किरायेदार लड़की की चूत चोदने को मिली

हॉट इंडियन गर्ल सेक्स का मजा मुझे तब मिला जब मेरे किराये के कमरे में पास में रहने वाली लड़की ने पहल करके कमरे में आकर चूत चुदवा ली.

दोस्तो, मेरा नाम रोहित है. मेर उम्र 20 साल है और अच्छी कदकाठी वाला युवक हूँ. मैं राजस्थान के कोटा ज़िले का रहने वाला हूँ.
आज मैं आपसे मेरे साथ हुए एक हॉट इंडियन गर्ल सेक्स कहानी को साझा करना चाहता हूँ.

यह बात कुछ महीने पहले तब की है, जब मैं अपनी स्कूल की पढ़ाई खत्म करके आगे की पढ़ाई करने कोटा आया था.
मेरे साथ मेरा भाई भी कोटा में रहकर पढ़ने आया था.

मैंने महावीर नगर में अपने रहने के लिए एक रूम किराए पर ले लिया.

मेरी मकान मालकिन दिखने में एक नम्बर की माल थीं. उनकी बड़ी सी गांड और बड़े बड़े चुचे देख कर मेरा लंड फड़फड़ाने लगता था.
उनकी भरी हुई जवानी को देख कर मन करता था कि अभी के अभी इनकी चूत में लंड घुसेड़ दूँ लेकिन मेरी गांड में दम ही नहीं था.

मकान मालकिन शादीशुदा थीं तो उनको लंड की कमी नहीं थी.
इस वजह से मुझे अपना नम्बर लगना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन लग रहा था.

मैं दूसरी मंजिल पर रहता था, तो कभी भी छत पर चला जाता था.
मैं रोज छत पर टहलने जाया करता था.

वहां आंटी (मकान मालकिन) अपनी ब्रा पैंटी सुखाने डाल जाती थीं और कभी कभी ले जाना भूल जाती थीं.
मैं जब भी उनकी ब्रा या पैंटी छत पर पड़ी पाता तो उनकी ब्रा या पैंटी से अपने लंड को लपेट कर मुठ मार लेता था और लंड की गर्मी को शांत कर लेता था.

उनकी ब्रा पैंटी की खुशबू मुझे मदहोश कर देती थी.
ऐसे ही दो महीने बीत गए.

मैं सप्ताह में 3-4 बार आंटी को सोच कर मुठ मारा करता था.
दो महीने बाद मेरा भाई गांव चला गया तो मैं रूम पर अकेला रह गया था.

एक दिन एक लड़की आंटी का मकान देखने आयी.

मेरे रूम के सामने का रूम खाली था तो आंटी ने उसे वो रूम दिखा दिया.

वो लड़की वहीं रहने लग गई.

उसे रहते हुए 6 दिन निकल गए थे, मैंने उससे अभी बात नहीं की थी.

एक दिन कुछ ऐसा संयोग बना कि हम दोनों एक ही वक्त पर छत पर टहलने आ गए.
हमारी आपस में हाय हैलो हुई.

मैंने उसका नाम पूछा.
उसने अपना नाम मनीषा बताया. उसने भी मुझसे मेरा नाम पूछा.
हमारी आपस में पढ़ाई को लेकर बातचीत हुई.

कुछ देर बाद वो नीचे चली गई और मैं लंड सहलाने लगा.
ऐसे ही कुछ दिन बीत गए.

अब हमारी दोस्ती हो गयी थी.
मैं उससे काफी बात करने लगा था.

मनीषा दिखने में इतनी खूबसूरत तो नहीं थी लेकिन उसके बूब्स काफ़ी उभरे हुए थे.

मनीषा भी अपने कपड़े छत पर सुखाने डाल जाती थी.
अब मेरे पास दो साइज़ की ब्रा पैंटी का विकल्प आ गया था.

मैं रात को छत पर जाकर कभी आंटी, तो कभी मनीषा की ब्रा पैंटी से लंड हिला लेता था.

