सहकर्मी लड़की की दोबारा गांड मारी

हॉट लेडी एनल फक़ स्टोरी में पढ़ें कि मेरी सहकर्मी लेडी मुझसे एक बार चुदी तो उसे मजा आया. उसने मुझे दोबारा सेक्स के लिए कहा. पर मैंने उसकी गांड मारने की शर्त रखी.

नमस्कार दोस्तो, मैं अरुण कुमार वापस अपनी दूसरी सेक्स कथा लेकर आपके सामने आया हूँ.
जैसा कि मैंने आपको पहली कहानी
सावन की झड़ी में सहकर्मी लड़की के साथ
में बताया था कि कैसे मैंने अपनी सहकर्मी के साथ सेक्स किया था.

अब आगे हॉट लेडी एनल फक़ स्टोरी:

हुआ यह कि कुछ दिन बाद उसने मुझे फ़ोन करके बोला कि वह मेरे साथ सेक्स करने को बहुत आतुर है.

मैंने भी मौके का फायदा उठाना सही समझा और सुमैत्री से कहा- मैं तुम्हारे साथ तभी सेक्स करूंगा, जब तुम मुझे खुद के साथ सब कुछ करने दोगी.
सुमैत्री सेक्स करने को बहुत आतुर थी इसलिए उसने बोल दिया कि वह मुझे खुद के साथ सब कुछ करने देगी. बस मैं उसकी आग बुझा दूँ.

मैंने सुमैत्री से कहा- मैं उसके साथ ऐनल सेक्स करूंगा और वह दुल्हन की तरह सज कर मुझे सुहागरात मनाने देगी.
सुमैत्री ने हां कर दिया.

मैंने मार्किट से मैनफोर्स का पान फ्लेवर का बड़ा पैकेट ख़रीदा क्योंकि वह एक्स्ट्रा डॉटेड और एक्स्ट्रा रिब्ड कंडोम है.
मुझे पता था कि जब मैं अपने लंड पर यह कंडोम लगा कर सुमैत्री की गांड की चुदाई करूंगा, तो उसकी क्या हालत होगी.

अगली रात मैं पूरी तैयारी के साथ फ्लैट पर चला गया और मैंने डोरबेल बजाई.
सुमैत्री ने दरवाजा खोला.

वह एक लाल साड़ी में पूरी तरह सज कर तैयार थी.
सुमैत्री का बदन और भर गया था.

मैंने उसकी तरफ वासना से देखा और फ्लैट के अन्दर आ गया और हम दोनों ने गले मिल कर एक दूसरे की गर्म सांसों का अहसास किया.
सुमैत्री ने मेरे होंठों को चूमा और बड़ी बेताबी से मेरे लंड को सहलाने लगी.

मैंने कहा- इतनी जल्दी क्या है जान?
वो कुछ नहीं बोली और मेरे सीने से अलग हो गई.

फिर हम दोनों ने साथ में डिनर किया और बेडरूम में आ गए.

सुमैत्री ने बेड को पूरा सजाया हुआ था.
मैंने सुमैत्री को अपनी बांहों में भर लिया और उसकी पीठ को सहलाने लगा.

मैं अपने हाथों को उसकी गांड पर ले गया और उसकी गांड को सहलाने लगा.
सुमैत्री मेरे कान में बोली- उह … जान आज मेरी ये फिर से तुम्हारे लम्बे और तगड़े लंड का शिकार होगी.

ये यह बोल कर उसने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और बिस्तर पर लेट गई.
मैंने सुमैत्री की साड़ी को उतारा और उसके मम्मों को दबाने लगा.

सुमैत्री की मादक आहें निकलने लगीं और कमरे के वातावरण को मदहोश करने लगीं.
फिर मैंने सुमैत्री को पूरी नंगी कर दिया और खुद भी नंगा हो गया.

मेरे नंगे होते ही सुमैत्री ने झट से मेरा लंड अपने हाथों में ले लिया और बोली- ओह जानू … तुम्हारी सुमैत्री की चूत तुम्हारे लंड के लिए कितनी प्यासी है.
यह बोल कर सुमैत्री ने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगी.

कुछ ही देर में मेरा लंड भी पूरा खड़ा हो चुका था.
मैं चाहता था कि आज पहले मैं सुमैत्री की मस्त गोरी गांड को अपने लंड को मजा चखाऊं.

मैंने सुमैत्री को घूम जाने के लिए बोला और उसकी गांड पर अपना लंड रख दिया.
सुमैत्री से मैंने कहा- आज मैं तुम्हारे दोनों छेदों को पूरी रात चोदूंगा.

