मुँह में ही आ जा.

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मैंने बिंदास अपने लंड का वीर्य उसके गले में उतार दिया.
मेरी बहन मेरे लंड का सारा रस खा गई और उसके बाद भी उसने मेरे लंड को चूसना जारी रखा.

लंड ढीला पड़ गया था मगर उसने चूस चाट कर लंड साफ़ कर दिया.
अब मैं शांत हो गया था.

वो भी गर्म हो गई थी तो मैंने उसे वाशबेसिन पर गांड खोल कर खड़ा किया और पीछे से उसकी चूत चाट कर उसको पूरा मजा देकर उसकी चूत का माल चाट लिया.
हम दोनों ही शांत हो गए थे तो एक एक करके बाथरूम से बाहर निकल आए.

फिर कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा.

एक दिन हमने प्लान बनाया कि रात को मूवी की कह कर किसी एक के घर रुक जाते हैं और फिर सबके सो जाने के बाद पूरी रात चुदाई करेंगे.

हम दोनों ने अपने-अपने घर बात की तो घरवाले मान गए और मुझे चाचा के घर रुकने की परमिशन मिल गयी.

अब हम दोनों बहुत खुश थे, पर एक परेशानी अभी भी थी.

चित्रा का छोटा भाई, वो भी हमारे साथ मूवी देखने आने वाला था.
मैं मेडिकल स्टोर गया, उधर से कुछ कंडोम और भाई के लिए नींद की गोली ले आया.

रात के 9 बजे हमने मूवी स्टार्ट की और योजना के मुताबिक चित्रा 11 बजे हम तीनों के लिए दूध ले आई.
मैंने उसकी आंखों में देखा, तो उसने मुस्कुरा कर सर हिला दिया. मतलब उसने सिर्फ अपने भाई के दूध में दवाई मिलाई थी.

पांच मिनट बाद भाई खुद बोला कि उसे नींद आ रही है और वो सोने जा रहा है.
वो चला गया.

उसके जाते ही हम दोनों ने चूमाचाटी शुरू कर दी.
मैं थोड़ा जल्दीबाजी करने लगा तो चित्रा ने कहा- आज तो थोड़ा सब्र करो, आज तो हमारे पास पूरी रात है.

मैंने धीरे धीरे उसकी आंखों पर किस किया और गर्दन पर चूमता हुआ उसके होंठों पर आ गया.

फिर मैंने धीरे धीरे से उसकी टी-शर्ट निकाल दी. उसने आज ब्रा नहीं पहनी थी.
उसके तने हुए बूब्स देखते ही में पागल हो गया और उन्हें पागलों की चूमने लगा.
कभी जोर से दबाता, कभी उन्हें काट लेता.

काफी देर तक यही चलता रहा.
फ़िर मैं उसके पेट पर किस करने लगा.
वो लगातार कामुक होती जा रही थी.

धीरे धीरे मैंने उसकी लोवर भी उतार दी और उसके पंजों से चूमता हुआ उसकी चूत तक पहुंच गया.
जैसे ही मैंने उसकी पैंटी निकालने की कोशिश की, उसने मुझे हटाया और मेरे ऊपर आ गयी.

फिर वो मुझे किस करने लगी और मेरी टी-शर्ट निकाल कर मेरी छाती को चूमने लगी.
अगले कुछ ही पलों में उसने मेरा लोवर और निक्कर एक साथ निकाल दिया और मेरा लंड हाथ में लेकर उसे सहलाने लगी.

ये सब इतनी जल्दी हुआ था कि मुझे मजा आ गया.
फिर उसने मेरे लंड के टोपे पर किस किया और मुँह में लौड़ा लेकर चूसने लगी.

मैं चुपचाप आंखों को बंद करके मज़ा लेने लगा.
थोड़ी देर बाद हम 69 में आकर एक दूसरे को मज़ा देने लगे.

लंड चूत की चुसाई हम दोनों को गर्म से भी ज्यादा गर्म करने लगी. कुछ ही देर में हम दोनों एक दूसरे के मुँह में झड़ गए.
झड़ने के बाद कुछ समय ऐसे ही लेटे रहने के बाद मैंने उसे फिर से चूमना शुरू कर दिया.
वो भी मेरे साथ मस्ती करने लगी.

हम दोनों फिर से कामातुर हो गए और एक दूसरे को किस करने लगे.

मेरी बहन बोलने लगी- भाई, अब सब्र नहीं होता, जल्दी से मेरी चूत में अपना लंड डाल दो.
ये सुनकर मैंने उसकी पैंटी निकाली और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा.

वो भी चूत खोल कर लंड की रगड़ का मजा लेने लगी.
मैं अपने हाथ से लंड पकड़ कर उसकी चूत के ऊपर मारने लगा, इससे वो तड़पने लगी और अपनी चूत की आग मिटाने के लिए गांड उठाने लगी.