वो सर्दी का टाइम था. सर्दी ज्यादा पड़ने लगी थी.
उस रात हमारे मकान मालिक और आंटी दोनों किसी शादी में जयपुर गए थे.

उस दिन रात को नौ बजे के करीब मैं यूं ही छत पर टहलने गया था.
मैंने देखा कि मनीषा की नई ब्रा पैंटी ऊपर छत पर सूख रही हैं, तो मुझे उनको देख कर मुठ मारने की इच्छा होने लगी.

पर अभी रात के 9 ही बजे थे और दूसरे मकानों में लोग छत पर घूम रहे थे.
उस टाइम मैंने लंड हिलाना सही नहीं समझा और नीचे आ गया.

मनीषा को भी शायद ध्यान नहीं रहा था कि उसकी ब्रा पैंटी ऊपर सूखने पड़े हैं.

उस दिन मुझे नींद नहीं आ रही थी.
मैंने हालांकि अब तक कभी भी सेक्स नहीं किया था पर आज घर में मनीषा के और मेरे अलावा कोई नहीं था इसलिए मैं खुद को रोक नहीं पा रहा था.

तो मैंने अपनी वासना को मंजिल देने के लिए अन्तर्वासना की साईट खोली और उधर कुछ सेक्स स्टोरी पढ़ने लगा.

तब तक रात के एक बज गए थे.
मनीषा के रूम की लाइट ऑफ़ थी.

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मैंने सोचा कि वो सो गई होगी, तो मैं उठा और चुपचाप गेट खोल कर छत पर चला गया.
लेकिन वो सोई नहीं थी.

मेरे बाहर निकलने की आवाज उसने सुन ली थी, तो वो भी चुपचाप बाहर आ गयी.
मुझे इस बारे में पता नहीं चला कि वो भी जग रही है और बाहर आ गई है.

मैं छत पर आया और उसकी ब्रा पैंटी को सूंघ कर लंड हिलाने में लग गया.
तभी वो ऊपर आ गई और उसने मुझे ऐसा करते हुए पकड़ लिया.

मेरी उस टाइम गांड फट गई कि कहीं ये किसी को बता न दे. मेरे मन में ऐसे वैसे ख्याल आने लगे.

मैं उस टाइम कुछ नहीं बोला और ब्रा पैंटी को वहीं गिरा कर पजामा ऊपर करके नीचे आ गया.
वो समझ गई थी कि मैं क्या कर रहा था.

फिर वो नीचे आयी और मुझे गाली देने लगी, उल्टा सीधा बोलने लगी- साले हरामी तूने मेरे कपड़े खराब कर दिए, तुझे तमीज नहीं है कि किस तरह से घर में रहना चाहिए.

मैं चुपचाप सुन रहा था.
गलती मेरी थी तो मैं सिर्फ सुन ही सकता था.

लेकिन मनीषा के मन में पता नहीं क्या चल रहा था, वो मुझे जवाब देने के लिए उकसा रही थी.

कुछ देर तक वो मुझे खरी खोटी सुनाती रही और मुझसे कहती रही कि कुछ बोलता क्यों नहीं है. साले को सांप सूंघ गया है क्या!

मैंने उसकी तरफ देख कर सॉरी कहा.
वो बोला- सॉरी से क्या मेरे कपड़े साफ़ हो जाएंगे?

मैंने कहा- लाओ मैं धो देता हूँ.
वो बोली- साले धोते समय फिर हिलाएगा.

मैं ये सुनकर चुप हो गया कि अब ये कुछ कुछ खुल रही है.

मैंने तय कर लिया था कि आज इसकी भड़ास निकल ही जाने दो. हो सकता है कि उसके मन में कुछ हो. यदि हुआ तो काम बन जाएगा. और नहीं हुआ तो देखा जाएगा. साला ज्यादा से ज्यादा क्या होगा, कमरा ही बदलना पड़ेगा और क्या होगा.
ये बात दिमाग में आई तो मैं अन्दर से मजबूत हो गया.

वो बोली- साले घुग्गू सा क्या खड़ा है. कुछ बोलता क्यों नहीं है.
मैंने धीमी आवाज में कहा- मुझे नहीं मालूम था कि वो तुम्हारे कपड़े हैं.