वो हंस दी और बोली- हां जान … सुमैत्री राजी है.
इसके बाद मैंने मैनफोर्स कंडोम निकाला और अपने लंड पर चढ़ा लिया.

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सुमैत्री की गांड के छेद पर क्रीम अच्छे से लगा दी और अपना लंड सुमैत्री की गोरी और मस्त गांड के छेद पर रख दिया.

सुमैत्री भी गांड मराने को रेडी थी.
मैंने एक झटका लगाया तो मेरे लंड का टोपा सुमैत्री की गांड में चला गया.

लंड का सुपारा गांड में लेते ही वो जोर से चिल्लाई- आह मर गई … ईइह ओओह प्लीज बहुत दर्द हो रहा है … निकाल लो.
मैंने कहा- अब निकालने का कोई चांस नहीं है बेबी … अब तो गांड फाड़ कर ही लंड बाहर निकलेगा.

वो समझ गई कि आज उसकी गांड का गड्डा बनना तय है.
वो दर्द से कराहने लगी और कहने लगी- आह जान धीरे धीरे करो … मुझसे सहन नहीं हो रहा है … आंह तुम्हारा लंड बहुत मोटा है.

मैंने बोला- हां जान, मेरा मोटा भी है और लम्बा भी है. आज यह लंड तुम्हारी गांड को पूरी तरह चोद कर रख देगा.
इसके बाद मैंने सुमैत्री को कमर से पकड़ा और फिर से एक जोर का झटका लगाया, तो मेरा आधा लंड सुमैत्री की गांड में समा गया.

सुमैत्री की फिर चीख निकल गई- उइइ मर गई उफ्फ फट गई मेरी … यार मुझसे लंड सहन नहीं हो रहा है … प्लीज़ कुछ तो सुनो.
मैंने बोला कि जानू पहली बार है तो थोड़ा दर्द होगा लेकिन एक बार लंड अपनी जगह बना लेगा, तो मजे ही मजे मिलेंगे.

यह बोल कर मैंने सुमैत्री की गांड में अपना पूरा लंड डाल दिया.

इस बार सुमैत्री मेरे लंड के वार को सहन नहीं कर पाई और जोर की आह भर कर बिस्तर पर अपनी पोजीशन छोड़ कर लेट गई
लेकिन मैंने सुमैत्री को कमर से पकड़ा हुआ था इसलिए मैं भी सुमैत्री के साथ बिस्तर पर उसके ऊपर लेट गया.

अभी भी मेरा लंड सुमैत्री की गांड में समाया हुआ था.

मैंने सुमैत्री के नीचे हाथ डाला और उसके मम्मों को दबाने लगा और उसके एक कान की लौ को अपनी जीभ से चाटने लगा.

वो अपना दर्द भूलने लगी. मैं उसके गोरे गाल को काटने लगा.
इसके साथ की सुमैत्री की गांड में धीरे धीरे अपने लंड को चलाने लगा.

कुछ देर बाद सुमैत्री मादक आहें भरने लगी और उसे शायद मजा आने लगा ‘उम्म आह …’
इसी के साथ धीरे धीरे वो अपनी मस्त गोरी और मोटी गांड को धीरे धीरे हिलाने भी लगी.
उसकी गांड अब मुझे और मजे देने लगी और उत्साहित करने लगी.

मैंने सुमैत्री को डॉगी स्टाइल में आने को कहा.
वो कुतिया बन गई.
मैं सुमैत्री की गांड मारने लगा.

लेकिन सुमैत्री मेरे लंड को अभी भी मस्ती से सहन नहीं कर पा रही थी और आहें भर रही थी ‘आअह उफ्फ …’
मैं नीचे हाथ डालकर उसकी चुत का दाना रगड़ने लगा.

कुछ ही देर में सुमैत्री ज्यादा गर्म हो गई थी और अब तक लंड ने भी अपनी जगह बना ली थी.

सुमैत्री ने कहा- उफ्फ … एक तो मोटा तगड़ा लंड ऊपर से एक्स्ट्रा डॉटेड और रिब्ड कंडोम लगाया हुआ है … क्या जान लोगे मेरी?
मैंने बोला- नहीं, आज जान नहीं बल्कि तुम्हारी गांड की मस्ती लेनी है.

वो हंस पड़ी और खुल कर एनल फक़ का मजा लेने लगी.
इसके बाद सुमैत्री ने अपनी गांड को पूरी तरह से मेरे लंड के हवाले कर दिया और मजा लेने लगी.