उसकी चूत इस वक्त मेरे लंड पर ऐसे लपक रही थी, जैसे बिल्ली के सामने मलाई की कटोरी हो और वो झपट्टा मारने के लिए मचल रही हो.
चाहता, तो मैं भी जल्दी से उसकी चूत में लंड पेल सकता था. मगर मुझे अपने लंड पर निरोध चढ़ाना था.

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मैंने झट से लंड को कंडोम पहनाया और लंड चूत पर सैट कर दिया.
उसकी चूत पहले से ही गीली थी, तो एक ही झटके में मेरा लंड पूरा अन्दर तक चला गया.

बहन थोड़ी सी चिल्लायी- आई मम्मी रे … मर गई!
मैंने उसे किस किया और उसकी आवाज दबा दी.

फिर मैं लंड को चूत में आगे पीछे करने लगा.
मेरी बहन चित्रा ने मुझे स्पीड तेज करने को बोला और मैं तेज तेज शॉट लगाने लगा.

वो गांड उठा कर मेरा साथ देने लगी.
मैं भी उसके बूब्स पीते हुए उसे चोदने लगा.

कुछ देर बाद मैं नीचे हो गया और वो मेरे लंड पर चढ़ गई.
उसने लंड पर थूक लगाया और उसे अपनी चूत में सैट करके बैठ गयी.

अब वो अपनी गांड हिला हिला कर चुदने लगी. कभी वो अपनी गांड ऊपर नीचे करती, कभी आगे पीछे.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और वो भी बहुत मज़े ले रही थी. उसकी चूचियां मेरे सामने मस्त उछल रही थीं.

थोड़ी देर बाद मैंने उसकी गांड पकड़ी और नीचे लेटाकर शॉट लगाने लगा.
हर शॉट के साथ पच पच की आवाज़ आने लगी, जिससे मेरा जोश और बढ़ गया.

मैं और तेजी से उसे चोदने लगा.
वो गर्मा गई और बोलने लगी- भाई, बस ऐसे ही धीरे धीरे चोदते रहो … मज़ा आ रहा है … आह सच में बहुत मज़ा आ रहा है … आज चोद चोद कर मेरी आग बुझा दो … मेरी चूत का भोसड़ा बना दो.

उसकी बातें मुझे आनंदित कर रही थीं.

फिर मैं रुका और गाली देकर बोला- चल घोड़ी बन बहन की लौड़ी.
वो घोड़ी बनकर बोली- कुत्ते, देख क्या रहा है भैनचोद … पेल मुझे भोसड़ी के.

मैंने उसके पैर जरा ज्यादा खोले और पीछे से उसकी चूत में लंड डाल कर उसे चोदने लगा.
थोड़ी देर में वो झड़ गयी, पर मेरा बाकी था.

मैंने उसे उठाया और दीवार पर सट कर खड़े होने को बोला.
फिर दीवार से उसकी गांड लगाकर उसकी एक टांग अपने हाथ में उठा ली और उसकी चुदाई करने लगा.

मैं उसे गाली देने लगा- बता कुतिया मज़ा आ रहा है न!
वो बोली- हां आ रहा है साले … ऐसे ही चोद मादरचोद.

इसी तरह मज़े करते हुए मेरा भी काम हो गया.
मेरे साथ चित्रा फिर से झड़ गई.

हम दोनों थक कर बेड पर लेट गए.
मैंने अपने लंड से कंडोम निकाल दिया और नीचे डाल दिया.

सेक्स विद कज़िन के कुछ पल बाद मैंने चित्रा से पानी लाने को बोला.
वो टी-शर्ट पहन पानी लेने गयी.

मैंने उठकर मूवी बंद कर दी, तब तक वो पानी ले आई.

पानी पीकर हम दोनों बात करने लगे.

कोई 20-25 मिनट बाद हमारे बीच फिर से किस होने लगी और हमारी फ़िर से चुदाई शुरू हो गयी.

चुदाई करते करते मेरी नज़र गेट पर गयी, जो कि थोड़ा सा खुला था.
मुझे लगा कि उसकी आड़ से कोई हमें देख रहा है.

मैंने चित्रा से ये बताया तो वो उठी और गेट पर जाकर देखा, तो उधर कोई नहीं था.
उसने गेट लॉक किया और हम फिर से अपनी चुदाई में खो गए.

उस रात हम तीन बार चुदाई के बाद इतना थक गए थे कि पता ही नहीं चला कि कब हम दोनों सो गए.
जब चित्रा ने मुझे 6 बजे उठाया, तब मेरी नींद खुली.

हम दोनों ने कपड़े पहने और मैं भाई के रूम में जाकर सो गया.

ये थी मेरी बहन चित्रा की धकापेल चूत चुदाई की कहानी.
अगली बार मैं लिखूंगा कि वो कौन था जो हमारी चुदाई देखने आया था.

मुझे मेल करें कि आपको हॉट सेक्स विद कज़िन सिस्टर कहानी कैसी लगी.
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