ये सुनकर वो एक पल के लिए चुप हुई और फिर से गुर्राई- अच्छा इसका मतलब तेरा आंटी से कुछ चक्कर है?
यह सुनकर मेरी गांड फट गई कि अब ये मेरी वाट लगवाने के चक्कर में है.

मैंने उसकी तरफ देखा और हिम्मत करके कहा- वो बात नहीं है मनीषा. मेरा मतलब था कि मुझे नहीं मालूम था कि ये तुम्हारे कपड़े हैं, बस इससे आगे मैं कुछ नहीं कह सकता हूँ.
वो गुस्से में बोली- आने दो आंटी अंकल को, मैं उनसे तेरी शिकायत करूंगी.

मैंने कहा- मैं तुमसे हाथ जोड़ कर माफ़ी मांगता हूँ. मुझसे तुम्हें जो कहना हो वो कह लो, मगर आंटी से ये सब मत कहना प्लीज़.
उसने मेरा फोन मेरे हाथ से छीना और कोई नम्बर डायल करने लगी.

मुझे लगा कि वो अभी ही आंटी को फोन लगा रही है.
मैंने उसके हाथ से फोन लेने की कोशिश की और कहा- आंटी को अभी फोन मत करो प्लीज़. मेरी बात तो सुनो.

मगर तब तक उसने नम्बर डायल कर दिया था. वो घंटी बजी तो उसके मोबाइल पर बजी.
उसने झट से फोन काटा और मुझे फोन दे दिया.

मैं समझ गया कि इसने मेरा नम्बर ले लिया है. मगर मेरा नम्बर लेकर ये क्या करेगी, वो समझ में नहीं आया.

मैंने फिर से उससे माफी मांगी और किसी को नहीं बताने की बात कही.
उससे बहुत देर तक रिक्वेस्ट करने पर वो मान गई.

अब बात खत्म हो गई और वो कमरे में चली गई.
मैं भी अपने कमरे में आ गया और सो गया.

अगले दिन अंकल आंटी भी आ गए.
उसके 15 दिन तक हम दोनों ने बात नहीं की.

फिर एक दिन अचानक एक अंजान नम्बर से फोन आया.
मैंने फोन उठाया तो मनीषा की आवाज आई- मैं बोल रही हूँ.

मैंने उसकी आवाज पहचानते हुए कहा- हां मनीषा बोलो … क्या बात है?
वो बोली- मुझे नींद नहीं आ रही है.

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मेरी खोपड़ी घूम गई कि ये क्या बात हुई. आज तक तो इसने कभी ऐसी बात की नहीं थी और आज ये ऐसे बात क्यों कर रही है.

फिर भी मैंने अच्छा लड़का बनते हुए उससे पूछा- क्यों क्या हुआ … तबियत तो ठीक है न?
वो बोली- हां मेरी तबियत कुछ ठीक नहीं है. मेरा जी घबरा रहा है.

मैंने कहा- क्या मैं तुम्हारे पास आ जाऊं?
वो बोली- नहीं मैं तुम्हारे कमरे में आना चाहती हूँ.
मैंने कहा- हां आ जाओ.

वो मेरे रूम में आई और उसने मुझसे एक गिलास पानी मांगा.
मैंने उसे पानी दिया और अपने बिस्तर पर उसे बैठने के लिए कहा.

मैं समझ रहा था कि इसको कोई शारीरिक दिक्कत हुई है.
मैंने उससे कहा- क्या मैं आंटी को बुलाऊं?
वो बोली- क्यों आंटी को क्यों बुलाना?

मैं सकपका गया और बोला- नहीं मेरा मतलब था कि यदि तुमको कोई दिक्कत हो, तो आंटी को बुला लेता हूँ.
वो- अपनी हर दिक्कत में आंटी को बुलाती रहूँगी क्या?

मुझे समझ नहीं आ रहा था कि ये क्या कहना चाहती है. मैं बस चुप रहा.