करीब पन्द्रह मिनट की गांड चुदाई के बाद सुमैत्री ने हार माल ली और बोली- प्लीज, अब गांड से लंड निकालो और मेरी चूत को चोदो, मुझसे सहन नहीं हो रहा. अगली बार जी भरके मेरी गांड को चोद लेना.
ये कह कर अब सुमैत्री सीधी लेट गई और मैंने अपने लंड से कंडोम निकाल दिया.

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मैंने सुमैत्री की चूत में अपना लंड एक झटके में पूरा डाल दिया.
सुमैत्री की आह निकल गई- आह्ह्ह … बेरहम … धीरे पेलो ना.

मैंने कुछ नहीं सुना और सुमैत्री के मम्मों को जोर से पकड़ लिया. मैं उन्हें दबाते हुए सुमैत्री की चूत को चोद रहा था.

सुमैत्री और मदहोश होने लगी और मदहोशी में अपनी गर्दन को इधर उधर हिलाने लगी.
वो चरम पर आने लगी थी इसलिए बिस्तर की चादर को अपने हाथों से नौंचने लगी.
कभी वो अपने हाथों से मेरे सर को सहलाती तो कभी मेरी पीठ को पकड़ लेती.

सुमैत्री की चूत की चुदाई का सिलसिला यूं ही पन्द्रह-बीस मिनट चलता रहा और अचानक सुमैत्री बिस्तर पर ढीली हो गई.
वो ठंडी आह भरके बोली- बस करो जानू … मैं डिस्चार्ज हो गई हूँ.

मैंने कहा- तुम डिस्चार्ज हो गई हो लेकिन मेरे लंड का ज्वालामुखी फटना अभी बाकी है जान … मेरे लंड में जो लावा भरा हुआ है, उसको तो तुम्हें अपनी चूत की गहराइयों में ही लेकर ही शांत करना होगा.

ये बोल कर मैंने सुमैत्री को अपनी बांहों में भर लिया और सुमैत्री को अपने बराबर लेटा लिया.
मैं उसके मम्मों को चूसने लगा.

इसके बाद मैंने सुमैत्री को उल्टा लेटाया और खुद उसके ऊपर लेट गया और सुमैत्री को गर्म करने लगा.

सुमैत्री पूरी गर्म हो चुकी थी. उसकी चूत का द्वार फिर से मेरे लंड का स्वागत करने के लिए तैयार था.

अब मैंने सुमैत्री को अपने ऊपर आने को कहा और बोला कि अब तुम मेरे ऊपर बैठ कर अपनी चूत को चुदवाओ.
इस तरह की पोजीशन में लंड पूरी तरह से चूत में समा जाता है.

सुमैत्री मेरे ऊपर आ गई और मेरे लंड को अपनी चूत में डाल कर अपनी चूत को चुदवाने में लग गई.

करीब पन्द्रह-बीस मिनट की चुदाई के बाद सुमैत्री ने बोला- मैं झड़ने वाली हूँ.
मैंने कहा- अभी रुको.

सुमैत्री को पकड़ कर मैंने अपने नीचे लेटा लिया और उसकी चूत में अपना लंड डाल कर उसको चोदने लगा.

कुछ मिनट बाद सुमैत्री ने कहा- मैं डिस्चार्ज हो रही हूँ … अब और नहीं रुक सकती.
ये कहते हुए अचानक से ही उसके जिस्म में एक अकड़न हुई और वो झड़ने लगी.

कुछ पल बाद उसके चेहरे पर एक शांति छा गई और उसका शरीर ढीला पड़ गया.

उसकी इस अदा में मुझे भी अपना वीर्य स्खलन करने पर मजबूर कर दिया और कुछ तेज झटकों के बाद मेरे लंड से वीर्य की बाढ़ निकलने लगी.
सुमैत्री की चूत की गहराई में मेरे लंड की मलाई समाने लगी.

मैं सुमैत्री के ऊपर लेट गया.
सुमैत्री ने मुझे अपनी बांहों में भर लिया और हम दोनों लिपट कर आराम करने लगे.

कुछ देर बाद सुमैत्री उठी और उसने गर्भनिरोधक गोली ले ली.
उसने मेरे पास आकर मेरे लंड को थाम लिया और बोली- तुम्हारा लंड ही मेरी चूत की गहराई को नाप सकता है और मेरे अन्दर की आग को शांत कर सकता है.

ये बोल कर सुमैत्री मुझसे लिपट गई.
हमारा अगला दौर शुरू होने की तैयारी करने का कार्यक्रम चलने लगा.

दोस्तो, कैसी लगी मेरी यह सच्ची हॉट लेडी एनल फक़ स्टोरी?