कुछ देर बाद वो बोली- सॉरी मैंने उसे दिन तुम्हें काफी बुरा भला कह दिया था.
मैंने कहा- अरे वो सब छोड़ो … मुझे कुछ बुरा नहीं लगा. मेरी भी गलती थी.

उसने कहा- वो गलती नहीं थी, शायद इस उम्र में सब ऐसे ही करते हैं.
मैंने उसकी तरफ देखा तो वो मुस्कुरा रही थी.

फिर कुछ देर बाद वो मेरे कमरे से चली गई.

रात करीब एक बजे उसने मुझे मैसेज किया कि रूम का गेट खोल दे.

मैंने गेट खोल दिया और वो अन्दर आ गई.
मैंने पूछा- क्या हुआ?

उसने सीधे सीधे कहा- मुझे सेक्स वीडियो देखने हैं.
मैं उसकी तरफ देखने लगा.

वो बोली- आज मैं गलती करना चाहती हूँ.
मैंने हंस कर कहा- गलती तो अकेले में की जाती है.

वो बोली- ज्यादा होशियार मत बन. लैपटॉप खोल.
मेरे पास लैपटॉप था, तो मैंने उसमें वीडियो चला दिए.

हम दोनों साथ मिल कर देख रहे थे. मैं लंड सहला रहा था.
उसे भी सेक्स की इच्छा होने लगी थी.

मैंने मौका देख कर उसकी जांघ पर हाथ रख दिया और सहलाने लगा.
उसने मुझे नहीं रोका.

मेरी हिम्मत और बढ़ गई.

मैंने उसकी प्लाजो के ऊपर से ही जांघों के जोड़ पर हाथ डाल दिया और उसकी चूत सहलाने लगा.
उसको भी मज़ा आने लगा था.

उसने मुझे नहीं रोका, बल्कि अपनी टांगें फैला दीं.
मैं समझ गया कि आज हॉट इंडियन गर्ल सेक्स के लिए तैयार है, बस मैं किसी भूखे भेड़िये की तरह उस पर टूट पड़ा.

मैंने जल्दी से उसके कपड़े उतारे और उसके बूब्स को चूसने लगा.
वो धीरे धीरे मादक सिसकारियां लेने लगी थी.

फिर मैं उसकी चूत चाटने लगा.
वो और ज्यादा आवाजें करने लगी थी.

मैंने उससे अपना लंड चूसने को बोला, वो मेरा लंड चूसने लगी.
दो मिनट तक उसने मेरा लंड चूसा फिर हट गई.

मेरे से रहा नहीं गया और मैंने तुरंत उसको चुदाई की पोजीशन में लिटाया और उसकी चूत में अपना लंड पेल दिया.

वो चीख पड़ी.
मैंने तुंरत उसका मुँह बंद कर दिया और उसकी चूत चोदने लगा.

वो धीरे धीरे ‘अअह उम्म आआह …’ की आवाज निकाल रही थी.
कुछ देर बाद मैंने उसे अपने लंड पर बिठाया और झूला झुलाने लगा.

उसे बहुत मजा आ रहा था.
करीब दस मिनट की चुदाई में वो दो बार झड़ चुकी थी.

बाद मेरा निकलने ही वाला था कि मैंने अपना लंड उसकी बुर से बाहर निकाल लिया और मेरा रस उसके पेट पर गिरा दिया.

फिर मैंने अपना लंड साफ किया. उसने भी अपने कपड़े पहने और रात 3 बजे वो अपने कमरे में चली गई.

जाते जाते वो रोज गलती करने की कह गई.
मैं हंस दिया.

उसके बाद मैं चार महीने उधर रहा.
जब भी हम दोनों का मन होता तो हम दोनों फोन से रात में चुदाई की बात पक्की कर लेते और मैं उसकी चुदाई कर लिया करता था.

तो दोस्तो, यह था मेरी पहली चुदाई हॉट इंडियन गर्ल सेक्स का मजा. आशा करता हूँ आपको कहानी अच्छी लगी होगी.
मुझे मेल करें.
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